आरबीआई ने दस वर्ष से अधिक के नाबालिगों को बैंकों में बचत खाता खोलने की अनुमति दी-(26-MAY-2014) C.A

| Monday, May 26, 2014
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 6 मई 2014 को दिशा-निर्देश जारी कर दस वर्ष से अधिक उम्र के नाबालिगों को स्वतंत्र रूप से बचत खाता खोलने और उसके परिचालन की अनुमति प्रदान की. इसके साथ ही, आरबीआई ने ऐसे नाबालिगों को एटीएम और चेक बुक जैसी अन्य सुविधाओं के इस्तेमाल की इजाजत भी दी.
अभी तक, बैंक नाबालिगों को सिर्फ उनके मातापिता या अभिभावकों के साथ खोले जाने वाले बैंक खातों को संचालित करने की अनुमति देते थे. मौजूदा नियमों के मुताबिक 18 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चे और किशोर नाबालिग माने जाते हैं.
आरबीआई ने यह कदम वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और बैंकों में नाबालिकों के खातों को खोलने और उसके परिचालन में एकरूपता लाने के उद्देश्य से उठाया है.
दिशा-निर्देशों की मुख्य विशेषताएं
•    अब सभी नाबालिग अपने प्राकृतिक मातापिता या कानूनी अभिभावकों के जरिए बचत/ फिक्स्ड/ आवर्ती बैंक जमा खाता खोल सकते हैं.
•    बैंक जोखिम प्रबंधन प्रणाली को ध्यान में रखते हुए नाबालिगों की उम्र और जमा खातों में अधिकतम धनराशि से संबंधित सीमा तय कर सकती है.
•    इसके साथ बैंकों के पास नाबालिगों के खाता खोलने के लिए आवश्यक न्यूनतम दस्तावेजों के बारे में फैसला लेने का भी अधिकार होगा.
•    इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम/ डेबिट कार्ड, चेक बुक सुविधा आदि देने के लिए बैंक स्वतंत्र होंगें. हालांकि यह स्वतंत्रता सुरक्षा उपायों के अधीन होगी जिसमें नाबालिगों के खाते से ओवरड्रॉन करने की अनुमति नहीं होगी और ये खाते हमेशा क्रेडिट में ही रहेंगें.
•    व्यस्क होने पर नाबालिग को अपने खाते में बैलेंस की पुष्टि करने की जरूरत होगी.
•    अगर खाता प्राकृतिक/ कानूनी अभिभावकों द्वारा संचालत किया गया था तो नए संचालन निर्देश और नाबालिग के हस्ताक्षर का नमूना लेकर उसे सभी संचालन उद्देश्यों के लिए रिकॉर्ड में रखना होगा.


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