पद्म भूषण से सम्मानित परमाणु वैज्ञानिक एन. श्रीनिवासन का 18 मई 2014 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 84
वर्ष के थे.
एन. श्रीनिवासन से संबंधित मुख्य तथ्य
• एन. श्रीनिवासन वर्ष 1953 में परमाणु ऊर्जा विभाग से जुड़े और ट्रॉम्बे में प्लूटोनियम संयंत्र के डिजाइन इंजीनियर थे.
• ‘वह कल्पक्कम स्थित रिएक्टर रिसर्च सेंटर के पहले परियोजना निदेशक रहे. रिएक्टर रिसर्च सेंटर का नाम बाद में बदलकर इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र कर दिया गया.
• उन्होंने तीव्र रिएक्टरों से जुड़ी सुविधाओं और संबंधित ईधन चक्र के विभिन्न कार्यक्रमों की भी जिम्मेदारी निभाई है.
• बाद में वह हैवी वाटर बोर्ड और परमाणु ईंधन काम्प्लेक्स के मुख्य कार्यकारी बने.
• इसके अलावा वह 1982 से 1987 के बीच परमाणु ऊर्जा आयोग के सदस्य भी रहे.
• एन. श्रीनिवासन को वर्ष 2000 में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था.
• उनके परिवार में पत्नी, पुत्री और पुत्र हैं.
• उन्हें वर्ष 2009 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग के 'लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया.
• एन. श्रीनिवासन वर्ष 1953 में परमाणु ऊर्जा विभाग से जुड़े और ट्रॉम्बे में प्लूटोनियम संयंत्र के डिजाइन इंजीनियर थे.
• ‘वह कल्पक्कम स्थित रिएक्टर रिसर्च सेंटर के पहले परियोजना निदेशक रहे. रिएक्टर रिसर्च सेंटर का नाम बाद में बदलकर इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र कर दिया गया.
• उन्होंने तीव्र रिएक्टरों से जुड़ी सुविधाओं और संबंधित ईधन चक्र के विभिन्न कार्यक्रमों की भी जिम्मेदारी निभाई है.
• बाद में वह हैवी वाटर बोर्ड और परमाणु ईंधन काम्प्लेक्स के मुख्य कार्यकारी बने.
• इसके अलावा वह 1982 से 1987 के बीच परमाणु ऊर्जा आयोग के सदस्य भी रहे.
• एन. श्रीनिवासन को वर्ष 2000 में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था.
• उनके परिवार में पत्नी, पुत्री और पुत्र हैं.
• उन्हें वर्ष 2009 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग के 'लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से सम्मानित किया गया.
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