भारतीय रिजर्व बैंक ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के अधिग्रहण और विलय के नियमों को कड़ा किया-(30-MAY-2014) C.A

| Friday, May 30, 2014
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एनबीएफसी के प्रबंधन के लिए योग्य और उचित चरित्र सुनिश्चित करने के लिए गैर बैंक वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के विलय के नियमों को कड़ा किया.
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 26 मई 2014 को गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (अधिग्रहण या नियंत्रण के हस्तांतरण की स्वीकृति) की दिशा में एक अधिसूचना जारी की. ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा.
एनबीएफसी के अधिग्रहण या नियंत्रण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से पूर्व लिखित अनुमति आवश्यक होगा जो शेयरों के अधिग्रहण या किसी अन्य तरीके से होगा.
एक मात्र जमा स्वीकार करने वाली संस्था एनबीएफसी को अधिग्रहण या विलय के लिए आरबीआई की मंजूरी की आवश्यकता है और यह पहले भी किया गया है
इसके अलावा एनबीएफसी का किसी अन्य संस्था के साथ अधिग्रहण या विलय या किसी अन्य संस्था का अधिग्रहण या विलय किसी एनबीएफसी के साथ चुकता पूंजी के 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी के हस्तांतरण में भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी की जरूरत होगी.
अन्य कंपनियों या एनबीएफसी के साथ विलय या संयोजन के लिए आरबीआई की लिखित स्वीकृति अदालत की मांग या न्यायालय के आदेश के पहले आवश्यक हो जाएगा.

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ

·       गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनीयाँ (एनबीएफसी) कंपनी अधिनियम, 1956  के तहत पंजीकृत कंपनी है. एनबीएफसी बैंकों तरह ही जमा और उधार का कार्य करती है.
·       लेकिन एनबीएफसी मांग जमा स्वीकार नहीं कर सकते, चेक जारी नहीं कर सकते हैं, निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम के जमा बीमा की सुविधा एनबीएफसी के जमाकर्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं है.
·       एनबीएफसी ऐसी किसी भी संस्था को शामिल नहीं करता जिसका प्रमुख व्यवसाय कृषि, औद्योगिक गतिविधियों में शामिल है.


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