भारतीय महिला बैंक भारतीय रिजर्व
बैंक (आरबीआई) अधिनियम की दूसरी अनुसूची, 1934 में शामिल हो
गया. भारतीय महिला बैंक को दूसरी अनुसूची में समावेश की अधिसूचना की घोषणा 21
मई 2014 को मुंबई में आरबीआई द्वारा दी गई.
भारतीय महिला बैंक को अनुसूची में शामिल किए जाने के साथ ही भारत में
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की कुल संख्या अब 90 हो गई
है. 2 मई 2014 की स्थिति के अनुसार
भारत में 89 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक थे.
भारतीय महिला बैंक का भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की दूसरी अनुसूची,1934 में शामिल हो जाने के बाद वह भारतीय रिजर्व बैंक से बैंक दर पर ऋण लेने
तथा समाशोधन गृहों का सदस्यता अधिग्रहण के पात्र हो जाएगें.
भारतीय महिला बैंक के
बारे में
भारतीय महिला बैंक भारत का प्रथम पूर्ण रुप से महिलाओं का
बैंक है. इसकी शुरुआत 19 नवंबर, 2013 को 1000
करोड़ रुपये की पूंजी के साथ की गयी. इसका प्रारंभ करने का प्रमुख
उद्देश्य महिलाओं की बैंकिंग जरूरतों और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था. बैंक
का वर्तमान ऋण पोर्टफोलियो 80 से 90 करोड़
रुपए है. यह बैंक एक रियायती दर पर बालिकाओं के लिए ऋण प्रदान करता है जो 1%
है (सामान्य दर से कम है). भारतीय महिला बैंक को 5 अगस्त 2013 को कंपनी अधिनियम 1956 के तहत शामिल किया गया. भारतीय रिज़र्व बैंक से 22 अगस्त
2013 को व्यापार के प्रारंभ का प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ और 25
सितंबर 2013 को बैंकिंग लाइसेंस मिल गया. इसका
कार्पोरेट कार्यालय नई दिल्ली में नेहरू प्लेस के आईएफसीआई टावर में है.
वर्तमान में भारतीय महिला बैंक की देश भर में 23 शाखाएं हैं और वित्तीय वर्ष 2014-15 में 55 से 60 शाखाएं जोड़ने का लक्ष्य है. भारतीय महिला
बैंक के अंतर्गत बालिकाओं के लिए ‘नन्ही कली’ जमा योजना आवर्ती है. उषा अनंतसुब्रमंयं इसकी प्रबंध निदेशक व अध्यक्ष है.
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