कुडनकुलम नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र में 14 मई 2014
को वाल्व से गरम पानी का रिसाव होने से छह कर्मचारी घायल हो गए. यह
घटना उस समय घटी जब घायल टरबाइन इमारत से रखरखाव का काम बाहर ले जा रहे थे. घायलों
को घटना स्थल पर प्राथमिक उपचार के पश्चात अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.
भारत ने अक्तूबर 2013 में पहली बार रूस
निर्मित ऊर्जा संयंत्र से बिजली पम्पिंग शुरू किया था.
वर्ष 2012 में संयंत्र को
स्थानीय विरोध और ग्रामीणों द्वारा हिंसक प्रदर्शन का सामना करना पड़ा, ग्रामीणों का कहना था यह उनकी सुरक्षा के लिए एक खतरा है.
कुडनकुलम नाभिकीय ऊर्जा
संयंत्र
कुडनकुलम नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र एक नाभिकीय ऊर्जा केंद्र
है जो भारत के तमिलनाडु राज्य के तिरुनेलवेली जिले में स्थित है. संयंत्र का पहला
रिएक्टर पहला प्रेशराइज्ड वाटर रिएक्टर है जो भारत में लाइट जल रिएक्टर श्रेणी के
अंतर्गत आता है.
संयंत्र का निर्माण 31 मार्च 2002
को शुरू हुआ, लेकिन विलंब का सामना करना पड़ा.
संयंत्र का पहला रिएक्टर 13 जुलाई 2013
को बनकर तैयार हुआ. संयंत्र का संचालन निर्धारित समय के छह साल बाद
शुरु किया गया. वर्ष 2013 के 22 अक्टूबर
को यूनिट 1 को दक्षिणी पावर ग्रिड के साथ जोड़ा गया था.
दोनों इकाइयों की कुल लागत 13,171
करोड़ रुपये थी जिसे बाद में बढाकर 17,270 करोड़
रुपए किया गया था. रूस ने दोनों इकाइयों के लिए 6416 करोड़
रुपए का ऋण प्रदान किया.
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