एजेंसी फ्रैंकाइसे डी डेवलपमेंट (एएफडी) ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास
एजेंसी लिमिटेड (आईआरईडीए– इरडा) के लिए ऋण सीमा 100 मिलियन यूरो 22 मई 2014 को कर
दिया. ऋण सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव एएफडी ने भारत में अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता
परियोजनाओं के लिए मिलने वाले वित्त के उपय़ोग के लिए दिया था. यह 15 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाया गया है और इसके लिए भारत सरकार की गारंटी भी नहीं ली गई है.
इरडा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक केएस पोपली औऱ एएफडी के क्षेत्रीय कार्यालय, नई दिल्ली के निदेशक एल्यूड फ्लॉग्ने ने 100 मिलियन यूरो के एलओसी वाले इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.
एलओसी समझौते के लाभ
• ऊर्जा के अक्षय स्रोतों के विकास से भारत को ऊर्जा सुरक्षा में सुधार के जरिए उसके पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने में मदद मिलेगी.
• यह क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करेगा.
• यह भारत सरकार को कम कार्बन वाले बिजली के उत्पादन पर फोकस करनें में मदद करेगा.
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरडा)
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरडा) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एनएनआरई) के अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को वित्त मुहैया कराने वाली संस्थान है. अभी तक वह अक्षय ऊर्जा के विभिन्न परियोजनाओं को 14550 करोड़ रूपए का वित्त मुहैया करा चुका है और इसपर 8200 करोड़ रूपए से ज्यादा का ऋण है.
एजेंसी फ्रैंकाइसे डी डेवलप्पमेंट (एएफडी)
एजेंसी फ्रैंकाइसे डी डेवलपमेंट (विकास के लिए फ्रेंच एजेंसी– एएफडी) एक जन विकास वित्त संस्थान है जो गरीबी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विकासशील देशों एवं फ्रांस के प्रवासी प्रांतों में बीते सत्तर साल से काम कर रहा है.
ऋण की सीमा– एलओसी
ऋण की सीमा– एलओसी वित्तीय संस्थान और ग्राहक के बीच एक समझौता है जो बैंक द्वारा अधिकतम ऋण की शेष राशि स्थापित करता है. उधारकर्ता द्वारा किसी भी समय ऋण की सीमा वापस ली जा सकती है जबतक कि वह समझौते के अधिकतम तय राशि की सीमा न पार कर ले. आमतौर पर वित्तीय संस्था बैंक होती है. ऋण की सीमा का लाभ सीधे ऋण पर मिलता है जिसमें उधार लेने वाले को बिना प्रयोग किए गए ऋण पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता.
0 comments:
Post a Comment