मलाला यूसुफजई को वर्ष 2013 के पीटर जे गोम्स ह्यूमैनिटेरिअन पुरस्कार से सम्मानित किया गया-(30-SEP-2013) C.A

| Monday, September 30, 2013
पाकिस्तान की किशोरी और मानवाधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई को मानवीय कार्यों के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने वर्ष 2013 के पीटर जे गोम्स ह्यूमैनिटेरिअन पुरस्कार से 27 सितम्बर 2013 को सम्मानित किया.
मलाला यूसुफजई से संबंधित मुख्य तथ्य
पाकिस्तान की किशोरी और मानवाधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई और अमेरिकी गायक तथा मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय कार्यकर्ता हैरी बेलाफोंटे को संयुक्त रूप से एमनेस्टी इंटरनेशनल के एंबेसेडर ऑफ कंसाइंस पुरस्कार 2013 से सम्मानित किया गया था.
वर्ष 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने 10 नवंबर को मलाला यूसुफजई दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी.
मलाला यूसुफजई को उसकी बहादुरी और स्वात की प्रतिकूल परिस्थितियों में महिलाओं की शिक्षा के लिए आवाज उठाने हेतु व‌र्ल्ड पीस एंड प्रॉस्पेरिटी फाउंडेशन के वीरता पुरस्कार से 19 नवंबर 2012 को सम्मानित किया गया था.
• 9 अक्टूबर 2012 को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तालिबान के आतंकियों ने मलाला यूसुफजई के सिर में गोली मार दी थी.
मलाला यूसुफजई को फ्रांस के सिमोन डी बेवॉर पुरस्कार से 9 जनवरी 2013 को सम्मानित किया गया था.
वह बीबीसी के लिए ऊर्दू डायरी लिखने के कारण चर्चा में आई थीं.




रूस की टेनिस खिलाड़ी एलेक्सजेंड्रा पानोवा ने तेलावी ओपन टेनिस टूर्नामेंट-2013 का खिताब जीता-(30-SEP-2013) C.A

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रूस की महिला टेनिस खिलाड़ी एलेक्सजेंड्रा पानोवा ने जॉर्जिया में आयोजित तेलावी ओपन टेनिस टूर्नामेंट-2013 के महिला एकल वर्ग का खिताब 29 सितम्बर 2013 को जीता. फाइनल में रूस की एलेक्सजेंड्रा पानोवा ने अपने ही देश की विक्टोरिया कान को 7-5, 6-4 से पराजित किया.
इससे पहले एलेक्सजेंड्रा पानोवा ने यूक्रेन की पी गाना को पराजित कर फाइनल में प्रवेश किया था, जबकि विक्टोरिया कान ने सेमीफाइनल में रोमानिया की आंद्रिया मितु को पराजित किया था.
इसके अलावा तेलावी ओपन टेनिस टूर्नामेंट-2013 के महिला युगल वर्ग का खिताब इटली की मारिया एलेना केमेलिन और स्लोवानिया की अंजा प्रिस्लान की जोड़ी ने जीता. महिला युगल वर्ग के फाइनल में मारिया एलेना केमेलिन और अंजा प्रिस्लान की जोड़ी ने जर्मनी की अना जाजा और स्लोवेनिया की मासा पेसकिरिक की जोड़ी को 7-5, 6-2 से पराजित किया.
तेलावी ओपन टेनिस टूर्नामेंट
तेलावी ओपन टेनिस टूर्नामेंट पेशवर महिला टेनिस खिलाड़ियों के लिए आयोजित किया जाने वाला एक टेनिस टूर्नामेंट है. इसे क्ले कोर्ट्स पर खेला जाता है. यह आईटीएफ महिला सर्किट टूर्नामेंट के 50000 डॉलर पुरस्कार राशि स्तर का टूर्नामेंट है. वर्ष 2007 से इसका आयोजन तेलावी, जॉर्जिया में किया जा रहा है. वर्ष 2007 से 2010 तक यह आईटीएफ महिला सर्किट टूर्नामेंट के 25000 डॉलर पुरस्कार राशि स्तर का टूर्नामेंट था.




भारतीय पत्रकार रवि शंकर चीन के सर्वोच्च सम्मान फ्रैंडशिप पुरस्कार से सम्मानित-(30-SEP-2013) C.A

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भारतीय पत्रकार रवि शंकर को चीन के आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान के लिए विदेशी विशेषज्ञ के नाते चीन द्वारा किसी विदेशी को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान फ्रैंडशिप पुरस्कार से 29 सितम्बर 2013 को सम्मानित किया गया. चीन के उप प्रधानमंत्री मा काई ने यह पुरस्कार 20 देशों के 50 विदेशी मामलों के विशेषज्ञ पत्रकारों को प्रदान किए.
रवि शंकर से संबंधित मुख्य तथ्य
रवि शंकर चाइना डेली के अंतरराष्ट्रीय संस्करण के कार्यकारी संपादक हैं.
रवि शंकर 20 देशों के उन 50 विदेशी मामलों के विशेषज्ञ पत्रकारों में शामिल हैं जिन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया.
वह पिछले 11 वर्ष से अधिक समय से चाइना डेली के साथ जुड़े हुए हैं.
रवि शंकर आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं.
फ्रैंडशिप पुरस्कार
फ्रैंडशिप पुरस्कार चीन की सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है. इसके तहत विदेशी विशेषज्ञों को सम्मानित किया जाता है. यह एक वार्षिक पुरस्कार है. यह चीन द्वारा किसी विदेशी व्यक्ति को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है.




भारत की निखत जरीन ने महिला युवा विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप-2013 में रजत पदक जीता-(30-SEP-2013) C.A

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भारत की महिला मुक्केबाज और मौजूदा जूनियर विश्व चैंपियन निखत जरीन ने बुल्गारिया के अलबेना में आयोजित महिला युवा विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रजत पदक 29 सितम्बर 2013 को जीता. 54 किलो भार वर्ग के फाइनल में चीन की युन झी युआन ने निखत जरीन को पराजित कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया.
निखत जरीन से संबंधित मुख्य तथ्य
• 17 वर्षीय मुक्केबाज निखत जरीन आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं.
उन्होंने सेमीफाइनल में युक्रेन की विक्टोरिया विरट को पराजित किया था.
वह मौजूदा जूनियर विश्व चैंपियन (54 किग्रा) भी हैं.
विदित हो कि इससे पहले इस प्रतियोगिता में भारत की लाइटवेट मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा) ने कांस्य पदक जीता था. इसके साथ ही मध्यप्रदेश की आशा रोका (48 किग्रा) को भी कांस्य पदक प्राप्त हुआ.




कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण को भारत भूषण पुरस्कार-(30-SEP-2013) C.A

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भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने जाने-माने कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण को भारत भूषण पुरस्कार 22 सितंबर 2013 को पुणे के बालगंधवरा रंगमंदिर में आयोजित प्रदर्शनी के दौरान दिया. यह प्रदर्शनी आर के लक्ष्मण के दुर्लभ 500 कृतियों को प्रदर्शित करने हेतु आयोजित की गयी थी.
इस प्रदर्शनी का नाम द अनकॉमन मैन सोलो एक्जीबिशन प्रोफाइलिंग डिलाइटफुल वर्ल्ड ऑफ आर के लक्ष्मणथा. यह प्रदर्शनी 27 सितंबर तक चली.
आर के लक्ष्मण से संबंधित तथ्य
•    आर के लक्ष्णण का पूरा नाम रासीपुरम कृष्णास्वामी अय्यर लक्ष्मण (Rasipuram Krishnaswamy Iyer Laxman) है.
•    इनका जन्म 14 अक्टूबर 1921 को कर्नाटक के मैसूर में हुआ था.
•    आर के लक्ष्मण को कार्टूनिस्ट, इलेक्ट्रटर तथा ह्यूमरिस्ट के तौर पर जाना जाता है.
•    इनकी सर्वाधिक चर्चित द कॉमन मैन है जो कि एक दैनिक कार्टून पट्टिका तथा टाइम्स ऑफ इंडिया का यू सेड ईट नामन कॉलम में प्रकाशित की जाती है. यह कॉलम 1951 में आरंभ हुआ था.
•    आर के लक्ष्मण को पदम विभूषण, रमन मैगसेसे, पत्रकारिता का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार जैसे विशिष्ट पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. उन्हें पुणे पंडित पुरस्कार भी मिल चुका है.




उसागी तूफान ने चीन के शानवेई शहर को प्रभावित किया-(30-SEP-2013) C.A

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प्रशांत महासागर में उठे उसागी नामक तूफान ने चीन के शानवेई शहर को प्रभावित किया जिससे कई लोग 22-23 सितंबर 2013 को मारे गये. उसागी ने हांगकांग के उत्तर-पूर्व में स्थित गुआंगडाँग प्रांत के शानवेई शहर में भू-स्खलन का कारण बना जिससे 226000 लोग को पलायन करना पड़ा और 7100 घरों को क्षति पहुंची. उसागी तूफान के कारण 529.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान का अनुमान लगाया गया है. हांगकांग में वर्ष 1979 के बाद से अब तक का सबसे बड़ा तूफान है.
विदित हो कि उसागी तूफान के कारण कुछ दिनों पूर्व ही फिलीपींस में दो लोगों की मौत हुई. यहां भी भू-स्खलन हुआ था.




41वें पैट्रिक कावानाग पोएट्री पुरस्कार (2013) के लिए रफीक कथवाड़ी का चयन-(30-SEP-2013) C.A

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भारतीय मूल के अमेरिकी कवि रफीक कथवाड़ी को उनकी 20 अप्रकाशित कविताओं के पहले संग्रह 'इन अनदर कंट्री' हेतु 41वें पैट्रिक कावानाग पोएट्री पुरस्कार (2013) के लिए चुना गया. इनके चयन की घोषणा 29 सितंबर 2013 को की गई. इसी चयन के साथ ही रफीक कथवाड़ी पैट्रिक कावानाग पोएट्री पुरस्कार हेतु चयनित होने वाले पहले गैर आयरिश व्यक्ति बन गए. रफीक कथवाड़ी की ये कविताएं अंग्रेजी में लिखी गई हैं. अप्रकाशित कविताओं के संग्रह ˜इन ऐनअदर कंट्री को इस पुरस्कार के लिए देशभर के 112 उम्मीदवारों में से चुना गया.
 
पैट्रिक कावानाग पोएट्री पुरस्कार 

कावानाघ पुरस्कार अंग्रेजी के अप्रकाशित संग्रह के लिए दिया जाता है. पुरस्कार के तहत विजेता को  एक हजार यूरो की राशि प्रदान की जाती है. यह पुरस्कार आयरलैंड में पैदा हुए, या यहां की नागरिकता प्राप्त लोगों या आयरलैंड में लंबे समय से रह रहे लोगों को दिया जाता है.
 
रफीक कथवाड़ी 
रफीक कथवाड़ी का सम्बन्ध कश्मीर (भारत) से है. रफीक कथवाड़ी यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो आयरलैंड के निवासी नहीं हैं. ज्यादातर न्यूयॉर्क और श्रीनगर में अपना समय बिताने वाले रफीक कथवाड़ी पिछले तीस साल से कविताएं लिख रहे हैं. उन्होंने अल्लामा इकबाल की चयनित उर्दू शायरी का अनुवाद किया है. उनकी अधिकतर कविताएं कश्मीर में मासूमियत के खोनेऔर उनकी मां की दीर्घकालीन बीमारी से प्रेरित हैं.

पुरस्कार की घोषणा के बाद रफीक कथवाड़ी ने कहा, कि वह आश्चर्यचकित हैं और यह पुरस्कार आयरलैंड के नए बहुसंस्कृतिवाद का स्पष्ट प्रतीक है.




भारत ने मलेशिया को पराजित कर सुल्तान ऑफ जोहोर कप-2013 का खिताब जीता-(30-SEP-2013) C.A

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भारत ने सुल्तान ऑफ जोहोर कप-2013 (हॉकी अंडर-21 टूर्नामेंट) का खिताब 29 सितम्बर 2013 को जीता. फाइनल में भारत ने मेजबान मलेशिया को 3-0 से पराजित किया. भारत की ओर से अमन मिराश टिर्की (22वें मिनट), अफान यूसुफ (52वें मिनट) और मनप्रीत (64वें मिनट) ने गोल किए.
सुल्तान ऑफ जोहोर कप-2013 से संबंधित मुख्य तथ्य
सुल्तान ऑफ जोहोर कप-2013 में तीसरे स्थान पर अर्जेंटीना, चौथे स्थान पर पाकिस्तान, पांचवे स्थान पर कोरिया और छठे स्थान पर इंग्लैंड रहा.
टूर्नामेंट में सबसे शानदार खिलाड़ी मलेशिया के मोहम्मद फितरी सारी को चुना गया.
इस टूर्नामेंट में शीर्ष स्कोरर मलेशिया के मोहम्मद शाहरिल साबह रहे, जिन्होंने 8 गोल किए.
इस टूर्नामेंट में सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी भारत के हरजीत सिंह को चुना गया.
टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर कोरिया के ली से यंग को चुना गया.
विदित हो कि वर्ष 2012 में जर्मनी ने सुल्तान ऑफ जोहोर कप का खिताब जीता था. फाइनल में जर्मनी ने भारत को पराजित किया था.




संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सत्र के दौरान इब्सा के विदेश मंत्रियों की बैठक संपन्न-(30-SEP-2013) C.A

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भारत, ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका  के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सत्र के दौरान अतिरिक्त समय में 25 सितंबर 2013 को न्यूयार्क में बैठक की. इब्सा की औपचारिक शुरूआत की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर तीन विदेश मंत्रियों द्वारा आयोजित इस बैठक में आपसी हित के समकालीन वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान - प्रदान किया गया तथा जून, 2013 की ब्रासिलिया घोषणा के माध्यम से इसको औपचारिक रूप दिए जाने के बाद से इब्सा सहयोग द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा की गई.

विदेश मंत्रियों ने इब्सा वार्ता मंच के सुदृढ़ीकरण के संबंध में हुई प्रगति को संतोष व्यक्त किया. उन्होंने रेखांकित किया कि इब्सा ने व्यापक श्रेणी के क्षेत्रों में बहुआयामी एवं बहु क्षेत्रीय सहयोग के लिए बहुत मजबूत नींव रखने में सफलता प्राप्त की है. उन्होंने विभिन्न संगठनों एवं समूहों में इब्सा समन्वय के सकारात्मक परिणामों को संतोष के साथ नोट किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र  विश्व व्यापार संगठन, डब्ल्यू आईपीओ, जी-20, जी-24, ब्रिक्स एवं बेसिक शामिल हैं. उन्होंने संपोषणीय विकास के एजेंडे पर इब्सा के सदस्यों द्वारा निभायी गई महत्वपूर्ण भूमिका को याद किया, जिसने 2011-12 में तीन प्रमुख सम्मेलनों का आयोजन किया तथा ब्राजील में हाल ही में आयोजित ब्रिक्स की 16वीं मंत्री स्तरीय बैठक को भी याद किया, जिसने वार्सा जलवायु सम्मेलन के सफल परिणाम के लिए प्रतिबद्धता को दोहराया.

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इब्सा एक महत्वपूर्ण रूपरेखा है जो एशिया, दक्षिण अमरीका एवं अफ्रीका के विकासशील देशों के बीच संपर्कों को आगे बढ़ाने तथा दक्षिण - दक्षिण सहयोग की भावना को सुदृढ़ करने के लिए अतिरिक्त संवेग प्रदान करती है. तीन देशों के बीच राजनीतिक वार्ता ने साझे हित के मुद्दों पर वैश्विक वार्तालाप में सकारात्मक रूप से योगदान किया है. मंत्रियों ने त्रिपक्षीय सहयोग को और सुदृढ़ करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया तथा इब्सा की नवीकृत प्रासंगिकता को स्वीकार किया.

गरीबी एवं भुखमरी के उन्मूलन के लिए इब्सा निधि ने विकास से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए अनेक विकासशील देशों में अनेक परियोजनाओं के माध्यम से दक्षिण - दक्षिण सहयोग की प्रासंगिकता एवं व्यवहार्यता को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया है. मंत्रियों ने ऐसे क्षेत्रों में इब्सा निधि की पहुंच बढ़ाने की संभावना का पता लगाने पर जोर दिया जिन पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया है तथा जो ऐसे देश हैं जिनको विकास सहायता की तत्काल आवश्याकता है. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इब्सा निधि ने अफ्रीका, मध्य पूर्व तथा कैरेबियन में 7 परियोजनाओं को संपन्न किया है तथा यह कि केप वर्डे, सियरा लियोन, कंबोडिया, लाओस, वियतनाम एवं फिलीस्तीन समेत अनेक देशों में 9 परियोजनाएं कार्यान्वयन के अधीन हैं.

अधिक साम्यपूर्ण विकास, समावेशी विकास के अलावा वर्तमान राजनीतिक - आर्थिक सच्चाइयों को प्रतिबिंबित करने वाले अधिक संशोधित, अधिक प्रतिनिधिमूलक एवं लोकतांत्रिक वैश्विक राजनीतिक एवं आर्थिक अभिशासन की दिशा में नए मॉडलों एवं दृष्टिकोणों का आह्वान करते हुए मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र संघ तथा अन्य बहुपक्षीय संस्थाओं के निर्णय लेने वाले निकायों में विकासशील देशों का प्रतिनिधत्व बढ़ाने की दिशा में सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की. विशेष रूप से, मंत्रियों ने इस बात को रेखांकित किया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के सुधार को उप सहारा अफ्रीका समेत सबसे निर्धन सदस्यों की आवाज एवं प्रतिनिधत्व को भी सुदृढ़ करना चाहिए.

मंत्रियों ने इस बात को रेखांकित किया कि संयुक्त राष्ट्र संघ के गठन के लगभग 70 साल बाद तथा 2005 की विश्व शिखर बैठक के परिणाम दस्तावेज के अंगीकरण के 10 साल बाद अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार तथा स्थायी एवं गैर स्थायी श्रेणियों में नए सदस्यों को शामिल करने पर निर्णय लेने का समय आ गया है. इसलिए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2015 तक अंतिम निर्णय में कार्रवाई के लिए तात्कालिकता पर विद्यमान करार तथा काफी समय से लंबित इस प्रक्रिया पर ठोस परिणाम प्राप्त करके इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रयासों को गहन करना आवश्यक है. इस संदर्भ में, उन्होंने संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए एक दूसरे की उम्मीदवारी का पूर्ण समर्थन करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया.

सीरिया सरकार के साथ बात करने के लिए दमिश्क में एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल भेजने संबंधी इब्सा की अगस्त 2011 की पहल को याद करते हुए मंत्रियों ने इस बात का उल्लेख किया कि सीरिया के संकट का समाधान सीरिया के लोगों के हित में तथा इस क्षेत्र एवं विश्व के हित में सीरिया के नेतृत्व में समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया के माध्यम से होना चाहिए जिसका समर्थन संयुक्त राष्ट्र संघ एवं अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा किया जाना चाहिए. उन्होंने सीरिया में निरंतर हिंसा के परिणामस्वरूप मानवाधिकारों तथा अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के बढ़ते उल्लंघन की निंदा की. उन्होंने अपने उस आह्वान को याद किया जिसमें उन्होंने सभी पक्षों से सहायता की जरूरत वाले सभी लोगों को मानवीय संगठनों तक तत्काल, सुरक्षित, पूर्ण एवं अबाध पहुंच प्रदान करने एवं संभव बनाने की बात की थी.

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में जल्दी से जल्दी सीरिया पर जेनेवा-2 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन बुलाने के लिए अपने समर्थन को दोहराया ताकि कार्य समूह के अंतिम वक्तव्य (जेनेवा-1) के कार्यान्वयन पर सीरिया के सभी पक्षों के बीच बातचीत हो सके. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस संकट के किसी भी समाधान को सीरिया के समाज के सभी वर्गों की जायज आकांक्षाओं को पूरा करना चाहिए तथा सीरिया की स्‍वतंत्रता, भौगोलिक एकता एवं संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए.

उन्होंने किसी भी परिस्थिति में रासायनिक हथियारों के प्रयोग की जोरदार शब्दों में निंदा की. उन्होंने रासायनिक हथियार अभिसमय का पालन करने संबंधी सीरिया अरब गणराज्य की सरकार के निर्णय तथा इस अभिसमय के लागू होने से पूर्व इसे अंनतिम रूप से लागू करने के लिए सीरिया के प्राधिकारियों की प्रतिबद्धता का स्वागत किया.

अगस्‍त, 2013 में जारी मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया पर अपनी घोषणा को याद करते हुए मंत्रियों ने इस बात को दोहराया कि इजरायल - फिलिस्तीन संघर्ष अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक अत्यावश्यक एवं प्रमुख मुद्दा बना हुआ है, जिसका समाधान मध्य पूर्व क्षेत्र में संपोषणीय एवं स्थायी शांति की स्थापना के लिए एक पूर्वापेक्षा है. उन्होंने फिलिस्तीन एवं इजरायल के बीच वार्ता की बहाली का स्वागत किया. मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इस मामले पर सचेत बने रहने तथा शांति प्रक्रिया जब तक संतोषप्रद अंजाम तक न पहुंच जाए, तब तक उसे अपना समर्थन जारी रखने का आह्वान किया.

मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता इस देश के हित में होने के अलावा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में भी है. यह आवश्यक है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय संक्रमण एवं बदलाव की इस अवधि के दौरान विकास एवं सुरक्षा सहायता के रूप में अफगानिस्तान के प्रति प्रतिबद्ध बना रहे. मंत्रियों ने इस बात को स्वीकार किया कि अफगानिस्तान की सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए मुख्य खतरा आतंकवाद है जो क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए भी खतरा है. उन्होंने सभी रूपों एवं अभिव्यक्तियों के आतंकवाद की चुनौ‍ती से निपटने के लिए संयुक्त एवं संवेग प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया जिसमें अफगा‍न की सीमाओं के बाहर स्थित आंतकी शरणगाहों एवं सुरक्षित आश्रयों को नष्ट करना तथा आतंकवाद के लिए सभी वित्तीय एवं रणनीतिक सहायता में रोड़े अटकाना शामिल है.

मंत्रियों ने विदेशी सरकारों एवं व्यवसायों द्वारा नागरिकों, व्यवसायों तथा सरकारों के सदस्यों से संचार एवं डाटा के अवैध इंटरसेप्शन की अनधिकृत प्रथाओं पर अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने इस बात को रेखांकित कि यह राष्ट्रीय संप्रभुता एवं व्यक्तियों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है तथा मैत्रीपूर्ण देशों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व से असंगत है. उन्होंने इन मुद्दों पर खुलकर विचार - विमर्श करने तथा साइबर सुरक्षा पर उपयुक्त अंतरराष्ट्रीय अभिशासन का विकास करने के लिए संगत बहुपक्षीय मंचों में सहयोग करने की अपनी तत्परता की भी फिर से पुष्टि की.

मंत्रियों ने रूस की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 की 8वीं शिखर बैठक के परिणामों का स्वागत किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जी-20 विकसित हो रहे वैश्विक आर्थिक एवं वित्तीय मुद्दों से निपटने के लिए स्थूल आर्थिक नीतियों में समन्वय लाने के प्रमुख मुद्दों पर तथा वैश्विक आर्थिक अभिशासन की संस्थाओं के सुधार पर भी ध्यान देना जारी रखे. मंत्रियों ने कहा कि जी-20 संयुक्त राष्ट्र संघ तथा अन्य संगत अंतरराष्ट्रीय संगठनों का प्रतिस्थानी नहीं है.

सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों कार्यान्वयन की गति को तेज करने की आवश्यकता पर बल देते हुए मंत्रियों ने गरीबी उन्मूलन के अत्यंत महत्वपूर्ण लक्ष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया तथा इस संदर्भ में आशा व्यक्त की कि 2015 पश्चात विकास एजेंडा गरीबी उन्मूलन, आर्थिक विकास, नौकरियों के सृजन, सामाजिक समावेशन तथा संपोषणीय विकास पर ध्यान देगा. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यह विकसित एवं विकासशील दोनों प्रकार के देशों पर लागू होना चाहिए और साथ ही विकासशील देशों की राष्ट्रीय नीतियों की प्राथमिकताओं को भी बरकरार रखा जाना चाहिए. उन्होंने इस बात की फिर से पुष्टि की कि रियो सिद्धांत, विशेष रूप से साझी किंतु विभेदीकृत जिम्मेदारियों का सिद्धांत निश्चित रूप से संपोषणीय विकास एजेंडा की धुरी होनी चाहिए. उन्होंने 2015 पश्चात विकास एजेंडा को अंतिम रूप देने के लिए अंतर्सरकारी वार्ता शुरू करने की आवश्यकता को स्वीकार किया. इस संदर्भ में, अधिक आबादी वाले जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत, ब्राजील एवं दक्षिण अफ्रीका द्वारा समवेत प्रयास किसी नए विकास एजेंडा का निर्माण करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे.

वियना घोषणा एवं कार्य योजना की 20वीं वर्षगांठ को याद करते हुए मंत्रियों ने सभी मानवाधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की तथा इस क्षेत्र में इब्सा रूपरेखा के अंदर तथा बहुपक्षीय मंचों में भी आपस में अधिक सहयोग करने का आह्वान किया.

मंत्रियों ने सदस्यों से खुले मन से काम करने तथा दिसंबर, 2013 में बाली, इंडोनेशिया में आयोजित होने वाले विश्व व्यापार संगठन के 9वें मंत्री स्तरीय सम्मेलन में लोच का प्रदर्शन करने के लिए आवश्यकता को दोहराया तथा उम्मीद व्यक्त की कि यह अपने विकास अधिदेश के अनुसरण में दोहा चक्र के सफल एवं संतुलित अंजाम को प्रेरित करेगा जिससे सबसे गरीब एवं सबसे सुभेद्य देशों को लाभ होगा.

मंत्रियों ने दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में इब्सा त्रिपक्षीय आयोग की 8वीं बैठक के सफल होने की उम्मीद व्यक्त की.