राज्य सभा ने 24 फरवरी 2015 को सर्वसम्मति से संविधान (अनुसूचित जाति)
आदेश संशोधन विधेयक, 2014 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. यह
विधेयक तीन राज्यों हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा
और एक केंद्र शासित प्रदेश- दादरा और नगर हवेली में अनुसूचित जातियों की सूची को
संशोधित करने का प्रयास है.
विधेयक के प्रावधान
• इस विधेयक में संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश,
1950 और संविधान (दादरा और नगर हवेली) अनुसूचित जाति आदेश,1962
को संशोधित करने का प्रस्ताव है.
• यह हरियाणा, कर्नाटक,
ओडिशा, और दादरा और नगर हवेली में अनुसूचित
जातियों की सूची में नए समुदायों को जोड़ने का प्रस्ताव है.
• उत्तराखंड की जगह राज्यं का नाम उत्तेरांचल
करने का प्रस्ताव है.
इसमें
निम्नलिखित जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है.
• हरियाणा: कबीरपंथी जुलाहा
• कर्नाटक: ओड, ओडे,
वेद्दार, वद्दार, बोवी
(गैर वेस्टा), कालूवद्दार और मनुवद्दार
• ओडिशा: रजक, रजाका,
अधूरिया डोम, खटिया, सपुआ
केला, नलुआ केला, सबाखिया केला,
मटिया केला, गोड़िया केला, खडल, खोदाल और बेत्रा
• दादरा और नगर हवेली: रोहित
पृष्ठभूमि
यह विधेयक पहले 11 फरवरी 2014 को पेश किया गया था लेकिन 15वीं लोकसभा में भंग कर
दिया गया. इसको फिर से इन राज्यों में अनुसूचित जातियों के खिलाफ सभी प्रकार के
अत्याचार समाप्त करने हेतु राजग सरकार द्वारा शुरू किया गया.
यह विधेयक एक बार फिर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341
के प्रावधानों के अनुसार संसद में पेश किया गया था. अनुच्छेद 341
संसद को अधिसूचना के माध्यम से अनुसूचित जातियों की सूची में से
जातियों को शामिल या बाहर करने का अधिकार प्रदान करती है.