विश्व कछुआ दिवसः 23 मई
दुनिया भर में 23 मई 2014
को विश्व कछुआ दिवस मनाया गया. यह दिन लोगों का ध्यान कछुओं की तरफ
आकर्षित करने और उन्हें बचाने के लिए किए जाने वाले मानवीय प्रयासों को
प्रोत्साहित करने के लिए मनाया गया.
अमेरिकी कछुआ बचाव (एटीआर) ने विश्व कछुआ दिवस मनाने की शुरुआत 1990
में की थी और तब से यह हर साल मनाया जाता है.
अमेरिकी कछुआ बचाव
(एटीआर) के बारे में
कछुओं की प्रजातियों को बचाने और उसकी रक्षा के लिए
गैरलाभकारी संगठन अमेरिकन टॉर्ट्वायज रेस्क्यू (एटीआर) की स्थापना 1990
में में हुई थी. इसकी स्थापना विश्व भर में मौजूद कछुओं और उनके
खत्म हो रहे निवास की रक्षा करने के लिए लोगों की मदद करने के उद्देश्य से की गई
थी. इस संगठन ने युवाओं और व्यस्कों को कछुओं को बचाने के लिए कुछ सुझाव दिए थे,
उनमें से कुछ हैं–
• पालतू जानवरों की
दुकान से कछुए न खरीदें क्योंकि इससे उनकी मांग बढ़ जाएगी.
• जब तक कि कछुआ घायल या
बीमार न हो उसे उसके प्राकृतिक निवास स्थल से बाहर नहीं लाया जाए.
कछुओं के बारे में
कछुओं की प्रजाति विश्व की सबसे पुरानी जीवित प्रजातियों
(लगभग 200 मिलियन वर्ष) में से एक मानी जाती है
और ये प्राचीन प्रजातियां स्तनधारियों, चिड़ियों ,सांपों और छिपकलियों से भी पहले धरती पर अस्तित्व में आ चुके थे.
जीववैज्ञानिकों के मुताबिक, कछुए इतने लंबे समय तक सिर्फ
इसलिए खुद को बचा सके क्योंकि उनका कवच उन्हें सुरक्षा प्रदान करता है.
अंटार्कटिका को छोडकर ये लगभग सभी महाद्वीपों में पाए
जाते हैं.
• बोग कछुए जो कि लंबाई
में सिर्फ चार इंच के होते हैं, सबसे छोटे कछुए होते हैं.
• 1500 पाउंड वजन वाले
लेदरी कछुए सभी कछुओं में सबसे बड़ा होता है.
कुछ ऐसे कछुए जिनकी
प्रजाति खतरे में है और उनके वैज्ञानिक नाम
• हॉक्सबिल कछुए–
इर्टमोकेलीसिमब्रीकाटा
• लेदरबैक कछुए– डर्मोकेलीस्कोरिएसा
लुप्तप्राय कछुए और उनके
वैज्ञानिक नाम
• ग्रीन कछुआ– केलोनिमेडस
• लॉग्गरहेड कछुए–
कारेट्टाकारेट्टा
कमजोर कछुए और उनके
वैज्ञानिक नाम
• ऑलिव रिडले कछुए–
लीपीडोकेलिसोलिवेका
• जायंट कछुए
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