भारत-विद् और संस्कृत विद्वान सुकुमारी भट्टाचारजी का निधन-(31-MAY-2014) C.A

| Saturday, May 31, 2014
भारत-विद् और संस्कृत विद्वान सुकुमारी भट्टाचारजी का 24 मई 2014 को निधन हो गया. वह 92 वर्ष की थी. उन्हें अंग्रेजी और संस्कृत भाषा दोनों की बराबर समझ थी.
सुकुमारी भट्टाचारजी का जन्म 12 जुलाई 1921 को हुआ था. उन्होंने अपने कैरियर शुरूआत कोलकाता में लेडी ब्रेबॉर्न कॉलेज में अंग्रेजी के एक प्राध्यापक के रूप में की थी. वह जादवपुर विश्वविद्यालय के तुलनात्मक साहित्य विभाग में भी रही और बाद में संस्कृत विभाग में स्थानांतरित हो गयी.
संस्कृत पर उनकी गहरी पकड़ ने वेद और गीता के गहन अध्ययन करने तथा प्राचीन भारत के सामाजिक पैटर्न और संस्कृति और धर्म के विकास की परतें खोलने में मदद की.
उन्होंने कुछ 34 पुस्तकें गीता जैसी लिखी है जिनमें इट्स व्हाई एंड हाउ’, ‘ह्यूमन एंड सोसायटी इन एनसिएंट इंडिया’, ‘फेटेलिज्म इन एनसिएंट इंडिया’.उन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक दैवीजमें विश्लेषण किया कि कैसे देवी लक्ष्मी पूर्व आर्य कृषि प्रधान समाज में तथा आर्य समाज में लोकप्रिय हुई.
उनकी अन्य पुस्तकों में बीड समसे नेस्तिको, बीड खुदा हे खदाया और बाल्मीकीर राम शामिल हैं.


टाटा स्टील को सर्वश्रेष्ठ भारतीय इस्पात कंपनी का पुरस्कार-(31-MAY-2014) C.A

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निजी क्षेत्र की भारतीय कंपनी टाटा स्टीलको अमेरिका की शोध कंपनी डन एंड ब्राडस्ट्रीट’(डीएंडबी) की ओर से, मुंबई में आयोजित एक समारोह में 29 मई 2014 को सर्वश्रेष्ठ भारतीय इस्पात कंपनी का पुरस्कार मिला. टाटा स्टील की ओर से कंपनी के उपाध्यक्ष (कारपोरेट सेवा) सुनील भास्करन ने यह पुरस्कार ग्रहण किया.

विदित हो कि टाटा स्टील को यह पुरस्कार विभिन्न प्रकार के कारोबार एवं सामाजिक मानदंडों के आधार पर उल्लेखनीय कार्य के लिए मिला. डीएंडबीने टाटा स्टील को भारत की सर्वश्रेष्ठ 100 कंपनी 2014’ की सूची में शामिल किया है.
डन एंड ब्राडस्ट्रीट से संबंधित मुख्य तथ्य
डन एंड ब्राडस्ट्रीट (Dun & Bradstrit) वर्ष 1841 में अमेरिका में स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र की एक कंपनी है. कंपनी का मुख्य कार्य व्यापार सूचना एवं शोध से संबंधित है. इसके साथ ही साथ डीएंडबी, वैश्विक रूप से व्यापारिक कंपनियों को कारोबार एवं सामाजिक मानदंडों के आधार पर प्रति वर्ष वैश्विक रैंक सूचीजारी कर उन्हें पुरस्कृत करती है.


डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी 23वें व्यास सम्मान से सम्मानित-(31-MAY-2014) C.A

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डॉ.विश्वनाथ त्रिपाठी को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक समारोह में 29 मई 2014 को 23वें व्यास सम्मान से सम्मानित किया गया. डॉ. त्रिपाठी को वर्ष 2013 के लिए उनकी रचना व्योमकेश दरवेश’  हेतु यह सम्मान दिया गया. व्योमकेश दरवेशआचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की जीवनी पर आधारित एक साहित्यिक कृति है.
व्यास सम्मान के तहत में डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी को एक प्रशस्ति पत्र, एक स्मृति चिन्ह और 250000 नगद रुपये प्रदान किए गए.

व्यास सम्मान से संबंधित मुख्य तथ्य

व्यास सम्मान भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला ज्ञानपीठ पुरस्कारके बाद दूसरा सबसे बड़ा साहित्य-सम्मान है. इस सम्मान की शुरूआत वर्ष 1991 में के के बिड़ला फाउण्डेशन की ओर की गई थी. व्यास सम्मान के तहत हिन्दी की किसी एक गद्य या पद्य कृति को प्रत्येक वर्ष सम्मानित किया जाता है. इस सम्मान के तहत, चयनित वर्ष से दस वर्ष पहले की अवधि में प्रकाशित किसी भारतीय लेखक की हिन्दी कृति को शामिल किया जा सकता है. व्यास सम्मान के तहत चयनित कृति के लेखक को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और 250000 लाख रूपए नकद प्रदान किए जाते हैं. पहला व्यास सम्मान वर्ष 1991 में डॉ रामविलास शर्मा को उनकी आलोचनात्मक साहित्यिक कृति भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दीहेतु दिया गया था.

व्यास सम्मान से सम्मानित साहित्यकारों की सूची
• 2012: ‘न भूतो न भविष्यति’ (उपन्यास)- डा. नरेन्द्र कोहली
• 2011: “आम के पत्ते” (काव्य संग्रह)- राम दरश मिश्र 
• 2010: "फिर भी कुछ रह जाएगा" (काव्य संग्रह)- विश्वनाथ प्रसाद तिवारी 
• 2009: “इन्हीं हथियारों से”- अमर कान्त 
• 2008: “एक कहानी यह भी” - मन्नू भंडारी 
• 2007: "समय सरगम" - कृष्णा सोबती 
• 2006: "कविता का अर्थात" - परमानंद श्रीवास्तव
• 2005: "कथा सरित्सागर" (उपन्यास)- चंद्रकांता 
• 2004: "कठगुलाब" (उपन्यास ) - मृदुला गर्ग 
• 2003: "आवां" (उपन्यास)- चित्रा मुद्गल 
• 2002: "पृथ्वी का कृष्णपक्ष"- कैलाश बाजपेजी 
• 2001: "आलोचना का पक्ष" - रमेश चंद्र शाह
• 2000: "पहला गिरमिटिया" (उपन्यास) - गिरिराज किशोर 
• 1999: "बिसरामपुर का संत"- श्रीलाल शुक्ल 
• 1998: "पाँच आँगनों वाला घर" -गोविन्द मिश्र 
• 1997: “अकाल में सारस”- केदारनाथ सिंह
• 1996: "हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास" - प्रो. राम स्वरूप चतुर्वेदी 
• 1995: "कोई दूसरा नहीं"- कुँवर नारायण 
• 1994: "अंधायुग धर्मवीर" - भारती 
• 1993: "मै वक्त के सामने" -गिरिजा कुमार माथुर
• 1992: "नीला चाँद"- डॉ. शिव प्रसाद सिंह
• 1991: “भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी” - रामविलास शर्मा


मिस्र के पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल अब्देल फतेह अल सिसी मिस्र के राष्ट्रपति निर्वाचित-(31-MAY-2014) C.A

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मिस्र के पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल अब्देल फतेह अल सिसी मिस्र के नए राष्ट्रपति निर्वाचित हुए. चुनाव परिणाम की घोषणा 29 मई 2014 को हुई.
राष्ट्रपति चुनाव में सिसी ने 96.2 प्रतिशत मत हासिल किया. सिसी को चुनौती देने वाले एकमात्र वामपंथी नेता हमदीन सबाही को 3.8 प्रतिशत वोट प्राप्त हुआ. 4.2 प्रतिशत वोट को शून्य घोषित कर दिया गया.

विदित हो कि मिस्र सेना प्रमुख पद से अब्देल फतेह अल सिसी ने राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने हेतु 26 मार्च 2014 को इस्तीफा दिया. जुलाई 2013 में निवर्तमान सैन्य प्रमुख जनरल अल सिसी ने मिस्र के तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी को अपदस्थ कर दिया था. जिसके बाद मिस्र में पुनः नए सिरे से मतदान हुआ.


फोर्ब्स मिडिल ईस्ट ने अरब वर्ल्ड 2014 में शीर्ष भारतीयों की सूची का दूसरा संस्करण जारी किया-(31-MAY-2014) C.A

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बिजनेस पत्रिका फोर्ब्स मिडिल ईस्ट ने अरब वर्ल्ड 2014 में शीर्ष भारतीय नेताओं की सूची का दूसरा संस्करण 5 मई 2014 को जारी किया. इस सूची को बालीवुड के अभिनेता शाहरुख खान ने दुबई में जारी किया. सूची के इस दूसरे संस्करण में कवर पेज पर शाहरूख को फीचर किया गया है.

इस दूसरे संस्करण में अमीरात में रहने वाले न सिर्फ 170 भारतीयों को रैंक किया गया है बल्कि संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले सिर्फ प्रमुख भारतीय हस्तियों को ही शामिल किए जाने वाली पहली सूची की तुलना में मध्य पूर्व में रहने वाले सभी भारतीयो को शामिल किया गया है. फोर्ब्स मिडिल ईस्ट टॉप इंडियंस का पहला संस्करण मिडिल ईस्ट ने वर्ष 2013 में जारी किया था.

मध्य पूर्व में शीर्ष दस भारतीयों की सूची
रैंक
नाम
कंपनी
1.
युसुफ अलि एमए
लुलु ग्रुप इंटरनेशनल
2.
मुकेश जगतियानी
लैंडमार्क ग्रुप
3.
बीआर शेट्टी
एनएमसी हेल्थकेयर/ यूएई एक्सचेंज
4.
सन्नी वार्की
ग्लोबल एजुकेशन मैनेजमेंट सिस्टम्स (जीईएमएस)
5.
टोनी जशानमल
जशानमल ग्रुप
6.
सइद सलाहुद्दीन
ईटीए एस्कॉन एंड स्टार ग्रुप
7.
राजेन कालीचंद
डोडसाल ग्रुप
8.
पीएनसी मेनन
शोभा ग्रुप
9.
हर्षद मेहता
रोजी ब्लू ग्रुप
10.
रवि पिल्लई
आरपी ग्रुप


सूची की दूसरी मुख्य बातें
कुल 120 व्यापारियों और संस्थापकों ने रैंकिंग में जगह बनाई जिसमें से 22 फीसदी रीटेल सेक्टर के, 19 फीसदी उद्योगों से और 7.5 फीसदी विविध क्षेत्रों से हैं.
• 78 फीसदी व्यापार मालिकों की अपने व्यापार के लिए पसंदीदा जगह की वजह से यूएई सूची में पहले स्थान पर है.
• 13 सीईओ के साथ बैंकिंग और वित्त सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र था. सीईओ की श्रेणी में पेपसिको एएमईए के सीईओ संजीव चड्ढा शीर्ष पर हैं.  
भारत के शीर्ष दस सीएफओ में से सात यूएई में हैं, डीपी वर्ल्ड के युवराज नारायण सीएफओ श्रेणी में शीर्ष पर हैं.

एएफडी ने आईआरईडीए के लिए ऋण सीमा 100 मिलियन यूरो किया-(31-MAY-2014) C.A

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एजेंसी फ्रैंकाइसे डी डेवलपमेंट (एएफडी) ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (आईआरईडीएइरडा) के लिए ऋण सीमा 100 मिलियन यूरो 22 मई 2014 को कर दिया. ऋण सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव एएफडी ने भारत में अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के लिए मिलने वाले वित्त के उपय़ोग के लिए दिया था. यह 15 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाया गया है और इसके लिए भारत सरकार  की गारंटी भी नहीं ली गई है.

इरडा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक केएस पोपली औऱ एएफडी के क्षेत्रीय कार्यालय, नई दिल्ली के निदेशक एल्यूड फ्लॉग्ने ने 100 मिलियन यूरो के एलओसी वाले इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.
 
एलओसी समझौते के लाभ 
ऊर्जा के अक्षय स्रोतों के विकास से भारत को ऊर्जा सुरक्षा में सुधार के जरिए उसके पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने में मदद मिलेगी. 
यह क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करेगा.
यह भारत सरकार को कम कार्बन वाले बिजली के उत्पादन पर फोकस करनें में मदद करेगा.
 
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरडा) 
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरडा) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एनएनआरई) के अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को वित्त मुहैया कराने वाली संस्थान है. अभी तक वह अक्षय ऊर्जा के विभिन्न परियोजनाओं को 14550 करोड़ रूपए का वित्त मुहैया करा चुका है और इसपर 8200 करोड़ रूपए से ज्यादा का ऋण है.

एजेंसी फ्रैंकाइसे डी डेवलप्पमेंट (एएफडी) 
एजेंसी फ्रैंकाइसे डी डेवलपमेंट (विकास के लिए फ्रेंच एजेंसीएएफडी) एक जन विकास वित्त संस्थान है जो गरीबी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विकासशील देशों एवं फ्रांस के प्रवासी प्रांतों में बीते सत्तर साल से काम कर रहा है.
 
ऋण की सीमाएलओसी 
ऋण की सीमाएलओसी वित्तीय संस्थान और ग्राहक के बीच एक समझौता है जो बैंक द्वारा अधिकतम ऋण की शेष राशि स्थापित करता है. उधारकर्ता द्वारा किसी भी समय ऋण की सीमा वापस ली जा सकती है जबतक कि वह समझौते के अधिकतम तय राशि की सीमा न पार कर ले. आमतौर पर वित्तीय संस्था बैंक होती है. ऋण की सीमा का लाभ सीधे ऋण पर मिलता है जिसमें उधार लेने वाले को बिना प्रयोग किए गए ऋण पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता.


सिक्किम में 9वीं राज्य विधान सभा गठित-(31-MAY-2014) C.A

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सिक्किम में 28 मई 2014 को 9वीं राज्य विधान सभा गठित की गयी. अध्यक्ष सोनम ग्यात्सो लेपचा ने सभा की पहली बैठक के दौरान 31 नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई.
सदन के नेता और सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने सबसे पहले शपथ ली. इसके अलावा नए विधायकों में सोनम ग्यात्सो लेपचा सिक्किम विधान सभा के उपाध्यक्ष के रूप में और केदार नाथ राय  लोकसभा अध्यक्ष के रुप में सर्वसम्मति से निर्वाचित हुए.
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के नेता चामलिंग ने राजग सरकार के लिए अपना बिना शर्त समर्थन बढ़ा दिया है जिसका गठन 26 मई 2014 को किया गया था.


भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं के मध्य वार्षिक नौसेना अभ्यास सिम्बेक्स 14 अंडमान सागर में संपन्न-(31-MAY-2014) C.A

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भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं के मध्य वर्ष 2014 का वार्षिक नौसेना अभ्यास अंडमान सागर में 28 मई 2014 को संपन्न हो गया. इस अभ्यास को सिम्बेक्स 14 नाम दिया गया. सिम्बेक्स 14 की मेजबानी भारतीय नौसेना ने किया. यह श्रृंखला का 21वां अभ्यास है. इसे दोनों नौसेनाओं के बीच अंतरऑपरेशन और आपसी समझ को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया .
 
सिम्बेक्स 14 में दोनों पक्षों के प्रतिनिधि
भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व पूर्वी नौसेना कमान के जहाज कुठार और कारमुक ने किया. इन जहाजों के अलावा, भारतीय दल का प्रतिनिधित्व अंडमान और निकोबार कमान के समुद्री निगरानी विमान और एक हेलिकॉप्टर ने भी किया. 
सिंगापुर नौसेना का प्रतिनिधित्व सिंगापुर मिसाइल कार्वेट, वेलर और गश्ती पोतइंडिपेंडेंस ने किया.
 
भारत और सिंगापुर के बीच द्वीपक्षीय नौसैनिक सहयोग, सिम्बेक्स के बारे में
दोनों देशों की नौसेना के बीच द्वीपक्षीय नौसैनिक सहयोग सबसे पहले 1994 में औपचारिक रूप दिया गया जब आरएसएन जहाजों ने भरतीय नौसेना के साथ पनडुब्बी रोधी युद्ध(एएसडब्ल्यू) का प्रशिक्षण शुरु किया.

वर्ष 1993 में स्थापना के बाद से सिम्बेक्स के सामरिक और संचालन जटिलताओं में वृद्धि हुई है. यह पारंपरिक पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) पर जोर से आगे बढ़कर वायु रक्षा, वायु एवं सतह पर फायरिंग का अभ्यास, समुद्री सुरक्षा औऱ खोज एवं बचाव कार्यों जैसे जटिल नौसेना परिचालनों का अभ्यास आरंभ कर दिया.
 
भारतीय और सिंगापुर की नौसेना के बीच सिम्बेक्स रिश्ते
भारत और सिंगापुर की नौसेना नियमित रूप से व्यावसायिक संबंधों के साथ  लंबे समय से रिश्ता बनाए हुए हैं. सिम्बेक्स बातचीत के माध्यम से द्वीपक्षीय संबंधों के लिए व्य़ापक प्रक्रिया का परिणाम है. दोनों नौसेना के बीच आदानप्रदान में शामिल है 
एक्सचेंज प्रोग्राम
कर्माचारियों के बीच वार्ता और कोर्स में पारउपस्थिति.
 
दोनों नौसेना ने दोनों देशों को जोड़ने वाले सुदृढ़ समुद्री दोस्ती को जारी रखा है.


हिमालय में हिमालयनस साँप की नई प्रजाति मिली-(31-MAY-2014) C.A

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चीनी वैज्ञानिकों ने भूरे पिट वाइपर साँप हिमालयनस की एक नई प्रजाति की खोज की है. आनुवंशिक विश्लेषकों ने प्रोटोबोदरोप्स हिमालयनस को इस साँप की एक नई प्रजाति के रूप में चिह्नित किया है. यह खोज 'एशियन हर्पेटोलॉजिकल रिसर्च' में प्रकाशित हुई है.  
यह साँप सबसे पहले 2012 में दक्षिणी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में देखा गया था. इसके निवास-स्थान हिमालय के सम्मान में इसे हिमालयनस नाम दिया गया. स्थानीय लोग इस साँप को हिमालय का पवित्र निवासी कहते थे.
गोल सिर और ताँबे जैसे रंग की आंखों वाला हिमालयनस लगभग 1.5 मीटर लंबा, हिंस्र और आक्रामक सरीसृप है. यह ज्यादातर हिमालय की दक्षिणी बगल में पाया जाता है.  
वर्तमान में प्रोटोबोदरोप्स वर्ग में 12 मान्य प्रजातियाँ हैं, जिनमें से 7 चीन में रहती हैं और उनमें से कई पहाड़ी क्षेत्रों के ऊँचे स्थानों पर रहना पसंद करती हैं.   
शोध-दल के बारे में
चीनी वैज्ञानिकों ने 1970 से तिब्बत में माउंट एवरेस्ट के वन्य जीवन पर सबसे बड़ा वैज्ञानिक अध्ययन आयोजित किया. अध्ययन के एक अंग के रूप में हू हुइजियान की अगुआई वाले शोध-दल और साउथ चाइना इंस्टिट्यूट ऑफ इनडेंजर्ड एनिमल्स के शोधकर्ताओं ने अक्तूबर 2010 में अपना अभियान शुरू किया.  
दल ने अब तक 32000 वर्ग किलोमीटर की यात्रा की है और मछली की 8 प्रजातियों सहित 499 मेरुदंडियों का पता लगाया है.


मोल्दोवा और जॉर्जिया यूरोपीय संघ एसोसिएशन समझौते पर हस्ताक्षर करने हेतु सहमत-(31-MAY-2014) C.A

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मोल्दोवा और जॉर्जिया यूरोपीय संघ (ईयू) एसोसिएशन समझौते पर हस्ताक्षर करने को 13 मई 2014 को सहमत हुए. यह हस्ताक्षर 27 जून 2014 को किया जाना है. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष हर्मन वॉन रोमप्यू ने इस बात की घोषणा जॉर्जिया की राजधानी टिब्लिसी में की.

समझौते के बाद दोनों देशों औऱ ईयू के बीच व्यापार और राजनीतिक गठबंधनों को मजबूती मिल सकेगी. इसके अलावा, यह समझौता दोनों देशों को 28– ईयू ब्लॉक की पूर्ण सदस्यता की प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद करेगा जो कि दोनों ही देशों की मूल विदेश नीति का उद्देश्य है.
 
यह समझौता भूतपूर्व सोवियत गणराज्य के दोनों देशों की रूस से भी रक्षा करेगा जो ईयू के पूर्व की ओर विस्तार का विरोध करता है. हालांकि समझौते पर हस्ताक्षर इस वर्ष के आखिर तक होना है लेकिन ईयू ने मार्च 2014 में  क्रीमिया के रूस में विलय के बाद प्रक्रिया में तेजी लाई है. ईयू को अन्य क्षेत्र में यूक्रेन का संकट तेजी से पहुंचने और रूस का अन्य क्षेत्रों को हड़पने का डर है.
 
नवंबर 2013 में, यूक्रेन, मोल्दोव और जॉर्जिया ने ईयू एसोसिएशन समझौते पर हस्ताक्षर करने को सहमत हुए थे. हालांकि यूक्रेन के रूसी समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने देश में इसके खिलाफ बढ़ते विद्रोह को देखते हुए इस पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था.
 
इस घटना का परिणाम दिसंबर 2013 में रूसी समर्थक राष्ट्रपति का निष्कासनमार्च 2014 में क्रीमिया का रूस में विलिय औऱ अप्रैल 2014 में यूक्रेन का ईयू एसोसिएशन समझौते पर हस्ताक्षर करना रहा.



दक्षिण सूडान सरकार और विद्रोही सेना ने शांति समझौता किया-(31-MAY-2014) C.A

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दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति साल्वा कीर और विद्रोही सेना प्रमुख रीक मचार ने इथियोपिया के अदीस अबाबा में एक शांति समझौते पर 9 मई 2014 को हस्ताक्षर किया.
  
समझौत के तहत दोनों पक्षों को जोंगली राज्य में चल रहे संघर्ष को खत्म करने और तत्काल शांति बहाल करना होगा. यह समझौता नए संविधान और नए चुनाव का मसौदा तैयार करने की बात भी कहता है.

दक्षिण सूडान के संविधान में शामिल वे सामान्य सिद्धांत जिनपर दोनों पक्षों ने सहमति जताई है.
संयुक्ता सैन्य तकनीकी समिति का गठन. 
ग्रेटर पीबोर प्रशासनिक क्षेत्र की स्थापना. 
ग्रेटर पीबोर क्षेत्र के लिए फंड.
 
इथियोपिया के प्रधानमंत्री हेलीमारियम डिसालेंग ने वार्ता की मेजबानी की और उन्होंने समझौते पर हस्ताक्षर भी किया. शांति प्रक्रिया के प्रमुख मध्यस्थ बिशॉप प्राइड टाबन थे.
 
पृष्ठभूमि
हिंसा तब शुरु हुई जब राष्ट्रपति कीर ने उपराष्ट्रपति मचार को तख्तापलट की साजिश रचने के जुर्म में बर्खास्त कर दिया. मचार ने इन आरोपों का खंडन किया लेकिन उसके बाद उन्होंने साउथ सूडान डेमोक्रेटिव मूवमेंट/ आर्मी (एसएसडीएम) कोबरा का नेतृत्व कर सरकार के खिलाफ विद्रोह शुरु कर दिया.
 
स्वतंत्र दक्षिण सूडान के जोंगली में हुए संघर्ष में संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक हजारों लोग मारे गए और करीब  5 मिलियन लोगों को सहायता की जरूरत है. संयुक्त राष्ट्र ने दक्षिण सूडान सराकर और विद्रोहियों दोनों ही को मानवीयता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया है.
 
8 मई 2014 को जारी संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया कि दोनों ही पक्षों ने घरों, अस्पतालों, मस्जिदों, चर्चों और संयुक्त राष्ट्र परिसरों जैसे सार्वजनिक स्थलों पर व्यापक और व्यवस्थित अत्याचार किए. जनवरी 2014 में दोनों पक्षों के बीच शत्रुता को खत्म करने के लिए समझौता हुआ था लेकिन वे हिंसा को रोकने में विफल रहा था.


संपत्ति का खुलासा नहीं करने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराया जा सकता हैः सर्वोच्च न्यायालय-(31-MAY-2014) C.A

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सर्वोच्च न्यायालय 13 मई 2014 को ने कहा है कि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार अगर अपने जीवनसाथी या आश्रित बच्चों के साथ अपनी संपत्ति और देनदारियों का ब्योरा नहीं देते तो उनकी उम्मीदवारी को अयोग्य करार दिया जा सकता है.

न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सीकरी और न्यायमूर्ति सुरिन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार कानून से बंध कर चुनाव लड़ रहे हैं और इसी वजह से उन्हें अपनी पृष्ठभूमि और शिक्षा के बारे में विवरण देना होगा. अगर कोई भी उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल करते समय संपत्ति और देनदारियों, शिक्षा और पृष्ठभूमि से सबंधित जानकारी भरने के खाने को खाली छोड़ता है तो निर्वाचन अधिकारी उसकी उम्मीदवारी को जांच के स्तर पर अस्वीकृत कर देगा. 

अदालत ने कहा कि संविधान की धारा 19(1)(ए) के तहत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के बारे में जानना नागरिकों का मौलिक अधिकार है. यही वजह है कि उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि, शैक्षणिक योग्यता और उनकी संपत्ति, जीवनसाथी और आश्रित बच्चों के बारे में सूचनाएं दें.
 
मामला
यह फैसला किसान शंकर काठौर द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए दिया गया. वे अक्टूबर 2004 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में ठाणे जिले के अंबरनाथ निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे. उनके चुनाव को विधानसभा क्षेत्र के एक मतदाता अर्जुन दत्तात्रेय सावंत ने चुनौती दी. वर्ष 2007 में उच्च न्यायालय बंबई ने बिजली बिल के बकाया के बारे में सूचना नहीं देने पर दलील करने की अनुमति दी.

सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि बिजली बिल के बकाया के बारे में जानकारी नहीं देना गंभीर चूक नहीं है लेकिन पत्नी के फ्लैट और वाहन एवं भागीदारी में उनकी हिस्सेदारी के बारे में जानकारी  छिपाना प्रमुख औऱ गंभीर चूक है.



प्रधानमंत्री ने कौशल विकास और उद्यमिता को एक नया मंत्रालय बनाया-(31-MAY-2014) C.A

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सरबानंदा सोनोवाल (असम के लखीमपुर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद) को कौशल विकास और उद्यमिता (स्वतंत्र प्रभार) का राज्य मंत्री बनाया गया.
नए मंत्रालय का गठन का उद्देश्य वर्ष 2022 तक भारत में 500 मिलियन लोगों का कौशल विकास करके अपने लक्ष्य को सुनिश्चित करना है. एक ही समय में एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जो बाधाओं को समाप्त करके व्यापार को आसान और उद्यमिता को प्रोत्साहित कर सके.
यह पहली बार है कि कौशल विकास के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया गया है. इससे पहले विभिन्न विभागों और एजेंसियों को देश में कौशल और उद्यमिता के विकास का काम सौंपा गया.
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) ने उद्यमिता के विकास में काम किया जबकि राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी (NSDA) कौशल विकास में सक्रिय थी.
सैम पित्रोदा प्रधानमंत्री के सार्वजनिक सूचना बुनियादी सुविधाओं और नवाचारों के विषय के सलाहकार थे जो उद्यमिता विकास में शामिल था.
राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के बारे में
राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन 2010 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था. इस मिशन के अंतर्गत तीन संस्थाएं हैं.
राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद
यह देश में नीतियों की दिशा और कौशल विकास के प्रयासों के स्पेक्ट्रम की समीक्षा के लिए बनाया गया है. इसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है.
राष्ट्रीय कौशल विकास समन्वय बोर्ड
यह योजना आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता के अंतर्गत प्रधानमंत्री के परिषद के रणनीतियों की गणना के निर्णय को लागू करने के लिए होती है.
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी)
यह कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत एक गैर लाभकारी कंपनी है. इस निगम को राष्ट्रीय कौशल विकास कोष द्वारा वित्त पोषित किया जाता है.
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कौशल विकास नीति (NPSD) को मंजूरी दी थी और वर्ष 2022 तक 500 मिलियन व्यक्तियों के कौशल का लक्ष्य निर्धारित किया है.


भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एवं भारतीय सौर ऊर्जा निगम के बीच सौर ऊर्जा के लिए समझौता-(30-MAY-2014) C.A

| Friday, May 30, 2014
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) एवं भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीए) के बीच 28 मई 2014 को हवाई अडडों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने हेतु समझौता हुआ. समझौता पत्र पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सदस्य (नियोजन) सुधीर रहेजा तथा भारतीय सौर ऊर्जा निगम के निदेशक राकेश कुमार ने हस्ताक्षर किए.

समझौते के अनुसार, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के हवाई अडडों पर भारतीय सौर ऊर्जा निगम, सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगा. इससे हवाई अडडों की जरूरतें पूरी होने के साथ-साथ स्थानीय ग्रिड को भी बिजली मिलेगी.

विदित हो कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2011 में भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीए) की स्थापना, भारतीय कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के तहत की गई. एसईसीए का उद्देश्य देश में सौर ऊर्जा के प्रसार को सुनिश्चित करना है. एसईसीए, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy) के अधीन है.


सीसीआई ने ट्रेंट हाइपरमार्केट में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी प्रदान की-(30-MAY-2014) C.A

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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने ब्रिटेन की रिटेल कंपनी टेस्को ओवरसीज इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड द्वारा टाटा समूह की कंपनी ट्रेंट हाइपरमार्केट में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी 28 मई 2014 को प्रदान की.  बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए 2012 में खोले जाने के बाद यह इस क्षेत्र में पहला एफडीआई है.

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के अनुसार टेस्को पूर्व में भारत में खुदरा कारोबार में नहीं रही है और इस सौदे से भारत में प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल असर पडऩे की संभावना नहीं है.

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने यह मंजूरी ऐसे समय दी है जब मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर फिर से राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है, क्योंकि भाजपा बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के खिलाफ रही है. इस समय केंद्र में भाजपा की ही सरकार है.
 
विदित हो कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए ने सरकार ने बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति दी थी, परन्तु कुछ राज्य सरकारों ने इस एफडीआई नीति के क्रियान्वयन के खिलाफ फैसला करते हुए विदेशी रिटेलरों को अपनी दुकानें खोलने की अनुमति नहीं देने का निर्णय किया था.
 
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग 
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India, CCI) भारत की एक विनियामक संस्था है. इसका उद्देश्य स्वच्छ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है ताकि बाजार उपभोक्ताओं के हित का साधन बनाया जा सके.


भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच वार्ता हुई-(30-MAY-2014) C.A

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मई 2014 को नई दिल्ली में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ वार्ता की. नवाज शरीफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सार्क के अन्य नेताओं के साथ हिस्सा लेने भारत के दौरे पर आये थे.

दोनों नेताओं की बैठक के दौरान निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा हुई

आपसी संबंधों से आतंकवाद और आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता.
2008 के मुंबई में हुए आतंकी हमले और 26/11 के मुकदमे पर कानूनी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए जोर
दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक का यह नतीजा हुआ कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी भी बाद में पाकिस्तान की यात्रा पर जाएंगे.
इसके अलावा सचिव स्तर की वार्ता को फिर से शुरू करने और लाहौर घोषणापत्र को आगे ले जाने के लिए सहमत हो गये.
लाहौर घोषणा पत्र पर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बीच अक्टूबर 1999 में हस्ताक्षर किए गए थे.


अमेरिका की लेखिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता माया एंजेलो का निधन-(30-MAY-2014) C.A

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अमेरिका की लेखिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता माया एंजेलो का 29 मई 2014 को अमेरिका के उत्तर कैरोलिना में निधन हो गया. वे 86 वर्ष की थीं.
माया एंजेलो को वर्ष 1969 में प्रकाशित अपनी कृति 'आई नो वाई द केज़्ड बर्ड सिंग्स' से विश्व प्रसिद्धी मिली. 'आई नो वाई द केज़्ड बर्ड सिंग्स' एंजेलो के सात आत्मकथाओं की शृंखला की पहली कड़ी थी, जो उनके जीवन के शुरूआती दिनों में हुए उत्पीड़न पर आधारित थी.

माया एंजेलो वर्ष 1982 से अमेरिका स्थित वेक फॉरेस्ट विश्वविद्यालयमें प्रोफेसर थीं. उनके करियर का दायरा टेलीविजन, थिएटर, बच्चों की किताबों और संगीत तक फैला हुआ था.

माया एंजेलो अमेरिका की एक प्रमुख नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थीं, जिन्होंने मार्टिन लूथर किंग और मैल्कम एक्स के साथ अमेरिका में असमानता और अन्याय की लड़ाई लड़ी


भारतीय रिजर्व बैंक ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के अधिग्रहण और विलय के नियमों को कड़ा किया-(30-MAY-2014) C.A

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एनबीएफसी के प्रबंधन के लिए योग्य और उचित चरित्र सुनिश्चित करने के लिए गैर बैंक वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के विलय के नियमों को कड़ा किया.
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 26 मई 2014 को गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (अधिग्रहण या नियंत्रण के हस्तांतरण की स्वीकृति) की दिशा में एक अधिसूचना जारी की. ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा.
एनबीएफसी के अधिग्रहण या नियंत्रण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से पूर्व लिखित अनुमति आवश्यक होगा जो शेयरों के अधिग्रहण या किसी अन्य तरीके से होगा.
एक मात्र जमा स्वीकार करने वाली संस्था एनबीएफसी को अधिग्रहण या विलय के लिए आरबीआई की मंजूरी की आवश्यकता है और यह पहले भी किया गया है
इसके अलावा एनबीएफसी का किसी अन्य संस्था के साथ अधिग्रहण या विलय या किसी अन्य संस्था का अधिग्रहण या विलय किसी एनबीएफसी के साथ चुकता पूंजी के 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी के हस्तांतरण में भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी की जरूरत होगी.
अन्य कंपनियों या एनबीएफसी के साथ विलय या संयोजन के लिए आरबीआई की लिखित स्वीकृति अदालत की मांग या न्यायालय के आदेश के पहले आवश्यक हो जाएगा.

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ

·       गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनीयाँ (एनबीएफसी) कंपनी अधिनियम, 1956  के तहत पंजीकृत कंपनी है. एनबीएफसी बैंकों तरह ही जमा और उधार का कार्य करती है.
·       लेकिन एनबीएफसी मांग जमा स्वीकार नहीं कर सकते, चेक जारी नहीं कर सकते हैं, निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम के जमा बीमा की सुविधा एनबीएफसी के जमाकर्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं है.
·       एनबीएफसी ऐसी किसी भी संस्था को शामिल नहीं करता जिसका प्रमुख व्यवसाय कृषि, औद्योगिक गतिविधियों में शामिल है.