‘नानजिंग युवा ओलंपिक-2014’ हेतु बास्केटबॉल खिलाड़ी याओ मिंग ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त-(31-JULY-2014) C.A

| Thursday, July 31, 2014
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने नानजिंग में होने वाले युवा ओलंपिक खेलों (वाईओजी) हेतु चीन के पूर्व बास्केटबॉल खिलाड़ी याओ मिंगको अपना ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया. आईओसी द्वारा इसकी घोषणा 28 जुलाई 2014 को की गई. आईओसी के अनुसार, मिंग अपने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के अनुभव को युवा खिलाड़ियों के साथ साझा करेंगे.
विदित हो कि आईओसी युवा ओलंपिक खेलों के हर संस्करण के लिए ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त करता है ताकि युवा वर्ग खेल के प्रति प्रेरित हो सकें. ग्रीष्मकालीन युवा ओलंपिक नानजिंग (चीन) में 16 अगस्त 2014 से 28 अगस्त 2014 तक आयोजित होंगे. जिसमें कुल 28 खेल शामिल होंगे.


20वां राष्ट्रमंडल खेल 2014: कुश्ती में भारतीय पहलवानों ने तीन स्वर्ण पदक जीता-(31-JULY-2014) C.A

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ग्लासगो (स्कॉटलैंड) में आयोजित 20वें राष्ट्रमंडल खेल 2014 के कुश्ती मुकाबलों में भारतीय पहलवानों ने 29 जुलाई 2014 को तीन स्वर्ण एवं एक रजत पदक जीता. ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने 74 किग्रा वर्ग में, अमित कुमार ने 57 किग्रा वर्ग में और महिला पहलवान विनेश ने 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, जबकि राजीव तोमर को 125 किग्रा वर्ग में रजत पदक प्राप्त हुआ.

सुशील ने 74 किग्रा वजन वर्ग के खिताबी मुकाबले में पाकिस्तानी पहलवान कमर अब्बास को 6-2 से पराजित किया. इस मुकाबले में सुशील को कुल आठ अंक हासिल हुए. सुशील ने इससे पहले सेमी फाइनल में नाइजीरिया के मेंल्विन बीबो को 8-4 से और क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका के कुशान सेंडरेज को 4-0 से पराजित किया था.

अमित कुमार ने 57 किग्रा वर्ग में नाइजीरिया के एबिकवेमिनोमो वेल्सन को 6-2 से पराजित कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. मूलरूप से हरियाणा के सोनीपत जिले के 20 वर्षीय पहलवान अमित ने सेमी फाइनल में पाकिस्तान के अजहर हुसैन को 4-0 से पस्त कर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी.
महिला वर्ग में विनेश ने 48 किग्रा वर्ग के खिताबी मुकाबले में इंग्लैंड की याना रैटिगन को 11-8 से पराजित कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. विनेश ने इससे पहले क्वार्टर फाइनल में नाइजीरिया की रोजमैरी वेके को 7-1 से और सेमी फाइनल में कनाडा की जासमिन मियान को 12-1 से पराजित किया.


हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अजय सिंह यादव ने अपने पद से इस्तीफा दिया-(31-JULY-2014) C.A

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हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अजय सिंह यादव ने 29 जुलाई 2014 को अपने पद से इस्तीफा दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को सौंपा. ऊर्जा मंत्री ने अपने इस्तीफे का मुख्य कारण सरकार के अन्दर अपनी उपेक्षा बताया.

विदित हो कि अजय सिंह यादव दक्षिणी हरियाणा से कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं तथा वर्तमान में हरियाणा के रेवाड़ी 
विधानसभा सीट से विधायक हैं. पूर्व में वह हरियाणा के वन और पर्यावरण मंत्री रह चुके हैं


फीफा विश्व कप -2014: सूचना संग्रह-(31-JULY-2014) C.A

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जर्मनी ने अर्जेंटीना को 1-0 से पराजित कर वर्ष 2014 का फीफा विश्व कप (फ़ुटबाल विश्व कप 2014) जीता. यह फीफा (अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ) विश्व कप का 20वां संस्करण रहा. इस जीत के साथ जर्मनी ने फीफा (International Federation of Association Football) विश्व कप के इतिहास में चौथी बार यह कप जीता. जर्मनी ने इससे पहले वर्ष 1954, 1974 और 1990 फीफा विश्व कप जीता था.

फीफा विश्व कप-2014 का फ़ाइनल मैच रियो डी जेनेरियो (ब्राजील) के माराकाना स्टेडियम में 13 जुलाई 2014 को खेला गया. फाइनल मैच में एकमात्र गोल अतिरिक्त समय के दौरान जर्मनी के खिलाड़ी मारियो गोत्जे ने किया.

फीफा विश्व कप-2014 में जर्मनी फ़ुटबाल टीम के कप्तान फिलिप्प लाम  (Philipp Lahm) और अर्जेंटीना फ़ुटबाल टीम के कप्तान लिओनेल मेस्सी (Lionel Messi) रहे.

इस विश्व कप में विजेता टीम को 213 करोड़ रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया.

प्रथम सेमीफाइनल में जर्मनी ने फिलिप्प लाम के नेतृत्व में ब्राजील को 7-1 से पराजित किया जो ब्राजील का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा. दूसरे सेमीफाइनल में अर्जेंटीना ने पेनल्टी शूटआउट में नीदरलैंड्स को 4-2 से हराया.

एक शारीरिक तौर पर अक्षम व्यक्ति द्वारा पहली किक लगवाकर कायकम का शुभारंभ किया गया.

शीर्ष चार टीमें

देश का नाम (टीम)     
स्थान
जर्मनी
प्रथम (विजेता)
अर्जेंटीना
द्वितीय (उपविजेता)
नीदरलैंड्स
तीसरा
ब्राजील                 
चौथा










फीफा विश्व कप-2014 के समापन पर निम्नलिखित पुरस्कार प्रदान किए गए:
गोल्डन बॉल - लियोनेल मेसी, अर्जेंटीना
गोल्डन बूट - जेम्स रोड्रिगेज, कोलम्बिया  
गोल्डन गल्व- मैनुअल नूयर, जर्मनी  
बेस्ट यंग प्लेयर - पॉल पोगबा, फ्रांस  
फीफा फेयर प्ले ट्रॉफी कोलम्बिया

फीफा विश्व कप- 2014 में बने विश्व रिकार्ड 
फीफा विश्व कप-2014 के साथ ही जर्मनी की फ़ुटबाल टीम उत्तर या दक्षिण अमेरिका में आयोजित विश्व कप को जीतने वाली पहली यूरोपीय टीम बन गईं.
जर्मनी के खिलाड़ी मिरोस्लाव क्लोसे ने फीफा विश्व कप के इतिहास में 16 गोल करके सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए.
मिरोस्लाव क्लोसे ने ब्राजील के रोनाल्डो के रिकार्ड को तोड़ा. रोनाल्डो ने एक फीफा विश्व कप में कुल 15 गोल ही किए थे.
मिरोस्लाव क्लोसे चार विश्व कप सेमीफाइनल खेलने वाले भी इकलौते खिलाड़ी बन गए.

फीफा विश्व कप- 2014 : एक नजर में  
फीफा विश्व कप- 2014  का आयोजन 12 जून 2014 से 13 जुलाई 2014 के मध्य किया गया
फीफा वर्ल्ड कप 2014 साओ पोलो, ब्राजील में 12 जून 2014 को प्रारंभ हुआ.
इसमें (फीफा विश्व कप- 2014) कुल 32 देशों की टीमों के कुल 736 खिलाड़ियों ने भाग लिया था.
फीफा विश्व कप-2014 में कुल 64 मैच खेले गए.
यह प्रतियोगिता देश भर में 12 स्थानों पर आयोजित की गई.
फीफा में पहली बार ब्राजुका गेंद का उपयोग किया गया.
ऑधिकारिक गेंद ब्राजुका (एडीडॉस द्वारा निर्मित)
ऑधिकारिक शुभंकर मुस्कुराता आरमेडिलो
ऑधिकारिक गाना वीऑर वन
कुल विजेता राशि 576 मिलियन डॉलर
ब्राजील ने सर्वाधिक 5 बार (वर्ष 1950, 1958, 1962, 1970, 1994, 1998, 2002) फीफा विश्व कप जीता है.
ब्राजील ने दूसरी बार फीफा विश्व कप की मेजबानी की. इससे पहले उसने वर्ष 1950 में पहली बार इस टूर्नामेंट की मेजबानी की थी.
ब्राजील फुटबॉल के मक्का के रूप में जाना जाता है.
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) ने वर्ष 2007 में ब्राजील को फीफा विश्व कप-2014 की मेजबानी सौंपी थी.
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) ने अर्जेंटीना में वर्ष 1978 के बाद से पहली बार दक्षिण अमेरिका में टूर्नामेंट का आयोजन किये जाने की घोषणा की थी.
वर्ष 2010 का फीफा विश्व कप स्पेन ने नीदरलैंड को हराकर जीता था.
मेजबान टीम को क्वालीफाइंग मैच नहीं खेलना होता है.
बोस्निया हार्जगोविना को पहली बार फीफा विश्व कप-2014 में शामिल किया गया.
वर्ष 2010 का फीफा विश्व कप का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में किया गया था जबकि वर्ष 2018 का फीफा विश्व कप का आयोजन रूस में और वर्ष 2022 का क़तर में होना है.
फीफा विश्व कप -2014 संपन्न होने के बाद जारी टीम रैंकिंग में भारत 151वें स्थान पर रहा जबकि जर्मनी, अर्जेंटीना और नीदरलैंड को क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त हुआ.
फीफा विश्व कप-2014 के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने स्मारक डाक टिकट जारी किया.
पहली बार फीफा विश्व कप -2014 संस्करण के टूर्नामेंट में मैच अधिकारियों द्वारा गोल लाइन प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया.
फीफा ने नाइजीरिया की फुटबाल टीम को सभी अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिताओं से निलंबित कर दिया.
पहला फीफा विश्व कप वर्ष 1930 में उरुग्वे में आयोजित किया गया था.
पहला फीफा विश्व कप उरुगुवे ने अर्जेंटीना को वर्ष 1930 में पराजित कर जीता था.
फीफा विश्व कपजिसे विश्व कप भी कहा जाता है, का आयोजन प्रति चार वर्ष बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ द्वारा किया जाता है.
वर्ष 1970 के बाद एक नई ट्रॉफी डिजाइन की गई. जिसे फीफा वर्ल्ड कप ट्राडफी कहा गया.
ट्रॉफी (ट्राडफी) को इटैलियन डिजाइनर सिल्वियो गजानीगंजा ने डिजाइन किया था. जो 36 इंच उंची और 18 कैरेट सोने की बनी है और 6.175 किग्रा वजनी है.
लगातार दो वर्षों में दक्षिण अमेरिकी देश द्वारा फीफा आयोजन का यह पहला अवसर है.
क्लिंट डिम्पसी (अमेरिका) ने घाना के विरुद्ध इस विश्व का अब तक का सबसे तेज गोल (30 सेंकेंड) में किया.
विश्व कप इतिहास का सबसे तेज गोल 2002 विश्व कप में तुर्की के हसन सुकुर ने साउथ कोरिया के विरुद्ध 11वें सेकेंड में किया था.
द्वितीय विश्व युद्द के कारण 1942 और 1946 में इसका आयोजन नही किया गया था.
ब्राजील ने सर्वाधिक पाँच बार विशव कप का खिताब जीता है, इसे ब्राजील में पेंटा कहते हैं.
ब्राजील 1930 के बाद से प्रत्येक विश्व कप में भाग लेने वाली इकलौती टीम है.

फीफा विश्व कप-2014 में पहली बार 
जर्मन कंपनी गोल कंट्रोल ने ऑधिकारिक तौर पर फीफा 2014 के लिए गोल लाइन तकनीक उपलब्ध करवाई है.
फ्रांस और होंडारुस के बीच खेला गया पहला मैच इस तकनीक का पहला गवाह बना.
फीफा 2014 में पहली बार कूलिंग ब्रेक का इस्तेमाल किया गया. यह दोनो हॉफ के 30 मिनट मे किया गया.
फीफा 2014 में पहली बार वायोलॉजिक पासपोर्ट का इस्तेमाल किया गया.
बोस्निया और हर्जेगोविना टीम को पहली बार शामिल किया गया.

फीफा (International Federation of Association Football)
अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबाल महासंघ  (International Federation of Association Football, फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन), जिसे आमतौर पर फीफा के नाम से जाना जाता है, फुटबॉल का एक अंतरराष्ट्रीय निकाय है. इसकी स्थापना 21 मई 1904 को की गई थी.  इसका मुख्यालय ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड में स्थित है.  इसके अध्यक्ष सेप ब्लैटर हैं, जिनका चुनाव वर्ष 1998 में किया गया था.

फीफा फुटबॉल के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के संगठन और आयोजन, जिनमें सबसे उल्लेखनीय फीफा विश्व कप है के लिए जिम्मेदार है, और इसका आयोजन 1930 से कर रहा है.


के. गिरिप्रकाश द्वारा लिखित पुस्तक ‘द विजय माल्या स्टोरी’ का लोकार्पण-(31-JULY-2014) C.A

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द विजय माल्या स्टोरी: के. गिरिप्रकाश
के. गिरिप्रकाश द्वारा लिखित पुस्तक द विजय माल्या स्टोरीको वर्ष 2014 में पेंगुइन बुक्स लिमिटेड द्वारा का लोकार्पण किया गया. के. गिरिप्रकाश हिंदू बिजनेस लाइन समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ है.
यह पुस्तक सफल भारतीय उद्योगपति विजय माल्या की जिंदगी की दिलचस्प कहानी है. इस पुस्तक में माल्या के जीवन के अनछुए पहलू, तथ्यों और कहानियों का वर्णन किया गया है.
विजय माल्या की सफलता की कहानी, किंगफिशर के पतन के साथ उनकी कहानी, और उनके जीवन से जुड़ी बहुत सी महत्वपूर्ण घटनाओं को इस पुस्तक में प्रस्तुत किया है. 
इस पुस्तक में विजय माल्या के विभिन्न नामों का उल्लेख किया गया है जिसमें द किंग ऑफ गुड टाइम्स, भारत के लिकर किंग, और ए किंग ऑफ गुड थ्रोंस शामिल हैं. पुस्तक में भारतीय संसद की राज्य सभा (या ऊपरी सदन) में उनकी उपस्थिति, आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स, बेंगलुरु के स्वामित्व से जुड़ी विजय माल्या की व्यावसायिक भूमिकाओं के विवरण प्रस्तुत किये गये हैं.
इस पुस्तक न केवल माल्या के पेशेवर जीवन को शामिल किया गया, बल्कि उनके बचपन की घटनाओं, व्यावसायिक कौशल और पिता के साथ उनके रिश्ते को भी पुस्तक के माध्यम से साझा किया गया है. यह पुस्तक किंगफिशर के पतन, माल्या के कौशल और व्यापार क्षमताओं और बेजोड़ सफलता की एक लंबी अवधि को दर्शाती है.


बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानी बीर ब्रिक्रम यूके चिंग मर्म का निधन-(31-JULY-2014) C.A

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बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानी बीर ब्रिक्रम यूके चिंग मर्म का 25 जुलाई 2014 को मस्तिष्क आघात के कारण चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 76 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
उन्हें जिला प्रशासन, पुलिस और सेना के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में, उनके घर पर राज्य सम्मान दिया गया था. अल्पसंख्यक मूल के यूके चिंग को वर्ष 1971 के देश के मुक्ति युद्ध में योगदान के लिए बीर ब्रिक्रम से सम्मानित किया गया.
यूके चिंग के बारे में
·       यूके चिंग ब्रिटिश भारत के (अब बांग्लादेश में) चटगांव हिल ट्रैक्ट्स के मर्म परिवार में वर्ष 1937 में पैदा हुए थे.
·       यूके चिंग ने वर्ष 1971 में नौ सहयोगियों के साथ मुक्ति युद्ध में भाग लिया, उन्हें नायक के रूप में रंगपुर के हाथीबंधा सीमा चौकी पर तैनात किया गया.
·       यूके चिंग ने वर्ष 1952 में (अब बांग्लादेश राइफल्स के रूप में जाना जाता है) पूर्वी पाकिस्तान राइफल्स में सेवा दी और वर्ष 1982 में सेवानिवृत्त हुए.


भारतीय मूल के नील मुखर्जी लिखित उपन्यास ‘द लाइव्स आफ अदर्स,’ ‘मैन बुकर पुरस्कार-2014’ हेतु अधिमानित-(31-JULY-2014) C.A

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द लाइव्स आफ अदर्स’ (The Lives of Others): नील मुखर्जी

भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक नील मुखर्जी द्वारा लिखित उपन्यास द लाइव्स आफ अदर्स’ (The Lives of Others), ‘मैन बुकर पुरस्कार-2014’ (Man Booker Prize 2014) हेतु अधिमानित (Shortlisted) किया गया. इसकी घोषणा जुलाई 2014 के चौथे सप्ताह में की गई. यह उपन्यास वर्ष 1960 के दशक में कोलकाता के क्रांतिकारी गतिविधियों पर केंद्रित है.
 
द लाइव्स आफ अदर्स’ (The Lives of Others), कोलकाता में जन्में नील मुखर्जी का दूसरा उपन्यास है, जिसे मैन बुकर पुरस्कारहेतु अधिमानित किया गया. इनका पहला उपन्यास पास्ट कंटीन्यूअस’ (Past Continuous ) को वर्ष 2008 में  भारत में वोडाफोन क्रॉसवर्ड पुरस्कार’ (Vodafone Crossword Award) से सम्मानित किया गया. 

मैन बुकर पुरस्कार से संबंधित मुख्य तथ्य
मैन बुकर पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनीद्वारा की गई. यह पुरस्कार राष्ट्रमंडल या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए प्रति वर्ष दिया जाता है. इस पुरस्कार के तहत विजेता को 60 हज़ार ब्रिटिश पाउण्ड की राशि दी जाती है.

विदित हो कि मैन बुकर पुरस्कार-2014’ हेतु इस पुरस्कार के 46 वर्ष के इतिहास में पहली बार, किसी भी नागरिकता वाले लेखक के लिए 50 हजार ब्रिटिश पाउंड की पुरस्कार राशि रखी गई है. इसकी शर्त यह है कि, संबंधित रचना मूल रूप में अंग्रेजी भाषा में लिखी गई हो और यह ब्रिटेन में प्रकाशित हुई हो.


भारत के सीएजी–शशि कांत शर्मा ने यूएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स के सदस्य का प्रभार संभाला-(31-JULY-2014) C.A

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भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, शशि कांत शर्मा ने 25 जुलाई 2014 को संयुक्त राष्ट्र के बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स के सदस्य के रूप में पदभार संभाला. उनका कार्यकाल छह वर्षों का होगा और वे इस पद पर जून 2020 तक बने रहेंगें.
शशि कांत शर्मा ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में चीन के पीपुल्स रिपब्लिक के महालेखा परीक्षक लीयू जीयाई का स्थान लिया. इस पद के लिए उनका चुनाव नवंबर 2013 में फिलिपिंस को 62 वोटों से हराने के बाद हुआ था.

यूएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स 
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूनएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स की स्थापना संयुक्त राष्ट्र संगठनों और उसके वित्त एवं कार्यक्रम  के खातों की निरीक्षण करने एवं अपनी रिपोर्ट एवं सिफारिशें संयुक्त राष्ट्र महासभा को सौंपने के लिए की थी.
इस उद्देश्य के लिए महासभा तीन सदस्यों को चुनता हैजिनमें से प्रत्येक को अपने देश का अनिवार्य रूप से महालेखा परीक्षक होना चाहिए. शशि कांत शर्मा के अलावा बोर्ड के अन्य दो सदस्य हैं, ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक अमयास मोर्स और तंजानिया के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक लुडोविक यूथो.
सीएजी का अंतरराष्ट्रीय लेखा परीक्षा अनुभव 
भारत का सीएजी विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों का बाहरी परीक्षक रह चुका है. वर्तमान में, यूएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स का सदस्य होने के अलावा, यह विश्व खाद्य कार्यक्रम, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, यूएन विश्व पर्यटन संगठन और अंतरराष्ट्रीय प्रवास संगठन का बाहरी परीक्षक है.
इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन, खाद्य एवं कृषि संगठन, अंतरराष्ट्रीय समुद्र संगठन, रसायनिक हथियार निषेध संगठन आदि जैसे संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के लिए भी बाहरी परीक्षक रह चुका है.
भारत के फायदे
·       यूएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षण अंगों में प्रमुख है और हाल के वर्षों में इसका महत्व बहुत बढ़ा है. खासकर आर्थिक मंदी के दौर में सभी सदस्य देशों द्वारा सामना की जा रही संसाधनों की कमी की स्थिति में.
·       बोर्ड की रिपोर्ट यूएन प्रणाली के तहत नीतिनिर्माण में महत्वपूर्ण इनपुट प्रदान करती हैं.
·       भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का यूएन बोर्ड ऑफ ऑडिटर्स में चुना जाना यूएन प्रणाली में भारत की दखल को बढ़ाएगा.
·       संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेंसियों के अधिकांश चुनावों के विपरीत इस चुनाव में एक संस्था का शामिल होना दुर्लभ मामला था.
·       भारत के सीएजी को अब संयुक्त राष्ट्र संगठनों के लेखा परीक्षा का अधिकार होगा जिसमें सबसे प्रमुख है संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय.
·       संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के तहत आने वाली अंतरराष्ट्रीय संगठनों का लेखा परीक्षा करने से भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र के संचालन में मूल्य वृद्धि करेंगे बल्कि उनके खुद के अधिकारियों को सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय लेखापरीक्षा और लेखा प्रथाओं के बारे में जानकारी मिलेगी जिससे उनका पेशेवर कौशल बढ़ेगा.
·       ऐसे पेशवरों का भारत में काम करना लेखा परीक्षा और लेखा की उच्च गुणवत्ता दिखाएगा और भारत में जवाबदेही, पारदर्शिता और बेहतर प्रशासन को बढ़ावा मिलेगा.
संयुक्त राष्ट्र के लिए फायदे
संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेंसियों और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों भारत के सीएजी के लेखा परीक्षकों का लेखा परीक्षा का व्यापक अनुभव संयुक्त राष्ट्र के भीतर उसकी प्रमुख जोखिम वाले क्षेत्रों में परिचालन में अधिक क्षमता, अर्थव्यवस्था और प्रभाव को बढ़ाने में सहयोग करेगा.
फिलहाल संयुक्त राष्ट्र वित्तीय रिपोर्टिंग और एसएपी आधारित इंटरप्राइट रिसोर्ट प्लानिंग सॉल्यूशन के लिए अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के लेखा मानकों (आईपीएसएएस) की ओर पलायन कर बिजनेस प्रॉसेस ट्रांस्फॉर्मेशन की प्रक्रिया में है.
भारत के सीएजी के पास आईपीएसएएस में विशेषज्ञता वाले लेखापरीक्षा पेशेवरों का पूल है जिन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) और अंतरराष्ट्रीय पलायन संगठन (आईओएम) को आईपीएसएएस के अनुरूप वित्तीय लेखांकन प्रणाली में पलायन करने में सहयोग किया था.
भारत का सीएजी आईटी प्रणालियों में लेखा परीक्षा में विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है. आईपीएसएस और ईआरपी प्रणालियों के ऑडिट में दोहरी क्षमता संयुक्त राष्ट्र के आईपीएसएस पलायन प्रक्रिया और एसएपी प्रणाली (यूएमओजेए) के कार्यान्वयन लिए बहुमूल्य साबित होगी.

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के बारे में
·       भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक संविधान के अनुच्छेद 148–151 में उल्लिखित है.
·       यह विश्व का सबसे बड़ा ऑडिट संस्थानों में से एक है. इसके पास बड़ी संख्या में मानव संसाधन है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवर योग्य लोग हैं.
·       सुप्रीम ऑडिट संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय समुदायों में बेहद प्रतिष्ठित भारत का सीएजी अनेक मानक स्थापित करने वाली समितियों और उपसमितियों का सदस्य होने के अलावा ज्ञान साझा समिति का प्रमुख है. यह समिति इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस (INTOSAI- आईएनटीओएसएआई) के चार प्रमुख समितियों में से एक है.
·       वह आईएनटीओएसएआई (INTOSAI) के गवर्निंग बोर्ड भी है.
·       वह यूएन के बाहरी लेखा परीक्षकों के पैनल के सदस्य है.
·       सीएजी एशियन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस (ASOSAI) के भी प्रमुख है.
·       सीएजी एसएआई समुदाय द्वारा बड़े पैमाने पर विभिन्न क्षेत्रों में मानकों, अभ्यासों एवं मार्गदर्शन स्थापित करने वाली गतिविधियों के लेखा परीक्षा की गतिविधियों से भी जुडा हुआ है.


अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2014 दुनिया भर में मनाया गया-(31-JULY-2014) C.A

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29 जुलाईः अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस
दुनिया भर में 29 जुलाई 2014 को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया. यह दिवस जागरूकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य जंगली बाघों के निवास के संरक्षण एवं विस्तार को बढ़ावा देने के साथ बाघों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है.
फिलहाल बाघों की संख्या अपने न्यूनतम स्तर पर है. पिछले 100 वर्षों में बाघों की आबादी का लगभग 97 फीसदी खत्म हो चुका है. वर्ष 1913 में दुनिया में करीब एक लाख जंगली बाघ थे जो वर्ष 2014 में सिर्फ 3000 रह गए. अनुमान के मुताबिक भारत में वर्ष 2006 में 1411 जंगली बाघ थे जिनकी संख्या वर्ष 2010 में बढ़कर 1706 हो गई थी. बाघों की आबादी वाले 13 देशों में भारत में बाघों की संख्या सबसे अधिक है.

बाघों की आबाद में कमी
·       वर्ष 1913 – करीब एक लाख बाघ थे.
·       वर्ष 2013 (100 वर्ष बाद) – बाघों की आबादी घटकर 3724 रह गई.
·       वर्ष 2014 –  आबादी घटकर 3000 हो गई.
एक अनुमान के अनुसार बाघों की संख्या अगर इसी रफ्तार से कम होती रही तो आने वाले पांच वर्षों में ये दुनिया से पूरी तरह विलुप्त हो जाएंगे.

बाघों की प्रजातियां
बाघों को उनके फर के रंग से वर्गीकृत किया जाता है और इसमें सफेद बाघ (10000 बाघों में से एक ) भी शामिल है. फिलहाल बाघों की छह प्रमुख प्रजातियां हैं और वे हैं
·       साइबेरियन बाघ
·       बंगाल बाघ
·       इंडोचाइनीज बाघ
·       मलायन बाघ
·       सुमात्रण बाघ
·       साउथ चाइना बाघ
इसके अलावा, बाघों की कई उपप्रजातियां हैं जो पहले ही विलुप्त हो चुकी हैंइनमें बाली बाघ और जावा बाघ भी हैं.

इनकी आबादी में कमी की वजह
मनुष्यों द्वारा शहरों और कृषि का विस्तार जिसकी वजह से बाघों का 93 फीसदी प्राकृतिक आवास खत्म हो चुका है. अवैध शिकार भी एक बड़ी वजह है जिसकी वजह से बाघ अब आईयूसीएन के विलुप्तप्राय श्रेणी में आ चुके हैं. इनका अवैध शिकार उनके चमड़े, हड्डियों और शरीर के अन्य भागों के लिए किया जाता है. इनका इस्तेमाल परंपरागत दवाइयों को बनाने में किया जाता है. कई बार बाघों की हत्या शान में भी की जाती है.
इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन भी बहुत बड़ी वजह है जिससे जंगली बाघों की आबादी कम हो रही है. जलवायु परिवर्तन की वजह से समुद्र का स्तर बढ़ रहा है जिससे जंगलों के खत्म होने का खतरा पैदा हो गया है खासकर सुंदरवन क्षेत्र में और इसलिए इस इलाके के बाकी बचे बाघों के आवास के लिए भी. विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के अध्ययन के मुताबकि वर्ष 2070 तक समुद्र का स्तर एक फुट तक बढ़ जाएगा जो पूरे सुंदरवन बाघ आवास को खत्म करने के लिए पर्याप्त होगा.
विश्व के बाघों की सबसे अधिक आबादी सुंदरवन (भारत और बंग्लादेश द्वारा साझा किया जाने वाले सबसे बड़ा सदाबहार वन क्षेत्र) के इलाके में प्रमुखता से पाई जाती है और यह हिन्द महासागर के उत्तरी तट पर स्थित है.

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के बारे में
विश्व बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाने का फैसला वर्ष 2010 में सेंट पिट्सबर्ग बाघ समिट में  लिया गया था क्योंकि तब जंगली बाघ विलुप्त होने के कगार पर थे. इस समिट में बाघ की आबादी वाले 13 देशों ने वादा किया था कि वर्ष 2022 तक वे बाघों की आबादी दुगुनी कर देंगे.


‘ऑपरचुनिटी रोवर’ अब तक का सर्वाधिक चक्कर लगाने वाला अंतरिक्ष यान बना-(30-JULY-2014) C.A

| Wednesday, July 30, 2014
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा मंगल ग्रह पर भेजा गया अंतरिक्ष यान, 'ऑपरचुनिटी रोवर’ (Opportunity Rover) अब तक का सर्वाधिक चक्कर लगाने वाला अंतरिक्ष यान बना. वर्ष 2005 में मंगल पर पहुंचने के बाद से अब तक इस सौर-ऊर्जा संचालित रोबोट यान ने मंगल पर लगभग 40 किलोमीटर की दूरी तय कर ली है, जो पूर्व में सोवियत रूस द्वारा वर्ष 1973 में चांद पर भेजे गए 'लूनोखोद 2' अंतरिक्ष यान द्वारा तय की गई दूरी (39 किलोमीटर) से अधिक है. इसकी घोषणा नासा ने जुलाई 2014 के चौथे सप्ताह में की.
 
नासा के अनुसार, ऑपरचुनिटी ने किसी दूसरी ग्रह या उपग्रह पर जाने वाले किसी भी अन्य मानव निर्मित यान की तुलना में ज्यादा तेज गति से यह दूरी तय की.


प्रधानमंत्री ने सुशासन में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए "माई गवर्नमेंट मंच" का शुभारंभ किया-(30-JULY-2014) C.A

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भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 जुलाई 2014 को माई गवर्नमेंट.एनआईसी.इनएक वेब प्लेटफॉर्म लांच किया. यह प्लेटफॉर्म सुशासन में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए बनाया गया है.
माई गवर्नमेंट नागरिकों खासकर युवाओं को जमीनी स्तर के विशेष कार्यों और परियोजनाओँ में स्वयंसेवक के तौर पर काम करने की इजाजत देगा. यह आम लोगों को अपने विचारों और सुझावों के जरिए सरकार तक पहुंचने की अनुमति देगा.
इस प्लेटफॉर्म के जरिए देश के विकास में भागीदार बनने के लिए नागरिक को इस पोर्टल पर खुद को पंजीकृत कराना होगा. जिसके बाद प्रतिभागी देश द्वारा सामना की जाने वाली प्रमुख चुनौतियों पर बहस कर पाएंगे. अधिक फोकस्ड भागीदारी के लिए प्लेटफॉर्म को दो हिस्सों में बांटा गया हैडिसकस (बहस) और डू (करो). यह प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (DeitY) द्वारा प्रबंधित किया जाएगा. 
यह प्लेटफॉर्म लोगों के भागीदारी के जरिए गुणात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य के साथ विभिन्न समूहों में विभाजित किया गया है. ये समूह हैं
·       क्लीन गंगा
·       गर्ल चाइल्ड एजुकेशन
·       क्लीन इंडिया
·       स्किल्ड इंडिया
·       डिजिटल इंडिया
·       जॉब क्रिएशन


आरबीआई ने छह एनबीएफसी के पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द किए-(30-JULY-2014) C.A

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भारतीय रिजर्व बैंक ने 28 जुलाई 2014 को छह गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के पंजीकरण के प्रमाणपत्र रद्द किये. इसकी वजह से अब दिल्ली स्थित ये एनबीएफसी गैरबैंकिंग वित्तीय संस्थान के तौर पर व्यापार नहीं कर पाएंगी.
प्रमाणपत्र रद्द किए जाने वाली छह गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी)
·       जीई स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स इंडिया (जीईएसआईआई)
·       प्रोफाउंड एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड
·       टू ब्रदर्स होल्डिंग लिमिटेड
·       स्वांक सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड
·       प्रैक्सिस कंस्लटिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड
·       क्रेडेबल माइक्रोफिनांस लिमिटेड (पहले इसे क्रेडेबल सिक्योरिटीज एंड फाइनैंस प्रा. लिमि. के नाम से जाना जाता था)
हालांकि प्रमाणपत्र रद्द किए जाने के कारणों का खुलासा आरबीआई ने नहीं किया है.
एनबीएफसी के प्रमाणपत्र पंजीकरण को रद्द करने का आरबीआई को दिया गया अधिकार
गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों के प्रमाणपत्र को रद्द करने का अधिकार आरबीआई को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-IA(6) देती है. गैरबैंकिगं वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यापार करने की परिभाषा भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-I की खंड (ए) में दी गई है.


20वां राष्ट्रमंडल खेल 2014: 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में भारत के जीतू राय ने स्वर्ण पदक जीता-(30-JULY-2014) C.A

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ग्लासगो (स्कॉटलैंड) में आयोजित 20वें राष्ट्रमंडल खेल 2014 में भारत के जीतू राय ने 28 जुलाई 2014 को 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता. वहीं भारत के ही गुरपाल सिंह ने इस प्रतिस्पर्धा का रजत पदकहासिल किया. ऑस्ट्रेलिया के डेनियल रेपाचोली ने कांस्य पदक जीता.

विदित हो कि भारतीय निशानेबाज जीतू राय ने 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा के खिताबी मुकाबले में फाइनल्स गेम्स रिकॉर्ड’ (एफजीआर) के साथ पहला स्थान हासिल किया. उन्होंने कुल 194.1 अंक प्राप्त किया. जीतू का कॉमनवेल्थ खेलों में यह पहला पदक है. वहीं गुरपाल ने 187.2 अंकों के साथ रजत पदक जीता जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका पहला पदक है. ऑस्ट्रेलिया के डेनियल रेपाचोली ने कुल 166.6 अंकों के साथ कांस्य प्राप्त किया.


विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई को दुनिया भर में मनाया गया-(30-JULY-2014) C.A

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विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई 2014 को दुनिया भर में मनाया गया. यह दिवस हेपेटाइटिस बीमारी की रोकथाम, परीक्षण और उपचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया गया.
विश्व हेपेटाइटिस दिवस के बारे में 
विश्व हेपेटाइटिस दिवस एक वार्षिक आयोजन है जो 28 जुलाई को मनाया जाता है. यह पहली बार विश्व हेपेटाइटिस एलायंस द्वारा वर्ष 2008 में क्रोनिक वायरल हैपेटाइटिस के मद्देनजर शुरू किया गया था. मई 2010 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने हैपेटाइटिस वायरल के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रस्ताव (WHA63.18) पारित किया जो विश्व हेपेटाइटिस दिवस को आधिकारिक पुष्टि प्रदान करता है. वर्ष 2010 के बाद से विश्व हेपेटाइटिस दिवस डब्ल्यूएचओ के सहयोग से विश्व हेपेटाइटिस एलायंस द्वारा समन्वित किया गया.
हेपेटाइटिस बी वायरस के खोजकर्ता प्रोफेसर बारूक ब्लमबर्ग के जन्मदिवस चिह्नित करने के लिए 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस निर्धारित किया गया. हेपेटाइटिस बी वायरस पर अपने काम के लिए  ब्लमबर्ग को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया.
हेपेटाइटिस 
हेपेटाइटिस वायरस (HB) के काऱण होने वाली एक संक्रामक बीमारी है जो मनुष्य के साथ बंदरों की प्रजाति के लीवर को भी संक्रमित करती है, जिसके कारण लीवर में सूजन और जलन पैदा होती है. विश्व की जनसंख्या के एक तिहाई लोग, दो अरब से अधिक, हेपेटाइटिस वायरस से संक्रमित है. हेपेटाइटिस वायरस का संचरण संक्रमित रक्त या शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में जाने से होता है.



वित्त मंत्रालय ने सभी जिलों में बलात्कार संकट केन्द्रों की स्थापना को मंजूरी दी-(30-JULY-2014) C.A

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केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 28 जुलाई 2014 को देश के सभी जिलों में बलात्कार संकट केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की. यह प्रस्ताव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया था.
यह प्रस्ताव महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि के मद्देनजर तैयार किया गया है.
प्रस्तावित बलात्कार संकट केंद्र के लाभ
·       यह प्रस्ताव बलात्कार और यौन उत्पीड़न के शिकार लोगों को पुलिस मदद के अलावा मेडिकल और कानूनी सेवाएं भी मुहैया करेगा.
·       सुविधाओं में राष्ट्रीय हेल्पलाइन शुरु होने की भी संभावना है.
प्रस्ताव के अनुसार, 660 बलात्कार संकट केन्द्र देश भर में स्थापित किये जांएगे.


केंद्र सरकार ने डीएफसी का निवेश लक्ष्य संशोधित कर 80000 करोड़ रुपये किया-(30-JULY-2014) C.A

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केंद्र सरकार ने 25 जुलाई 2014 को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के लिए 27000 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य को संशोधित कर 80000 करोड़ रुपये कर दिया. इसकी घोषणा रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अरुणेन्द्र कुमार ने नई दिल्ली में एसोचैम सम्मेलन के दौरान की. 

निवेश लक्ष्य में संशोधन के कारण
भूमि अधिग्रहण में बढ़ोत्तरी के कारण निवेश लक्ष्यों में बढ़ोतरी की वजह बनी. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना और अधिक कॉरिडोर बनाने की है और इसके लिए अधिक निवेश की जरूरत होगी जिससे रेलवे में लागत में कमी और तकनीकी स्तर में सुधार होगा.
आगे की कार्रवाई
भविष्य के कदम के बारे में एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने बताते हुए कहा कि भारत को बंदरगाहों, खदानों और बिजली संयंत्रों के साथ तेज गति वाले डीएफसी के जरिए कनेक्टिविटी विकसित करने की तत्काल जरूरत है जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
इस बीच, परियोजनाओं का समय से पूरा होना वर्ष 2025 तक जीडीपी में विनिर्माण उत्पादन को 25 फीसदी तक बढ़ा देगा और नई नौकरियां भी पैदा हो सकेंगी.