पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय जनवरी 2018 में 'डीप ओशन मिशन' का शुभारंभ करेगा-(31-MAY-2017) C.A

| Wednesday, May 31, 2017
केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय जनवरी 2018 में ‘डीप ओशन मिशन’ का शुभारंभ करने के लिए तैयार है. यह मिशन समुद्र अनुसंधान क्षेत्र में भारत की वर्तमान स्थिति को बेहतर करेगा.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. राजीवन ने 30 मई 2017 को इस मिशन को शुरू करने की घोषणा की. भारत के अग्रणी निवेशक के दर्जे के तीन दशक – उपलब्धियां एवं आगे का रास्ता विषय पर आयोजित कार्यशाला में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की स्थायी समिति के सदस्य एम एस नागर, राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. वीएसएन मूर्थि भी मौजूद थे.
भारत विश्व का पहला ऐसा देश है जिसे गहरे समुद्र में खनन अन्वेषण के लिए पर्याप्त क्षेत्र दिया गया था. वर्ष 1987 में भारत को केन्द्रीय हिन्द महासागर बेसिन में पॉलिमेटालिक नोड्यूल्स में अन्वेषण का मौका मिला था.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित राष्ट्रीय पॉलिमेटालिक मोड्यूल कार्यक्रम के अंतर्गत नोड्यूल खनन हेतु सीएसआईआर-एनआईओ द्वारा पर्यावरण प्रभाव आकलन अध्ययन, सीएसआईआर-नेशनल मेटालर्जिकल लैबोरेट्री और सीएसआईआर- खनिज एवं धातु प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा धातु निष्कर्षण प्रक्रिया विकास और राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा खनन प्रौद्योगिकी विकास अध्ययन किया गया.
संसाधन मूल्यांकन के आधार पर, भारत के पास लगभग 100 मिलियन टन सामरिक धातुओं जैसे कॉपर, निकेल, कोबाल्ट और मैंगनीज और आयरन के अनुमानित संसाधन के साथ लगभग 75,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है.

अमेरिका ने बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण किया-(31-MAY-2017) C.A

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संयुक्त राज्य अमेरिका ने 30 मई 2017 को पहली बार इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल प्रतिरोधक प्रणाली (आईसीबीएम) का सफल परीक्षण किया. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन द्वारा इसे सफल परीक्षण बताया गया.

सेना द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि कैलिफोर्निया में वेन्देंबर्ग वायुसेना हवाई अड्डे से जमीन आधारित इंटरसेप्टर लॉन्च किया गया जिसने मार्शल द्वीपों में रीगल परीक्षण स्थल से छोड़ी गयी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को ध्वस्त कर दिया.
 US tests ICBM defence system

मुख्य बिंदु

•    अमेरिकी सेना ने आईसीबीएम किस्म की मिसाइल को प्रशांत महासागर के ऊपर छोड़ा.

•    इसके बाद कैलिफ़ोर्निया एयर फ़ोर्स बेस से मिसेल को नष्ट करने के लिए इंटरसेप्टर को छोड़ा गया.

•    विशेषज्ञों का मानना है कि यह परीक्षण एक गोली का दूसरी गोली से टकराने के समान था. परीक्षण को और कठिन बनाने के लिए दोनों स्थानों की दूरी को बढ़ा दिया गया था.

•    जमीन से हवा में किया गया यह अमेरिका का पहला आईसीबीएम रक्षा प्रणाली परीक्षण था. इसे बोइंग कंपनी द्वारा संचालित किया गया.

अमेरिकी मिसाइल रक्षा एजेंसी के निदेशक वाइस एडमिरल जिम सीरिंग ने कहा कि यह प्रणाली हमारे देश की रक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है और यह परीक्षण दिखाता है कि हम एक वास्तविक खतरे से निपटने में सक्षम हैं.

टिप्पणी


यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब अमेरिका और उत्तर कोरिया के मध्य तनाव काफी बढ़ गया है. उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गये प्रतिबंधों को भी मानने से इंकार कर दिया है. उत्तर कोरिया ने प्रतिबन्ध के बाद हाल ही में नौंवा मिसाइल टेस्ट किया है.

जनवरी 2017 में पेंटागन के वेपन टेस्टिंग ऑफिस द्वारा यह जानकारी प्रकाशित की गयी कि अमेरिका के जमीन आधारित इंटरसेप्टर आईसीबीएम को भेदने में कम सक्षम हैं.

केंद्र सरकार द्वारा एक रुपये का नोट जारी करने की घोषणा-(31-MAY-2017) C.A

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केंद्र सरकार द्वारा 30 मई 2017 को एक रुपये का नया नोट जारी करने की घोषणा की गयी है. कहा गया है कि यह अपने पिछले स्वरुप की तुलना में अलग रंग का होगा.

नवंबर 2016 में विमुद्रीकरण के बाद से सरकार द्वारा शुरू की जाने वाली यह तीसरी नई मुद्रा होगी. सरकार ने विमुद्रीकरण के दौरान 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को अचानक बंद कर दिया था.
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एक रुपये के नोट को वर्ष 1994 में प्रचलन से बाहर कर दिया गया था क्योंकि यह एक रुपये के सिक्कों की बजाये अधिक महंगा पड़ रहा था. इसी वर्ष 2 रुपये और 5 रुपये के नोटों को भी बंद कर दिया गया था ताकि बड़े नोटों को छापा जा सके.
मुख्य विशेषताएं

•    एक रुपये का नया नोट गुलाबी-हरे रंग का मिश्रण होगा. इस पर 'रुपये' का प्रतीक चिन्ह अंकित होगा. इसका आकार 9.7X 8.3 होगा.

•    नए नोट पर सबसे ऊपर ‘भारत सरकार’ लिखा होगा तथा नीचे ‘गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया’ लिखा होगा. उल्लेखनीय है कि भारत के अन्य नोटों पर ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ एवं ‘रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया’ लिखा होगा.

•    ऐसा इसलिए लिखा जायेगा क्योंकि एक रूपये के नोट को केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है.

•    एक रुपये के इस नोट पर बनाये गये वाटरमार्क में अशोक स्तंभ तथा अंक 1 लिखा होगा. इस पर सागर सम्राट का चित्र भी होगा.

पृष्ठभूमि

जनवरी 2015 में सरकार को सिक्कों की कमी की खबर मिलने पर एक रुपये के नोट की छपाई आरंभ की गयी. एक रुपये के नए नोट की छपाई की कीमत 94 पैसे पड़ती है जबकि सिक्के की कीमत 70 पैसे पड़ती है.

भारत और जर्मनी के मध्य 8 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए-(31-MAY-2017) C.A

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चार देशों के 6 दिवसीय दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बर्लिन में जर्मनी के साथ 30 मई 2017 को 8 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों मोदी और जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल ने इंडिया-जर्मनी इंटर-गवर्नमेंटल कॉन्सुलेशन्स (आईसीजी) की मीटिंग के बाद हस्ताक्षर किए.

इसके बाद नरेन्द्र मोदी स्पेन रवाना हो गए. वह रूस और फ्रांस भी जाएंगे. बर्लिन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अन्य मंत्रियों में कॉमर्स मिनिस्टर निर्मला सीतारमण, एनर्जी मिनिस्टर पीयूष गोयल और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर शामिल हैं.

इसके बाद नेता द्वय ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार भारत और जर्मनी एक दूजे के लिए बने हैं. पीएम नरेन्द्र मोदी के अनुसार आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है.

संयुक्त वक्तव्य के मुख्य तथ्य-
  • जर्मनी स्टार्टअप, गंगा सफाई और स्किल डेवलपमेंट में भारत की मदद कर रहा है.
  • रेलवे के मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम में भी जर्मनी भारत की मदद कर सकता है क्योंकि वो हमारा भरोसेमंद पार्टनर है. मर्केल ने कहा- भारत एक बड़ी ताकत है और जर्मनी उसके साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है.
  • दोनों देशों ने मिलकर ट्रेड, इन्वेस्टमेंट, सिक्युरिटी और काउंटर टेररिज्म के लिए स्ट्रैटजी तैयार करने की दिशा में कदम उठाया.
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार यूरोप में भी कई आतंकी हमले हुए हैं। ताजा मामला ब्रिटेन के मैनचेस्टर का है.
एजेंडा-
भारत में जर्मनी की 1600 कंपनियां हैं. इनमें 600 ज्वाइंट वेंचर हैं. यहां डिफेंस और सोलर एनर्जी से जुड़े कई बड़े समझौते हो सकते हैं. मोदी की कोशिश मेक इन इंडिया के तहत कई बड़ी कंपनियों को भारत लाने की होगी.

कारोबार-
जर्मनी भारत में सातवां सबसे बड़ा इन्वेस्टर है. अप्रैल 2000 से मार्च 2017 तक 9.69 अरब डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया जा चुका है.
2016 में दोनों देशों के मध्य 19.48 अरब डॉलर का कारोबार किया गया.

मोदी के लिए एंगेला का प्राइवेट डिनर-
मोदी सोमवार शाम बर्लिन पहुंचे. जर्मनी के ब्रैंडनबर्ग जिले में स्थित 18वीं सदी के पैलेस शलॉस मीजेबर्ग के बाग में सोमवार शाम दोनों नेता साथ टहले. यहीं मर्केल ने प्राइवेट डिनर भी दिया.

राजन आनंदन आईएएमएआई के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त-(31-MAY-2017) C.A

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Rajan Anandan appointed as Chairman of IAMAIराजन आनंदन को इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. राजन आनंदन वर्तमान में गूगल के दक्षिण पूर्व एशिया और भारत के उपाध्यक्ष थे.  
राजन आनंदन के बारे में-
• आनंदन ने यह पद फ्रीचार्ज के सहसंस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुनाल शाह से ग्रहण किया है.
• आईएएमएआई के नए उपाध्यक्ष मेकमाईट्रिप के अध्यक्ष और समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीप कालरा को नियुक्त किया गया है.
• दीप कालरा म्यूजिक ऐप सावन के सह-संस्थापक और अध्यक्ष विनोद भट के स्थान पर पद ग्रहण करेंगें.
• भारत और दक्षिण एशिया के फेसबुक के प्रबंध निदेशक उमंग बेदी को संघ के नए कोषाध्यक्ष के रूप में चुना गया है. जबकि सुभा रे अध्यक्ष बने रहेंगे.
• नई परिषद का कार्यकाल दो वर्षों के लिए निर्धारित किया गया है.
आईएएमएआई के बारे में-
• इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) सोसायटी अधिनियम, 1896 के तहत पंजीकृत एक गैर-लाभकारी उद्योग निकाय है.  
• भारत में अग्रणी पोर्टलों द्वारा जनवरी 2004 में इसकी स्थापना की गयी. इसका मुख्यालय भारत के मुम्बईमे स्थित है.
• आईएएमएआई भारत का एकमात्र विशिष्ट उद्योग संगठन है जो ऑनलाइन और मोबाइल वैल्यू वर्धित सेवा उद्योगों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है.
• डॉ. शुभो रे को आईएएमएआई का प्रथम अध्यक्ष नियुक्त किया गया.

आईएएमएआई का उद्देश्य- 
• इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया का मुख्य उद्देश्य मोबाइल और कई ऑनलाइन सेवाओं से संबंधित मूल्यवर्धित सेवाओं को बेहतर बनाने और विस्तार करना है.

देश के समक्ष बेरोजगारी के मुकाबले अर्ध बेरोजगारी अधिक गंभीर मामला: नीति आयोग-(31-MAY-2017) C.A

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नीति आयोग ने कहा की देश के समक्ष बेरोजगारी के मुकाबले सबसे बड़ी समस्या ‘अर्ध बेरोजगारी’ है क्योंकि जिस काम को एक व्यक्ति कर सकता है, उसे प्राय: दो या उससे अधिक कर्मचारी करते हैं. तीन साल वर्ष 2017 से वर्ष 2020 के लिए कार्य एजेंडा की मौसादा रिपोर्ट में नीति आयोग ने उच्च उत्पादकता और उच्च मजदूरी वाले रोजगार सृजन पर जोर दिया है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है की बेरोजगारी समस्या है लेकिन इसके बजाए सबसे गंभीर समस्या अर्ध बेरोजगारी है. मसौदा रिपोर्ट नीति आयोग की संचालन परिषद के सदस्यों को 23 अप्रैल 2017 को सौंपी गयी.
रिपोर्ट के अनुसार, सेवा क्षेत्र की शेष कंपनियां क्षेत्र में कार्यरत 98 प्रतिशत कर्मचारियों को रोजगार दे रही हैं लेकिन सेवा उत्पादन में उनका योगदान केवल 62 प्रतिशत है. चीन के उम्रदराज होते कार्यबल का उदाहरण देते हुए नीति आयोग ने उस देश में काम करने वाली बड़ी कंपनियों को भारत में आकर्षित करने पर जोर दिया जहां प्रतिस्पर्धी मजदूरी पर बड़े कार्यबल उपलब्ध हैं. नीति आयोग के मुताबिक ताइवान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और चीन जैसे कुछ ऐसे देश हैं जो तेजी से स्वयं को रूपांतरित करने में कामयाब हुए हैं. उनका अनुभव बताता है कि विनिर्माण क्षेत्र तथा व्यापक वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की काबिलियत कम और अर्ध-कुशल कामगारों के लिए बेहतर वेतन वाले रोजगार सृजित करने के लिए जरूरी है.
नीति आयोग ने कहा कि एनएसएसओ के सर्वे के मुताबिक वर्ष 2011-12 में 49 प्रतिशत कार्यबल कृषि क्षेत्र में लगे थे लेकिन देश के मौजूदा कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद में उनका योगदान केवल 17 प्रतिशत था. दूसरा वर्ष 2010-11 में देश के विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े 72 प्रतिशत कर्मचारी 20 से श्रमिकों वाली इकाइयों में कार्यरत थे पर विनिर्माण क्षेत्र के कुल उत्पादन में उनका योगदान केवल 12 प्रतिशत था.
एनएसएसओ के वर्ष 2006-07 के सेवा क्षेत्र की कंपनियों के सर्वे के मुताबिक सेवा उत्पादन में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले 650 बड़े उपक्रमों में सेवा क्षेत्र के कुल कर्मचारियों का केवल 2 प्रतिशत कार्यरत है.

शौचालय उपयोग हेतु केंद्र सरकार द्वारा दरवाज़ा बंद अभियान की शुरुआत-(31-MAY-2017) C.A

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केंद्र सरकार द्वारा 30 मई 2017 को देश भर में शौचालय के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए दरवाज़ा बंद नाम से अभियान आरंभ किया गया.

पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा आरंभ किये जा रहे इस अभियान द्वारा भारत के गांवों में शौचालय के उपयोग को बढ़ाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जायेगा. बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन इस अभियान के ब्रांड एम्बेसडर होंगे.
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दरवाज़ा बंद अभियान के मुख्य बिंदु

•    इस अभियान को विश्व बैंक द्वारा समर्थन प्राप्त है.

•    इसके लॉन्च होते ही इसे देशभर में कार्यरूप प्रदान किया जायेगा.

•    इस अभियान को इसलिए लाया गया है ताकि उन लोगों को शौचालय का उपयोग करने के प्रोत्साहित किया जा सके जिनके घरों में शौचालय होने के बावजूद वे इसका उपयोग नहीं करते हैं.

•    इस अभियान में अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को भी शामिल किया गया है. वे इस अभियान में गांवों की महिलाओं को शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेंगी.

गौरतलब है कि अमिताभ बच्चन स्वच्छ भारत मिशन के प्रमुख प्रचारक तथा ब्रांड एम्बेसडर हैं.

स्वच्छ भारत अभियान

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया गया एक स्वच्छता मिशन है. यह अभियान 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी के 145वें जन्मदिन के अवसर पर भारत सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर शुरू किया गया था.

मिशन के उद्देश्यो में सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता रखना, खुले में शौच से मुक्ति, ठोस और तरल कचरे का पुन: उपयोग, लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करना, अच्छी आदतों के लिए प्रेरित करना, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था अनुकूल बनाना आदि.

विश्व की सबसे बड़ी दूरबीन का निर्माण चिली में आरंभ-(31-MAY-2017) C.A

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चिली की राष्ट्रपति मिशेल बैचलेट द्वारा 28 मई 2017 को विश्व की सबसे बड़ी ऑप्टिकल और इंफ्रारेड दूरबीन के निर्माण का उद्घाटन किया गया. 

यह निर्माण कार्य एंटोफागास्टा क्षेत्र के पारानाल वेधशाला में किया जा रहा है. चिली का अटाकाम मरुस्थल देश के सबसे बड़े प्रतीकात्मक स्थलों में एक है और यह दुनिया का सबसे सूखाग्रस्त क्षेत्र भी  है. इस दूरबीन की सहायता से वैज्ञानिकों को ब्रहमांड की आतंरिक गतिविधियों को समझने में मदद मिलेगी.
सबसे बड़ी ऑप्टिकल और इंफ्रारेड दूरबीन

•    यूरोपियन सदर्न ऑब्जवेर्टरी (ईएसओ) द्वारा बनाए जा रहे इस अत्यधिक विशाल दूरबीन (ईएलटी) में मुख्य दर्पण का व्यास 39 मीटर है. दूरदर्शी आमतौर पर उस प्रकाशीय तंत्र को कहा जाता है जिससे देखने पर दूर की वस्तुएं बड़े आकार की और स्पष्ट दिखाई देती हैं.

•    इस दूरबीन की विशेषता यह है कि इसे ऑप्टिकल प्रणाली का प्रदर्शन सुधारने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रौद्योगिकी एडेप्टिव ऑप्टिकल से बनाया जा रहा है. इसमें वायुमंडलीय विक्षोभ को सही करने की क्षमता भी विद्यमान है.

•    इस विशाल दूरबीन का निर्माण वर्ष 2024 तक कर लिया जाएगा. इसे चिली में 3046 मीटर ऊंचे पर्वत सेरो आर्मजोन की चोटी पर बनाया जा रहा है.

•    ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इस परियोजना में अहम भूमिका निभा रहे हैं और वे इसके स्पेक्ट्रोग्राफ के डिजाइन और निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. यह एक समय पर अलग-अलग रंगों में चार हजार तस्वीरें ले सकता है.

नजमा हेपतुल्ला को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का चांसलर नियुक्त किया गया-(31-MAY-2017) C.A

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मणिपुर की राज्यपाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का चांसलर नियुक्त किया गया है.
जामिया इस्लामिया के चांसलर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एमए जाकी का कार्यकाल मई 2017 में खत्म हो रहा है. नजमा हेपतुल्ला अब उनकी जगह लेंगी और अगले पांच साल तक इस पद को संभालेंगी.
नजमा हेपतुल्ला के बारे में:
•    नजमा हेपतुल्ला का जन्म 13 अप्रैल 1940 को भोपाल, मध्य प्रदेश में हुआ था.
•    नजमा हेपतुल्ला ने मुंबई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया.
•    नजमा हेपतुल्ला वर्ष 1986 से वर्ष 2012 के बीच 5 बार राज्य सभा की सदस्य रह चुकी हैं.
•    इसके अलावा वे 16 साल तक राज्य सभा की डिप्टी चेयरमैन भी रह चुकी हैं.
•    नजमा हेपतुल्ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में अल्पनसंख्यहक मामलों का मंत्रालय भी संभाल चुकी हैं.
•    उन्हें अगस्त 2016 में मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया था.
•    वे वर्ष 1960 से वर्ष 2004 तक कांग्रेस पार्टी से जुड़ी रही हैं.
•    वे वर्ष 1985 से वर्ष 1986 तथा वर्ष 1988 से जुलाई 2007 तक राज्यसभा की पूर्व उपसभापति रही हैं.

इसरो भारत का सबसे बड़ा रॉकेट फैट बॉय लॉन्च किया करने को तैयार-(31-MAY-2017) C.A

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान यानि इसरो ने ऐसा स्वदेशी रॉकेट विकसित किया है, जिसका वजन 200 वयस्क हाथियों के बराबर होगा और भविष्य में इसके माध्यम से भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजा जा सकेगा. इसरो 5 जून को भारत का अब तक का सबसे भारी रॉकेट अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी में है.

पूरी तरह से देश में निर्मित रॉकेट के प्रक्षेपण के साथ ही भारत पहली बार सैद्धांतिक तौर पर मानव मिशन में सक्षम हो जाएगा.
अभी तक सिर्फ अमेरिकी, रूस और चीन ही अंतरिक्ष में इंसान को भेजने में सक्षम हैं.
जीएसएलवी एम के III (Mk III) रॉकेट का नाम इसरो ने फैट बॉय (FAT BOY) प्रदान किया है.

स्वदेशी रॉकेट फैट बॉय के बारे में- 
फैट बॉय रॉकेट की खासियत यह है कि यह इसरो द्वारा निर्मित अब तक का सबसे भारी (640 टन) किन्तु सबसे छोटा (43 मीटर) रॉकेट है.
200 परीक्षणों के बाद इसरो ने इसे 5 जून को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी की.
इस रॉकेट के माध्यम से जी सैट -19 (Gsat-19) सैटेलाइट को प्रक्षेपित किया जाएगा.
जी सैट -19 (Gsat-19) एक संचार उपग्रह है जो देश में इंटरनेट की स्पीड में क्रांति ला देगा.
 Fat Boy
जीएसएलवी मार्क -3 की विशेषता- जीएसएलवी मार्क-3 की ऊंचाई 43.43 मीटर है.
जीएसएलवी का व्यास 4 मीटर है.
इसका वजन दो सौ हाथियों के बराबर है.
जीएसएलवी मार्क-3 की अनुमानित लागत 300 करोड़ रुपये है.
जीएसएलवी मार्क-3 एक बार में 8 टन भार ले जाने में सक्षम है.
अंतरिक्ष में मानव भेजने की तैयारी- 
आगामी माह 5 जून को भारत अब तक का सबसे भारी रॉकेट अंतरिक्ष में भेजने के लिए तैयार है. रॉकेट के प्रक्षेपण के साथ ही भारत पहली बार सैद्धांतिक तौर पर मानव मिशन में सक्षम हो जाएगा.
जीएसएलवी मार्क-3 का निर्माण-
इसरो ने जीएसएलवी मार्क-3 का निर्माण 2000 के दशक में शुरु किया. पहले इसका प्रक्षेपण 2009-10 में प्रस्तावित था. इसमें तीन रॉकेट स्टेज हैं. 18 दिसंबर 2014 को क्रायोजेनिक इंजन के साथ इसका पहला सब ऑर्बिटल परीक्षण हुआ.
2010 में 24 जनवरी, पांच मार्च और आठ मार्च को इसके कई तकनीकी परीक्षण हुए.
25 जनवरी 2017 को क्रायोजेनिक इंजम स्टेज का 50 सेकेंड का परीक्षण हुआ. क्रायोजेनिक इंजन का सबसे लंबा परीक्षण 640 सेकेंड तक 18 फरवरी को पूरा हुआ. इन परीक्षणों में इस रॉकेट की क्षमताओं का परिक्षण किया गया.

मौजूदा रॉकेटों की क्षमता कम-
वर्तमान में इसरो के पास दो प्रक्षेपण रॉकेट हैं. इनमें पोलर सेटेलाइट लॉन्च वेहिकल सबसे भरोसेमंद है.
इससे अंतरिक्ष में 1.5 टन वजनी उपग्रह भेजे जा सकते हैं.
दूसरा जीएसएलनी मार्क 21 है, इसकी मदद से 2 टन वजनी उपग्रह भेजे जा सकके हैं.
इसरो अभी 4 टन भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए फ्रांस के एरियन-5 रॉकेट की मदद लेता है.

क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल-
पांच जून को जीएसएलवी मार्क-3 के प्रक्षेपण में में पहली बार तीस टन वजनी और स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का पूर्णरुप से इस्तेमाल किया जाएगा. इस ईंजन में ईंधन के रूप में गैसों के तरल रूप का प्रयोग होता है.
इनमें तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन होती है. इन्हें बेहद कम तापमान पर रखा जाता है, जिससे रॉकेट की रफ्तार बढ़ती है.

मानव अंतरिक्ष अभियान-
जीएसएलवी मार्क तीन के जरिए इसरो 2020 तक मानव अंतरिक्ष लॉन्च करने की योजना बना रहा है। बताया जा रहा है कि इसमें दो से तीन अतंरिक्ष यात्रियों के शामिल होने की संभावना है। इसरो को सरकार की तरफ से सिर्फ 4 अरब डॉलर बजट के स्वीकृत होने का इंतजार है। मानव अंतरिक्ष अभियान लॉन्च करने के साथ ही भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अभी यह कामयाबी अमेरिका, रुस और चीन के नाम पर है।
प्रक्षेपण बाजार में बढ़ेगा दबदबा-
1999 से 2017 तक इसरो 24 देशों के 180 विदेशी उपग्रहों को पीएसएलवी के जरिए लॉन्च कर चुका है. इसरो के कम प्रक्षेपण खर्च और अचूक तकनीकी के चलते अमेरिका जैसे देश भी भारत के मुरीद हैं. अब जीएसएलवी मार्क -3 से इसरो अधिक वजनी उपग्रहों को भी लांच करके प्रक्षेपण बाजार का सिरमौर बनने की राह प्रशस्त करेगा.

जीएसएलवी के बारे में-
जीएसएलवी की मदद से सेटेलाइट को पृथ्वी से 36000 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में स्थापित किया जाता है. यह कक्षा भूमध्य रेखा और विषुवत रेखा के सीध में होती है. जीएसएलवी यह काम तीन चरण में करता है जिसमे अंतिम चरण में सबसे अधिक बल की आवश्यकता होती है, क्योंकि यान को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव वाले क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए जिस निर्धारित वेग को प्राप्त करना होता है वो बहुत अधिक होता है जिसकी वजह से अधिक से अधिक ताकत की जरूरत होती है.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जल संचय अभियान की शुरूआत की-(27-MAY-2017) C.A

| Saturday, May 27, 2017
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 25 मई 2017 को जल दिवस के अवसर पर देहरादून में जल संचय एवं जल संरक्षण-संवर्द्धन अभियान का शुभारंभ किया.
मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण पर आधारित सूचना विभाग द्वारा निर्मित एक लघु फिल्म का अवलोकन, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा जल सरंक्षण के लिए तैयार प्रचार सामग्री का विमोचन तथा जल संचय एवं संरक्षण के लिए दो जल संचय प्रचार रथों को गढ़वाल और कुमाऊॅ मण्डल हेतु रवाना किया.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
•    मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 मई 2017 से 30 जून 2017 तक चलने वाला यह विशेष अभियान मुख्यतः जल संचय, जल सरंक्षण और जन चेतना एवं जागरूकता का अभियान है.
•    मुख्यमंत्री ने सदस्यों से आवासीय परिसर में लगाए वर्षा जल संचयन प्रणाली के लिए आग्रह किया है.
•    यदि सरकारें एवं संस्थायें आम आदमी को जल संचय का महत्व समझाने में सफल रहती है तभी यह अभियान सफल माना जाएगा.
•    उत्तराखंड में 1.10 करोड़ की आबादी है, जिसमें 20 लाख शौचालय है. प्रति व्यक्ति शौचालय प्रयोग के दौरान एक दिन में करीब 7 से 10 लीटर पानी का उपयोग किया जाता है. यदि प्रत्येक व्यक्ति एक लीटर पानी भी रोज बचाता है तो हम लगभग 1 करोड़ लीटर पानी बचा सकते है. यह एक बड़ी उपलब्धि होगी.
•    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना के समय हमारे जल स्रोतों से 72 एमएलडी जल प्रवाहित होता था जो कि वर्तमान में लगभग 40 एमएलडी हो गया है. साथ ही राज्य की आबादी भी पांच गुना बढ़ गई है, परन्तु जल आपूर्ति आधी हो गई है. जल स्रोतों को पुर्नजीवित कैसे किया जाय इसके प्रयास करने होंगे.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अक्षय ऊर्जा के लिए 2360 करोड़ रुयये के बांड जारी करने की मंजूरी दी-(27-MAY-2017) C.A

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 मई 2017 को अक्षय ऊर्जा के लिए 2,360 करोड़ रुयये के बांड जारी करने हेतु अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है.
वर्ष 2017-18 के दौरान भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरडीएए) के माध्यम से नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा बांड जारी किए जाएंगे.
हरित ऊर्जा गलि‍यारा, सौर पार्क, पवन परियोजनाओं के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहनों, सीपीएसयू और रक्षा सौर परियोजनाओं,  सौर परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अंतर-निधि, छत के ऊपर सौर प्रणाली, ऑफ-ग्रिड या ग्रि‍ड वितरित अक्षय ऊर्जा, निगमों और स्वापयत्ता निकायों आदि में नि‍वेश में इस कोष का इस्तेजमाल किया जाएगा. इस तरह के समयबद्ध निवेश से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं को प्रोत्साहन मिलेगा.
हालांकि, इससे अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को हासिल किया जा सकेगा. जुटाए गए संसाधनों को अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अतिरिक्त क्षमता के विकास के लिए उपयोग किया जाएगा जिसके परिणामस्वरूप अतिरिक्त रोज़गार पैदा होंगे.
पृष्ठभूमिः
सरकार ने पीएफसी, आरईसी,एनएचएआई, आईआरडीए और आईडब्ल्यूएआई के जरिये वित्त वर्ष 2016-17 के बजट में 31,300 करोड़ रुपये के बांड जारी करके अतिरिक्त धन जुटाने की घोषणा की थी.
इसके हि‍स्सेी के बांड सरकार ने आईआरईडीए को वर्ष 2016-17 के दौरान नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से भारत सरकार द्वारा पूर्णत: कर योग्य बांड जारी करके 4000 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति दी थी.
हालांकि इसके बाद वर्ष 2016-17 में 2360 करोड़ रुपये शेष राशि जुटाए जाने के लिए मंजूरी के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने मंत्रिमंडल से संपर्क किया था.

नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ का फायदा-(27-MAY-2017) C.A

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केंद्र सरकार द्वारा जारी उच्च स्तरीय आंतरिक आंकलन रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष नवम्बर में की गई नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ का फायदा हुआ. नोटबंदी प्रधानमंत्री नरेंद्र द्वारा कालेधन पर लगाम और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने हेतु की गयी थी. जिसके तहत 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद कर दिया गया था. 

पिछले वर्ष 8 नवंबर तक भ्हार्ट की अर्थव्यवस्था में लगभग 17.77 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट चलन में थे. मई 2017 आते-आते उपयोग किए जा रहे बैंक नोटों का मूल्य करीब 19.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया.

अप्रैल 2017 के अंत में भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार कुल 14.2 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में हैं. इसका आशय यह हुआ कि इस वक्त अर्थव्यवस्था में नकदी की मौजूदगी नोटबंदी न किए जाने की हालत के मुकाबले करीब 5 लाख करोड़ रुपये कम है.

आंतरिक आंकलन रिपोर्ट के अनुसार लोगों के पास रखी नकदी की संख्या में भी कमी आई है. इस तरह घर में रखे पैसों का अर्थव्यवस्था के विकास में कोई योगदान नहीं होता, ऐसे में इसकी संख्या में कमी देश के फायदेमंद है.

रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के दूसरे फायदों में टैक्स आधार का बढ़ना, डिजिटल लेनेदेन में इजाफा, बैंक जमा में बढ़ोतरी और हाउसिंग सेक्टर में मजबूती भी शामिल है.
केंद्र सरकार की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में इस वक्त 14.2 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में हैं, जो कि सारी ट्रांजैक्शन जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी हैं. 

इसमें यह भी अनुमान लगाया गया है कि नोटबंदी की वजह से भारत का कुल निजी आयकर राजस्व भी अगले दो वर्षों में बढ़कर दोगुना हो जाएगा और इसके कुछ लाभ अभी से दिखने भी लगे हैं.

वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सेल्फ टैक्स असेसमेंट फॉर्म भरने वाले लोगों की संख्या में 23.8 फीसदी का उछाल देखा गया है. सरकार का मानना है कि इस 23.8 फीसदी में से कम से कम 10 फीसदी का बढ़ोतरी को नोटबंदी की वजह से ही देखने को मिली.

नोटबंदी से डिजिटल लेनदेन बढ़ा-
  • इस रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी का एक सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि लोग डिजिटल लेनदेन की तरफ आकर्षित हुए.
  • वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 300 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन दर्ज की गई.
  • वहीं सरकार का अनुमान है कि वित्तवर्ष 2017-18 के शुरुआती हफ्तों का चलन आगे भी जारी रहा तो इस साल डिजिटल ट्रांजैक्शन की संख्या बढ़कर 2,500 करोड़ तक जा सकती है.
  • पेटीएम, एसबीआई बडी और फ्रीचार्ज आदि मोबाइल वॉलेट के जरिये अभी ही रोजाना करीब 200 करोड़ रुपये का लेनदेन हो रहा है.
  • वहीं भीम (BHIM) ऐप के लॉन्च होने के पांच महीनों के अंदर करीब दो करोड़ लोगों ने इसे डाउनलोड किया है.
  • इस अध्ययन के मुताबिक, भीम (BHIM) और यूपीआई (UPI) पेमेंट गेटवे के जरिये अभी ही करीब रोजाना 140 करोड़ रुपये का लेनदेन हो रहा है.
  • डेजिट कार्ड का भी इस्तेमाल नोटबंदी के बाद से काफी बढ़ा है.
  • वर्ष 2015-16 में जहां डेबिट कार्ड से करीब 117 करोड़ ट्रांजैक्शन हुआ, जो कि करीब 1.58 लाख करोड़ मूल्य का था. वहीं 2016-17 में यह बढ़कर 240 करोड़ डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन हो गया, जिसका कुल मूल्य 3.3 लाख करोड़ रुपये था

संजय मित्रा ने रक्षा सचिव का पदभार ग्रहण किया-(27-MAY-2017) C.A

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संजय मित्रा ने 25 मई 2017 को रक्षा सचिव का पदभार संभाल ग्रहण किया. उन्होंने जी. मोहन कुमार का स्थान लिया है. सरकार द्वारा रक्षा सचिव के रूप में उनके नाम की घोषणा 10 मई को की गई.

संजय मित्रा के बारे में-
  • 58 साल वर्षीय संजय मित्रा पश्चिम बंगाल कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.
  • संजय मित्रा इससे पहले सड़क एवं परिवहन सचिव थे.
  • उनकी नियुक्ति 10 मई को रक्षा मंत्रालय में आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी के रूप में की गई.
  • जी. मोहन कुमार का कार्यकाल पूरा होने के बाद रक्षा सचिव का पदभार संभाला. संजय मित्रा का कार्यकाल दो साल तक होगा.
  • संजय मित्रा मूल रूप से दिल्ली से हैं.
  • संजय मित्रा भौतिक विज्ञान व अर्थशास्त्र में परास्नातक हैं. उन्होंने अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के जान एफ. केनेडी स्कूल ऑफ गर्वमेंट से मेसन फेलोशिप प्राप्त की है.
  • उन्होंने पश्चिम बंगाल में मुख्य सचिव और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय नवंबर 2004 से जुलाई 2011 तक संयुक्त सचिव के रूप में सेवाएं दी.
  • रक्षा मंत्रालय में उनकी ये पहली पोस्टिंग है. इसके पहले 2015 में सड़क परिवहन एवं हाइवे मंत्रालय में सचिव बनने से पहले मित्रा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव थे.
अन्य नियुक्तियां-
संजय मित्रा के अलावा अन्य विभागों में पांच निए सचिवों की भी नियुक्ति की गई है. बिहार कैडर की 1982 बैच की आएएस रश्मि वर्मा को पर्यटन मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया गया है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अनंत कुमार सिंह को रश्मि वर्मा के स्थान पर टेक्सटाइल मंत्रालय भेजा गया है.

मैनचेस्टर यूनाइटेड ने एजेक्स क्लब को हराकर यूरोपा लीग का खिताब जीता-(27-MAY-2017) C.A

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Manchester United wins UEFA Europa League titleमैनचेस्टर यूनाइटेड ने शानदार प्रदर्शन कर 24 मई 2017 को खेले गए फाइनल मैच में एजेक्स क्लब को हराकर यूरोपा लीग का खिताब जीत लिया.
मैनचेस्टर यूनाइटेड ने एजेक्स को 2-0 से शिकस्त देकर यूरोपा लीग चैंपियन बना. इस मैच में यूनाइटेड के लिए पॉल पोग्बा (18वें मिनट) और हेनरिक मिखितर्यान (48वें मिनट) ने गोल किए.
पोग्बा को मैन ऑफ द मैच चुना गया. इस सत्र में मैनचेस्टर यूनाइटेड की यह दूसरी ट्रॉफी है. मैनचेस्टर यूनाइटेड ने पहली ट्रॉफी वर्ष 2016-17 में जीता था.
मैनचेस्टर यूनाइटेड के बारे में:
•    मैनचेस्टर युनाइटेड फुटबॉल क्लब ग्रेटर मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफोर्ड में स्थित एक इंग्लिश फुटबॉल क्लब है जो विश्व में सबसे अधिक लोकप्रिय फुटबॉल क्लबों में से एक है.
•    वर्ष 2008-09 प्रीमियर लीग और वर्ष 2008 फीफा क्लब विश्व कप जीतने के साथ ही मैनचेस्टर युनाइटेड इंग्लिश चैंपियन और क्लब विश्व कप के श्रेष्ठ धारक बन गये.
•    क्लब इंग्लिश फुटबॉल क्लब के इतिहास में सबसे सफल क्लबों में से एक है.
•    क्लब का गठन वर्ष 1878 में न्यूटन हीथ में न्यूटन हीथ के नाम से लंकाशायर और यॉर्कशायर रेलवे डिपो की वर्क टीम के रूप में किया गया था.
•    क्लब का उपनाम रेड डेविल्स है.
•    क्लब ने 20 इंग्लिश लीग खिताब और 12 बार FA कप जीतने का संयुक्त रिकॉर्ड भी बनाया है.
यूईएफए यूरोपा लीग के बारे में:
•    यूईएफए यूरोपा लीग एक वार्षिक फुटबॉल क्लब प्रतियोगिता है.
•    इससे पहले यह यूईएफए कप कहा जाता था.
•    यूरोपीय फुटबॉल क्लब के लिए जो वर्ष 1971 के बाद से यूईएफए द्वारा आयोजित किया जाता है.
•    यह खिताब 28 विभिन्न क्लबों द्वारा जीता गया है और जिनमें से 12 एक बार से अधिक खिताब जीता है.
•    सेविला 5 खिताब के साथ प्रतियोगिता में सबसे सफल क्लब हैं.

दीन दयाल उपाध्याय संचार कौशल विकास प्रतिष्ठान योजना आरंभ-(27-MAY-2017) C.A

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संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने 25 मई 2017 को पंडित दीन दयाल उपाध्याय दूर संचार कौशल उत्कृष्टता पुरस्कार योजना और पंडित दीन दयाल उपाध्याय संचार कौशल विकास प्रतिष्ठान योजना की शुरूआत की.

इसका उद्देश्य दूरसंचार क्षेत्र के लिए कुशल श्रम बल उपलब्ध कराना है. इसमें इस विभाग से संबद्ध सभी सार्वजनिक उपक्रमों की भागीदारी होगी. संचार मंत्री मनोज सिन्हा घोषणा करते हुये कहा कि इसके साथ ही दूरसंचार के क्षेत्र में नवाचार करने वाले स्टार्टअप कंपनियों या व्यक्तियों को सरकार की ओर से सम्मानित करने की भी योजना बनायी गयी है. इसके लिए पंडित दीनदयाल कौशल उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे. 
मुख्य बिंदु

•     पंडित दीन दयाल उपाध्याय संचार कौशल विकास प्रतिष्ठान योजना के पहले चरण के तहत 10 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के 10 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. 

•    पहले चरण में उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, पंजाब और हरियाणा शामिल हैं. 

•    दूर संचार विभाग नई योजना के तहत भविष्य में 1000 से अधिक संचार कौशल विकास प्रतिष्ठान स्थापित करेगा. 

•    जो व्यक्ति उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे उन्हें पंडित दीन दयाल उपाध्याय दूर संचार कौशल उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए जायेंगे.

•    एक स्वतंत्र चयन मंडल गठित किया जायेगा जो इस पुरस्कार के विजेताओं का चयन करेगा.

योजना का उद्घाटन करते हुए मंत्री ने कहा कि दिसंबर 2018 तक देश की सभी ग्राम पंचायतों के ब्राडबैंड से जुड़ने के बाद 60 करोड़ ग्रामीणों तक दूरसंचार सेवायें सरलता से पहुंचेगी तब इन सेवाओं से जुड़ी शिकायतों को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर कुशल कामगारों की जरूरत होगी. इसी बात को ध्यान में रखते हुये कौशल विकास प्रतिष्ठान शुरू करने की योजना बनायी गयी है

मुंबई एवं कोटा विश्व के सबसे अधिक भीड़ वाले शहरों में शामिल: विश्व आर्थिक मंच-(27-MAY-2017) C.A

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UN habitat
वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (विश्व आर्थिक मंच) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत के मुंबई एवं कोटा विश्व के सबसे अधिक भीड़ वाले शहरों में शामिल हैं. इस सूची में ढाका प्रथम स्थान पर है इसके बाद भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई का नम्बर है.

विश्व की आधी से अधिक आबादी शहरी क्षेत्रों में रह रही है और संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि 2050 तक यह अनुपात बढ़कर 66 प्रतिशत हो जाएगा जिसमें एशिया और अफ्रीका में ही 90 प्रतिशत तक आबादी शहरों में रह रही होगी.
मुख्य बिंदु

•    बांग्लादेश की राजधानी ढाका में जनसंख्या का घनत्व 44,500 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है.

•    मुंबई में जनसंख्या का घनत्व 31,700 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है. 

•    भारत के ही एक और राज्य राजस्थान में स्थित शहर कोटा का जनसंख्या का घनत्व 12,100 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है. कोटा इस सूची में सातवें स्थान पर मौजूद है.

•    इस सूची में कोलंबिया का मेडेलिन शहर तीसरे नंबर पर है. यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 19,700 लोग रहते हैं. 

•    मनीला (फिलीपींस) में 14,800 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर में रहे रहे हैं. यह स्थान चौथे नंबर पर रहा.

•    मोरक्को का कासाब्लांका, प्रति वर्गकिलोमीटर 14200 लोगों के साथ पांचवें, नाइजीरिया का लागोस, 13300 लोगों के साथ छठे स्थान, सिंगापुर 10200 लोग के साथ आठवें और इंडानेशिया का जकार्ता शहर प्रति किलोमीटर 9600 लोगों का निवास स्थान होने के साथ नौवें नंबर पर रहा.

यूएन हैबिटैट

इसकी स्थापना वर्ष 1978 में की गयी थी. वर्ष 1976 में कनाडा के वेंकूवर में मानव अधिवास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें मानव अधिवासन क्रिया-कलापों के संगठन एवं सुदृढ़ीकरण हेतु संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के अधीन एक विशिष्ट निकाय की अनुशंसा की गयी. इसी अनुशंसा के अंतर्गत महासभा द्वारा 1977 में आवास-निर्माण-नियोजन समिति की आर्थिक व सामाजिक परिषद के अधीन मानव अधिवास आयोग (सीएचएस) में बदल दिया गया. वर्ष 1978 में इस आयोग की सेवाएं प्रदान करने तथा इसके प्रस्तावों को लागू करने के लिए यूएनसीएचएस की स्थापना की गयी इसका केन्द्र नैरौबी में स्थित है.

3 साल मोदी सरकार: अर्थव्यवस्था में सुधार हेतु, उपलब्धियां और चुनौतियां-(27-MAY-2017) C.A

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25 मई 2017 को भारत के प्रधान मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने तीन साल पूरे किए. मुख्य रूप से दो कारणों से भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक सरकार (एनडीए) की सत्ता में आई.
i. एनडीए II  सरकार एक ऐसी स्थिति में सत्ता में आई जब पूरा भारतवर्ष, भ्रष्टाचार,नीतिगत कमियों(नीतिगत कमजोरियों) और गठबंधन से मुक्त एक निर्णायक नेतृत्व क्षमता वाले सरकार की अपेक्षा कर रहा था.
ii. सत्तारूढ़ एकल पार्टी से अधिक उम्मीदों के पूरा होने की संभवना के कारण भी यह सरकार आई.पिछले तीन दशकों में यह पहली बार हुआ था कि एक पार्टी ने लोकसभा में पूर्ण बहुमत हासिल किया था. इससे पहले 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में राजीव गाँधी की पार्टी ने 404 सीटों पर जीत हासिल कर पूर्ण बहुमत प्राप्त की थी.
3 years of Modi Government achievements initiatives and challenges in economy
उपर्युक्त पृष्ठभूमि में मोदी सरकार द्वारा आर्थिक क्षेत्र में किये गए महत्वपूर्ण पहलों, उनकी उपलब्धियों और चुनौतियों की समीक्षा करने का यह उचित समय है.
मई 2014  में जब एनडीए सरकार सत्ता में आई तो अर्थव्यवस्था में सुधार उनकी मुख्य एजेंडा में शामिल था. उनका मुख्य फोकस व्यापार करने की प्रक्रिया को सरल बनाने,देश में विदेशी  निवेश को बढ़ावा देने और नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर था. इस क्षेत्र में इस सरकार द्वारा किये गये मुख्य पहलें हैं –
बजट सुधार:- उच्च विकास दर प्राप्त करने के लिए राजकोषीय नीति में सुधार करना बहुत महत्वपूर्ण हैं. इस दिशा में कार्य करते हुए इस सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2017-18 से शुरू होने वाले बजट चक्र में तीन बड़े बदलावों की शुरुआत की गई. वे तीन परिवर्तन हैं -
1.सामान्य बजट के साथ रेलवे बजट का विलय
2.एक महीना पहले अर्थात 1 फरवरी को ही सामान्य बजट की प्रस्तुति की तारीख निर्धारित किया जाना
3. योजना और गैर-योजना व्यय वर्गीकरण को रद्द करना
ये सारे परिवर्तन लोगों के मांग के अनुसार,भारतीय रेल की दक्षता, अर्थव्यवस्था और प्रभावशीलता में सुधार के लिए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए धन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किये गए हैं.
सरल व्यापार नियम : प्रारंभ से ही इस सरकार का मानना है कि किसी भी निवेश को आकर्षित करने के लिए (विशेष रूप से एफडीआई और एफआईआई को) व्यापारिक नियमों को आसान बनाना बहुत महत्वपूर्ण है. विकसित देशों की सर्वोत्तम प्रबंधन प्रणाली और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा का पूरी तरह लाभ उठाने के लिए व्यापार नियमों का लचीला और आसान होना अति आवश्यक है.
इस सन्दर्भ में सरकार ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी), विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को समाप्त करना और आयकर रिटर्न (आईटीआर) का ई-फाइलिंग आदि से सम्बन्धित महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं.
काला धन:  अपनी पहली कैबिनेट बैठक में न्यायमूर्ति एम बी शाह के नेतृत्व में काले धन पर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन के शुरुआत से ही काले धन के खतरे को रोकने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं. उनमें से कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं –
• 8 नवंबर 2016 को नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की कि 1000 और 500 रुपए के नोट एक लीगल टेंडर नहीं रहेंगे. अर्थात अब ये नोट प्रचलन में नहीं रहेंगे. ऐसा करने का मुख्य कारण बेहिसाब और गैरकानूनी धन पर रोक लगाना था.
• विदेशी आय को छिपाने वालों को दण्डित करने के उद्देश्य से आयकर (आईटी) अधिनियम, 1961 के स्थान पर अपूर्वदृष्ट विदेशी आय और संपत्ति अधिनियम, 2015 लाया गया.
• बेनामी लेनदेन पर प्रभावशाली तरीके से रोक लगाने के लिए बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988 के स्थान पर बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 लाया गया.
निष्कर्ष
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विश्व आर्थिक आउटलुक 2017 के अनुसार भारत दुनिया के सबसे तेजी से उभरते बाजारों में से एक है. हालांकि, अर्थशास्त्रियों के अनुसार यह सम्पन्नता समाज के वंचित वर्गों तक नहीं पहुंच पा रही है. अतः मोदी सरकार को इस समय निरंतर और समावेशी आर्थिक विकास को प्राप्त करने की दिशा में सक्रिय और सार्थक पहल करना चाहिए.
• 2015 में प्रिवेंशन ऑफ मनी लौंड्रिंग एक्ट, 2002 में संशोधन किया गया.
• विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 को वित्त अधिनियम, 2015 के तहत संशोधित किया गया,ताकि भारत में स्थित वैसे लोगों की जब्ती की जा सके जिन्होंने अवैध तरीके से विदेशों में कोई विदेशी मुद्रा या अचल सम्पति अर्जित की हो.
• घरेलू काले धन का पता लगाने के लिए एक नए आय प्रकटीकरण योजना(इनकम डिस्क्लोजर स्कीम) तैयार की गई .
• आर्थिक ढांचा: अर्थव्यवस्था की सक्रियता तथा उसके विकास में उच्च गुणवत्ता वाले आर्थिक आधारभूत संरचना जैसे सड़कें, बंदरगाह और बिजली महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आर्थिक ढांचे में सुधार और विकास के लिए सरकार द्वारा निम्नांकित प्रयास किये गए हैं –
• शहरी ढांचे में विकास हेतु जून 2015 में स्मार्ट सिटीज मिशन शुरू किया गया, जिसमें 2020 तक 48000 करोड़ रुपये की लागत से  विकास कार्य किया जायेगा.
• जून 2015 में कस्बों और शहरों में बुनियादी ढांचे के विकास हेतु अटल योजना मिशन अमरुत का शुभारम्भ किया गया. इसके अंतर्गत 2020 तक 50000 करोड़ रूपये की लागत से 500 शहरों में विकास कार्य किया जायेगा.
• क्लस्टर अप्रोच के माध्यम से शहरों में प्रवास के बोझ को कम करने के उद्देश्य से स्मार्ट गाँव के विकास हेतु फरवरी 2016 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय रर्बन मिशन का शुभारंभ किया गया.
• 2019 तक 10200 करोड़ रुपये के परिव्यय से राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे क्रॉसिंग रहित बनाने के लिए सेतु भरतम परियोजना का शुभारम्भ किया गया.
• बंदरगाह आधारित आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के व्यापक उद्देश्य से 70,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाले सागरमाला कार्यक्रम का शुभारम्भ मार्च 2015 में किया गया.
• स्वतंत्र भारत की पहली व्यापक नागरिक उड्डयन नीति - राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति का अनावरण जून 2016 में किया गया. इस नीति का मुख्य उद्देश्य जनता के लिए सस्ते  उड़ान की सुविधा हेतु इको सिस्टम तैयार करना है.
आर्थिक उपलब्धियां : वित्त वर्ष 2012-13 और 2013-14 में क्रमशः 4.5% और 4.7% की वृद्धि दर की तुलना में वित्त वर्ष 2014-15 और 2015-16 में वृद्धि दर क्रमशः 7.3% और 7.6% रही.
• आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 में वर्णित सरकार की उपलब्धियां हैं –
• मुद्रास्फीति की दर में गिरावट आई और वह 4% और 5% के बीच आंकी गई.
• बैलेंस ऑफ़ पेमेंट्स (बीओपी) की चालू खाता घाटा (सीएडी),डॉलर-रुपया विनिमय दर स्थिर होने के साथ साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1% से भी कम है.
• पिछले दो सालों में एफडीआई में सुधार उपायों के कारण भारत को विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) द्वारा सबसे अधिक निवेश प्राप्त हुआ है. जीडीपी के समानुपाती(जीडीपी के  अनुपात के रूप में)2016-17 के द्वितीय तिमाही में एफडीआई प्रवाह 2015-16 में 1.7 प्रतिशत से बढ़कर 3.2 प्रतिशत हो गया है.
• दुनिया के विनिर्माण निर्यात में भारत का हिस्सा बढ़ रहा है क्योंकि देश में उच्च पूंजी प्रवाह और मुद्रास्फीति के बावजूद प्रतिस्पर्धा बनी हुई है.
• भारत में अंतरराज्यीय व्यापार द्वारा दी गई वस्तुओं की आंतरिक गतिशीलता जीडीपी का लगभग 54 प्रतिशत या अंतरराष्ट्रीय व्यापार के 1.7 गुना है.
• सभी शक्तियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था में जीडीपी के 8 से 10 प्रतिशत के बीच बढ़ने की संभावना है. वर्तमान में अन्य प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में निवेश पर वास्तविक रिटर्न की प्राप्ति के कारण भारत निवेशकों को आकर्षित कर रहा है. 

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियाँ : मोदी सरकार द्वारा समेकित विकास हासिल करने हेतु निम्नांकित मुद्दों पर ध्यान देना आवश्यक है –
बढ़ती आय असमानता- एन इकोनोमी फॉर द 99 परसेंट नामक एक रिपोर्ट में ऑक्सफ़ैम ने यह बताया है कि हाल के वर्षों में भारत में आय असमानता की दर बढ़ी है. 2017 में जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत के 1 प्रतिशत सबसे अमीर लोग देश की कुल संपत्ति के 58 फीसदी हिस्सा के मालिक हैं जो कि वैश्विक आंकड़े से करीब 50 फीसदी अधिक है. भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह घातक स्थिति है और सरकार को इस समस्या से निबटने के लिए कुछ सक्रिय कदम उठाने चाहिए.
बेरोजगारी - श्रम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, 2011-12 में बेरोजगारी दर 3.8% थी जो 2015-16 में बढ़कर 5% हो गई. 2011 में 9.3 लाख रोजगार सृजन की तुलना में भारत ने 2015 में आठ श्रमिक क्षेत्रों में केवल 1.35 लाख रोजागर ही सृजित किये. इस स्थिति में सुधार के लिए सरकार को श्रमिक और लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने वाले उपायों की घोषणा करनी चाहिए.
गैर निष्पादित संपत्ति- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा घोषित किए गए विभिन्न उपायों के बावजूद गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) का मुद्दा अब भी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय और भारतीय रिज़र्व बैंक को एनपीए की समस्या को कम करने के लिए बैंकों के साथ मिलकर अधिक समन्वित उपायों को शुरू करना चाहिए.
निष्कर्ष
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के विश्व आर्थिक आउटलुक 2017 के अनुसार भारत दुनिया के सबसे तेजी से उभरते बाजारों में से एक है. हालांकि, अर्थशास्त्रियों के अनुसार यह सम्पन्नता समाज के वंचित वर्गों तक नहीं पहुंच पा रही है. अतः मोदी सरकार को इस समय निरंतर और समावेशी आर्थिक विकास को प्राप्त करने की दिशा में सक्रिय और सार्थक पहल करना चाहिए.

स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी-(27-MAY-2017) C.A

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 fighter-plan केंद्र सरकार ने डिफेंस सेक्टर में स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की है. स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप पॉलिसी देश हित में प्राइवेट डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बड़ी उपलब्धि है. 

स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप पॉलिसी-
  • स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप पॉलिसी केंद्र सरकार अगले वर्ष तक 20 अरब डॉलर यानी करीब 1,20,920 करोड़ रुपए से अधिक के बड़े ऑर्डर्स पर फैसला करेगी.
  • इन ऑर्डर्स के लिए छह कंपनियों की सूची बनाई जाएगी. जिसे डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हेतु विशेष दर्जा प्रदान किय जाएगा.
  • कंपनियों का चयन उनकी वित्तीय ताकत और तकनीकी विशेषज्ञता के आधार पर किया जाएगा.
  • इस सूची में शामिल होने के लिए देश की बड़ी कंपनियों में होड़ शुरू हो गई है.
  • यह कंपनियां सेना और विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर फाइटर जेट्स, हेलीकाप्टर, बख्तरबंद वाहन और सबमरींस का निर्माण करेंगी.
  • अनुमान के अनुसार स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप पॉलिसी को मंजूरी मिलने के बाद भारतीय कंपनी लार्सेन एंड टुब्रो, महिंद्रा ग्रुप, टाटा ग्रुप और रिलायंस व अडानी ग्रुप आगे आएंगे.
18 महीनों से अटकी थी पॉलिसी-
  • यह पॉलिसी पिछले 18 महीनों से अटकी हुई थी. रक्षा मंत्री अरुण जेतली के हस्तक्षेप और स्टेकहोल्डर्स के साथ कई दौर की मीटिंग के बाद इसे कुछ सप्ताह में ही क्लियर कर दिया गया.
  • प्राइवेट डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पिछले तीन वर्षों से डिफेंस मिनिस्ट्री की ओर से ऑर्डर्स के इन्तजार में था.
  • रक्षा मंत्री अरुण जेतली के अनुसार 24 मई 2017 को एक मीटिंग में कैबिनेट को स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप पॉलिसी के बारे में जानकारी दी गई. अभी इसके लिए चार सेगमेंट- हेलिकॉप्टर, सबमरीन, आर्मर्ड व्हीकल्स और फाइटर जेट की पहचान की गई है.
9 महीने में चुनने होंगे विदेशी पार्टनर्स-
  • डिफेंस मिनिस्ट्री को 9 महीने की अवधि में चार सेगमेंट हेतु विदेशी पार्टनर्स को तलाशने का काम भी शुरू करना होगा.
  • भारतीय कंपनियों को चुनने के लिए नौ महीने का लक्ष्य रखा गया है.
  • यह काम तकनीकी आकलन और फील्ड ट्रायल के आधार पर किया जाएगा.
  • विदेशी कंपनियों को शॉर्टलिस्ट करने के बाद भारतीय कंपनियों के पूल को कोलेब्रेशन की योजना बनाने और जॉइंट प्रपोजल पेश करने के लिए निमंत्रित किया जाएगा.
  • पॉलिसी के तहत, एक भारतीय कंपनी को केवल एक स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप प्रॉजेक्ट में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाएगी.
टिप्पणी-
रक्षा उपकरणों के ज्यादा से ज्यादा साजो-सामानों का निर्माण अब देश में किया जाएगा. रक्षा मंत्री जेटली ने कहा कि काफी समय से यह मांग थी कि रक्षा उपकरण काफी महंगे आते हैं, इसी वजह से इन उपकरणों का निर्माण भारत में ही होना चाहिए. रक्षा उपकरणों के निर्माण में प्राइवेट सेक्टर की रणनीतिक साझेदारी भी शुरू की जाएगी.

नीलगिरी में 84 वर्ष बाद कोबरा लिली खोजा गया-(27-MAY-2017) C.A

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विलुप्त श्रेणी का पौधा कोबरा लिली जिसे एरिसेमा ट्रांसलुसेंस के नाम से भी जाना जाता है, को हाल ही में निलगिरी में खोजा गया. इसे 84 वर्ष बाद देखा गया है.

यह खोज के एम प्रभु कुमार एवं तरुण छाबड़ा द्वारा की गयी. जैव-विविधता से सम्बंधित पत्रिका फायटोटेक्सा के मई 2017 अंक में इस संबंध में जानकारी प्रकाशित की गयी. 

विश्व में कोबरा लिली के कुछ ही पौधे बचे हैं तथा इन्हें निलगिरी के 10 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में ही पाया जाता है.
कोबरा लिली: विलुप्त होने के कगार पर

•    यह एक प्रकार का पारदर्शी पौधा है. यह एरिसेमा प्रजाति का एकमात्र पौधा है.

•    इसे अंतिम बार ई. बार्नेस द्वारा 1932 में तथा सी.ई.सी. फिशर ने 1933 में खोजा था.

•    कोबरा लिली को विश्व भर में इसकी बनावट के कारण बहुमूल्य माना जाता है तथा यह विलुप्त होने के कगार पर है.

•    नीलगिरी में पाए जाने वाले मुट्ठी भर कोबरा लिली प्रजातियों में से केवल दो ही स्थानिक प्रजातियां हैं.

•    कोबरा लिली पिछले दशकों में लगभग विलुप्त हो चुका है. इस पौधे के अतिरिक्त शोला वृक्ष भी विलुप्ति के कगार पर है.

•    कोबरा लिली को एक भक्षक पौधा भी माना जाता है.