केंद्रीय मंत्रिमंडल ने असम के नामरूप में अमोनिया यूरिया परिसर की स्थापना को मंजूरी दी-(25-MAY-2015) C.A

| Monday, May 25, 2015

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21 मई 2015 को असम के नामरप में अमोनिया- यूरिया कॉम्पलेक्स की स्थापना को अपनी मंजूरी दे दी. कॉम्पलेक्स की स्थापना एक संयुक्त उपक्रम (जेवी) के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड से होगी. प्रस्तावित संयुक्त उपक्रम में पीएसयू ब्रहमपुत्र वेली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड ( बीवीएफसीएल) असम सरकार और आइल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत, क्रमशः 11 प्रतिशत और 26 प्रतिशत इक्विटी हॉल्डिंग और शेष 52 प्रतिशत प्राइवेट/पब्लिक सेक्टर की संस्थाओं का होगा, जो कि प्रतियोगिी निविदा प्रक्रिया के द्वारा सूचित किया जाएगा. 
अमोनिया-यूरिया कॉम्पलेक्स के कार्य
इसकी प्रतिवर्ष क्षमता 8.64 लाख मीट्रिक टन होगी और इसके संचालन पर 4500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. 
प्लांट में नवीनतम तकनीक वाली अंतर्राष्ट्रीय मानक युक्त उच्च ऊर्जा दक्षता यूनिट होगी और वर्तमान इकाइयों के लिए इतनी ही मात्रा में प्राकृतिक गैस उपलब्ध होगी, नई इकाई के साथ यूरिया का उत्पादन क्षेत्र दोगुने से भी अधिक हो जाएगा, यह 3.6 टन से बढ़कर 8.64 लाख मीट्रिक टन प्रतिवर्ष हो जाएगा. 
इस इकाई से होने वाला यूरिया का समस्त उत्पादन नीम कोटेड होगा ताकि नीम के लाभ उत्तर पूर्व क्षेत्र के किसानों तक भी पहुंच पाएं.

अमोनिया-यूरिया कॉम्पलेक्स का महत्व
यह उत्तर पूर्व क्षेत्रों बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में बढ़ रही यूरिया की मांग को पूरा करेगा और पश्चिम से केंद्रीय क्षेत्रों तक यूरिया के परिवहन में होने वाली परेशानी को दूर कर सरकार की भाड़ा सब्सिडी में भी बचत करेगा. यह उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए विकास के नए द्वार खोलेगा क्योंकि इसकी स्थापना के साथ क्षेत्र में रोजगार का अवसर बढ़ेगा और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी. वर्तमान में भारत को प्रतिवर्ष 310 लाख मीट्रिक टन की मांग को पूरा करने के लिए 80 लाख मीट्रिक टन यूरिया का आयात करना पड़ता है. इस नई इकाई के संचालन और पांच इकाइयों, जिनके सबंध में हाल ही के महीनों में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी अनुमति दी है के पुनः शुरू होने से भारत यूरिया का निर्यात करने लगेगा. इससे सरकार के 600 करोड़ रुपये की सालाना बचत होगी. पांच इकाइयां ओडिशा के तालचेर, तेलंगाना के रामागुंडम, बिहारी के बरौनी, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और झारखंड के सिंद्री में फर्टिलाइजर कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआईएल) के अधीन संचालित हैं.

हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल अस्त्र का चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज से सफल परीक्षण-(24-MAY-2015) C.A

| Sunday, May 24, 2015

भारत ने स्वदेश निर्मित हवा से हवा में मार करने में सक्षम अस्त्र मिसाइल का लड़ाकू विमान सुखोई-30 से 20 मई 2015 को सफल परीक्षण किया.
अस्त्र मिसाइल का सुखोई-30 से परीक्षण ओडि़शा के चांदीपुर के परीक्षण रेंज से किया गया. इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया और यह सुपरसोनिक गति से दुश्मन के विमान को नष्ट कर सकती है.
यह भारत की पहली स्वदेश निर्मित दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जो हर मौसम में दुश्मन के ठिकानों को भेद सकने में सक्षम है.
इससे पहले अस्त्र का सफल परीक्षण 4 मई 2014 को नौसेना के पश्चिमी कमान क्षेत्र में किया गया था.
अस्त्र मिसाइल के बारे में
यह भारत की पहली दृष्टि से परे (बीवीआर) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. सभी प्रकार की परिस्थितियों में काम करने में सक्षम और आधुनिक तकनीक पर आधारित इस मिसाइल को डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया.
3.8 मीटर लंबी अस्त्र मिसाइल डीआरडीओ की सबसे छोटी मिसाइल है. इसे विभिन्न उंचाइयों से प्रक्षेपित किया जा सकता है. यह 15 किलोमीटर की ऊंचाई से प्रक्षेपित  किए जाने पर 110 किलोमीटर और 8 किलोमीटर की ऊंचाई से प्रक्षेपित किए जाने पर 44 किलोमीटर और समुद्र की सतह से प्रक्षेपित किए जाने पर 21 किलोमीटर तक जा सकती है.

जापानी वैज्ञानिकों ने तत्व की नयी अवस्था जैन-टेलर-मेटल की खोज की-(24-MAY-2015) C.A

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जापानी वैज्ञानिकों ने 14 मई 2015 को तत्व की नयी अवस्था की खोज की. यह तत्व एक इंसुलेटर, सुपरकंडक्टर, धातु एवं चुंबक जैसा प्रतीत होता है.

यह अध्ययन तोकुहू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कोस्मस प्रसीडेस द्वारा किया गया. इसमें उन्होंने पाया कि सुपरकंडक्टर कार्बन-60 मौलिक्युल्स अथवा बकीबॉल्स से मिलकर बना है.
इस शोध का साइंस एडवांसेज नामक पत्रिका में वर्णन किया गया है. इसमें सीज़ियम फ्लुराइड (Cs3C60) की मौजूदगी से यह अन्य तत्वों से स्वयं को भिन्न करता है. इस शोध से पता चला है कि यह नया तत्व उच्च तापमान पर भी नए अणुओं का विकास कर सकता है.

शोध से पता चला है कि इस तत्व में इंसुलेशन, धातु तथा अतिचालकता का मिश्रण है. यह शोध इस बात की ओर इंगित करता है कि अणुओं की इलेक्ट्रॉनिक संरचना इलेक्ट्रॉन्स के बीच अतिचालकता का कारण बन सकती है.

अतिचालक विभिन्न तत्वों से मिलकर बनने वाली संरचना है जो विद्युत धाराओं को प्रवाहित करने के उपरांत शून्य प्रतिरोध पैदा करती है. इसमें तीन अलकाई धातुओं एवं अणुओं का दो दशकों से भी अधिक समय तक अध्ययन करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सका.

महाराष्ट्र के सिन्धुदुर्ग तटीय क्षेत्र में 100 वर्ष बाद देखी गयी ब्लू व्हेल-(24-MAY-2015) C.A

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महाराष्ट्र के सिन्धुदुर्ग तटीय क्षेत्र में शोधकर्ताओं के एक समूह ने ब्लू व्हेल को अप्रैल 11, 16, 30 एवं 6 मई को अचरा, तर्करली, तलाशिल एवं सर्जकोट स्थानों पर 15 मीटर की गहराई पर देखा.
विदित हो कि इससे पहले महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में ब्लू व्हेल को वर्ष 1914 में देखा गया था.

शोधकर्ताओं की यह टीम भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के एक संयुक्त कार्यक्रम के तहत अध्ययन के लिए डॉल्फिन की खोज कर रही थी उसी दौरान तट से केवल 600 मीटर की दूरी पर ब्लू व्हेल देखी गईं.
वर्ष 2010 में मंगलौर के तटीय क्षेत्र पर भी ब्लू व्हेल देखी गयी थी.
महाराष्ट्र के मुख्य वन संरक्षक एन वासुदेवन के अनुसार विश्व में 10,000 से भी कम ब्लू व्हेल हैं. ब्लू व्हेल की लंबाई औसतन 30 मीटर तथा वजन 180 टन होता है.

कुलदीप मलिक भारतीय कुश्ती टीम के मुख्य राष्ट्रीय कोच नियुक्त-(24-MAY-2015) C.A

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भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने 18 मई 2015 को कुलदीप मलिक को भारतीय कुश्ती टीम का मुख्य राष्ट्रीय कोच नियुक्त किया. मलिक को विनोद कुमार के स्थान पर मुख्य राष्ट्रीय कोच नियुक्त किया गया.
द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता मलिक अभी तक महिला फ्रीस्टाइल के मुख्य कोच थे. वे पुरुष फ्रीस्टाइल टीम का कार्यभार भी संभालेंगे.
इसके अलावा भारतीय कुश्ती महासंघ ने रजनीश और रमानी चानू को बर्खास्त करने के बाद उनके स्थान पर पुरुष फ्रीस्टाइल टीम के सहायक कोच ओर महिला टीम के कोच भी नियुक्त किए.
पहलवान नरसिंह यादव और संदीप के निजी कोच जगमल सिंह को पुरुष फ्रीस्टाइल टीम का सहायक कोच नियुक्त किया गया, जबकि पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाडी कृष्णा आर्य को महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया.
गौरतलब है कि मई 2015 में दोहा में संपन्न हुई एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था.

विश्व बैंक का बिहार में प्राथमिक स्कूल के अध्यापकों हेतु 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने का निर्णय-(24-MAY-2015) C.A

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विश्व बैंक ने बिहार में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को अधिक योग्य, जवाबदेह एवं जिम्मेदार बनाने तथा उनकी कार्यकुशलता बढ़ाने में सहायक कार्यक्रमों के लिए अगले पांच वर्षो में राज्य सरकार को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 15.90 अरब रुपये) का ऋण देने का निर्णय लिया है. यह जानकारी 21 मई 2015 को दी गई.
विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित कार्यक्रम बिहार सरकार के स्कूली शिक्षा सुधार कार्यक्रम (मानव विकास कार्यक्रम, Manav Vikas Programme) का हिस्सा होगा. इस कार्यक्रम के तहत विशेषकर प्राथमिक स्तर के छात्रों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता में बड़े स्तर पर सुधार किये जा रहे हैं.

विश्व बैंक के अनुसार बिहार में प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार में सबसे बड़ी बाधा में से एक है. इन शिक्षकों की संख्या वर्ष 2020 तक 6 लाख के पार पहुंचने की संभावना है. हालांकि, विश्व बैंक के अनुसार बिहार की क्षमता प्रतिवर्ष 5000 से भी कम शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की है जबकि उसे प्रति वर्ष इससे दस गुणा अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है. बिहार में अध्यापकों की संख्या हाल में बढ़ने से अनुकूल माहौल में शिक्षकों को प्रशिक्षित करना और बड़ी चुनौती बन गया है.
लाभ 
विश्व बैंक के अनुसार यह कार्यक्रम शिक्षकों के प्रशिक्षण, प्रदर्शन और जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करके उन्हें वह कौशल और ज्ञान मुहैया करायेगा जिसकी उन्हें कक्षा में अधिक प्रभावी बनने के लिए आवश्यकता है. इस कार्यक्रम से बिहार के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में करीब चार लाख 50 हजार अध्यापकों को लाभ पहुंचेगा.

जाज संगीतज्ञ बॉब बेल्डन का निधन-(24-MAY-2015) C.A

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जाज संगीतज्ञ बॉब बेल्डन का 20 मई 2015 को निधन हो गया. वह 58 वर्ष के थे. बॉब बेल्डन के एक जाज संगीतकार, प्रबंधक और निर्माता थे. वह 1979 की क्रांति के बाद से ईरान में प्रदर्शन करने के लिए वर्ष 2015 में वहां का दौरा करने वाले पहले अमेरिकी संगीतकार थे.
बेल्डन बहु-कलाकार विषयगत एल्बमों की अवधारणा और उत्पादन के लिए जाने जाते थे जिसमें माइल्स फ्रॉम इण्डिया (2008) शामिल था जिस पर भारतीय और अमेरिकी संगीतकारों ने माइल्स डेविस धुनों का प्रदर्शन किया. इन्होंने तीन ग्रैमी अवार्ड जीते.

जे. जयललिता ने 5वें कार्यकाल के लिए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली-(24-MAY-2015) C.A

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ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव जे. जयललिता ने 5वें कार्यकाल के लिए तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के पद की शपथ 23 मई 2015 को ली. तमिलनाडु के राज्यपाल के. रोसैया ने मद्रास युनिवर्सिटी सेंटीनरी ऑडिटोरियम में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
इसके बाद राज्यपाल ने मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को दो बार में सामूहिक रूप से पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. तमिलनाडु की 14वीं विधानसभा में जयललिता बतौर मुख्यमंत्री 29 सदस्यीय मंत्रिमंडल का नेतृत्व करेंगी.

जयललिता के मंत्रिमंडल में वही लोग शामिल हैं, जो पूर्ववर्ती ओ. पन्नीरसेल्वम के मंत्रिमंडल में थे. उनके विभागों में भी बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि पूववर्ती सरकार में वन मंत्री रहे एम.एस.एम. आनंद और बिना किसी विभाग के मंत्री रहे पी. चेंदुर को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया.

विदित हो कि एआईएडीएमके ने वर्ष 2011 में विधानसभा चुनाव जीता था और तब जयललिता मुख्यमंत्री बनी थीं. लेकिन सितंबर 2014 में बेंगलुरू की एक अदालत ने उन्हें 18 वर्ष पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया था. अदालत ने उन्हें चार साल कैद की सजा सुनाई थी और उन पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी किया था.

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेंगलुरू की निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ जयललिता की अपील स्वीकार करते हुए उन्हें सभी आरोपों से 11 मई 2015 को बरी कर दिया.
  
मंत्री और उनके विभागों की सूची
मंत्री का नाम
मंत्रालय
ओ. पन्नीरसेल्वम
फाइनेंस, प्लानिंग, विधायी कार्य, पासपोर्ट, जनसेवा और सिंचाई.
नाथम आर. विश्वनाथन
बिजली, गैर पारम्परिक ऊर्जा और एक्साइज.
आर. वैथीलिंगम
आवास, शहरी विकास और एग्रीकल्चर.
के. पलानीस्वामी
राष्ट्रीय राजमार्ग, छोटे बंदरगाह और वन.
पी. मोहन
ग्रामीण उद्योग एवं श्रम.
बी. वालामार्थी
सामाजिक न्याय एवं दोपहर पौष्टिक आहार.
पी. पलानीअप्पन
उच्च शिक्षा.
सेल्लूर के. राजू
सहकारिता.
आर. कामराज
खाद्य, हिंदु सामाजिक संगठनों से जुड़े मामले.
पी. थंगामणि
उद्योग.
वी. सेंथिल बालाजी
परिवहन मंत्रालय.
एम.सी. संपत
बिजनेस टैक्स और रजिस्ट्रेशन.
एस.पी. बालामुनी
नगरीय प्रशासन, ग्रामीण विकास, कानून और जेल.
टी.के.एम. चिनैय्या
पशुपालन.
एस. गोकुला इंदिरा
हैंडलूम्स एंड टेक्सटाइल.
एस. सुंदरराज
खेल एवं युवा कल्याण.
एस.पी. षणमुगुनाथन
पर्यटन.
एन. सुब्रमण्यन
आदिवासी कल्याण.
के.ए. जयपाल
मत्स्य पालन.
एम. एन. सुब्रमण्यन
इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी.
आर.बी. उदयकुमार
राजस्व.
के.टी. राजेंद्र बालाजी
सूचना एवं स्पेशल प्रोग्राम इमप्लीमेंटेशन.
बी.वी. रामन्ना
दुग्ध एवं डेयरी.
के.सी वीरामणि
स्कूल शिक्षा.
एन.डी. वेंकटाचलम
पर्यावरण.
टी.पी. पोनाची
खादी एवं ग्रामीण उद्योग.
एस. अब्दुल रहीम
पिछड़ा विकास और अल्पसंख्यक कल्याण.
सी. विजय भास्कर
स्वास्थ्य.