भारत स्वच्छ ऊर्जा निवेश के मामले में चौथे स्थान पर-(31-OCT-2014) C.A

| Friday, October 31, 2014
भारत का स्वच्छ ऊर्जा निवेश के मामले में 55 विकासशील देशों में चौथा स्थान है. इस सूची में पहले नंबर पर चीन का स्थान है. इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी उभरते देशों के लिए लागत के लिहाज से उतनी ही फायदेमंद हो सकती है जितनी विकासशील देशों के लिए. इस रिपोर्ट में अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिकी एवं कैरिबियाई क्षेत्र के 55 उभरते देशों को शामिल किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक चीन पहले स्थान पर है जिसके बाद ब्राजील का स्थान है. चीन को सबसे ऊंचा स्थान मिला है क्योंकि वह विश्व का सबसे बड़ा वायु एवं सौर उपकरण विनिर्माता और इन उपकरणों के लिए सबसे बड़ा बाजार भी है. भारत को इस सूचकांक में 1.85 अंक जबकि चीन को 2.23 अंक मिले.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कम कार्बन उत्सर्जन के मामले भी भारत का प्रदर्शन सबसे अच्छा है. लगतार बढ़ती मांग, नवीकरणीय ऊर्जा के बेहतरीन संसाधन और जीवाश्म र्इंधन (कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस आदि) की बहुत हद तक कमजोर श्रृंखला के मद्देनजर भारत स्वच्छ ऊर्जा के लिए वृद्धि दर्ज करता बाजार है. भारत में वर्ष 2006-2013 के बीच स्वच्छ ऊर्जा में 62 अरब डॉलर का निवेश हुआ जिसमें से वर्ष 2013 में 6 अरब डॉलर का निवेश हुआ. निवेश के लिहाज से वायु सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र है. रिपोर्ट में कहा गया कि कोयला अभी भी देश की बिजली प्रणाली की रीढ़ है और वर्ष 2013 में इसका कुल बिजली उत्पादन में 71 प्रतिशत योगदान रहा. रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका, केन्या और युगांडा शीर्ष स्थान पाने वाले देशों में रहे.


पंकज आडवाणी ने 12वां विश्व बिलियर्ड्स खिताब जीता-(31-OCT-2014) C.A

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भारत के बिलियर्ड्स खिलाड़ी पंकज आडवाणी ने 30 अक्टूबर 2014 को आईबीएसएफ बिलियर्ड्स चैम्पियनशिप (टाइम फॉरमेट) के फाइनल में इंग्लैंड के रोबर्ट हॉल को 1928-893 के अंतर से हराकर चैंपियनशिप में दोहरा खिताब हासिल किया. यह पंकज आडवाणी का 12वां विश्व खिताब है.
बेंगलुरू निवासी 29 वर्ष के आडवाणी ने पिछले सप्ताह ही दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी पीटर गिलक्रिस्ट को हराकर प्वाइंट्स फॉरमेट (150-अप) का खिताब जीता था. उन्होंने तीसरी बार एक ही वर्ष में दोहरी सफलता हासिल की. आडवाणी ने माइक रसेल को पीछे छोड़ा जिन्होंने 2010 और 2011 में ग्रैंड डबल जीता था. खिताबी मुकाबले में आडवाणी हाफ तक 746-485 से बढ़त बनाए हुए थे. पंकज आडवाणी तीन बार ग्रैंड डबल करने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बन गए. इसी वर्ष पंकज ने वर्ल्ड 6-रेड चैंपिय‌नशिप के अलावा वर्ल्ड टीम बिलियर्ड्स खिताब जीता था.
सेमीफाइनल में आडवाणी ने इंग्लैंड के ही डेविड कॉजियर को 5 अंकों के मामूली अंतर से हराकर फाइनल में जगह बनाई. जबकि दूसरे सेमीफाइनल में भारत के बालाचंद्रन भाष्कर को इंग्लैंड के ही रोबर्ट हॉल से 978-824 से हार का सामना करना पड़ा. भारत के बी. भास्कर को कांस्य पदक मिला.
आडवाणी ट्रिपल डबल हासिल करने वाले विश्व के पहले बिलियर्ड्स खिलाड़ी हैं. इससे पहले वह वर्ष 2005 और वर्ष 2008 में भी दोनो फॉरमेट का विश्व खिताब जीतने में सफल रहे थे. अपनी इस सफलता के बाद आडवाणी ने कहा, "मैंने वर्ष 2008 में बेंगलुरू में ग्रैंड डबल पूरा किया था लेकिन विदेशी धरती पर खेलते हुए यह सफलता हासिल करने अपने आप में अलग अनुभूति देता है". अंतिम स्कोर मैच के पांच घटे की अवधि में पंकज आडवाणी (भारत) ने फाइनल में इंग्लैंड के रोबर्ट हॉल को 1928 (63, 185, 85, 92, 123, 94, 182, 289, 145, 94, 93, 59, 58, 62, 90) - 893 (89, 64, 64, 86, 92, 64) से हराया.
पंकज आडवाणी से संबंधित मुख्य तथ्य
·         महाराष्ट्र के पुणे में जन्में पंकज आडवाणी बिलियर्डस एवं स्नूकर के खिलाड़ी हैं.
·         पंकज आडवाणी को वर्ष 2005 में राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड प्रदान किया गया था. वह राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं.
·         पंकज आडवाणी को वर्ष 2004 में अर्जुन पुरस्कार से और वर्ष 2009 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया.
·         पंकज आडवाणी ने वर्ष 2009 में गत वर्ष और नौ बार के चैंपियन मार्क रसेल को हराकर विश्व पेशेवर बिलियर्ड्स चैंपियनशिप की प्रतियोगिता जीती. इस जीत के साथ ही पंकज बिलियर्ड्स के 139 वर्षों के इतिहास में इस खिताब पर कब्जा करने वाले दूसरे भारतीय बन गए. इससे पहले वर्ष 1992 में यह खिताब गीत सेठी ने जीता था.
·         पंकज आडवाणी दुनिया के एक मात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने आईबीएसएफ विश्व बिलियर्डस चैम्पियनशिप में प्वाइंट और टाइम फार्मेट ख़िताब एक साथ दो बार वर्ष 2005 और 2008 में जीता था.


भारत और अल्बानिया के बीच राजनयिक पासपोर्ट धारकों हेतु वीज़ा की अनिवार्यता खत्म करने का समझौता-(31-OCT-2014) C.A

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भारत और अल्बानिया के बीच 29 अक्टूबर 2014 को राजनयिक एवं आधिकारिक पासपोर्ट धारकों हेतु वीज़ा की अनिवार्यता खत्म करने का समझौता हुआ.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने भारत और अल्‍बानिया के बीच राजनयिक और आधिकारिक/सेवा पासपोर्ट धारकों के लिए वीज़ा की अनिवार्यता समाप्त करने के समझौते को मंजूरी दी.

भारत और अल्बानिया के बीच हुए इस समझौते के तहत, भारत और अल्बावनिया के राजनयिक और आधिकारिक/सेवा पासपोर्ट धारक एक-दूसरे के देश में बगैर वीज़ा के यात्रा कर सकेंगे. उन्हें एक-दूसरे के देश में प्रवेश करते वक्त, वहां से गुजरते वक्त, वहां से निकासी करते वक्त अथवा 90 दिनों तक निवास करने के लिए वीज़ा की जरूरत नहीं पड़ेगी.


दीपिका पल्लीकल और हरिन्दर पाल ने जेएसडब्लू इंडियन चैलेन्जर सर्किट स्क्वैश चैम्पियनशिप खिताब जीता-(31-OCT-2014) C.A

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देश की शीर्ष स्क्वैश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल और पुरूष खिलाड़ी हरिन्दर पाल संधू ने 30 अक्टूबर 2014 को चेन्नई में जेएसडब्लू इंडियन चैलेन्जर सर्किट स्क्वैश चैम्पियनशिप खिताब जीता. शीर्ष वरीय दीपिका पल्लीकल ने महिला सिंगल्स के फाइनल में दूसरी वरीय जापान की मिसाकी कोबयाशी को 11-6, 11-2, 11-8 मात दी. पुरूष वर्ग के फाइनल में संधू ने शीर्ष वरीय मिस्र के करीम अली फातेही को 11-8, 11-3, 11-6 से हराया. दीपिका का यह लगातार दूसरा खिताब है, जबकि संधू ने तीसरी बार खिताब अपने नाम किया.
इस वर्ष का तीसरा खिताब जीतकर उत्साहित संधू ने कहा कि मैं अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं. मुझे उम्मीद है कि एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के साथ शुरू हुआ यह सिलसिला आगे भी ऐसे ही जारी रहेगा.वहीं दीपिका ने कहा कि, “एक जूनियर के तौर पर मैं मिसाकी से हार गई थी लेकिन अब चीजें काफी बदल गई हैं। वह एक आसान प्रतिद्वंद्वी बिल्कुल नहीं है”.
दीपिका ने शुरुआत से जापानी खिलाड़ी के खिलाफ दमदार खेल दिखाया. हर गेम में भारतीय खिलाड़ी ने बढ़त को बनाए रखा और यह मैच अपने नाम किया. जीत के बाद दीपिका ने कहा, 'जूनियर वर्ग में मुझे मिसाकी के खिलाफ हार मिली थी. उनके खिलाफ खेलना हमेशा ही मुश्किल होता है. मैंने यह सुनिश्चित किया कि वह मैच में वापसी नहीं कर सकें. दूसरी ओर, संधू ने फातेही के खिलाफ कोर्ट का बेहतर इस्तेमाल किया और कुछ शानदार रैली खेलीं. हरिंदर ने कहा, 'मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाया. एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से मैंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और उम्मीद है कि आगे भी मैं यही फॉर्म जारी रखूंगा. यहां लगातार तीसरी बार खिताब जीतने के बाद मेरी रैंकिंग में भी सुधार आएगा. मैं अपने सभी कोचों को धन्यवाद देता हूं, जिनकी मदद से यह संभव हो पाया.
दीपिका पल्लीकल के बारे में
दीपिका पल्लीकल भारतीय महिला स्क्वैश खिलाड़ी हैं. अंडर 19 की कैटेगरी में दीपिका को नंबर वन महिला स्क्वैश खिलाड़ी का दर्जा दिया गया. अभी वे विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर हैं, जो उनकी अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैं‍किंग है. वे डब्ल्यू॰ एस॰ ए॰ रैंकिंग के अंतर्गत शीर्ष 10 में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला है. दीपिका का जन्म 21 सितंबर 1991 को चेन्नई में हुआ. ग्लासगो के 20वें कामनवेल्थ खेलों में दीपिका पल्लीकल एवं जोशना चिनप्पा की जोड़ी ने 2 अगस्त 2014 को स्क्वैश में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता.
दीपिका का पूरा नाम दीपिका रेबेका पल्लीकल है. उनके पिता संजीव पल्लीकल एक उद्योगपति हैं और उनकी मां सुसान पल्लीकल क्रिकेट खिलाड़ी रही हैं. दीपिका ने नौंवी तक की पढ़ाई गुड शैफर्ड स्कूल से की. इसके बाद वह लेडी एंडेल स्कूल चली गईं क्योंकि वहां खेल के लिए पर्याप्त सुविधाएं मौजूद थीं. उन्होंने चेन्नई के इतिराज कॉलेज से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की. दीपिका जब 6वीं कक्षा में थीं तब उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच लंदन में खेला था. बचपन से ही उन्हें इस खेल के प्रति गहरी रुचि थी और महज 11 साल की उम्र में वे नेशनल चैम्पियन बन चुकी थीं. वे कई अंतरराष्ट्रीय खिताब हासिल कर चुकी हैं.


ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2014 जारी की गई: भारत 55वें स्थान पर-(31-OCT-2014) C.A

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ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2014: द चैलेंज ऑफ हिडन हंगर
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2014 (GHI) -अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान द्वारा 13 अक्टूबर 2014 को जारी की गई. इस शोध से पता चला कि दो अरब लोग अदृशय  भूख से पीड़ित थे. हालांकि कई विकासशील देशों में भूख के स्तर में कमी आई है. वर्ष 2014 के जीएचआई में 120 विकासशील देशों की गणना की गई जिनमें से 55 देशों मे गंभीर भूख की स्थिति पाई गई.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2014 के प्रमुख बिंदु
वर्ष 2014 का जीएचआई राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, और वैश्विक भूख का एक बहुआयामी उपाय प्रस्तुत करता है. इससे पता चला कि  दुनिया ने  वर्ष 1990 के बाद से भूख को कम करने में प्रगति की लेकिन अभी भी भूख का  स्तर 16 देशों में अत्यंत चिंताजनक बना हुआ है. वैश्विक स्तर पर 805 मिलियन लोग अब भी भूख से ग्रस्त हैं.
क्षेत्रीय स्तर  पर देखें तो उच्चतम भूख का स्तर अफ्रीका के  सहारा दक्षिण और दक्षिण एशिया में माना जाता है जो  वर्ष 2005 के बाद से सबसे बड़ा  पूर्ण  सुधार अनुभव किया गया. दक्षिण एशिया ने वर्ष 1990 के बाद से जीएचआई स्कोर में तेज निरपेक्ष गिरावट देखी है. जीएचआई स्कोर के पीछे का मुख्य कारक वर्ष 1990 के बाद से  कम- वजन वाले  बच्चों की संख्या में  कमी  एवं  सुधार होना है.
वर्ष 1990 से वर्ष 2014 तक, 26 देशों में 50 प्रतिशत  तक अपना  स्कोर कम किया. पूर्ण प्रगति के संदर्भ में, अंगोला, बांग्लादेश, कंबोडिया, चाड, घाना, मलावी, नाइजर, रवांडा, थाईलैंड और वियतनाम में वर्ष 1990 के बाद के स्कोर में सबसे बड़ा सुधार देखा गया.
भूख की गंभीरता को 44 देशों में कम होना पाया गया. इन देशों में अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, क्यूबा, ईरान, कजाकिस्तान, मेक्सिको और तुर्की शामिल हैं.
इसके अलावा, बुरुंडी और इरीट्रिया जैसे देश वर्ष 2014 जीएचआई के अनुसार अत्यंत भयानक  स्तर  पर वर्गीकृत किया गया. हालांकि, कांगो और सोमालिया लोकतांत्रिक गणराज्य के लिए विश्वसनीय आँकड़ों  बहुत  कमी  है.
वैश्विक भूख सूचकांक 2014 ; रैंक  द्वारा स्कोर
देश
रैंक
स्कोर
मॉरीशस
1
5.0
थाईलैंड
1
5.0
अल्बानिया
3
5.3
कोलंबिया
3
5.3
5
5.4
मलेशिया
5
5.4
पेरू
7
5.7
सीटिया अरब गणराज्य
8
5.9
होंडुरास
9
6.0
सूरीनाम
9
6.0
गैबन
11
6.1
एल साल्वाडोर
12
6.2
गुयाना
13
6.5
डोमिनिकन गणराज्य
14
7.0
वियतनाम
15
7.5
घाना
16
7.8
इक्वाडोर
17
7.9
परग्वे
18
8.8
मोंगोलिया
19
9.6
निकारगुआ
19
9.6
बोलीविया
21
9.9
इंडोनेसिया
22
10.3
माल्डोवा
23
10.8
बेनिन
24
11.2
मॉरिटानिया
25
11.9
कैमरून
26
12.6
इराक
27
12.7
माली
28
13.0
लेसोथो
29
13.1
फिलीपीन्स
29
13.1
बोत्सवाना
31
13.4
गाम्बिया
32
13.6
मलावी
32
13.6
गुइनिया बिसाउ
34
13.7
टोगो
35
13.9
गुइनिया
36
14.3
सेनेगल
37
14.4
नाइजीरिया
38
14.7
श्री लंका
39
15.1
ग्वाटेमाला
40
15.6
रवांडा
40
15.6
कोट डी इवोइरे
42
15.7
कम्बोडिया
43
16.1
नेपाल
44
16.4
उत्तर कोरिया
44
16.4
ताजीकिस्तान
44
16.4
कीनिया
47
16.5
स्वाज़ीलैंड
47
16.5
ज़िम्बाब्वे
47
16.5
लिबेरिया
50
16.8
नामीबिया
51
16.9
युगांडा
52
17.0
तंज़ानिया
53
17.3
अंगोला
54
17.4
भारत
55
17.8
काँगो गणराज्य
56
18.1
बांग्लादेश

57
19.1
पाकिस्तान
57
19.1
जिबूती
59
19.5
बुर्किना फासो
60
19.9
लाओ पी डी  आर
61
20.1
मोज़ाम्बिक
62
20.5
नाइजर
63
21.1
सेन्ट्रल अफ़्रीकी  गणराज्य
64
21.5
मेडागास्कर
65
21.9
सियरा लियोन
66
22.5
हैती
67
23.0
ज़ाम्बिया
68
23.2
यमन गणराज्य
69
23.4
इथिओपिया
70
24.4
चाड
71
24.9
सूडान/दक्षिण सूडान
72
26.0
कोमोरो स
73
29.5
तिमोर लेस्ते
74
29.8
इरिट्रिया
75
33.8
बुरुंडी
76
35.6
एक तरह की भूख जिस  पर ध्यान नहीं दिया गया, अक्सर  अधिक उर्जा घटाव  से संबंधित है जिसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी भी माना  गया. इससे दुनिया भर में लगभग  2 अरब लोग प्रभावित हैं.
छिपी हुई  या अदृशय भूख एक व्यक्ति या समुदाय में ऊर्जा की पर्याप्त मात्रा  या यहां तक कि अत्यधिक  खाद्य ऊर्जा खपत के साथ जैसे चर्बी एवं कार्बोहाईड्रेट्स और  मोटापे के साथ भी  पायी जाती है  या  अत्यधिक खपत के साथ रह सकते हैं. गरीब आहार, बीमारी, बिगड़ा अवशोषण और  सूक्ष्म पोषक तत्वों की वृद्धि जीवन के   कुछ चरणों के दौरान जरूरत जैसे कि गर्भावस्था, स्तनपान, और बचपन ये सब  भूख  के अदृश्य  कारणों में शामिल हैं. 
छुपी  हुयी  भूख के  संभव समाधान में खाद्य आधारित दृष्टिकोण शामिल हैं. जैसे आहार विविधीकरण, वाणिज्यिक खाद्य पदार्थ और जैवीय संरक्षण जिस में खाद्य फसलों   की सामग्री सूक्ष्म पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ पैदा की जाती हों.
खाद्य आधारित उपायों पर लंबे समय तक, निरंतर और एक स्थायी भेद  करने के लिए प्रयासों के समन्वित करने की आवश्यकता है. दूसरी ओर, विटामिन और खनिज की खुराक समय की छोटी सी अवधि में  कमजोर आबादी की छुपी हुयी  भूख निपटने में मदद कर सकते हैं.
इसके अलावा  छुपी हुयी  भूख को खत्म करने के लिए, सरकारों और बहुपक्षीय संस्थाओं में निवेश करने और मानव और वित्तीय संसाधनों को विकसित करने की जरूरत है. पोषण पर क्षमता निर्माण करने के लिए पारदर्शी निगरानी और मूल्यांकन करने एवं  समन्वय बढ़ाने को सुनिश्चित करना आवश्यक  है.
सरकारों को भी विनियामक वातावरण बनाना होगा जो कि एक अच्छे  पोषण मूल्य को समझता हो  . इस कार्य के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों को और अधिक पौष्टिक बीज या खाद्य पदार्थ विकसित करने के लिए यह प्रोत्साहन दिया जा सकता है. 
2014 में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति
भारत ने 2014 में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में अपनी स्थिति में सुधार किया है. यह 2013 में 63 वें स्थान से 76 उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच 55 वें स्थिति पर चढ़ गया है  हालांकि, यह अभी भी थाईलैंड, चीन, घाना, इराक, श्रीलंका और नेपाल जैसे देशों के पीछे पीछे चल रहा है.
काम वजन वाले बच्चों के  प्रतिशत में तेजी से कमी करके  भारत को अपनी भूख रिकॉर्ड में सुधार करने में मदद मिली है.
हालांकि, भारत लंबे समय से कुपोषण के शिकार बच्चों की सबसे बड़ी संख्या का  घर रहा है. 2006 में पहली GHI में, भारत 119 देशों में 96 वें स्थान पर था.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स के विषय में
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) व्यापक उपाय और विश्व स्तर पर और वि भिन्न  देशों  और क्षेत्रों  में भूख को पता करने   के लिए बनाया गया है. इसकी अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान द्वारा हर साल गणना की जाती  है.
जीएचआई में  भूख में कमी  लेन के प्रयासों की सफलताओं औरविफलताओं पर प्रकाश डाला जाता है और भूख के कारणों  के प्रति   अंतर्दृष्टि प्रदान करता है. भूख की बहुआयामी प्रकृति प्रतिबिंबित करने के लिए, जीएचआई एक सूचकांक में तीन समान रूप से भारित संकेतक को जोड़ती है.
बाल कुपोषण पांच साल की उम्र से कम आयु के बच्चों का अनुपात जिसमें कम वजन का होना शामिल है  बच्चे के कुपोषित होने का सूचक है.
बाल मृत्यु दर पांच साल की उम्र से कम आयु के बच्चों की मृत्यु की अनुपात दर  जिसका  कारण  अस्वस्थय वातावरण एवं अपर्याप्त खाद्य उपभोग  का होना शामिल है.
जीएचआई में  100 बिन्दु पैमाने पर देशों की गणना की जाती है. शून्य  सबसे अच्छा स्कोर है जबकि 100 सबसे बुरा  हालाँकि ये  चरम  सीमा व्यवहार एवं वास्तविकता मे नहीं पायी जाती  है. कम जीएचआई स्कोर का तात्पर्य किसी भी देश के लिए बेहतर पोषण मानक और एक उच्च रैंक  है.