खुफिया ब्यूरो के पूर्व निदेशक राजीव माथुर ने 6वें मुख्य सूचना आयुक्त का पदभार ग्रहण किया-(24-MAY-2014) C.A

| Saturday, May 24, 2014
खुफिया ब्यूरो (आइबी) के पूर्व निदेशक राजीव माथुर ने मुख्य सूचना आयुक्त का पदभार 22 मई 2014 को ग्रहण किया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी. राजीव माथुर ने 21 मई 2014 को सेवानिवृत हुई सुषमा सिंह का स्थान लिया. 64 वर्षीय राजीव माथुर देश के छठे मुख्य सूचना आयुक्त बने.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय चयन समिति ने उनके नाम को मंजूरी दी थी.

वजाहत हबीबुल्लाह भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त एवं दीपक संधू पहली महिला मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) नियुक्त हुए.
 
कार्यकाल 
राजीव माथुर का कार्यकाल 23 अगस्त 2014 तक है. मुख्य सूचना आयुक्त का कार्यकाल पदग्रहण से 5 वर्ष तक या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले पूरी हो) है.
 
मुख्य सूचना आयुक्त: वजाहत हबीबुल्ला (प्रथम) एन तिवारी (द्वितीय), सत्यानंद मिश्रा (तृतीय), दीपक संधू (चतुर्थ), सुषमा सिंह (पंचम)

राजीव माथुर से संबंधित मुख्य तथ्य  
राजीव माथुर उत्तर प्रदेश कैडर के 1972 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी रहे. 
राजीव माथुर वर्ष 31 दिसंबर 2008 से 2010  तक गुप्तचर ब्यूरो (आइबी)  के निदेशक रहे. 
राजीव माथुर को पुलिस विभाग में सराहनीय सेवा के लिए भारतीय पुलिस पदक से एवं विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 
राजीव माथुर को मार्च 2012 में सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया.
वह 15 वर्षो तक वाशिंगटन में भी रहे.

केंद्रीय सूचना आयोग
केंद्रीय सूचना आयोग का गठन वर्ष 2005 में किया गया था. भारत सरकार ने अपने नागरिकों के जीवन को सहज, सुचारु रखने और देश को पूरी तरह लोकतांत्रिक बनाने एवं सरकारी पारदर्शिता के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 स्थापित किया था.

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में नागरिकों के अनुरोध पर समय से सरकारी सूचना का उत्तर देने का अधिदेश दिया गया है. यह प्रथम अपीलीय प्राधिकारियों, लोक सूचना अधिकारियों आदि द्वारा उपलब्‍ध कराए गए विवरणों के संबंध में शीघ्र जानकारी प्राप्‍त करने के लिए नागरिकों को आर.टी.आई. पोर्टल प्रदान करने तथा भारत सरकार एवं राज्‍य सरकारों के अतंर्गत आने वाले विभिन्‍न लोक प्राधिकारियों द्वारा वेब पर प्रकाशित सूचना के अधिकार से जुडी़ जानकारी /प्रकटन के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय द्वारा की गई एक पहल है.

"राइट टू इन्फॉरमेशन" (आरटीआई) का अर्थ है- 'सूचना का अधिकार' और इसे संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है. आरटीआई के तहत हर नागरिक को यह जानने का अधिकार है कि सरकार कैसे कार्य करती है.


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