दुनिया के ऐसे देश जिनकी मुद्रा रुपया है-(28-JULY-2017) C.A

| Friday, July 28, 2017
मुद्रा आधुनिक मानव के तीन महत्पूर्ण अविष्कारों पहिया, मुद्रा और मतदान में से एक हैl इसे चार तरीके से काम में लाया जाता है- मध्यम, माप, मानक तथा संग्रहl अर्थशास्त्री मुद्रा को अलग-अलग तरीके से परिभाषित करते हैंl कुछ इसके कार्यो के आधार पर परिभाषित करते हैं और कुछ सामान्य स्वीकार्यता के आधार पर परिभाषित करते हैंl
Currency
सामान्य शब्दो में कहे तो यह एक ऐसी प्रणाली है जिसके द्वारा हम दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले वस्तुओं की खरीद-बिक्री करते हैंl मुद्रा के अंतर्गत सिक्के और काग़ज़ के नोट दोनों आते हैंl आमतौर पर किसी देश में इस्तेमाल होने वाली मुद्रा का निर्माण वहां की सरकार द्वारा की जाती हैl यहाँ हम सामान्य जागरूकता की दृष्टि से ऐसे देशों की सूची दे रहे हैं जिनकी मुद्रा रुपया हैl

दुनिया के ऐसे देश जिनकी मुद्रा रुपया है

भारत

Indian Flag
मुद्रा: भारतीय रुपए
रुपए का चिह्न     
Rupee Symbol

इंडोनेशिया

Indonesia Flag
मुद्रा: रुपिया (Rp) 

मॉरीशस

Flag of Mauritius
मुद्रा: मॉरीशियन रुपया

नेपाल

Flag of Nepal
मुद्रा: नेपाली रुपया

पाकिस्तान

Flag of Pakistan
मुद्रा: पाकिस्तानी रुपए

सेशेल्स

Flag of Seychelles
मुद्रा: सेक्लोओआईस रुपए (Seychellois rupee)

श्रीलंका

Flag of Sri Lanka
मुद्रा: श्रीलंकन रुपए
उपरोक्त सूची में ऐसे देशों के नाम शामिल हैं जिनकी मुद्रा रुपया है।

निजता का अधिकार संपूर्ण नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट-(20-JULY-2017) C.A

| Thursday, July 20, 2017
right to privacy
सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई 2017 को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि निजता का अधिकार संपूर्ण नहीं हो सकता उसमें कुछ प्रतिबन्ध हो सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने निजता का अधिकार संविधान के तहत मौलिक अधिकार है अथवा नहीं मामले पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी दी.

सुनवाई के दौरान कोर्ट की नौ सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने निजता के अधिकार की रुपरेखा जानना चाहा इस पर वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रह्मण्यम ने दलील पेश की कि स्वतंत्रता के अधिकार में ही निजता का अधिकार निहित है. उन्होंने कहा कि यह संविधान के ह्रदय एवं आत्मा के समान है.

इस दलील पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि स्वतंत्रता के सभी अधिकारों में निजता को समाहित नहीं किया जा सकता. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि किसी के बेडरूम में क्या हो रहा है यह उसकी निजता हो सकते हैं लेकिन स्कूली बच्चे को स्कूल भेजना या नहीं भेजना स्वतंत्रता के अधिकार के तहत निजता नहीं हो सकती.
मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता में बनाई गयी न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ में न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े,  न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल, न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आज हम बैंक में अपनी जानकारी देते हैं, मेडिकल इंशोयरेंस और लोन के लिए अपना डाटा देते हैं. ये सब कानून द्वारा संचालित है यहां बात अधिकार की नहीं है बल्कि डिजिटल जमाने में डेटा प्रोटेक्शन बड़ा मुद्दा है. सरकार को डेटा प्रोटेक्शन के लिए कानून लाने का अधिकार है.

पृष्ठभूमि
वर्ष 2009 में आधार कार्ड प्रक्रिया आरंभ होने से ही देश में निजता के अधिकार पर बहस आरंभ हो गयी थी. याचिकाकर्ता ने कहा था कि आधार परियोजना निजता के अधिकार का उल्लंघन कर रही है. वर्ष 2015 में एक सरकारी वकील ने अदालत में बहस के दौरान कहा था कि यह कोई मौलिक अधिकार नही है जिसे बाद में नकार दिया गया तथा किसी भी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका. इसी मुद्दे पर आज भी न्यायालय में बहस जारी है.

तेलंगाना सरकार ने स्कूल बैग का वजन तय किया-(20-JULY-2017) C.A

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school bag
तेलंगाना सरकार ने 19 जुलाई 2017 से स्कूली बच्चों को राहत देते हुए स्कूल बैग के वजन को कम करने की घोषणा की. सरकार ने दसवीं कक्षा तक के बच्चों के स्कूल बैग का वजन तय कर दिया है.

स्कूल बैग की अधिकतम वजन सीमा पांच किलो तय की गयी है. इसके अलावा प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों को होमवर्क देने पर भी रोक लगाई गयी है. सरकार का कहना है कि इस कदम से भारी स्कूल बैग के कारण होने वाले विपरीत शारीरिक प्रभावों से बच्चों को बचाया जा सकेगा.

सरकार द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट में कहा गया कि आमतौर पर स्कूल जाने वाले बच्चों के बैग का बोझ छह किलो से 12 किलो तक हो जाता है जिसे इतनी कम उम्र में ढोने पर शारीरिक विकार उत्पन्न हो सकते हैं.
स्कूल बैग पर तेलंगाना सरकार का निर्णय

•    सरकार की ओर से जारी निर्देश के अनुसार नोटबुक और किताबों सहित कक्षा एक और दो के लिए स्कूल बैग का वजन 1.5 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

•    निर्देश के अनुसार कक्षा तीन से पांच के लिए वजन 2 से 3 किलो के बीच हो सकता है.

•    कक्षा 6 से 7 के लिए स्कूल बैग का अधिकतम वजन 4 किलो और कक्षा 8वीं से 9वीं के लिए साढ़े 4 किलो तय किया गया है.

•    तेलंगाना सरकार के निर्देश के अनुसार दसवीं कक्षा के लिए स्कूल बैग का अधिकतम वजन पांच किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

टिप्पणी

विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थानों ने तेलंगाना सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. हालांकि यह भी देखना होगा कि इस कदम से स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर कितना असर पड़ता है. प्राथमिक स्कूलों में स्कूल बैग का वजन कम किये जाने के बाद बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम आयोजित किये जाने चाहिए तथा शिक्षा के स्तर के मानदंड को भी बरकरार रखा जाना चाहिए.

यूएस नेवी ने विश्व के पहले लेज़र हथियार प्रणाली का परीक्षण किया-(20-JULY-2017) C.A

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संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा विश्व की पहली लेज़र हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण किया गया. इसे किसी भी प्रकार के हमले से निपटने के लिए अरब की खाड़ी में तैनात कर दिया गया है.

इस प्रणाली को यूएसएस पॉन्स उभयचर परिवहन जहाज पर तैनात किया गया है. परीक्षण के दौरान इस प्रणाली ने अरब की खाड़ी में उड़ते हुए ड्रोन को तथा अन्य टारगेट पर सटीक निशाना साधा था. इसके अतिरिक्त यूएसएस पॉन्स पहला ऐसा जहाज बना है जिसपर यह अत्याधुनिक हथियार प्रणाली लगाई गयी है.
 US Navy tests world’s first Laser Weapons System

मुख्य बिंदु

•    यह हथियार प्रकाश की गति से निशाना लगा सकता है जो कि किसी भी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) से 50 हज़ार गुना अधिक तेज है.

•    यह एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम पर कार्य करता है जिससे इसकी बीम दिखाई नहीं देती.

•    यह हथियार किसी प्रकार का शोर भी नहीं करता जिससे युद्ध के समय बिना शोर मचाये दुश्मन का अधिक से अधिक नुकसान किया जा सकता है.

•    इस हथियार प्रणाली को बनाने का खर्च लगभग 40 मिलियन डॉलर है.

•    इसे चलाने के लिए केवल बिजली की उपलब्धता होनी चाहिए. यह बिजली किसी भी स्थान पर जनरेटर की सहायता से उपलब्ध कराई जा सकती है. इसे ऑपरेट करने के लिए 2-3 लोगों की ही जरुरत पड़ती है.

•    इस हथियार की सबसे बड़ी खूबी इसका विभिन्न टारगेट पर निशाना लगाने की क्षमता है. यह जल, थल और वायु किसी भी स्थान पर, किसी भी चीज को निशाना बना सकता है.
•    इसका निर्माण ईरान और उत्तर-कोरिया से होने वाले मिसाइल हमले के खतरे को देखते हुए किया गया.

फ़िलहाल यह विमान उड़ते हुए ड्रोन, छोटे विमान और छोटी नौकाओं को निशाना बनाने में उपयुक्त है. गौरतलब है कि यूएस नेवी ने इससे पहले कहा था कि अमेरिकी सेना के पास जल्द ही तेज़ निशाना लगा सकने वाले हथियार मौजूद होंगे.

केंद्र सरकार ने कामोव हेलीकॉप्टर हेतु रूस के साथ समझौता किया-(20-JULY-2017) C.A

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केंद्र सरकार ने कामोव हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति हेतु रूस के साथ समझौता किया है. समझौता के तहत भारत को 200 कामोव हेलीकॉप्टर दिए जाएँगे. यह समझौता लगभग एक अरब डालर (करीब 6433 करोड़ रुपये) में किया गया है.

समझौता वर्ष 2015 में किया गया जिसके तहत रूस 60 कामोव-226 टी हैलीकॉप्टर तैयार हालत में भारत को आपूर्ति करेगा, जबकि 140 कामोव हेलीकॉप्टर का निर्माण भारत में ही किया जाएगा.

कामोव हेलीकॉप्टरों का निर्माण करने वाली कम्पनी भारत में भी इन हेलीकॉप्टरों का निर्माण करेगी. रूसी अधिकारियों के अनुसार कामोव सैन्य हैलीकॉप्टरों को भारत में ही बनाने के लिए एक संयुक्त उद्यम का पंजीकरण करवाया गया है.

पिछले वर्ष अक्टूबर माह में भारत और रूस ने हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रूस की दो प्रमुख रक्षा कंपनियों के मध्य संयुक्त उद्यम हेतु व्यापक समझौता को अंतिम रूप दिया गया. 

रूस की रक्षा उत्पाद कंपनी समूह रोस्टेक कारपोरेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी और इसके अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं क्षेत्रीय नीति विभाग के प्रमुख विक्टर निकोलायविच क्लादोव के अनुसार इस संयुक्त उद्यम का पंजीकरण मई माह में भारत में करवाया गया.

भारत द्वारा की जा रही कामोव हैलीकॉप्टर की खरीद पुराने हो चुके चीता और चेतक हैलीकॉप्टरों को बदलने के लिए की जा रही है. 
वर्ष 2015 में हुए एक अरब डालर के समझौते के तहत रूस 60 कामोव-226टी हैलीकॉप्टर तैयार हालत में भारत को देगा जबकि 140 का निर्माण भारत में होगा
रोस्टेक कारपोरेशन के बारे में-
  • रोस्टेक स्टेट कॉर्प रूस के 700 उच्च प्रौद्योगिकी वाले सैन्य और असैन्य कंपनियों का संगठन है.
  • रोस्टेक स्टेट कॉर्प का गठन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कार्यकाल में वर्ष 2007 में किया गया.
  • रोस्टेक स्टेट कॉर्प के संगठन रूसी संघ के 60 घटकों में स्थित हैं.
  • रोस्टेक स्टेट कॉर्प दुनिया भर में 70 से अधिक देशों में अपने उत्पाद की आपूर्ति करता है.

यूपी के विद्यालयों में रेडियो पर ‘आओ अंग्रेजी सीखें’ कार्यक्रम का शुभारम्भ-(20-JULY-2017) C.A

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उत्तर प्रदेश के करीब 45 हजार उच्च प्राथमिक और 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में छात्रों को अब रेडियो के माध्यम से अंग्रेजी सीखने का मौका मिलेगा.

वर्तमान में कक्षा छह में पढ़ने वाले बच्चों हेतु इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेन्स फंड (यूनीसेफ) के सहयोग से सर्व शिक्षा अभियान लखनऊ ने ‘आओ अंग्रेजी सीखें’ प्रॉजेक्ट के तहत 90 एपिसोड तैयार किए हैं.

18 जुलाई 2017 से कार्यक्रम का रेडियो पर प्रसारण आरम्भ हो गया है. सुबह 10:45 से 11 बजे तक होने वाले इस प्रसारण की शुरुआत इलाहाबाद स्थित चाका के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक डॉ़ वेदपति मिश्र ने की.
 yogi-adityanath
प्रमुख तथ्य-
  • डॉ़. वेदपति मिश्र इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी सिखाने हेतु 15-15 मिनट के एपिसोड तैयार किए गए हैं.
  • इन एपिसोड के माध्यम से बच्चे अपने शिक्षकों की मौजूदगी में प्रसारण सुनेंगे और फिर दिशा-निर्देशों के अनुरूप बोलने और लिखने का अभ्यास करेंगे.
  • इसमे ज्यादा फोकस अंग्रेजी बोलने (स्पीकिंग) पर दिया गया है.
  • इस कार्यक्रम हेतु सभी 75 जिलों के जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) को 28 जून से 6 जुलाई तक चार बैच में दो-दो दिन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
  • ‘आओ अंग्रेजी सीखें’ रेडियो कार्यक्रम सफल बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग स्कूल प्रबंध समिति और मां समूह की मदद ले रहा है.
विद्यालयों में रेडियो सेट उपलब्ध-
  • प्रदेश के पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पहले से रेडियो सेट उपलब्ध कराए गए हैं.
  • शिक्षकों को यह जिम्मेदारी भी दी गयी है कि, वे रेडियो सेट की जांच कर देख लें कि, वह चालू हालत में है या नहीं.
  • कार्यक्रम की समय सारिणी भी विद्यालय की दीवार पर चस्पा करने को कहा गया है.
  • साथ ही एक रजिस्टर में तिथिवार कार्यक्रम का विवरण और एपिसोड के अनुसार अभ्यास कार्य लिखने के निर्देश प्रदान किए गए हैँ.
मॉनिटरिंग इंटरफेस वॉयस रिकार्डिंग सिस्टम (आईवीआरएस) से उपस्थिति-
  • डॉ. मिश्रा ने बताया कि स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की अटेंडेंस सुधारने के लिए आनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी.
  • यह मॉनिटरिंग इंटरफेस वॉयस रिकार्डिंग सिस्टम (आईवीआरएस) के माध्यम से की जाएगी.
  • इस सिस्टम के माध्यम से मिड-डे मील पर भी नजर रखी जा रही है.

मायावती ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दिया-(19-JULY-2017) C.A

| Wednesday, July 19, 2017
mayawati
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायवती ने 18 जुलाई 2017 को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. वे सदन में बात न रख पाने के कारण नाराज़ थीं जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया.

इस्तीफे के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, “जब सत्ता पक्ष मुझे अपनी बात कहने का भी समय नहीं दे रहा है तो मेरा इस्तीफा देना ही ठीक है.” उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को सौंपा. मायावती का राज्यसभा सदस्य कार्यकाल अप्रैल 2018 तक था. 

मायावती सदन में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में दलितों के साथ हुए शोषण को लेकर बात उठाना चाहती थीं लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. सदन से बाहर आकर मायावती ने पत्रकारों से कहा कि सहारनपुर में हिंसा के बाद वे इजाजत लेकर वहां गई थीं. उन्हें हेलीकॉप्टर से जाने की अनुमति नहीं दी गई. बाद में वे सड़क मार्ग से सहारनपुर गईं. मायावती ने आरोप लगाया कि दलितों पर अत्याचार के बाद हमें शब्बीरबुर जाने से रोका गया था.
पृष्ठभूमि

बीएसपी प्रमुख राज्यसभा में सहारनपुर हिंसा पर बोल रही थीं. इस दौरान उपसभापति पीजे कुरियन ने उनसे अपनी बात जल्द खत्म करने को कहा. इससे नाराज मायावती ने कहा कि जिस सदन में उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा, उसका सदस्य रहने का उन्हें कोई हक नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी गई तो वह राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगी. यह कहकर मायावती सदन से वॉक आउट कर गईं. उनके साथ ही पूरा विपक्ष भी खड़ा हो गया और कांग्रेस सदस्यों ने भी सदन से वॉक आउट कर दिया.

मध्य प्रदेश के किसानों को फूलों और संतरे की खेती में इज़राइल की सहायता मिलेगी-(19-JULY-2017) C.A

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madhya pradesh map
नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा के बाद इज़राइल के काउंसिल जनरल डेविड अकाव इंदौर की यात्रा पर भारत पहुंचे. उन्होंने मध्य प्रदेश के किसानों को स्मार्ट सिटी में जल प्रबंधन, खेती के नए तरीकों और आय बढ़ाने में सहायता करने का आश्वासन दिया.

इज़राइल के विशेषज्ञों द्वारा मध्य प्रदेश के शाजापुर के नजदीक डेहरियाफाल में संतरे की खेती का तथा सीहोर के समीप श्यामपुर में फूलों की खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

मध्य प्रदेश में खेती और औद्योगिक विकास की अच्छी संभावनाएं देखते हुए इज़राइल द्वारा अपनाए जा रहे खेती के प्रसिद्ध मॉडल मोशाव की योजना को भी प्रदेश में शुरू किया जा सकता है.
मुख्य बिंदु

•    भारत के नौ राज्यों में 26 कृषि एक्सीलेंस सेंटर खोले जायेंगे जबकि इनमें से 15 सेंटर महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा एवं गुजरात में कार्यरत हैं.

•    मध्य प्रदेश में डेहरियाफाल में संतरे की खेती का प्रशिक्षण दिया जायेगा.

•    इसके अतिरिक्त किसानों को फूलों की खेती से आय बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश के श्यामपुर में ही एक प्रशिक्षण केंद्र बनाया जायेगा.

•    इज़राइल आईआईएम व भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग करना चाहता है जिसके लिए 100 पोस्ट डॉक्टरेल फैलोशिप भी दी गई है.

•    किसानों को एक प्रोजेक्ट पर मिलकर काम करने के बारे में भी बताया जायेगा ताकि वह अपनी उत्पादन क्षमता एवं आय दोनों बढ़ा सकें.

मोशाव मॉडल

मोशाव किसानों द्वारा सामूहिक रूप से खेती एवं उपज बढ़ाने के लिए किये जाने वाले कार्य का नाम है. इसके लिए इज़राइल में 1991 तक लगभग 410 मोशाव बसाए गये थे जिसमें किसान मिलजुल कर रहते हैं और कार्य करते हैं. इसमें खेती के अतिरिक्त उपज को बाज़ार में बेचने, मार्केटिंग के तरीकों पर भी संयुक्त रूप से काम किया जाता है.

कर्नाटक सरकार ने राज्य का अलग झंडा डिजाइन करने हेतु समिति का गठन किया-(19-JULY-2017) C.A

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कर्नाटक राज्य सरकार अपने राज्य की अलग पहचान हेतु राज्य का अलग झंडा चाहती है. वर्तमान में कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की सरकार है. झंडे का डिजाइन तैयार करने हेतु राज्य सरकार ने 9 सदस्यों की एक समिति का गठन किया है.

यह समिति इसे कानूनी मान्यता दिलाने का काम भी करेगी. सरकार की यह योजना सफल होती है तो जम्मू और कश्मीर के बाद कर्नाटक दूसरा ऐसा राज्य होगा, जिसका अपना झंडा होगा. कर्नाटक में इसी वर्ष विधानासभा चुनाव भी आयोजित किए जाने हैं. 

राज्य सरकार के 6 जून को दिए आदेश में कन्नड़ और कल्चर डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव को कमिटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

वर्ष 2012 में भी इस तरह की मांग उठी थी, तत्कालीन बीजेपी सरकार ने यह कहते हुए इसका विरोध किया था कि यह कदम 'देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है'. तत्कालीन कल्चर मिनिस्टर गोविंद एम करजोल के अनुसार फ्लैग कोड राज्य के लिए अलग ध्वज की इजाजत नहीं देता. 

प्रमुख तथ्य-

•    पिछले दिनों बेंगलुरु मेट्रो में कन्नड़ और अंग्रेजी के साथ हिंदी में लिखे नाम देखकर कुछ लोगों ने राज्य पर हिंदी को थोपने का भी आरोप लगाया था.
•    कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने इस फैसले को पूरी तरह नकार दिया है.
•    केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा के अनुसार भारत एक देश है और देश में दो झंडे नहीं हो सकते.

टिप्पणी-
यदि कर्नाटक राज्य का अलग झंडा होगा तो इससे राष्ट्रीय ध्वज का महत्व भी होगा. इससे जनता के मध्य प्रांतवाद की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा. देश का राष्ट्रीय ध्वज देश की एकता, अखंडता और सम्प्रभुता का प्रतीक है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे बनाने की घोषणा की-(19-JULY-2017) C.A

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार ने लखनऊ से गाजीपुर के मध्य देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे बनाने की घोषणा की है. इस एक्सप्रेस वे परियोजना पर लगभग 25 हजार करोड़ रुपए लागत का अनुमान व्यक्त किया गया है.
 yogi-adityanath
यह लागत अखिलेश सरकार में बने लखनऊ-आगरा 6 लेन एक्सप्रेस वे की प्रति किलोमीटर लागत से भी अधिक होगी. इस एक्सप्रेस वे परियोजना को अगले 3 वर्ष में बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. हालांकि पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार ने लखनऊ-गाजीपुर एक्सप्रेस वे का प्रस्ताव किया था.

लखनऊ- गाजीपुर एक्सप्रेस वे के बारे में-
  • लखनऊ से गाजीपुर के मध्य 353 किमी के पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की लागत 24,627 करोड़ (70 करोड़ रु प्रति किमी) आंकी जा रही. जबकि 302 किमी लंबे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे की लागत 14 हजार 397 करोड़ (50 करोड़ रु प्रति किमी) थी.
  • उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार ''जमीन अधिग्रहण की ऊंची लागत सरकार के लिए एक बड़ा फैक्टर है. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के लिए तकरीबन 2,900 करोड़ रुपए खर्च किए गए.
  • नए एक्सप्रेस वे के जमीन अधिग्रहण के लिए करीब 7 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की आवश्यकता होगी.
  • उत्तर प्रदेश में उपजाऊ भूमि है और सरकार का इरादा किसानों को उनकी जमीन की अच्छी कीमत देने का है. इसी कारण इस एक्सप्रेस वे परियोजना पर अधिक लागत का अनुमान व्यक्त किया गया है. 
अयोध्या-वाराणसी को जोड़ेगा लखनऊ- गाजीपुर एक्सप्रेस वे -
  • लखनऊ- गाजीपुर एक्सप्रेस वे से अयोध्या तक 17 किमी का लिंक रोड होगा और वाराणसी में 12 किमी की ऐसी ही सड़क होगी.
  • 6 लेन वाला ये एक्सप्रेस वे मौजूदा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा.
  • आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पहले ही नोएडा-आगरा (यमुना) एक्सप्रेस वे से जुड़ा हुआ है. इस तरह इसका देश की राजधानी दिल्ली से भी जुडाव हो जाएगा.
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे परीक्षण में पास-
  • राज्य सरकार ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे में किसी तरह की बड़ी गड़बड़ी नहीं पाई है. सरकार ने एक्सप्रेस वे के सभी 5 सेक्शन से सैम्पल लिए और उन्हें संतोषजनक पाया.
  • पब्ल‍िक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) भागीदारी के तहत सड़क के अगल-बगल की फैसिलिटीज को प्राइवेट पार्टियों को आउटसोर्स कर राज्य सरकार कुछ पैसा बचा लेगी.
  • वाई-फाई सेवाओं के हेतु एक्सप्रेस वे के साथ टेलीकॉम कंपनियों को ऑप्टिकल फाइबर बिछाने को कहा जाएगा.
  • यूपी सरकार कॉस्ट की रिकवरी के लिए लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर जल्द टोल भी लगाएगी.

भारत की पहली सौर उर्जा संचालित रेल आरंभ-(18-JULY-2017) C.A.

| Tuesday, July 18, 2017
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 14 जुलाई 2017 को भारत की पहली सौर उर्जा संचालित डीएमयू (डीजल मल्टीपल यूनिट) रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस ट्रेन का परिचालन 15 जुलाई से शुरू हो जाएगा. 

यह ट्रेन दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन से हरियाणा के फर्रुखनगर तक चलेगी. रेल मंत्रालय का कहना है कि यह ट्रेन पूरी तरह से एन्वॉयरमेंट फ्रेंडली है जिससे रेलवे को वित्तीय लाभ भी होगा.
Railways Minister dedicates country's first solar powered DEMU train to nation=

मुख्य बिंदु

•    इस ट्रेन में 10 कोच हैं जिसमें दो मोटर और 08 पैसेंजर कोच हैं. 

•    ट्रेन के एक कोच में 89 लोगों के बैठने की व्यवस्था है.

•    डीएमयू के प्रत्येक कोच में 300 वाट के 16 सोलर पैनल लगाए गये हैं. 

•    इस सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली को बैटरी में स्टोर किया जाएगा. इस बिजली का इस्तेमाल रात को ट्रेन में बल्बो जलाने और फैन चलाने के लिए किया जाएगा.

•    इस रेल को बनाने की कुल लागत 13.54 करोड़ रुपये है. इसके प्रत्येक पैसेंजर कोच के निर्माण में 01 करोड़ रुपये की लागत आई है. 

•    मोटर कोच के निर्माण में करीब 2.5 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसके अतिरिक्त प्रत्येचक कोच में लगे सोलर पैनल पर 9 लाख रुपये खर्च हुए हैं.

लाभ
इस रेल का निर्माण चेन्नई के इंटेगरल कोच फैक्टरी में किए गया है. सौर उर्जा चालित इस रेल के प्रत्येक कोच से प्रतिवर्ष 12 लाख रुपये के डीजल की बचत होगी. इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष 9 टन कार्बन डाइऑक्साइड कम उत्सर्जित होगा. सबसे महत्वपूर्ण रेलवे मंत्रालय को प्रत्येक वर्ष लगभग 672 करोड़ रुपये की बचत होगी.

ग्राहक संतुष्टि सूचकांक सर्वेक्षण में स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पहले स्थान पर-(18-JULY-2017) C.A.

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट 13 जुलाई 2017 को ग्राहक संतुष्टि सूचकांक सर्वेक्षण में पहले स्थान पर रहा. इससे पहले भी कराये गये सर्वेक्षण में यह एयरपोर्ट प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है.

यह सर्वेक्षण देश के 53 एयरपोर्ट के बीच कराया गया था जिसमें रायपुर एयरपोर्ट ने सबको पीछे छोड़ा. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की हाल ही में जारी सर्वे रिपोर्ट में रायपुर एयरपोर्ट को यात्रियों ने सुविधाओं के मामले में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है.
Raipur   Airport Ranked First in Customer Satisfaction Index Survey=

इससे पहले वर्ष 2014 में जुलाई से दिसंबर तक की अवधि के लिए हुए सर्वेक्षण में भी स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट को पहला स्थान मिला था. उसके बाद भी जितने सर्वे हुए, उनमें भी रायपुर एयरपोर्ट का नाम टॉप-03 एयरपोर्ट में शामिल रहा.

रायपुर शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर माना नामक सिटी में बना यह एयरपोर्ट यात्रियों की संख्या की दृष्टि से देश का 28वां सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है. यदि हवाई जहाजों की उड़ानों की संख्या की बात की जाए तो यह देश में 31वें क्रम पर आता है.

एयरपोर्ट पर बुनियादी ढांचे और यात्री सुविधाओं के उच्च स्तर, बेहतर रखरखाव, हरियाली, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और विनम्र कर्मचारियों द्वारा यात्रियों की संतुष्टि सुनिश्चित करने के रायपुर को यह मान्यता प्रदान की गयी.

आईफा अवार्ड 2017: शाहिद कपूर उड़ता पंजाब के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चयनित-(18-JULY-2017) C.A.

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18वें इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकादमी (आईफा) पुरस्कारों की 15 जुलाई 2017 को घोषणा की गयी. यह कार्यक्रम अमेरिका स्थित न्यूजर्सी में आयोजित किया गया. इस अवसर पर वर्ष 2016 की सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्मों को पुरस्कृत किया गया.
शाहिद कपूर और आलिया भट्ट को फिल्म उड़ता पंजाब में अपनी भूमिका के लिये क्रमश: सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्रदान किया गया.
18th IIFA Awards=

आईफा अवार्ड की सूची

•    सर्वश्रेष्ठ फिल्म: नीरजा

•    सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: शाहिद कपूर (उड़ता पंजाब)

•    सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: आलिया भट्ट (उड़ता पंजाब)

•    सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: अनिरुद्ध रॉय चौधरी (पिंक)

•    सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता: अनुपम खेर (एम एस धोनी; द अनटोल्ड स्टोरी)

•    सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री: शबाना आज़मी (नीरजा)

•    सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता भूमिका: वरुण धवन (ढिशूम)

•    सर्वश्रेष्ठ नकारात्मक अभिनेता भूमिका: जिम सर्भ (नीरजा)

•    सर्वश्रेष्ठ म्युज़िक डायरेक्शन: ऐ दिल है मुश्किल (प्रीतम चक्रवर्ती)

•    सर्वश्रेष्ठ गीतः ऐ दिल है मुश्किल (चन्ना मेरे) (अमिताभ भट्टाचार्य)

•     सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक: अमित मिश्रा (बुलया) (ए दिल है मुश्किल)

•    सर्वश्रेष्ठ महिला प्लेबैक सिंगर: तुलसी कुमार (सोच ना सके) और कनिका कपूर (डा डा डस्से) (उड़ता पंजाब)

•    सर्वश्रेष्ठ पदार्पण (पुरुष): दिलजीत दोसांज (उड़ता पंजाब)

•    सर्वश्रेष्ठ पदार्पण (महिला): दिशा पटानी (एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी)

•    बेस्ट साउंड डिज़ाइन: प्रणव शुक्ला (मिर्ज्या)

•    सर्वश्रेष्ठ पृष्ठभूमि स्कोर: प्रीतम चक्रवर्ती (ए दिल है मुश्किल)

•    बेस्ट एक्शन: लर्नेल स्टोवल, परवेज शेख, एएनएल अरसु (सुल्तान)

•    सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी: आदिल शेख (कपूर एंड संस)

•    सर्वश्रेष्ठ कॉस्टयूम डिजाईन: मनीष मल्होत्रा (ऐ दिल है मुश्किल)

    सर्वश्रेष्ठ एडिटिंग: बोधादित्य बंदोपाध्याय (पिंक)

•    सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफ़ेक्ट: रेड चिलीज़ वीएफएस (फैन)

•    सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले: रितेश शाह (पिंक)

•    वुमन ऑफ़ द इयर (स्पेशल केटेगरी): तापसी पन्नू (पिंक)

रोजर फेडरर ने आठवीं बार विंबलडन चैंपियन खिताब जीता-(18-JULY-2017) C.A.

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रोजर फेडरर ने 16 जुलाई 2017 को क्रोएशिया के खिलाडी मारिन सिलिक को हरा कर साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम-विंबलडन का पुरुष एकल खिताब जीत लिया. स्विट्जरलैंड के टेनिस स्टार फेडरर ने ओपन एरा में सर्वाधिक आयु में विंबलडन खिताब जीतने का रिकॉर्ड भी कायम किया.

रोजर फेडरर ने 35 साल 342 दिन की आयु में यह खिताब जीता. यह फेडरर का 19वां ग्रैंड स्लैम खिताब है और सर्वाधिक ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने के मामले में वह स्पेन के राफेल नडाल (15 खिताब) से चार खिताब आगे हैं.

रोजर फेडरर के बारे में-
ऑल इंग्लैंड क्लब में रोजर फेडरर की यह रिकार्ड आठवीं खिताबी जीत है.
इसके साथ ही फेडरर ने ओपन एरा में पीट सैंप्रास और ओवरऑल ब्रिटेन के महान खिलाड़ी विलियम रेनशॉ के रिकॉर्ड को पीछे कर दिया.
सैंप्रास और रेनशॉ के नाम सात-सात बार विंबलडन जीतने का रिकॉर्ड है.
रोजर फेडरर ने इस वर्ष ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब भी जीता. फेडरर ने विंबलडन में रिकॉर्ड 11वां फाइनल खेला. वह वर्ष 2014, 2015 में भी फाइनल तक पहुंचे किन्तु सर्बिया के नोवाक जोकोविक के हाथों हार गए.
इसके अलावा वर्ष 2016 में वह सेमीफाइनल में कनाडा के मिलोस राओनिक के हाथों हार गए.
रोजर फेडरर इससे पहले वर्ष 2003, 2004, 2005, 2006, 2007, 2009 और 2012 में चैम्पियन बने.
विंबलडन में आठ खिताब के अलावा फेडरर पांच बार आस्ट्रेलियन ओपन, एक बार फ्रेंच ओपन और पांच बार अमेरिकी ओपन खिताब जीत चुके हैं. 

अपने करियर का 19वां ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम करने की दिशा में फेडरर ने 2014 में जापान के केई निशिकोरी को हराकर अमेरिकी ओपन जीत चुके सिलिक को 6-3, 6-1, 6-4 से हराया.
वर्ष 2014 से वर्ष 2016 के मध्य तीन बार विंबलडन क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर हारने वाले सिलिक ने पहली बार इस अग्रणी ग्रास कोर्ट टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई थी. ग्रास कोर्ट का बादशाह कहे जाने वाले फेडरर ने उन्हें पहली बार विंबलडन खिताब जीतने से रोक दिया.

खेल के बारे में-
पहले सेट की शुरुआत में सिलिक ने अपना क्लास दिखाया और दोनों खिलाड़ी 2-2 की बराबरी पर पहुंच गए, बाद में फेडरर ने यह सेट 6-3 से अपने नाम कर मैच को दूसरे सेट तक बढ़ाया.
दूसरे सेट में सिलिक केवल एक गेम जीत सके. फेडरर ने अपना वर्चस्व कायम करते हुए यह सेट 6-1 से जीता.
तीसरे और निर्णायक सेट में सिलिक ने धमाकेदार शुरुआत करते हुए 2-1 की बढ़त हासिल कर ली. फेडरर ने इसके बाद दो गेम जीतते हुए 3-3 की बराबरी और फिर 5-3 से आगे हो गए. सिलिक ने स्कोर 4-5 कर मैच को रोमांच देने का प्रयास किया, फेडरर ने सिलिक को वापसी का मौका नहीं दिया और सेट के साथ मैच भी अपने नाम किया.

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने धातुओं और खनिजों के भंडार की खोज की-(18-JULY-2017) C.A.

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GSI
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के वैज्ञानिकों ने जुलाई 2017 में प्रायद्वीपीय भारत में मौजूद समुद्र तटीय क्षेत्रों में पानी के नीचे खनिज संपदा की मौजूदगी की खोज की. 

शोधकर्ताओं ने पाया कि भारतीय प्रायद्वीप क्षेत्र में लाखों टन कीमती धातुओं और खनिजों की मौजूदगी है. इस क्षेत्र में पहली बार वर्ष 2014 में मंगलुरु, चेन्नै, मन्नार बसीन, अंडमान और निकोबार द्वीप और लक्षद्वीप के समुद्री संसाधनों को पहचाना गया था.

वैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु


•    वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में लाइम मड, फोसफेट-रिच और हाइड्रोकार्बन्स की उपस्थिति की खोज की है.

•    भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने 181,025 वर्ग किमी का हाई रेजॉल्यूशन सीबेड मोरफोलॉजिकल डेटा तैयार किया है.

•    सर्वेक्षण द्वारा इस क्षेत्र में 10 हजार मिलियन टन लाइम मड के होने की बात कही है.

•    इस खोज में तीन अत्याधुनिक अनुसंधान जहाज समुद्र रत्नाकर, समुद्र कौसतुभ और समुद्र सौदीकामा की सहायता ली गयी.

इसका उद्देश्य मिनरलाइजेशन के संभावित इलाकों की पहचान करना और मरीन मिनरल सांसधनों का आकलन करना है.

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण भारत सरकार के खनन मंत्रालय के अधीन कार्यरत एक संगठन है. इसकी स्थापना 1851 में हुई थी. इसका कार्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और अध्ययन करना है. यह इस प्रकार के विश्व के सबसे पुराने संगठनों मे से एक है. इसका मुख्यालय कोलकाता में स्थित है. इसकी स्थापना ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के पूर्वी क्षेत्रों में कोयले की उपलब्धता की खोज एवं अध्ययन करने हेतु की थी.