भारत निर्वाचन आयोग ने आंध्र प्रदेश विधानसभा 2014 का चुनाव परिणाम 17 मई 2014 को
घोषित किया. चन्द्र बाबू नायडू के नेतृत्व में तेलुगू देशम पार्टी 294 सीटों में से 117 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के
रूप में उभरी.
वाईएस जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व युवजन श्रमिक रायथू
कांग्रेस पार्टी 70 सीटों पर चुनाव जीतकर दूसरे स्थान पर रही.
पार्टी का नाम
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जीती गई सीटों की संख्या
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तेलगू देशम
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117
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युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी
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70
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तेलंगाना राष्ट्रीय समिति
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63
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
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21
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भारतीय जनता पार्टी
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9
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निर्दलीय व अन्य
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14
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एक राज्य के रूप में आंध्र प्रदेश विभाजन के कगार पर है और 2 जून 2014 को विभाजित होने के बाद इसको दो राज्य तेलंगाना और सीमांध्र (शेष आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र) नाम दिया जाएगा. वर्तमान में राज्य में तीन क्षेत्रों अर्थात् तेलंगाना, तटीय आंध्र और रायलसीमा शामिल हैं. हैदराबाद इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर है.
गठन के बाद तेलंगाना भारत के गणतंत्र का 29वाँ राज्य हो जाएगा और तत्कालीन राज्य आंध्र प्रदेश की 10 उत्तर पश्चिमी जिलों को तेलंगाना में शामिल किया जाएगा. हैदराबाद को दस
साल के लिए तेलंगाना और आंध्र-प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाया जाएगा.
2 जून 2014 को
राष्ट्रपति शासन समाप्त होने के बाद नए राज्य तेलंगाना और शेष आंध्र प्रदेश दोनों
में संविधान के तहत विधानसभाओं और नई सरकारों का गठन तथा शपथ ग्रहण होगा. आंध्र
प्रदेश में फ़रवरी 2014 में मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी
के इस्तीफे के बाद से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है.
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