चीन के बाद दुबई का दूसरा सबसे बड़ा विदेशी व्यापार भागीदार बना भारत-(31-DEC-2014) C.A

| Wednesday, December 31, 2014
भारत चीन के बाद दुबई का दूसरा सबसे बड़ा विदेशी व्यापारिक भागीदार बन गया. यह तथ्य 28 दिसंबर 2014 को दुबई सीमा शुल्क द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है.
आंकड़े से पता चला है कि चीन 34 अरब अमरीकी डॉलर के व्यापार मूल्य के साथ दुबई का शीर्ष विदेशी व्यापार भागीदार था .परिणामस्वरूप, चीन की हिस्सेदारी में वर्ष 2014 में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
भारत 21.78 अरब अमेरिकी डॉलर व्यापार मूल्य के साथ चीन से ठीक पीछे था. हालांकि, अरब राष्ट्रों के  साथ व्यापार में  भारत 10 अरब अमरीकी डॉलर व्यापार मूल्य के साथ  शीर्ष पर था.
पहले नौ महीनों में दुबई का आयात में सबसे बड़ा हिस्सा 169 अरब अमेरिकी डॉलर होने के साथ गैर तेल विदेशी व्यापार 269 अरब अमेरिकी डॉलर था. जिसमें निर्यात एवं पुनर्निर्यात का भाग क्रमश 23.41 और 76.23 अरब अमरीकी डॉलर रहा.
दुबई विदेशी व्यापार के सन्दर्भ में अपने शीर्ष व्यापारिक साझीदारों के साथ वर्ष 2014 के पहले नौ महीनों में लगातार वृद्धि बनाए हुए है. वर्ष 2014 के पहले नौ महीनों में दुबई के व्यापार आँकड़े स्पष्ट रूप से अमीरात के उभार को एक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश के केंद्र के रूप में दर्शाते हैं. इसने वस्तुओं की कीमतों में वैश्विक गिरावट के बावजूद अपने यहाँ उनके उच्च मूल्यों को बनाए रखा.
यह कीमतों में किसी भी गिरावट की क्षतिपूर्ति करने के लिए, आयात, निर्यात और फिर से निर्यात सहित विदेशी व्यापार, की मात्रा बढ़ाने के लिए दुबई की व्यापार क्षमता को दर्शाता है.


इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ज्योफ पुलर का निधन-(31-DEC-2014) C.A

|
इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज ज्योफ पुलर का 25 दिसंबर 2014  को 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
लंकाशायर और ग्लूस्टरशायर के पूर्व बल्लेबाज ने हेडिंग्ले में जुलाई 1959 में भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कैरियर की शुरुआत की थी. वर्ष 1960 के वह विज्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर के रूप में चयनित हुए थे.
ज्योफ पुलर के बारे में
·         ज्योफ पुलर ने वर्ष 1959 से वर्ष 1963 के बीच अपने देश के लिए 28 टेस्ट मैच खेले थे.
·         ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए अपने दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने भारत के खिलाफ 131 रन का रिकॉर्ड बनाया और इस प्रकार ओल्ड ट्रैफर्ड के घरेलू मैदान पर शतक बनाने वाले पहले लंकेस्ट्रियन बने.
·         पुलर ने जनवरी 1963 में एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना अंतिम मैच खेला था.

·         उनका उपनाम नोड्डी था.

भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट दिसंबर 2014 जारी की-(31-DEC-2014) C.A

|
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 29 दिसंबर 2014 को वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट दिसंबर 2014 जारी की. भारतीय रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2013-14 में भारत में बैंकिंग की प्रवृत्ति और प्रगति सहित वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट जारी की.

रिपोर्ट की विशेषतायें 

समष्टि-वित्तीय जोखिम
    वर्तमान में कमजोर वैश्विक वृद्धि की अवधारणा से अधिकांश उन्नत अर्थव्यवस्थाओं (AEs) में मौद्रिक नीति का आसान रुख बरकरार रह सकता है.
    उन्नत अर्थव्यवस्थाओं (AEs) परिणामस्वरूप, कम जोखिम प्रीमियम से असुरक्षा बढ़ सकती है और बाजारों में एकाएक और तीव्र उछाल को नकारा नहीं जा सकता है.
    वर्तमान में वित्तीय जोखिम लेना आर्थिक जोखिम लेने के समान नहीं हुआ है.
    उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में कम ब्याज दरों की पृष्ठभूमि में उभरते हुए बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में संविभाग प्रवाह प्रबल रहा है, जो संभावित प्रतिकूल वृद्धि पर रिवर्सल के जोखिम अथवा वित्तीय बाजार झटकों को बढ़ा रहा है और इस प्रकार सतर्कता की आवश्यकता महसूस हो रही  है.
    घरेलू मोर्चे पर हाल के महीनों में वृद्धि की संभावना में सुधार, मुद्रास्फीति में कमी, बाह्य क्षेत्र में सुधार और राजनैतिक स्थिरता के सहारे समष्टि आर्थिक असुरक्षा में उल्लेखनीय रूप से कमी आई है.
    बैंकिंग कारोबार में वृद्धि और प्राथमिक पूंजी बाजारों में कार्यकलाप हल्के निवेश निहितार्थ के कारण मंद रहे। कारोबार भावना में पूरा परिवर्तन इस आधार पर परिणामों पर प्रासंगिक रहा.


वित्तीय संस्थाएं: विकास और स्थिरता
    भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की वृद्धि वर्ष 2013-14 के दौरान और भी धीमी हुई. बैंकों की लाभप्रदता में चूक वाले ऋण और निस्तेज ऋण वृद्धि पर उच्चतर प्रावधानीकरण के कारण कमी आई.
    शहरी और ग्रामीण सहकारी समितियों की वित्तीय स्थिति ने प्रमुख संकेतकों में विविध प्रवृत्तियां दर्शाई। जबकि शहरी सहकारी बैंकों ने बेहतर कार्य-निष्पादन दिखाया, प्राथमिक कृषि ऋण समितियां और दीर्घावधि ग्रामीण ऋण सहकारी समितियां चिंता का विषय रही, इनकी हानि आस्ति गुणवत्ता में गिरावट के साथ और बढ़ गई.
    जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली-प्रणालीबद्ध रूप से महत्वपूर्ण) के आस्ति आकार ने विस्तार दर्शाया, समीक्षावधि के दौरान आस्ति गुणवत्ता मंर गिरावट आई.
    बैंकिंग स्थिरता संकेतक दर्शाते हैं कि बैंकिंग क्षेत्र के लिए समग्र जोखिम वर्ष 2014-15 की पहली छमाही के दौरान अपरिवर्तित रहा.
    वैयक्तिक आयाम में यद्यपि प्रणाली में चलनिधि स्थिति में सुधार हुआ फिर भी कमजोर स्थिति के साथ आस्ति गुणवत्ता में गिरावट के कारण चिंताएं बनी हुई हैं.
    संकेतक के लाभप्रदता आयाम ने सुधार दर्शाया किंतु यह धीमा रहा.
    तनाव परीक्षण दर्शाते हैं कि बैंकों की आस्ति गुणवत्ता में समष्टि आर्थिक स्थिति में प्रत्याशित सकारात्मक कार्यकलापों के अंतर्गत निकट भविष्य में सुधार हो सकता है और बैंक अपने मौजूदा प्रावधानों के स्तर के साथ प्रत्याशित हानि की क्षतिपूर्ति भी कर सकेंगे.
    अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की आस्ति गुणवत्ता अपने वर्तमान स्तर से बदतर हो सकती है यदि समष्टि आर्थिक स्थितियों में काफी गिरावट आती है और बैंकों से संभावना है कि वे प्रतिकूल समष्टि आर्थिक जोखिम परिदृश्य में प्रत्याशित हानि की क्षतिपूर्ति के लिए पर्याप्त प्रावधान रखने में कमी कर सकते हैं.
    अंतर-संबद्धता का विश्लेषण दर्शाता है कि कुल बैंकिंग क्षेत्र की आस्तियों के मामले में अंतर-बैंक बाजार के आकार में स्थिर गिरावट हो रही है.
    शीर्ष पांच सर्वाधिक संबद्ध बैंकों का संक्रामकता विश्लेषण दर्शाता है कि किसी विशेष बैंक में संक्रामकता सक्रिय होने की स्थिति में संयुक्त ऋण शोधन-चलनिधि स्थिति के तहत बैंकिंग प्रणाली संभाव्य रूप से अपनी कुल टीयर-1 पूंजी का बड़ा भाग खो सकती है.

वित्तीय क्षेत्र विनियमन और मूलभूत सुविधाएं

    जबकि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का जोखिम भारित आस्ति अनुपात पूंजी (सीआरएआर) सितंबर 2014 में 12.8 प्रतिशत पर संतोषप्रद है,
    आगे बैंकिंग क्षेत्र विशेषकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अतिरिक्त पूंजी बफर के संबंध में विनियामक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काफी मात्रा में पूंजी की आवश्यकता होगी.
    जानबुझकर चूक करने के मामलों को अलग करने पर बढ़े हुए विनियामक ध्यान संकेंद्रण और चूक होने के कारण होने वाली हानि में प्रवर्तकों की समान सहभागिता सुनिश्चित करने के साथ बड़े कॉर्पोरेट ऋण पुनर्संरचना (सीडीआर) मामलों के निवल आर्थिक मूल्य प्रभाव आकलन करने की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता लाने की आवश्यकता है.
    दूसरा पहलू जो बैंकों की आस्ति गुणवत्ता पर अतिक्रमण करता है वह कॉर्पोरेट लीवरेज़ और बैंकों के तुलन पत्रों पर इसका प्रभाव है, विशेषकर धारक कंपनी संरचना के माध्यम से और प्रवर्तकों द्वारा शेयर बंधक रखकर दोहरा लीवरेज़
    भारतीय शेयर बाजारों में हाल के महीनों में तेज वृद्धि हुई है। जबकि खुदरा निवेशक आधार अभी भी तुलनात्मक रूप से कम है, भारत के शेयर बाजार विदेशी निवेश की भारी राशि आकर्षित कर रहे हैं और इससे प्रत्यावर्तन का जोखिम बढ़ रहा है.
    भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने ट्रेड के निपटान में संभावित चूक से उत्पन्न होने वाले जोखिम को कम करने और घरेलू पूंजी बाजारों में जोखिम प्रबंध फ्रेमवर्क को सुदृढ़ करने के लिए कोर निपटान गारंटी निधि के रूप में एक अतिरिक्त सुरक्षा कवच शुरू किया है.
    वास्तविक प्रयोक्ताओं/बचावकर्ता की भागीदारी और बाजार में मूल्य अन्वेषण की गुणवत्ता मंस सुधार करने की दृष्टि से वायदा बाजार कमीशन ने स्थिति सीमाएं संशोधित की हैं जो अनुमानित उत्पादन और रेखांकित पण्य वस्तुओं के आयात से जुड़ी हुई हैं.
    अनधिकृत जमा स्वीकार करने और वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित मुद्दों के निपटान के लिए राज्य स्तरीय समन्वय समिति (एसएलसीसी) व्यवस्था को वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की पहल के अंतर्गत सुदृढ़ किया गया है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 में संशोधन करने का फैसला-(31-DEC-2014) C.A

|
केंद्रीय मंत्रि‍मंडल ने 29 दिसंबर 2014 को भूमि अधि‍ग्रहण में उचित मुआवजा एवं पारदर्शि‍ता का अधि‍कार, सुधार तथा पुनर्वास अधि‍नियम, 2013 में कुछ संशोधनों को मंजूरी दे दी और इसे अध्यादेश के जरिये लागू करने का फैसला किया. इस क़ानून को संशोधित करने का फैसला राज्यों के राजस्व मंत्रियों तथा इसे लागू करने वाले महत्वपूर्ण मंत्रालयों के अनेकों सुझाव आने के बाद आया. प्रस्तावित संशोधन किसान कल्याण के साथ-साथ देश की रणनीतिक एवं विकास आवश्यकताओं को शीघ्रता से पूरा करने के उद्देश्य को पूरा करता है.

भूमि अधि‍ग्रहण में उचित मुआवजा एवं पारदर्शि‍ता का अधि‍कार, सुधार तथा पुनर्वास अधि‍नियम, (RFCTLARR) 2013 के मुख्य संशोधन में

भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की धारा 10ए में 5 नए उद्देश्य भी जोडे गए. इसके अंतर्गत राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा उत्पादन, ग्रामीण आधार भूत संरचना, सस्ते आवासों के निर्माण, औद्योगिक गलियारे बनाने एवं सार्वजनिक-निजी परियोजनाओं पर सामाजिक उद्देश्य के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने के वास्ते भी भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा.
सरकार ने 5 क्षेत्रों को भूमि अधिग्रहण की सहमति की शर्तों से छूट दी है. अब 5 क्षेत्रों को सामाजिक प्रभाव आकलन की शर्तों से भी छूट का विकल्प दिया गया और खाद्य सुरक्षा के प्रावधान से भी छूट का विकल्प दिया गया. राहत पाने वाले 5 क्षेत्र हैं-
1. राष्ट्रीय सुरक्षा
2. रक्षा उत्पादन
3. ग्रामीण बुनियादी ढांचे सहित विद्युतीकरण
4. औद्योगिक गलियारे
5. सरकार के स्वामित्व वाली जमीन पर बनने वाली सार्वजनिक-निजी योजनाएं
भूमि अधिग्रहण कानून पर अध्यादेश के तहत 13 कानूनों को जमीन अधिग्रहण कानून की कठोर शर्तों से बाहर किया गया. इन 13 कानून के तहत भूमि अधिग्रहण पर कई शर्तें लागू नहीं होंगी. एसईजेड कानून, इंडियन रेलवे एक्ट, नेशनल हाइवे एक्ट, एटॉमिक एनर्जी एक्ट भी 13 कानून में शामिल हैं. अध्यादेश नहीं आने पर 1 जनवरी, 2015 से ये सभी कानून जमीन अधिग्रहण कानून के दायरे में आने वाले थे.
ये 13 कानून हैं -
1. परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962
2. भारतीय ट्रामवेज अधिनियम, 1886
3. रेल अधिनियम, 1989
4. प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष कानून1958 
5. पेट्रोलियम और खनिज पाइपलाइन (भूमि में उपयोगकर्ता के अधिकार अधिग्रहण) अधिनियम, 1962
6. दामोदर घाटी निगम अधिनियम, 1948
7. विद्युत अधिनियम, 2003
8. अचल संपत्ति का अधिग्रहण और पुनराधिग्रहण अधिकार अधिनियम, 1952
9. विस्थापित लोगों के लिए पुनर्वास (भूमि अधिग्रहण) अधिनियम, 1948
10.मेट्रो रेल (निर्माण कार्य) अधिनियम, 1978
11.कोयला क्षेत्र और विकास अधिनियम, 1957
12.राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956
13.भूमि अधिग्रहण (खान) अधिनियम, 1885

पृष्ठभूमि 
    उल्लेखनीय है कि भूमि अधि‍ग्रहण में उचित मुआवजा एवं पारदर्शि‍ता का अधि‍कार, सुधार तथा पुनर्वास अधि‍नियम, 2013 पिछली संप्रग सरकार ने बनाया था जिसके द्वारा सौ साल पुराने कानून जो वर्ष 1894 में बना था को बदला गया था और यह एक जनवरी 2014 से लागू हुआ था.
    भूमि अधि‍ग्रहण में उचित मुआवजा एवं पारदर्शि‍ता का अधि‍कार, सुधार तथा पुनर्वास अधि‍नियम, 2013 के अंतर्गत सार्वजनिक-निजी योजनाओं के लिए 70 फीसदी सहमति जरूरी थी और निजी क्षेत्र के लिए 80 फीसदी सहमति जरूरी थी.
    यह कानून किसानों के लिए भूमि अधिग्रहण के बदले उचित मुआवज़े का प्रावधान करता है एवं इस बात को भी सुनिश्चित करता है कि किसी की भूमि ज़बरदस्ती अधिग्रहित नहीं की जाएगी
    भूमि अधि‍ग्रहण में उचित मुआवजा एवं पारदर्शि‍ता का अधि‍कार, सुधार तथा पुनर्वास अधि‍नियम, 2013 में प्रावधान था कि ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि का मूल्य अधिग्रहण के बदले बाज़ार मूल्य से  चार गुना भुगतान किया जाएगा जबकि शहरी क्षेत्र में यह मूल्य बाज़ार मूल्य से दोगुना होना चाहिए.

वैश्विक जलवायु समझौते पर लीमा में सहमति बनी-(31-DEC-2014) C.A

|
भारत सहित 194 देशों ने द्वारा वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में कटौती के राष्ट्रीय संकल्पों के लिए आम सहमति वाले प्रारूप को पेरू की राजधानी लीमा में 14 दिसंबर 2014 को स्वीकार किया गया.
इस सहमति से अब जलवायु पर्वितन से निबटने के मुद्दे पर वर्ष 2015 में पेरिस में नए महत्वाकांक्षी एवं बाध्यकारी करार पर हस्ताक्षर के लिए मार्ग प्रशस्त हो गया.

इसकी घोषणा पेरू के पर्यावरण मंत्री एवं लीमा वार्ता के अध्यक्ष मैनुएल पुलगर-विदाल ने लीमा में 1-14 दिसंबर 2014 तक चली संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन की वार्ता के बाद की.

लीमा वार्ता को लेकर यह संतोष हो सकता है कि 194 देशों ने एक दस्तावेज को स्वीकृत किया. भारत के पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर जिन्होंने सम्मलेन में भारत का प्रतिनिधित्व किया था ने कहा कि हमारी मांगों को इस दस्तावेज में मान्यता भी मिली है. उन्होंने यह टिप्पणी दिसंबर 2015 के करार के लिए वार्ता का व्यापक खाका मंजूर होने के बाद की.

चीन, भारत, ब्राजील और उभरती हुई अन्य अर्थव्यवस्थाएं अपने उत्सर्जन में कटौती करने पर सहमत हुए हैं. अब जो सहमति बनी है, उसके अनुसार, देश अपने उत्सर्जन कटौती लक्ष्य पेश करेंगे जिसकी समय सीमा 31 मार्च 2015 होगी.

पहली बार जलवायु पर हो रहे  किसी सम्मलेन में भाग ले रहे देशों ने जलवायु परिवर्तन के संकट से  लड़ने के लिए इतनी गंभीरता का प्रदर्शन किया जिससे वार्ता का एक सार्थक  परिणाम सामने आया.  

जलवायु  कार्रवाई पर लीमा आह्वान के मुख्य बिंदु 
जलवायु कार्रवाई पर लीमा आह्वान मसौदा की मंजूरी को पेरिस में वैश्विक जलवायु परिवर्तन करार तक पहुंचने की दिशा में एक उल्लेखनीय और पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है. इस करार को जलवायु कार्रवाई पर लीमा आह्वान का नाम दिया गया है. यह पर्यावरण के इतिहास में एक ऐतिहासिक समझौता है.

इच्छित राष्ट्रीय संकल्पित योगदान (आईएनडीसी): संशोधित मसौदा में इच्छित राष्ट्रीय संकल्पित योगदान (आईएनडीसी) की किसी अनुमानित समीक्षा प्रक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसे देशों पर ही छोड़ दिया गया है. इसमें रेखांकित किया गया है कि आईएनडीसी में शमन (मिटिगेशन), अनुकूलन, वित्तपोषण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण, सभी तत्वों का समावेश हो.

आईएनडीसी दाखिल करने की नई तारीख जून 2015 से बढ़ा कर अक्तूबर 2015 कर दी गई है क्योंकि अनेक देशों ने ज्यादा समय की मांग की थी. यह समझौता ही वर्ष 2020 में होने वाले  समझौते  का आधार बनेगा.

हरित जलवायु निधि की स्थापना का संकल्प: इस सम्मलेन सदस्य देशों ने विशेषकर नॉर्वे ,ऑस्ट्रेलिया पेरू कोलम्बिया  एवं ऑस्ट्रिया ने 10.2 अमरीकी डॉलर राशि की  हरित जलवायु निधि की स्थापना का संकल्प व्यक्त किया है.

नाज़का पोर्टल की शुरुआत: जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का बड़े पैमाने पर उपयोग करने का इरादा इस सम्मलेन में दिखा है.  लीमा जलवायु कार्य एजेंडा  के अंतर्गत नाज़का पोर्टल की शुरुआत की गयी है.

लीमा -पेरिस कार्य एजेंडा: लीमा -पेरिस कार्य एजेंडा  के अंतर्गत उन गतिविधियों को कंद्र में रखा गया जिनको अपनाकर 2020 तक जलवायु पर ऐतिहासिक समझौते के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके .
बहुपक्षीय जायज़ा : क्योटो प्रोटोकॉल  दोहा संशोधन तुवालु  देश ने जलवायु पर दोहा संशोधन समझौता पर अपनी रज़ामंदी दे दी है जिससे अब इस संशोधन पर सहमत होने वाले पक्षों की संख्या 121 हो गयी है किन्तु इस समझौते को प्रभावी बनाने हेतु काम से कम 144 सदस्य देशों की ज़रुरत पड़ेगी.  

राष्ट्रीय अनुकूलन योजना (NAPs): लीमा में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन की तकरीबन दो हफ्ते चली वार्ता के बाद वार्ता के अध्यक्ष एवं पेरू के पर्यावरण मंत्री मैनुएल पुलगर-विदाल ने राष्ट्रीय अनुकूलन योजना का शुभारंभ किया. इस योजना में पेरू, यूएसए, फिलीपींस, टोगो, ब्रिटेन, जमाइका एवं जापान को शामिल  किया गया है.

संशोधित मसौदा: मसौदा में सिर्फ यही कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन पर उनके संयुक्त प्रभाव के आकलन के लिए दिसंबर 2015  में पेरिस शिखर सम्मेलन से एक माह पहले तमाम संकल्पों की समीक्षा की जाएगी.

निष्कर्ष 
लीमा समझौता दिसंबर 2015 में पेरिस में होने वाले 21वें कांफ्रेंस ऑफ़ द पार्टीज ( COP) सम्मेलन की  पृष्ठभूमि तैयार करेगा जहाँ विश्व के देश जलवायु पर अंतर्राष्ट्रीय समझौते को अंतिम रूप देंगे, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा तय गयी समय सीमा 2020 तक प्रभावी हो जायेगा.

अंकिता रैना ने आईटीएफ महिला टेनिस एकल खिताब जीता-(31-DEC-2014) C.A

|
अंकिता रैना ने पुणे में आयोजित विश्व टेनिस संघ सर्किट का अपना पहला 25 हजार डॉलर इनामी राशि वाला आईटीएफ महिला टेनिस एकल खिताब 27 दिसंबर 2014 को जीता.
अंकिता रैना ने फाइनल में ब्रिटिश खिलाड़ी कैटी डुने  को 6-2, 6-2 से हराया. अंकिता रैना 14 वर्षों के बाद आईटीएफ महिला टेनिस एकल खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी है. राधिका तुलपुले वर्ष 2001 में आईटीएफ महिला टेनिस एकल टूर्नामेंट का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय थीं.
एनइसीसी आईटीएफ के बारे में

एनइसीसी आईटीएफ अंतर्राष्ट्रीय महिला टूर्नामेंट एक टेनिस टूर्नामेंट है जो आउटडोर हार्ड कोर्ट पर खेला जाता है. यह वर्ष 2001 से प्रतिवर्ष भारत के पुणे में आयोजित किया जाता है. टूर्नामेंट की पुरस्कार राशि वर्ष 2001 से वर्ष 2006 के दौरान 10 हजार अमेरिकी डॉलर थी लेकिन वर्ष 2007-2008 में इसे बढ़ाकर 25 हजार अमेरिकी डॉलर कर दिया गया.

भारत-रूस ने 15वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए-(31-DEC-2014) C.A

|
भारत और रूस ने 11 दिसम्बर 2014 को नई दिल्ली में आयोजित 15वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. सभी समझौतों पर हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति में किए गए.
हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार-निजी उद्यमों और आठ सरकारी संस्थाओं के बीच परमाणु ऊर्जा, तेल और गैस, स्वास्थ्य, निवेश, खनन, मीडिया और पवन ऊर्जा के क्षेत्र से जुड़े क्रंमश: 12 और 8 समझौते शामिल हैं. इन समझौतों में रूस ने भारत में कम से कम 12 परमाणु रिएक्टरों के निर्माण में मदद करने और भारत में उन्नत रूसी सैन्य हेलीकाप्टरों और रक्षा संबंधी स्पेयर पार्ट्स का निर्माण करने पर सहमति व्यक्त की. शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों ने सामरिक भागीदारी को विशेष रुप से मजबूत करने पर जोर दिया.

अंतरराष्ट्रीय संबंध-
दोनों देशों के  विदेश मंत्रालयों के मध्य वर्ष 2015-2016 की अवधि के लिए प्रोटकॉल भी निर्धारित किया गया. एशिया-प्रशांत से लैटिन अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के से पश्चिमी एशिया तक और संयुक्त राष्ट्र, जी-20, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन, रिक जैसे 17 मुद्दों पर गहन विचार विमर्श की बात पर सहमति व्यक्त की गई.
परमाणु ऊर्जा

    अगले दो दशकों के लिए असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग की एक रूपरेखा तैयार करने और शांतिपूर्ण उपयोग के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने के लिए सामरिक दृष्टि से 20 से अधिक परमाणु ऊर्जा इकाइयों का निर्माण करने की योजना भी बनाई गई है.  
    परमाणु ऊर्जा निगम इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और (एएसई) के बीच कुडनकुलम परमाणु विद्युत परियोजना की चार सूत्रीय रूपरेखा समझौते (जीएफए) और तकनीकी वाणिज्यिक प्रस्ताव पारित करने के लिए सामान्य रूपरेखा समझौते (जीएफए) पर अप्रैल 2014 में हस्ताक्षर किए गए थे.
    एएसई द्वारा कुछ प्रमुख उपकरणों की आपूर्ति के लिए कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की यूनिट 3 और 4 के लिए परमाणु ऊर्जा निगम इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और (एएसई) के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए.

तेल और गैस
     वर्ष 2015-16 में तेल और गैस के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए अंर्तसरकारी समझौते के दायरे में सहयोग (पीओसी) के तहत समझौते के अनुसार संयुक्त अन्वेषण और हाइड्रोकार्बन उत्पादन, दीर्घकालिक एलएनजी की आपूर्ति सहित परियोजनाओं की परिकल्पना और भारत के साथ रूस द्वारा एक हाइड्रोकार्बन पाइपलाइन प्रणाली के संयुक्त अध्ययन पर भी सहमति व्यक्त की गई है.
     टाटा पावर और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के बीच निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए भी अध्यन की बात कह गई है.
    इंडियन ऑयल  लिमिटेड और और रोजनेफ्त के बीच सहमति पत्र पर भारत में हाइड्रोकार्बन परियोजनाओं पर तकनीकी सुविधा उपलब्ध कराने पर भी सहमति व्यक्त की गई है.
    कच्चे तेल और फीड स्टॉक/उत्पादों की भारत द्वारा दस वर्ष की आपूर्ति और कच्चे तेल की दीर्घकालिक आपूर्ति के लिए एस्सार और रोजनेफ्त के बीच समझौते पर सहमति व्यक्त की गई है.

आर्थिक क्षेत्र
तकनीकी सहयोग पर समझौता: व्यापार और आर्थिक सहयोग में तकनीकी बाधाओं को दूर करने के लिए उचित माहौल के निर्माण की बात पर भी सहमति व्यक्त की गई है.  रूस के एक्रान और भारत के एनएमडीसी के बीच 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत वाली पोटाश माइन योजना को रुस में विकसित करने पर भी सहमति व्यक्त की गई है. रूस और एस्सार समूह के व्नेशटरबैंक (वीटीबी) के बीच समझौते के अनुसार 1 बिलियन डॉलर का राशि एस्सार को आवंटित करने की बात कही गई है.
    फिक्की और डेलोवाया रुसेया के बीच समझौते के अनुसार प्रत्यक्ष निवेश निधि को मजबूत बनाने के लिए नए क्षेत्रों की पहचान करने पर सहमति व्यक्त की गई है.  
    इलेक्ट्रॉनिक्स और भारत के सॉफ्टवेयर निर्यात संवर्धन परिषद (ESEPCI) और रूस के यूनिवर्सिटीस ग्लोबली फाउंडेशन के बीच समझौते के अनुसार संयुक्त उद्यम, रणनीतिक गठजोड़ के माध्यम से और संयुक्त अनुसंधान और विकास में नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए इन क्षेत्रों में कंपनियों को सक्षम करने पर सहमति व्यक्त की गई है.
    भारत और रूस के रोटेक की विंड टर्बाइन प्राइवेट लिमिटेड के बीच समझौते के अनुसार पवन ऊर्जा उपकरणों में दोनों कंपनियों के बीच सहयोग पर सहमति व्यक्त की गई है.
    समाचारों के आदान-प्रदान और समाचार मदों का उपयोग करने के लिए भारतीय और रुसी समाचार एजेंसियों पीटीआई और टीएएसएस के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
स्वास्थ्य क्षेत्र
स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता: एचआईवी / एड्स , कैंसर विज्ञान, जैव सूचना विज्ञान एवं बायोमागिंग, न्यूरो, वैक्सीन शोध और  स्वास्थ्य के विभिन्न क्षेत्रों में शोध के लिए सहमति व्यक्त की गई है.

अंतरिक्ष
ईआईआरईएनई प्रणाली और ग्लोनास संघ के बीच समझौते कए अनुसार भारत में नेविगेशन प्लेटफार्म और भौगोलिक सूचना प्रणाली जैसी परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए योगदान सहमति व्यक्त की गई है.
रक्षा
रूस के रक्षा प्रतिष्ठानों में भारतीय रक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए अनुबंध किया गया है.

टिप्पणी-
विभिन्न नए समझौतों पर हस्ताक्षर होने के बाद यह कह गया है कि वैश्विक स्तर पर भारत के विकल्पों में वृद्धि होने के बाद भी रुस भारत का सबसे भरोसेमंद रक्षा सहयोगी बना रहेगा.

महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की-(31-DEC-2014) C.A

|
महेंद्र सिंह धोनी ने तत्काल प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा 30 दिसंबर 2014 को की. धोनी ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों में खेलने के दबाव का हवाला देकर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया. अब वह एकदिवसीय और टी-20 प्रारूप पर ध्यान केंद्रित करना चाहते है.
महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का निर्णय मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट (एमसीजी) के बाद किया. यह मैच  ड्रा हो गया. इसके साथ ही भारत यह सीरीज भी हार गया. हालांकि, धोनी ने  तीनों प्रारूपों में 134 खिलाड़ियों के स्टंपिंग के कुमार संगकारा के रिकॉर्ड को पीछे कर दिया.
विराट कोहली सिडनी में 6 जनवरी से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू होने वाले चौथे टेस्ट के लिए भारतीय टीम के कप्तान होंगे. भारत पहले ही यह सीरीज हार चुकी है.
महेंद्र सिंह धोनी
·         महेंद्र सिंह धोनी ने दिसंबर, 2005 में चेन्नई में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया.
·         महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारत टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक टीम बनीं.
·         वह वर्ष 2008 में भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के कप्तान बने.
·         महेंद्र सिंह धोनी ने अपने करियर में 90 टेस्ट मैच खेले और 144 पारियों में 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए, जिनमें छह शतक और 33 अर्द्धशतक शामिल हैं.
·         महेंद्र सिंह धोनी का टेस्ट क्रिकेट उच्चतम स्कोर 224 रन है.
·         धोनी सर्वाधिक टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का नेतृत्व करने वाले कप्तान हैं.

·         उन्होंने कुल 60 मैचों में कप्तानी की, जिनमें से 27 में टीम को विजय हासिल हुई और 18 में हार का सामना करना पड़ा, जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे.

नासा अंतरिक्ष मलबे को साफ़ करने के लिए गेक्को ग्रिपर्स को विकसित कर रहा है-(31-DEC-2014) C.A

|
पासाडेना, कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्सन प्रयोगशाला (जेपीएल) में शोधकर्ताओं द्वारा अंतरिक्ष मलबे जिसमें कक्षीय मलबे या ख़राब हो चुके उपग्रहों आदि वस्तुयें सम्मिलित हैं को साफ़ करने के लिए गेक्को ग्रिपर्स को विकसित करने हेतु प्रयास किया जा रहा हैं. गेक्को ग्रिपर मूल रूप से एक चिपकने वाला पदार्थ है. इस से संबंधित खबर को 19 दिसम्बर 2014 को जेट प्रोपल्सन प्रयोगशाला की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया था.

इस ग्रिप्पिंग प्रणाली को हारून परनेस जो एक जेपीएल में कार्य करने वाले एक रोबोटिक्स शोधकर्ता और ग्रिपर्स के लिए प्रमुख अन्वेषक है द्वारा विकसित किया गया है. यह प्रणाली गेको से प्रेरित है, जो छिपकलियों के एक गण गेक्कोटा से संबंधित हैं यह उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में सामान्यतया पायी जाती हैं. 

यह प्रणाली कैसे काम करती है 
विकसित किये जा रहे गेक्को ग्रिपर्स पर सिंथेटिक बाल हैं जो गेको छिपकलियों के पैरों पर पाए जाने वाले छोटे बाल की तरह हैं. इन सिंथेटिक बालों को स्ताल्क्स भी कहा जाता हैं. ये पच्चर के आकार के हैं और दूसरी तरफ ये मशरूम के टोपी जैसे है.

ग्रिप्पिंग पैड हल्के से किसी वस्तु के हिस्से को छू लेती है तो बालों का केवल उपरी भाग किसी वस्तु को छू पाता हैं, ग्रिपर्स की चिपचिपाहट को प्रारंभ या बंद किया जा सकता हैं साथ ही इनकी दिशा भी परिवर्तित की जा सकती हैं. 

गेक्को ग्रिपर्स की अस्थायी चिपचिपाहट वान डर वाल्स बल के प्रयोग के माध्यम से हासिल की जाती है. इस बल को नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी योहानेस डिडरिक वान डर वाल्स के नाम पर रखा गया है. जब वान डर वाल्स बल को चिपकने वाला पैड पर लागू किया जाता है, तो सिंथेटिक बाल झुक जाते हैं. 

इस तरह से बाल और सतह के बीच संपर्क का वास्तविक क्षेत्र बढ़ जाता है, जो अधिक से अधिक आसंजन के लिए संगत हैं. जब बल का प्रभाव समाप्त कर दिया जाता हैं तो बाल पुनः सीधे हो जाते हैं तथा इस प्रक्रिया से चिपचिपाहट बंद हो जाती है.

परमाणुओं के नाभिक की परिक्रमा करने वाले इलेक्ट्रॉनों का समान वितरण नहीं होने से हल्का विद्युतीय आवेश उत्पन्न होता हैं जिसके कारण ये अस्थायी चिपकने वाला बल उत्पन्न होता हैं. यह बल अत्यधिक तापमान, दबाव और विकिरण की स्थिति में भी जारी रह सकता हैं. 

सफल प्रयोग  
जेपीएल में 30 से अधिक अंतरिक्ष यान की सतहों का परीक्षण ग्रिपर्स की सटीकता की जाँच करने के लिए किया जा चुका हैं. इससे पहले अगस्त 2014 में, एक परीक्षण उड़ान नासा के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी मिशन निदेशालय द्वारा गेक्को ग्रिपर परियोजना को जांचने के लिए की गयी थी.
 
परीक्षण के दौरान नासा के सी – 9 बी की उड़ान के दौरान विमान पर सवार शोधकर्ताओं ने भारहीनता की संक्षिप्त अवधि में ग्रिपर्स का इस्तेमाल किया. परीक्षण के दौरान ग्रिपर्स एक 20 पौंड के घन जो तैर रहा था को पकड़ने में सफल रहा इसके साथ ही ग्रिपर्स अंतरिक्ष यान सामग्री पैनलों से बना एक बनियान पहने एक शोधकर्ता जो 250 पौंड वस्तु के बराबर था को पकड़ने में भी सफल रहा. इन ग्रिपर्स का जेपीएल थर्मल निर्वात चैम्बर में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है, कुल निर्वात की स्थिति और 76 डिग्री फारेनहाइट के नीचे (शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस निचे) के तापमान जो अंतरिक्ष की शर्तों के अनुकरण करने के समान हैं.

इसका 30000 से अधिक चक्र में चालू और बंद करके परिक्षण किया गया, इसके बाद भी इसका चिपकाने का गुण अच्छे से कार्य करता रहा. उसके पश्चात् कई प्रोटोटाइप के डिजाइन तैयार किये जा चुके है.

गेक्को ग्रिपर का उपयोग 
कक्षीय मलबे को साफ़ करने के अलावा, ये ग्रिपर्स अंतरिक्ष यान के निरीक्षण में मदद कर सकता है या छोटे उपग्रहों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉकिंग में सहायता करते हैं. इस प्रणाली द्वारा  अंतरिक्ष में घूम रही वस्तुओं को आसानी से पकड़ा जा सकता हैं, अन्यथा उनको लक्षित करना कठिन होता हैं.

इस तरह के उपकरण की क्या जरूरत है 
पृथ्वी की कक्षा में 3.9 इंच (10 सेंटीमीटर) से भी बड़े 21000 से अधिक टुकड़े कक्षीय मलबे से तैर रहे हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष निगरानी नेटवर्क नियमित तौर पर इन वस्तुओं की निगरानी करता हैं. 2009 में, एक आकस्मिक टक्कर एक कार्यकारी संचार उपग्रह और मलबे के एक बड़े टुकडें के बीच हुई थी जिसमें उपग्रह नष्ट हो गया था.

इंडोनेशिया में बीटल जीनस ट्रिगोनोप्टेरस की 98 नई प्रजातियों की खोज की गई-(30-DEC-2014) C.A

| Tuesday, December 30, 2014
शोधकर्ताओं ने जावा, बाली और अन्य इंडोनेशियाई द्वीप समूहों में बीटल जीनस ट्रिगोनोप्टेरस की 98 नई प्रजातियों की खोज की. नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम कार्लज़ूए, जूलॉजिकल स्टेट कलेक्शन म्यूनिख और इंडोनेशियाई रिसर्च सेंटर ऑफ़ बायोलॉजी के शोधकर्ताओं ने यह खोज की और दिसंबर 2014 के तीसरे सप्ताह में जर्नल जूकीज में निष्कर्षों को प्रकाशित किया.
इंडोनेशिया में खोजी गयी इन 98 नई बीटल की प्रजातियों में से एक प्रजाति का नाम प्रसिद्ध अंग्रेजी प्रकृतिवादी सर डेविड एटनबरो के नाम पर रखा गया. यह पिछले 50 वर्षों में उनके द्वारा किये गए काम को पहचान प्रदान करने के लिए रखा गया.
बीटल की ट्रिगोनोप्टेरस एटनबरोगी लाल-भूरे रंग की और 2.63 मिली मीटर लम्बाई की हैं. इस प्रजाति को बाली वन क्षेत्रों में पाया गया हैं जिसको नियमित रूप से पैकेज टूर द्वारा दौरा किया जाता हैं.

इन बीटल प्रजातियों में से कई छोटे क्षेत्रों तक ही सीमित हैं और कभी कभी वे एक ही इलाके में ही पाए जाते हैं. ये बीटल पंखहीन हैं और साधारणतया ये लाखों वर्षों तक एक ही जगह पर रहते हैं एवं इनकी गतिशीलता बहुत निम्न होती हैं. इससे पहले एक टिड्डा, एक पेड़, एक प्रकार का झींगा और एक मकड़ी की प्रजाति का नाम एटनबरो के नाम पर रखा जा चुका हैं.

केंद्र सरकार ने ‘मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन’ योजना का आरंभ किया-(30-DEC-2014) C.A

|
केंद्र सरकार ने 25 दिसंबर 2014 को मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशनयोजना का आरंभ किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में इस मिशन की शुरुआत की.
यह मिशन बारहवीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत करीब 900 करोड़ रुपये के बजट के अनुमान के साथ शुरू किया गया. यह व्यापक शिक्षा शास्त्र में शिक्षकों, शिक्षण, शिक्षकों की तैयारी, व्यावसायिक विकास, पाठ्यक्रम डिजाइन, डिजाइनिंग और विकसित आंकलन व मूल्यांकन पद्धति व शोध से संबंध रखने वाले सभी मुद्दों को प्रभावी बनाने के उद्देश्य के साथ शुरू किया गया.
एक तरफ यह मिशन वर्तमान व आवश्यक मुद्दों जैसे योग्य शिक्षकों की आपूर्ति, हुनरमंद व्यक्तियों को शिक्षा के व्यवसाय की ओर आकर्षित करने और स्कूलों व कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास है. वहीं, दूसरी तरफ यह मिशन शिक्षकों के मजबूत पेशेवर कैडर के निर्माण व उनके दीर्घकालीन उद्देश्यों की ओर देखता है. साथ ही आविष्कार परक या अनोखी शिक्षा के लिए उच्च श्रेणी की शिक्षण सुविधाएं मुहैया कराने और शिक्षकों के पेशेवर विकास की तरफ भी ध्यान केंद्रित करता है.
यह मिशन आवश्यक और दीर्घकालीन उद्देश्यों हेतु शिक्षा क्षेत्र के कार्यक्रमों के स्तर व क्षेत्रों जैसे उच्च, तकनीकी इत्यादि में बांटे बिना इन पर समान रूप से ध्यान देगा. यह मिशन एक छतरी योजना की तरह होगा जो वर्तमान केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय या स्वायत्त संस्थाओं के अधीन संचालित शिक्षण व संस्थाओं और शिक्षकों को उन्नत करने के बीच तालमेल स्थापित करेगा.
मिशन के मुख्य भाग जैसे शिक्षा विद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ), पाठ्यक्रमों और पद्धति के लिए उत्कृष्टता केंद्र शिक्षकों के अंतर विश्वविद्यालयीय केंद्र, शिक्षा के लिए राष्ट्रीय संसाधन केंद्र, अकादमिक नेतृत्व और शिक्षा प्रबंधन केंद्र, नई खोज, पुरस्कार, शिक्षण संसाधन ग्रांट, कार्यशाला व सेमिनार और पाठ्यक्रम नवीनीकरण व सुधार के लिए विषय नेटवर्क होंगे.

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कैंपस में वाईफाई की सुविधा को शुरू किया. उन्होंने अंतर विश्वविद्यालयीय पट्टिका का अनावरण किया और वाराणसी महोत्सव की भी शुरुआत की.

एयर एशिया का विमान 162 यात्रियों सहित गायब हुआ-(30-DEC-2014) C.A

|
इंडोनेशिया से सिंगापुर जा रहा,एयर एशिया का एक विमान क्यूजेड 8501 (QZ8501) हवाई यातायात नियंत्रणकर्ताओं से संपर्क टूटने के बाद 28 दिसम्बर 2014 को गायब हो गया. इस विमान में कुल 162 लोग सवार हैं.

जकार्ता हवाई यातायात नियंत्रक से विमान क्यूजेड 8501 का संपर्क स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजकर 24 मिनट के ठीक बाद टूट गया था. विमान की जानकारी अभी नहीं मिल सकी है. जिस समय विमान से संपर्क टूटा, उस समय यह इंडोनेशियाई उड़ान सूचना क्षेत्र (एफआईआर) में था और सिंगापुर-जकार्ता की एफआईआर सीमा से 200 एनएम से अधिक दक्षिणपूर्व में था.

विमान के साथ संपर्क इसके उड़ान भरने के 42 मिनट बाद टूट गया था. विमान में कोई भारतीय नागरिक सवार  नहीं था. विमान पर 155 यात्री और चालक दल के सात सदस्य सवार थे. स्थानीय समयानुसार सुबह पांच बज कर बीस मिनट पर विमान ने इंडोनेशिया के सुराबाया से उड़ान भरी और इसे सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे पर सुबह साढ़े आठ बजे उतरना था. यह विमान ए 320-200 एयरबस थी और इसकी पंजीकरण संख्या पीके-एएक्ससी थी. 

विमान को खोजने के लिए अभियान जारी हैं और एयर एशिया बचाव कार्यों में अपना पूरा सहयोग कर रही है. एयर एशिया इस क्षेत्र में एक किफायती विमानसेवा के तौर पर काफी लोकप्रिय है.यह लगभग 100 स्थानों की यात्रा करती है और कई एशियाई देशों में इसकी सहायक कंपनियां हैं.

एयर एशिया के संपर्क टूटने की इस घटना से लगभग 10 माह पहले मलेशियाई एयरलाइन्स का विमान एमएच 370 लापता हो गया था. वह विमान आठ मार्च को दक्षिणपूर्वी एशिया पर रडार के क्षेत्र से बाहर चला गया था. खोजकर्ताओं को अभी  तक एमएच 370 का कोई मलबा नहीं मिला है. अधिकारियों का मानना है कि वह विमान दक्षिणी हिंद महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. इसके अलावा यूक्रेन विद्रोहियों ने मलेशिया के एक यात्री विमान को अभी हाल ही कुछ महीनों पहले मार गिराया था.

एयर एशिया ने विमान में सवार यात्रियों के परिजनों और मित्रों के लिए आपताकालीन केंद्र शुरू किया. जिसका नंबर +622129850801 है.

बीसीसीआई ने संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के कारण प्रज्ञान ओझा पर प्रतिबंध लगाया-(30-DEC-2014) C.A

|
बीसीसीआई ने भारतीय टीम से बाहर चल रहे बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा को 27 दिसम्बर 2014 को संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के कारण उनके गेंदबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया. प्रतिबंध लगने के बाद वह गेंदबाजी एक्शन में सुधार के लिए चेन्नई जाएंगे.

बीसीसीआई ने ओझा के घरेलू राज्य संघ हैदराबाद को आधिकारिक रूप से सूचित किया है कि उनके गेंदबाजी एक्शन में सुधार की जरूरत है, जिसके बाद इस गेंदबाज को सेना के खिलाफ होने वाले रणजी ट्राफी मैच की टीम से हटा दिया गया.

प्रज्ञान ओझा 
सबसे तेजी से 100 विकेट चटकाने वाला भारतीय गेंदबाज होने के बावजूद पिछले कुछ समय से ओझा के एक्शन पर संदेह के बादल छाए थे.
प्रज्ञान भारतीय गेंदबजी में सबसे तेज 100 विकेट लेने वाले एक मात्र खिलाड़ी है. इसके बावजूद भी उनके गेंदबजी एक्शन पर काफी समय से संदेह बना हुआ था. 
ओझा ने 24 टेस्ट मैंच में 113 विकेट तथा 18 वनडे मैचों में 21 खिलाडियों को आउट किया था.  
इसके अलावा वह अभी तक 6 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैंच खेले हैं जिसमें उन्होंने अपनी गेंदबाजी के आगे 10 खिलाडियों को मैदान छोड़ने पर मजबूर किया.
ओझा को मुंबई इंडियंस ने रिलीज कर दिया था,लेकिन हाल में बीसीसीआई ने उन्हें 50 लाख रुपये की राशि का ग्रेड बी रिटेनरशिप अनुबंध दिया था.

मोबाइल पर एसएमएस से मिलेगी चक्रवात के आने की चेतावनी-(30-DEC-2014) C.A

|
25 दिसंबर को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व भू विज्ञान मंत्रालय द्वारा एसएमएस आधारित चक्रवात चेतावनी सिस्टम शुरू किया गया, जो चक्रवात, सुनामी और मौसम संबंधी अन्य प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी उपलब्ध कराएगा.

यह सिस्टम प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत सुशासन दिवस के मौके पर लॉन्च किया गया.

एसएमएस आधारित चक्रवात चेतावनी तंत्र के मुख्य बिंदु 
इस वेब आधारित संचालन तंत्र के अंतर्गत, भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी)  द्वारा उन लोगों को एसएमएस भेजा जाएगा जो मौसम विभाग की अधिकृत वेबसाइट पर पंजीकृत होंगे.

मौसम विभाग द्वारा एसएमएस आधारित चेतावनी तंत्र के लिए इलेक्टानिक्स और सूचना तकनीक विभाग, डीईआईटी की मोबाइल सेवा का उपयोग करेगा.

चेतावनी के बारे में सूचनाएं जिला प्रशासन, जिलाधिकारी कलेक्टर के अलावा मछुआरों, किसानों और आम आदमी को प्रचारित की जाएंगी.

ब्रिटिश अभिनेता डेविड रयाल का निधन-(30-DEC-2014) C.A

|
ब्रिटिश अभिनेता डेविड रयाल का 25 दिसंबर 2014 को निधन हो गया. वह 79 वर्ष के थे. हैरी पॉटर एंड द डेथली हैलोज-पार्ट 1’ में अलफियस डॉज की भूमिका निभाने वालेडेविड रयाल बहुत ही लोकप्रिय अभिनेता थे.

डेविड रयाल से सम्बंधित मुख्य तथ्य  
डेविड रयाल बेहद प्रतिभाशाली और शानदार अभिनेता थे. 
वह सिर्फ हैरी पॉटर के लिए नहीं जाने जाते हैं, बल्कि पांच दशक से भी लंबे करियर में उन्होंने कई अन्य फिल्मों और टेलीविजन में खूब वाहवाही बटोरी. 
डेविड ने सिटी ऑफ एंबर, ‘अराउंड द वर्ल्ड इन 80 डेजतथा द एलिफेंट मैनजैसी फिल्मों में भी अभिनय किया.
हैरी पॉटर एंड द डेथली हैलोज-पार्ट 1’में उन्होंने अभिनेता पीटर कार्टराइट का स्थान लिया था.
वे टेलीविजन धारावाहिक द विलेजऔर द सिंगिंग डिटेक्टिव के लिए जाने जाते हैं.
उनके परिवार में बेटे संगीतकार जोनाथन रयाल और बेटियां-गायिका इमोजन रयाल तथा अभिनेत्री चार्ली हैं.

भारत ने मॉरीशस को पहला तटरक्षक युद्धपोत बाराकुडा निर्यात किया-(30-DEC-2014) C.A

|
भारत ने 20 दिसंबर 2014 को मॉरीशस को अपतटीय गश्ती पोत (ओपीवी) सीजीएस बाराकुडा का निर्यात किया. यह भारत के शिपयार्ड से एक विदेशी देश को निर्यात किया गया पहला युद्धपोत है.
सीजीएस बाराकुडा 58 मिलियन अमरीकी डॉलर (365 करोड़ रुपए) की लागत से निर्मित युद्धपोत है. यह 74.10 मीटर लंबा हैं और 22 समुद्री मील (37 किलोमीटर प्रति घंटा) की अधिकतम गति व 1350 टन के अनुमानित विस्थापन के साथ आगे बढ़ने में सक्षम हैं. 
इसको सामान्य ओपीवी कार्यों जैसे- एंटी पायरेसी, तस्कर विरोधी, अवैध शिकार, खोज और बचाव कार्यों  के लिए तैयार किया गया है. इस ओपीवी की अतिरिक्त क्षमताओं में प्रदूषण के लिए प्रतिक्रिया, बाहरी अग्निशमन, और सैनिकों के समुद्र अभियान आदि सम्मिलित हैं. 

सीजीएस बाराकुडा सरकारी स्वामित्व वाली लघु रत्न कंपनी, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) कोलकाता द्वारा निर्मित एक ओपीवी है. 

इससे पहले, भारत ने छोटे हिंद महासागर के देशों मालदीव, सेशल्स और मॉरीशस को कई युद्धपोत भेंट किये हैं. सुकन्या श्रेणी के ओपीवी जिसको भारत ने इस्तेमाल किया तथा इस पोत को श्रीलंका को बेच दिया. अब यह श्रीलंका की नौसेना के प्रमुख युद्धपोत के रूप में कार्य कर रहा हैं. 

इसके अलावा गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) कोलकाता ने फिलीपींस नौसेना के लिए दो फ्रिगेट जिनमें प्रत्येक की कीमत 1000 करोड़ रुपए होगी के लिए भी बोली लगाईं हैं. यदि जीआरएसई यह बोली जीत जाती हैं जिसके लिए प्रमुख वैश्विक शिपयार्ड जिनमें स्पेन की नवान्टिया, फ्रांस की एसटीएक्स और कोरियाई बड़ी कंपनियां हुंडई और देवू बोली लगा रही हैं तो यह पहली बार होगा की भारत में निर्मित युद्धपोत का अंतरराष्ट्रीय निविदा में चयन किया जायेगा.

जाज़ शहनाई वादक बडी डिफ्रैंको का निधन-(30-DEC-2014) C.A

|
प्रसिद्ध अमेरिकी जाज़ शहनाई वादक बडी डिफ्रैंको का एक संक्षिप्त बीमारी के बाद 24 दिसंबर 2014 को निधन हो गया. वह 91 वर्ष के थे.

बडी डिफ्रैंको से सम्बंधित मुख्य तथ्य 
मूलतः वह  बोनिफेस फर्डिनेंड लियोनार्डो डिफ्रैंको के रूप में जाने जाते थे. उनका जन्म कैमडेन, न्यू जर्सी में हुआ था.
उन्होंने केवल पांच साल की उम्र में सारंगी बजाना सीखा था. और चार साल बाद शहनाई बजाने पर अपनी कला का प्रदर्शन करना शुरू किया.
बडी डिफ्रैंको ने वर्ष 1966 से 1974 तक ग्लेन मिलर आर्केस्ट्रा का आयोजन किया था.
उन्हें कैनेडी सेंटर समारोह में कला जैज मास्टर के रूप में नामित किया गया था.
डिफ्रैंको के अमेरिकी जैज हॉल ऑफ फेम के सदस्य भी थे. उन्होंने 16 बार शीर्ष जाज शहनाई वादक के रूप में  ‘प्लेबॉय ऑल स्टार पुरस्कारभी प्राप्त किया था. 
पूरे 75 वर्षों तक वह अपनी कला का प्रदर्शन करते रहे.  
आज भी बडी डिफ्रैंको जाज़ महोत्सवमोंटाना विश्वविद्यालय में हर साल आयोजित किया जाता है.

चीन ने नेपाल को दी जाने वाली वित्तीय सहायता में पांच गुनी वृद्धि की-(27-DEC-2014) C.A

| Saturday, December 27, 2014
चीन ने नेपाल को दी जाने वाली वित्तीय सहायता में 2015-16 से पांच गुनी वृद्धि की. वित्तीय सहायता में वृद्धि की घोषणा चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने नेपाली विदेश मंत्री महेंद्र बहादुर पांडेय से बातचीत के बाद 26 दिसंबर 2014 को की. चीन ने यह सहायता नेपाल को उसके आधारभूत ढांचे के विकास के लिए प्रदान करेगा.


चीन के विदेश मंत्री इन दिनों नेपाल की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. उनकी यह यात्रा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित नेपाल यात्रा से पूर्व हो रही है. 

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार वांग ने कहा कि चीन नेपाल के साथ संबंधों को और मजबूती देने के लिए चाहता है कि दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय यात्राओं की रफ्तार और तेज हो.

वांग ने महेंद्र बहादुर पांडे से नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव और प्रधामंत्री सुशील कोइराला की समय पर चीन यात्रा की योजना बनाने को भी कहा. नेपाली राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात के अलावा वांग वहां की अन्य प्रमुख पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं से भी मिले.

इस यात्रा का भारत पर प्रभाव 
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने नेपाल की इस यात्रा के दौरान कहा कि नेपाल का भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों को देखकर चीन को खुशी है. भारत के साथ घनिष्ठ रिश्ता नेपाल के लिए फायदेमंद है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भारत और दक्षिण एशिया से जुड़ने के लिए नेपाल चीन के लिए एक सेतु की तरह काम करेगा.
 
चीन ने नेपाल से यह भी वादा किया है कि वह उसके नौ क्षेत्रों- व्यापार, निवेश, कृषि, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे का विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यटन, सुरक्षा व कानून प्रवर्तन और मानव संसाधन विकास में सुधार लाने में मदद करेगा. वांग ने कहा कि वर्ष 2022 तक नेपाल के कम विकसित देशों (एलडीसी) की सूची से बाहर निकलने के लिए उसके उद्देश्य की पूर्ति में चीन उसकी मदद करेगा. गरीबी से निपटने के प्रयास में नेपाल की चीन ने हमेशा मदद की है.

नेपाल को चीन की वित्तीय सहायता में वृद्धि करना, चीन द्वारा भारत के खिलाफ बढ़ाया गया एक और कूटनीतिक कदम है जो भारत के राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए काफी महत्वपूर्ण है.

विश्व की सबसे छोटी कान की मशीन ‘नैनोप्लग’ विकसित किया गया-(27-DEC-2014) C.A

|
शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने विश्व की सबसे छोटी कान की मशीन (हियरिंग एड, hearing aid) विकसित की. इसका नाम नैनोप्लग’ (Nanoplug)  रखा गया. जो बहरे लोगों को सुनने में सहायता प्रदान करती है. अंग्रेज़ी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा दिसंबर 2014 के चौथे सप्ताह में इस खबर को प्रकाशित किया गया.

नैनोप्लग की परिकल्पना सबसे पहले नेवेना जिविक ने की. उसके बाद औद्योगिक डिजाइनर जोंग ली, ऑडियो अभियंता माल्डेन स्टावरी और विद्युत अभियंता ज़ोरान मरिनोवि द्वारा निष्पादन के लिए प्रयोग में लाया गया. 

नैनोप्लग इतनी छोटी है कि इसको आसानी से देखा या खोजा नहीं जा सकता. इस नैनोप्लग की डिजाइनिंग का वित्तपोषण इंडीगोगो द्वारा की गई. इंडीगोगो वित्तपोषण करने वाला एक मंच है.
 
इस डिवाइस का विकास अमेरिका की फोटोनिक्स  एंडयूरे ननोबटेरी द्वारा किया गया को नैनो तकनीक के द्वारा किया गया. के क्षेत्र में प्रगति के द्वारा विशेष रूप से अमेरिका की फोटोनिक्स  एंडयूरे ननोबटेरी द्वारा ही संभव बनाया गया है जो कि रेत के एक दाने के आकार के समान है और रिचार्जिंग के बिना छह दिन तक काम करने के लिए सक्षम है. 

नैनोप्लग की मुख्य विशेषताएं
नैनोप्लग सूक्ष्म घटकों और एक नैनो बैटरी से बना हुआ है.
यह हियरिंग यन्त्र कम खर्चीला और सूक्ष्म होने कारण कम नज़र आने वाला है. 
डिवाइस का आकार सिर्फ 7.1 एमएम एक्स, 5.7 एमएम एक्स, 4.17 एमएमहै जो किसी अन्य हियरिंग यन्त्र के आकार का आधा है.
शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि हियरिंग यन्त्र के अंदर न तो कोई जहरीला रसायन, और न ही कोई  भारी धातु है.
नैनोप्लग को एक कंप्यूटर पर चलते हुए सॉफ्टवेयर का उपयोग करके प्रोग्राम किया जा सकता है और इसके परिणामों को डिवाइस के लिए एक केबल के माध्यम से सीधे डाउनलोड किया जा सकता है.
नैनोप्लग एक मशरूम के आकार के आस्तीन के अंदर मोटे तौर पर आयताकार रूप में सुरक्षित रखा हुआ यन्त्र है. 
एक उपकरण भी नैनोप्लग को हटाने के लिए प्रदान की जाती है.
नैनोप्लग कानों को पूरी तरह से भरभराता नहीं है जिसका अर्थ है कि यह पूरी तरह से ध्वनि को एक ही स्थान पर स्थानीकृत करने की अनुमति देता है.