काला धन की जांच हेतु केंद्र सरकार ने विशेष जांच दल का गठन किया-(29-MAY-2014) C.A

| Thursday, May 29, 2014
काला धन की जांच हेतु केंद्र सरकार ने 27 मई 2014 को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार किया गया. एसआईटी कर चोरी और गैर-कानूनी गतिविधियों के जरिए विदेश में जमा की गई धन राशि की जांच करेगी. नवगठित एसआईटी के अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम बी शाह और उपाध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरिजित पसायत होंगे.
 सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार, विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्य के रूप में केंद्र सरकार के निम्नलिखित पदाधिकारियों को शामिल होंगे.
1. सचिव, राजस्व विभाग, भारत सरकार
2. डिप्टी गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक
3. निदेशक, भारतीय ख़ुफ़िया ब्यूरो (आईबी)
4. निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय
5. निदेशक, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)
6. अध्यक्ष, सीबीडीटी
7. महा निदेशक, स्वापक नियंत्रण ब्यूरो
8. महा निदेशक, राजस्व गुप्तचर
9. निदेशक, वित्तीय गुप्तचर विभाग 
10.निदेशक, अनुसंधान एवं विश्लेषण विभाग
11.संयुक्त संचिव (एफटी एंड आईआर-1), सीबीडीटी
 
एसआईटी को अवैध धन संग्रह से संबंधित हसन अली और अन्य मामलों की जांच और मुकद्दमें चलाने का काम सौंपा गया है. एसआईटी ऐसे मामलों के बारे में एक व्यापक कार्य योजना तैयार करेगा और अपने काम-काज की जानकारी समय-समय पर सर्वोच्च न्यायालय को देगा.
विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन से संबंधित पृष्ठभूमि
सर्वोच्च न्यायालय में काला धन का मामला वकील राम जेठमलानी ने एक जनहित याचिका के जरिये वर्ष 2011 में उठाया. इस मामले में सर्वोच्च अदालत ने काले धन की जांच के लिए केंद्र सरकार को एसआइटी गठित करने का आदेश 4 जुलाई 2011 को दिया था, लेकिन संप्रग सरकार ने एसआइटी गठन के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर किया. सर्वोच्च न्यायालय ने 1 मई 2014 को एसआइटी गठन का विरोध करने वाली संप्रग सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए पुनः अपने पूर्वर्ती आदेश पर मुहर लगा दी एवं केंद्र सरकार को 28 मई 2014 तक काला धन की जांच हेतु विशेष जांच दल के गठन से संबंधित अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया.


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