अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के कॉकरेल स्कूल ऑफ
इंजीनियरिंग के वैज्ञानिकों ने जेट इंजन की गति वाली नैनोमोटर तैयार कर लेने की
घोषणा मई 2014 के तीसरे सप्ताह में की. यह अब तक की
सबसे छोटी और जेट इंजन की गति से चलने वाली मोटर है, जिसे
किसी मानव कोशिका के अंदर लगाई जा सकती है.
जेट इंजन की गति वाली यह नैनोमोटर भविष्य में ऐसी छोटी मशीनों को बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जिन्हें मरीज के शरीर के अंदर भेजकर बीमारी का इलाज किया जा सकेगा. इनके जरिए स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बगैर कैंसर का उपचार संभव होगा.
कॉकरेल स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के मैकेनिकल इंजीनियरिंग की सहायक प्रोफेसर डोंगले एमा फैन की अगुवाई में शोधकर्ताओं की टीम ने इसे डिजाइन किया.
मानव कोशिका के अंदर लगाई जा सकने में सक्षम यह सूक्ष्म
मोटर एक ‘सिंथेटिक मोटर’ है.
जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करने में सक्षम है. यह सबसे
ज्यादा देर तक चल सकने वाली मोटर भी है. इसका आकार नमक के एक दाने से भी 500
गुना छोटा है तथा यह 18000 आरपीएम की गति से
लगातार 15 घंटे घूमने में सक्षम है.
नैनो तकनीक
नैनो तकनीक विज्ञान का एक नवीनतम क्षेत्र है. इस तकनीक के अंतर्गत 100 नैनोमीटर (मीटर का सौ करोड़वां हिस्सा) से छोटे कणों (पार्टिकल्स) पर भी काम किया जाता है. ‘पॉलीमर’ और ‘कंप्यूटर चिप’ के निर्माण में नैनो तकनीक का प्रयोग वर्तमान में बड़े स्तर पर हो रहा है.
नैनो तकनीक विज्ञान का एक नवीनतम क्षेत्र है. इस तकनीक के अंतर्गत 100 नैनोमीटर (मीटर का सौ करोड़वां हिस्सा) से छोटे कणों (पार्टिकल्स) पर भी काम किया जाता है. ‘पॉलीमर’ और ‘कंप्यूटर चिप’ के निर्माण में नैनो तकनीक का प्रयोग वर्तमान में बड़े स्तर पर हो रहा है.
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