तमिलनाडु सरकार ने कम मूल्य की दवाएं उपलब्ध कराने हेतु अम्मा फार्मेसी का शुभारंभ किया-(29-JUNE-2014) C.A

| Sunday, June 29, 2014
तमिलनाडु की राज्य सरकार ने 26 जून 2014 को कम मूल्य पर गुणवत्ता दवाओं को बेचने के लिए अम्मा फार्मेसी (अम्मा मरुंधागम) का शुभारंभ किया. यह फार्मेसी कम मूल्य पर लोगों को दवाएं उपलब्ध करायेगी जो अधिकतम खुदरा मूल्य से 10 प्रतिशत की छूट पर बेची जाएगी. 
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने राज्य में फार्मेसियों शुरू करने के लिए सात जिलों में दस अम्मा फार्मेसियों का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री ने सचिवालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चेन्नई, इरोड, सेलम, कुड्डालोर, मदुरै, शिवगंगा और विरुधुनगर जिलों में फार्मेसियों को शुरु किया. शुरूआत में दुकानों को 1 करोड़ रुपए के मूल्य पर स्थापित किया गया जिनमें प्रत्येक दुकान पर 10 लाख का व्यय किया गया.
ये अम्मा मेडिकल दुकानें लोकप्रिय स्थान जैसे बस स्टैंड, चिंहित स्थानों और जिलों में मुख्य स्थानों पर स्थापित किया जाएगा. सरकार इन दुकानों को फार्मासिस्ट आउटसोर्स करेगा. आपातकालीन दवाओं की रक्षा के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं स्थापित की गयी हैं.


नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस 26 जून को मनाया गया-(29-JUNE-2014) C.A

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26 जून: नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस

नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस 26 जून 2014 को मनाया गया. वर्ष 2014 का विषय आशा का एक संदेश है: दवा का उपयोग विकारों और इलाज के लिए करें.
इस दिन यूएनओडीसी ने वैश्विक दवा समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान शुरू किया.
पृष्ठभूमि
संयुक्त राष्ट्र ने 7 दिसंबर 1987 को  महासभा में 42/112 प्रस्ताव पारित कर नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में 26 जून मनाने का निर्णय लिया.
इस प्रस्ताव में नशीली दवाओं के सेवन और अवैध व्यापार पर वर्ष 1987 के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की रिपोर्ट और निष्कर्ष के संबंध में आगे की कार्रवाई की सिफारिश की.


आंध्र प्रदेश के नागाराम ग्राम में गेल पाइपलाइन विस्फोट में 15 लोग मारे गए-(29-JUNE-2014) C.A

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आंध्र प्रदेश के नागाराम गांव में गैस अथॉरिटी आफ इंडिया लिमिटेड (गेल) की पाइप लाइन में हुए एक विस्फोट में 15 लोग मारे गए और 20 घायल हो गए. यह घटना 27 जून 2014 को घटित हुई.गेल की 18 इंच की जिस पाइप लाइन में विस्फोट हुआ वह पूर्वी गोदावरी जिले के राज्य के स्वामित्व वाली और प्राकृतिक गैस और तेल निगम (ओएनजीसी) गैस क्षेत्र से आंध्र प्रदेश में विजयवाड़ा के पास लैंको की कोंडापल्ली बिजली संयंत्र के लिए गैस का परिवहन करती है.
यह पाइपलाइन एक दिन में 0.5 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस की आपूर्ति कोंडापल्ली बिजली संयंत्र के लिए करती है.
विस्फोट के बाद, ओएनजीसी के दो क्षेत्रों में उत्पादन बंद हो गया जबकि 1466 मेगावाट का कोंडापल्ली बिजली संयंत्र में बिजली उत्पादन गिर गया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घायल लोगों के लिए 50000 रुपए और मृतकों के रिश्तेदारों के लिए 200000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विस्फोट और आग की जांच के आदेश दे दिए.
जांच समिति का गठन तेल मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में किया जाएगा और सदस्यों के रूप में तेल उद्योग सुरक्षा निदेशालय, एनडीएमए और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के अधिकारी होंगे.


एलियन के जीवन को ट्रैक करने के लिए नासा ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली दूरबीन एटलास्ट विकसित की-(29-JUNE-2014) C.A

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लंदन के रॉयल एस्ट्रॉनॉमिकल सोसायटी ने 24 जून 2014 को पोर्ट्समाउथ में नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के एटलास्ट (ATLAST) या एडवांस्ड टेक्नोलोजी लार्ज एपर्चर स्पेस टेलीस्कोप का निर्माण करने की योजना का अनावरण किया. एक बार बनने के बाद यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली और सबसे बड़ी दूरबीन होगी.
यह दूरबीन अन्य ग्रहों के वातावरण का विश्लेषण करने और एलियन के जीवन के अस्तित्व को ट्रैक करने में सक्षम हो जागी. दूरबीन 30 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित प्रजातियो को ट्रैक करनें में सक्षम होगी.
दूरबीन तैयार है और अंतरिक्ष में स्वयं स्थापित की जाएगी. दूरबीन के बड़े आकार के कारण दूरबीन को धरती से रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजना संभव नहीं हैं.
दूरबीन स्थापित करने के लिए नासा अंतरिक्ष में ओरियन रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष यात्रियों के एक समूह को अंतरिक्ष में भेजेगा.
एटलास्ट  दूरबीन की सुविधाएँ
·       एटलास्ट दूरबीन मौजूदा 44 फुट हबल स्पेस टेलीस्कोप की तुलना में करीब चार गुना बड़ा हो जाएगा.
·       दूरबीन के अंदर 52 फीट व्यास का दर्पण लगा है जो धरती पर किसी आदमी के द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा दर्पण होगा.
·       दूरबीन को 10 लाख मील की दूरी पर स्थापित किया जाएगा.
·       दूरबीन के वर्ष 2030 तक तैयार होने की संभावना है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, दूरबीन के निर्माण से 60 से अधिक अजीब नए ग्रहों की खोज में खगोलविदों को मदद मिलेगी.यह अंतरिक्ष में उपस्थित ऑक्सीजन और अन्य गैसों के अनुपात का अध्ययन करेगा जो अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं को तलाशने में मदद करेगा.


उष्णकटिबंधीय चक्रवात ननौक अरब सागर में उभरा-(29-JUNE-2014) C.A

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उष्णकटिबंधीय चक्रवात ननौक 11 जून 2014 को पूर्व-केंद्रीय अरब सागर में उभरा. भारत के मौसम विभाग के अनुसार इस चक्रवात से दक्षिण पश्चिम मानसून के प्रभावित होने की संभावना है.
वर्तमान में यह पूर्व केंद्र में और पश्चिम मध्य अरब सागर के समीप 18.0 अक्षांश उत्तर और 65.0 देशांतर पूर्व, पश्चिम दक्षिण पश्चिम मुंबई से 830 किलोमीटर, दक्षिण पश्चिम वेरावल से 650 किलोमीटर, मासिराह द्वीप (ओमान) पूर्व दक्षिण पूर्व से 700 किलोमीटर पर केन्द्रित है.
 
वर्तमान में यह चक्रवात भारत के पश्चिमी तट से ओमान की ओर 12 घंटे प्रति किलोमीटर की गति से बढ़ रहा है, हालांकि 15 जून 2014 के आसपास इसकी तीव्रता बढ़ने की उम्मीद है.
मौसम विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार यदि इस चक्रवात ने अपनी गति बनाई रखी तो इससे प्रतिकूल मानसून पर असर पड़ेगा, लेकिन यह महाराष्ट्र और गुजरात तट की ओर अपनी दिशा बदल सकता है जिससे इन क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है.


रूस भारत के परमाणु दायित्व कानून पर सहमत-(29-JUNE-2014) C.A

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रूस 10 जून 2014 को सैद्धांतिक तौर पर भारतीय परमाणु दायित्व कानून के लिए सहमत हो गया. इससे कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र की तीसरी और चौथी इकाई के लिए समझौते पर हस्ताक्षर का रास्ता खुल गया.
इससे पहले अप्रैल 2014 में, असैन्य परमाणु क्षति जवाबदेही अधिनियम 2010 की प्रारंभिक बाधाएं पार करने के बाद भारत और रूस ने अप्रैल में तीसरी और चौथी इकाई के संदर्भ में सामान्य मसौदा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. समझौते के दौरान अक्टूबर 2013 में हस्ताक्षर किए जाने थे. लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मास्को की यात्रा के दौरान सीएलएनडी अधिनियम, 2010 के कुछ खंड पर आपत्ति उठने की वजह से रूस ने हस्ताक्षर नहीं किया.
कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लांट (केएनपीपी) ने 8 जून 2014 को पूर्ण उत्पादन क्षमता हासिल कर ली. यह प्लांट 1,000 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाला देश का पहला न्यूक्लियर प्लांट बन गया है. केएनपीपी की दूसरी इकाई में 2014 से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा.
तमिलनाडु मे बनी केएनपीपी की पहली और दूसरी इकाइयों का निर्माण रूस की मदद से किया गया जिसकी कुल लागत 17200 करोड़ रुपए है.
असैन्य परमाणु क्षति जवाबदेही अधिनियम 2010 का विवरण
संसद द्वारा अगस्त 2010 में असैन्य परमाणु क्षति जवाबदेही अधिनियम 2010 को परमाणु क्षति के मामले में ऑपरेटर के दायित्व और सीमा के बाद पारित कर दिया गया .यह ऑपरेटर कुछ निश्चित परिस्थितियों में आश्रय देने का अधिकार सुरक्षित करते है.
सीएलएनडी अधिनियम में भी परमाणु क्षति के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए एक तंत्र बनाया गया है असैन्य परमाणु क्षति जवाबदेही अधिनियम को सिविल दायित्व 11 नवम्बर 2011 के तहत अधिसूचित किया गया था.


वैज्ञानिकों ने कंक्रीट संरचना में दरारों का पता लगाने वाली संवेदनशील सतह प्रौद्योगिकी विकसित की-(29-JUNE-2014) C.A

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वैज्ञानिकों ने 24 जून 2014 को ऐसी संवेदनशील सतह प्रौद्योगिकी विकसित की है जो कि कंक्रीट संरचनाओं में दरारों का पता लगा सकती हैं. 
उत्तरी कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी और पूर्वी फिनलैंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह तकनीक विकसित की.
यह प्रौद्योगिकी प्राधिकारियों को नाभिकीय संयंत्रों और पुलों को क्षति के समय त्वरित प्रतिक्रिया करने में सहायता देगा.

यह कंक्रीट संरचनाओं में दरारों का पता कैसे लगाती है
संवेदनशील सतह कंक्रीट संरचना पर अंकित है तथा यह इलेक्ट्रोड पर होती हैं. एक कंप्यूटर प्रोग्राम एक समय में दो इलेक्ट्रोड के मध्य निम्न मात्रा में विद्युत धारा का प्रवाह करता हैं, जो बहुत से संयोजनों के मध्य चक्रित होता हैं. प्रत्येक समय जबकी दो इलेक्ट्रोड के बीच विद्युत धारा का प्रवाह होता हैं एक कंप्यूटर मॉनिटर कंक्रीट संरचनाओं पर सभी इलेक्ट्रोड के विद्युत क्षमता को रिकॉर्ड करता हैं. इन आंकड़ों का संवेदनशील सतह के स्थानिक वितरित विद्युत चालकता की गणना करने के लिए प्रयोग किया जाता हैं. यदि सतह की चालकता कम हो जाती है तो इसका अर्थ है कि संरचना क्षतिग्रस्त है.
संवेदनशील सतह प्रौद्योगिकी के बारें में 
सतह एक विद्युत प्रवाहकीय से किया गया रंग की परत हैं जिसको नई या मौजूदा संरचनाओं पर किया जा सकता है. यह रंग किसी भी विद्युत प्रवाहकीय पदार्थ से किया जा सकता हैं. जो कि त्वचा को कम खर्चीली बनाता हैं. इलेक्ट्रोड संरचना की परिधि के चारों और बनाया जाता हैं.


विश्व के पहले एंड्रॉयड समाचार-वाचक का जापान में अनावरण किया गया-(29-JUNE-2014) C.A

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विश्व के पहले एंड्रॉयड समाचार-वाचक का जापान में 24 जून 2014 को अनावरण किया गया. इस एंड्रॉयड का अनावरण टोक्यो में नेशनल म्यूजियम ऑफ़ इमर्जिंग साइंस एंड इनोवेशन में एंड्रॉयड: व्हाट इस ह्यूमन नामक प्रदर्शनी में किया गया. 
दो एंड्रॉयड कोदोमोरोइड (कोदोमो जिसका अर्थ है बच्चा) और ओटनारोइड (ओटना जिसका अर्थ है वयस्क) क्रमश: एक लड़की और एक औरत का रूप धारण करते हैं. यह दो एंड्रॉयड मनुष्यों के साथ बातचीत कर सकते हैं, समाचार पढ़ सकते हैं और कई अलग-अलग आवाजों में ट्वीट्स पढ़ सकते हैं. हालांकि, उनकी सिलिकॉन त्वचा और चेहरे के सीमित हाव भाव उन्हें कुछ अजीब दिखाते है.
दोनों एंड्रॉयड टोक्यो के नेशनल म्यूजियम ऑफ़ इमर्जिंग साइंस एंड इनोवेशन में कार्य करेंगे. यह एंड्रॉयड आगंतुकों के साथ बातचीत करेंगे ताकि मानव रोबोट बातचीत में अध्ययन के लिए आंकड़े इकट्ठा किये जा सके.
प्रोफेसर हिरोशी इशिगुरो: एंड्रॉयड समाचार-वाचक के विकास में योगदान देने वाले व्यक्ति
प्रोफेसर हिरोशी इशिगुरो ओसाका विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग साइंस के इंटेलिजेंट रोबोटिक्स प्रयोगशाला के निदेशक हैं, ने अपनी परियोजना: एंड्रॉयड समाचार-वाचक की एक जोड़ी के तहत एंड्रॉयड समाचार-वाचक का अनावरण किया.
इशिगुरो, जो 20 वर्षों से अधिक समय से रोबोट विकसित कर रहें है, आशा करते है कि उनका शोध और अधिक बुद्धिमान रोबोट विकसित करने में मदद करेगा एवं संभावित भूमिका का बड़ी सीमा में उपयोग किया जा सकेगा. 
इशिगुरो ने अपनी ही छवि में एक रोबोट बनाया है जिसको वह व्याख्यान देने के लिए विदेशों में भेजतें है, इससे पहले उन्होंने टेलेनोइड आर 1 विकसित किया था जो की टेलीप्रजेंस संचार के लिए उपयोग किया गया था भी प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था.



हिंद महासागर द्विध्रुव (इंडियन ओशियन डाइपोल–आईओडी)-(28-JUNE-2014) C.A

| Saturday, June 28, 2014
आईओडीइंडियन ओशियन डाइपोल
हाल के समय में आईओडी सुर्खियों में इसलिए आया क्योंकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने जून 2014 में जारी रिलीज में संभावना जताई है कि अल नीनो इस बार भारतीय मौसम को 70 फीसदी तक प्रभावित कर सकता है. इसकी वजह से इस वर्ष भारतीय मानसून के दौरान सामान्य से कम बारिश (सबनार्मल) होगी. 
आईओडी को भारतीय नीनो के नाम से भी जाना जाता है. आईओडी को दो क्षेत्रोंअरब सागर का पश्चिमी ध्रुव और दूसरा दक्षिण इंडोनेशिया स्थित पूर्वी हिन्द महासागर का पूर्वी ध्रुव के बीच समुद्र के सतह के तापमान के अंतर के तौर पर परिभाषित किया जा सकता है.
आईओडी ऑस्ट्रेलिया और हिन्द महासागर बेसिन से घिरे अन्य देशों को प्रभावित करता है और इसकी वजह से इन इलाकों में बारिश के पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव देखा जाता है. सकारात्मक आईओडी के दौरान, भूमध्य हिंद महासागर के इंडोनेशिया में सुमात्रा सामान्य की अपेक्षा बहुत ठंडा हो जाता है जबकि अफ्रीकी तट के पास समुद्र के पश्चिमी उष्णकटिबंधीय हिस्सा असामान्य रूप से गर्म हो जाता है. ऐसी घटना मौनसून के लिए फायदेमंद होती है. दूसरी तरफ, नकारात्मक आईओडी में पूर्वी भूमध्य हिंद महासागर का तापमान गर्म हो जाता है जबकि पश्चिमी उष्णकटिबंधीय समुद्र ठंडा हो जाता है जिससे मानसून बाधित होता है.



दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री चुंग हुंग वोन के पद पर बने रहने की घोषणा-(28-JUNE-2014) C.A

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चुंग वोंग वोन 25 जून 2014 को दक्षिण कोरिया के प्रधानंत्री पद को बनाए रखने में कामयाब रहे. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पार्क गुनहेय ने इस बात की घोषणा की. प्रधानमंत्री वोन ने अप्रैल 2014 में हुए नौका आपदा के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. चुंग होंगवोन ने 27 अप्रैल 2014 को सरकार की अक्षमता और नौका आपदा की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. राष्ट्रपति पार्क ने उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया था और उनसे नए प्रधानमंत्री चुने जाने तक अपने पद पर बने रहने को कहा था.

राष्ट्रपति पार्क ने सुप्रीमकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस और भूतपूर्व पत्रकार मून चांगकीयू को पीएम पद के लिए नामांकित किया था लेकिन अपने खिलाफ विवादों औऱ जापान समर्थक भ्रष्टाचार के मामलों के उजागर होने के बाद कीयू ने नामांकन वापस ले लिया था.


गुजरात की मुख्यमंत्री ने राज्य पुलिस बल में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की घोषणा की-(28-JUNE-2014) C.A

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गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने 24 जून 2014 को राज्य पुलिस बल में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की घोषणा की. इस घोषणा के बाद पुलिस बल में होने वाली भर्ती में महिलाओं को 33% आरक्षण मिलेगा. यह फैसला सभी संवर्गों पर लागू होगा. 
यह फैसला राज्य में महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज में उनके उत्थान के लिए किया गया. यह फैसला राज्य सरकार के 100 दिन के एजेंडे का हिस्सा माना जा सकता है. 
यह फैसला ऐसा समय पर आया है जब कई राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध अपने चरम पर हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराध उत्तरप्रदेश के बदायूं में दो अल्पसंख्यक लड़कियों के साथ कथित बलात्कार और उसके बाद हत्या के बाद सुर्खियों में आया था. 
इस घोषणा ने गुजरात को पुलिस बल में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण लागू करना वाला देश का पहला राज्य बना दिया है.
गुजरात पुलिस में महिला
फिलहाल गुजरात में करीब 2500 महिला पुलिस कर्मचारी हैं और राज्य ने गुजरात पुलिस में 60000 पदों पर भर्ती को हरी झंडी दी है. अगर राज्य महिलाओँ के 33% आरक्षित पद भरने में कामयाब होता है तो पुलिस बल में महिलाओं की संख्या 19800 हो जाएगी.
ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के मुताबिक फिलहाल भारत में कुल पुलिस क्षमता 15.85 लाख में से महिलाओं की संख्या सिर्फ 84479 है. यह लगभग पांच फीसदी है.
रिपोर्ट में सबसे अधिक महिला पुलिसकर्मियों वाले राज्यों के बारे में भी बताया गया है. 
महाराष्ट्र– 20062 
तमिलनाडु– 10118 
दिल्ली– 5356 

सबसे कम महिला पुलिस कर्मचारियों वाले राज्य 
उत्तर प्रदेश– 2586 
मध्य प्रदेश– 3010


अंतरराष्ट्रीय नाविक दिवस 25 जून को दुनिया भर में मनाया गया-(28-JUNE-2014) C.A

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25 जूनः अंतरराष्ट्रीय नाविक दिवस
दुनियाभर में 25 जून 2014 को अंतरराष्ट्रीय नाविक दिवस मनाया गया. यह दिन दुनिया की अर्थव्यवस्था और समाज में नाविकों के योगदान को धन्यवाद देने और उनके द्वारा काम पर उठाए जाने वाले जोखिम को सलाम करने के लिए मनाया गया. 
यह इसके वैश्विक अभियान का चौथा संस्करण थाः नाविक का दिन. नाविक के दिन का पहला संस्करण आईएमओ ने वर्ष 2011 में मनाया था. 
25 जून को अंतरराष्ट्रीय नाविक दिवस मनाने का फैसला अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) ने वर्ष 2010 में लिया था. नाविक दिवस को संयुक्त राष्ट्र ने पालन सूची (ऑब्जर्वेंस लिस्ट) में भी शामिल कर लिया गया है.
इस फैसले के मोटो से यह पता चलता है कि हमारे दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले लगभग सभी चीजें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समुद्री परिवहन द्वारा प्रभावित हैं. आईएमओ के अनुमान के मुताबिक दुनिया के मालव्यापार का लगभग 90 फीसदी जहाजों द्वारा ही ले जाया जाता है. नाविक न सिर्फ जहाजों के संचालन के लिए बल्कि मालवाहक जहाज के सुरक्षित और सुचारू वितरण के लिए भी जिम्मेदार होते हैं.


महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य में मराठों और मुसलमानों के आरक्षण को मंजूर किया-(28-JUNE-2014) C.A

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महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल ने 26 जून 2014 को शिक्षण संस्थानों में मराठों के लिए 16% और मुसलमानों के लिए 5% आरक्षण को मंजूरी दी. 
यह आरक्षण इन समुदाय के गैर क्रीमी लेयर के लोगों को ही मिलेगा और तत्काल प्रभाव से लागू होगा. यह फैसला राज्य में मौजूदा 52% आरक्षण को प्रभावित नहीं करेगा और इस फैसले के बाद कुल आरक्षण बढ़ कर 73 फीसदी हो गया. 
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हान ने कहा कि यह आरक्षण राज्य में इन समुदायों के पिछड़ेपन के आधार पर दिया गया है, न कि धर्म के नाम पर. यह फैसला मुसलमानों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक पिछड़ेपन पर बनी सच्चर समिति और रंगनाथ मिश्रा आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया. 
इन दो समुदायों की राज्य में कुल आबादी करीब 111 मिलियन है. इनमें से मराठों की जनसंख्या 32 फीसदी और मुसलमानों की आबादी 5 फीसदी है. 
वर्ष 2007 में आंध्र प्रदेश मुसलमानों को 4% आरक्षण देने वाला पहला राज्य बना था जिसे बाद में उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि यह टिकाउ नहीं है और ऐसा करने से संविधान के अनुच्छेद 14, 15(1) और 16(2) का उल्लंघन होता है.
टिप्पणी
महाराष्ट्र में मुसलमानों के लिए आरक्षण की मांग सबसे पहले वर्ष 2004 में उठी थी. तब विलासराव देशमुख मुख्यमंत्री थे. मराठों के लिए आरक्षण की मांग बहुत पुरानी है. इन समुदायों को आरक्षण देने के फैसले के बाद कई लोगों इसे आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इन समुदाय के लोगों को रिझाने के लिए उठाया गया कदम बता रहे हैं. इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार के इस कदम को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है क्योंकि इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50% आरक्षण की सीमा का उल्लंघन होता है. 
वर्ष 1992 में सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ने मंडल आयोग द्वारा ओबीसी को दिए जाने वाले आरक्षण की सिफारिश को संवैधानिक रूप से वैध बताते हुए सभी प्रकार के आरक्षण के लिए 50% की अधिकतम सीमा निर्धारित की थी.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 50% की आरक्षण सीमा निर्धारित करने के बावजूद अभी भी ऐसे राज्य हैं जो 50% से अधिक आरक्षण दे रहे हैं. उदाहरण के लिए आंध्र प्रदेश, यहां 83% से भी अधिक आरक्षण दिया जा रहा है जबकि तमिलनाडु में यह 69% है.


भारतवंशी जज वी. के. राजा सिंगापुर के 8वें अटॉर्नी जनरल बनें-(28-JUNE-2014) C.A

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भारतवंशी जज वी. के. राजा 25 जून 2014 को सिंगापुर के 8वें अटॉर्नी जनरल बन गए. सिंगापुर के राष्ट्रपति टॉनी टैन केंग याम ने जस्टिस वी. के. राजा के शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्षता की. राजा ने स्टीव चोंग की जगह ली है. स्टीव चोंग वापस सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवाएं देंगें. 
वी. के. राजा आगामी तीन वर्षों के लिए अल्पसंख्यकों के अधिकारों वाली राष्ट्रपति परिषद के सदस्य भी चुने गए हैं. 17 सदस्यों वाली यह परिषद विधेयकों और कानूनों सहित अन्य मामलों पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.
जस्टिस वी के राजा के बारे में
जस्टिस राजा ने वर्ष 1982 में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से ग्रेजुएशन किया था और लॉ फर्म राजा एंज टान्न के लिए काम काम किया. 
वर्ष 1997 में वे वरिष्ठ वकील नियुक्त किए गए थे और वर्ष 2007 में वे अपील के जज नियुक्त किए गए. 
वर्ष 2010 से वे सिंगापुर इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल एजुकेशन और बोर्ड ऑफ ज्यूडिशियल लर्निंग के अध्यक्ष थे. 
वर्ष 2012 में उन्होंने वकीलों की आपूर्ति पर बनी चौथी समिति की अध्यक्षता की थी.



कोल इंडिया लिमिटेड के नए अध्यक्ष होंगे ए.के. दुबे-(28-JUNE-2014) C.A

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अपर सचिव ए.के. दुबे को 25 जून 2014 को तत्काल प्रभाव से कोल इंडिया लिमिटेड का नया अध्यक्ष बना दिया गया. जब तक पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त नहीं किए जाते तब तक वे इस पद के अतिरिक्त प्रभारी बने रहेंगे. 
राज्य स्वामित्व वाली इस कंपनी द्वारा आगामी तीन माह तक पूर्णकालिक अध्यक्ष का चुनाव करने तक श्री दुबे अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे. कंपनी के अध्यक्ष का पद मई 2014 के आखिर में सीआईएल के वर्तमान अध्यक्ष एस नरसिंहराव के इस्तीफे के बाद से खाली पड़ा था. 

कोल इंडिया लिमिटेड के बारे में
कोल इंडिया लिमिटेड भारतीय राज्य नियंत्रित कोयला खनन कंपनी है. इसका मुख्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल में है. यह एक नवरत्न कंपनी है. यह दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है और भारत के कोयला उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 81 फीसदी की है.


केंद्र सरकार ने ईआईएल और एनबीसीसी को नवरत्न का दर्जा दिया-(28-JUNE-2014) C.A

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केंद्र सरकार ने 24 जून 2014 को इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) और राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) को नवरत्न का दर्जा दे दिया. 
भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक उपक्रम विभाग ने वित्तीय और संचालन स्वायत्ता बढ़ाने के लिए नवरत्न का दर्जा दिया.
दो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र को नवरत्न का दर्जा दिए जाने से कंपनियां संयुक्त उपक्रमों या प्रमुख निवेश से संबंधित परियोजनाओं पर निर्णय लेने में अधिक छूट मिल सकेगी.

इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के बारे 
ईआईएल भारत की प्रमुख इंजीनियरिंग परामर्शदाता कंपनी के तौर पर उभरी है. ईपीसी क्षेत्र के पास तेल एवं गैस, पेट्रोकेमिकल्स, खनन और धातु विज्ञान, उर्वरक, बिजली और बुनियादी ढांचा क्षेत्र जैसे विविध पोर्टफोलियो की परियोजनाएं हैं. 
राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम के बारे में
एनबीसीसी भारत और विदेश में विविध प्रकृति, जटिलताओं और सामाजिकराजनीतिक भौगोलिक स्थानों पर सिविल इंजीनियरिंग निर्माण सेवाएं प्रदान करता है. एनबीसीसी बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में भी सक्रिय रहा है जिसमें इसने चिमनी, कूलिंग टावर और विभिन्न प्रकार के बिजली संयंत्रों से जुड़े कार्यों वाली परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया है.
 
नवरत्न का दर्जा पाने के लिए मानदंड 
वैसे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (सीपीएसई) जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं, उन्हें नवरत्न का दर्जा देने के बारे में विचार किया जाता है
•    अनुसूची A और मिनिरत्न श्रेणी–1 का दर्जा हो. 
•    पिछले पांच वर्षों में कमसेकम तीन उत्कृष्ट या बहुत अच्छा समझौता ज्ञापन मूल्यांकन (मेमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंगएमओयू). 
•    पिछले तीन वर्षों के अपने प्रदर्शन के आधार पर 100 अंकों में से 60 या इससे अधिक अंक जो कि निम्नलिखित छह दक्षता मानकों पर मिले होंनेट वर्थ पर शुद्ध लाभ, उत्पादन और सेवा पर मानव श्रम लागत, नियोजित पूंजी के रूप में सकल मार्जिन, टर्नओवर के रूप में सकल लाभ, प्रति शेयर आय और नेट वर्थ पर शुद्ध लाभ पर आधारित अंतरक्षेत्रीय तुलना.



एन श्रीनिवासन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन नियुक्त-(28-JUNE-2014) C.A

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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से निलंबित एन श्रीनिवासनको 26 जून 2014 को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का चेयरमैननियुक्त किया गया. वे 29 जून 2014 को अपना पदभार संभालेंगे.
आइसीसी की 52 सदस्यीय परिषद (एजीएम) ने अपनी वार्षिक आमसभा में संस्था के प्रशासनिक ढांचे में बदलाव को स्वीकृति दी, जिसके बाद श्रीनिवासन की औपचारिक तौर पर चेयरमैनपद पर नियुक्ति हुई. एजीएम में बांग्लादेश के मुस्तफा कमाल को आइसीसी का 11वां अध्यक्ष एवं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के चेयरमैन वॉली एडवर्डसको आईसीसी कार्यकारी समिति के प्रमुख पद हेतु मनोनीत किया गया. आइसीसी के ढांचे में बदलाव के बाद अब इसमें चेयरमैन (पहली बार इसका सृजन) और अध्यक्ष (पहले से चली आ रही व्यवस्था) दोनों ही पद होंगे.

विदित हो कि एन श्रीनिवासन को आईपीएल में सट्टेबाजी मामले के बाद सर्वोच्च नयायालय ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद से निलंबित कर दिया था.



आरबीआई ने एनबीएफसी–एनडी को बैंकों के लिए बीसी की तरह काम करने की इजाजत दी-(27-JUNE-2014) C.A

| Friday, June 27, 2014
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 24 जून 2014 को गैर जमा लेने वाली गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसीएनडी) को वाणिज्यिक बैंकों के लिए व्यवसाय संवाददाताओं (बिजनेस कॉरेस्पैंडेंटबीसी) की तरह काम करने की इजाजत दे दी. ऐसा वित्तीय समावेशन के प्रसार के उद्देश्य से किया गया था.
एनबीएफसीएनडी निम्नलिखित शर्तों के अधीन बीसी के रूप में काम कर सकता है
•    यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए की वहां बैंक का कोई पैसा नहीं आ रहा हो और बीसी के तौर पर एनबीएफसीएनडी की नियुक्ति ..
•    हितों से संबंधित सभी विवाद पर पर्याप्त ध्यान रखने के लिए इसमें बैंक और एनबीएफसीएनडी के बीच विशेष संविदात्मक व्यवस्था होनी चाहिए.
•    बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एनबीएफसीएनडी किसी भी प्रकार का प्रतिबंधात्मक कदम जैसे बचत या प्रेषण कार्य सिर्फ अपने ग्राहकों को ही देना और एनबीएफसीएनडी को ऐसी सेवाएं देने के लिए मजबूर करना आदि नहीं उठाएगा.
इसके अलावा, आरबीआई ने उस नियम को भी निरस्त कर दिया जिसमें बैंकों को प्रत्येक आउटलेट और शाखा विशेष में  बीसी के उपएजेंट संलग्न करना अनिवार्य था. इससे पहले, बैंकों को अर्द्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में 30 किलोमीटर और महानगरीय क्षेत्रों में पांच किलोमीट के दायरे में बीसी आउटलेट खोलने की इजाजत थी. ऐसा बीसी पर पर्याप्त निगरानी रखने के उद्देश्य से किया गया है.
आरबीआई ने यह फैसला नचिकेत मोत समिति द्वारा पिरामिड के नीचले स्तर पर ऋण के प्रवाह में तेजी और व्यापार संवावदाताओं (बीसी) के अधिकार क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए जिसमें बीसी के रूप में नई संस्थाओं के संभावित समावेशन संभव हो, दी गई सिफारिशओं पर किया है.


एचएसबीसी बैंक ने 12.5 अरब डॉलर के लिए अपनी स्विस निजी बैंकिंग परिसंपत्तियों को बेचा-(27-JUNE-2014) C.A

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विश्व की दिग्गज कंपनी एचएसबीसी बैंक ने 24 जून 2014 को 12.5 अरब डॉलर के लिए लिंकटेंस्टीन के एलजीटी बैंक को अपनी स्विस निजी बैंकिंग परिसंपत्तियां बेच दीं. इस सौदे के तहत, एलजीटी बैंक प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति के 10 अरब स्विस फ्रैंक्स और करीब 70 कर्मचारियों अधिगृहित करेगा.
बंद करने पर, अधिगृहित व्यापार एलजीटी बैंक (स्विट्जरलैंड) में एकीकृत किया जाएगा जिसके पास 2013 के अंत में 21 अरब स्विस फ्रैंक (23.5 अरब डॉलर) का एएमयू था.
एचएसबीसी प्राइवेट बैंक (सुइस) एसए ब्रिटेन स्थित एचएसबीसी होल्डिंग पीएलसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है जबकि एलजीटी बैंक (स्विट्जरलैंड) लिमिटेड लिंकटेंस्टीन के एलजीटी समूह फाउंडेशन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयक कंपनी है.
इस सौदे का असर भारत की काले धन के खिलाफ लड़ाई पर पड़ सकता है क्योंकि एचएसबीसीएलजीटी सौदा ऐसे समय पर हुआ है जब भारतीय सरकार विदेशों में भारतीयों द्वारा कथित काले धन का पता लगाने का प्रयास कर रही है.
विदेशों में भारतीयों द्वारा जमा कथित काले धन की जांच स्विट्जरलैंड में एचएसबीसी जेनेवा और एलजीटी बैंक के जरिए किया जा रहा है. हालांकि, इन बैंकों में भारतीय खाता धारकों की सूची भारत को अप्रत्यक्ष माध्यम से ही मिलेगीएचएसबीसी की सूची फ्रांस से और एलजीटी की सूची जर्मनी से दी जाएगी.
लेकिन स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने इन मामलों में किसी भी प्रकार की सहायता या जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया है. भारतीय अधिकारियों की मदद से इनकार की वजह है इन अधिकारियों ने जर्मनी और फ्रांस द्वारा चुराए गए आंकड़ों के आधार पर अनुरोध किया था. जर्मनी और फ्रांस को गुप्त खाता धारकों की सूची कुछ बैंक कर्मचारियों द्वारा डेटा चुराने से मिली थी.


विश्व बैंक ने भारत में ऊर्जा क्षेत्र में सुधार पर रिपोर्ट जारी की-(27-JUNE-2014) C.A

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विश्व बैंक ने भारत में ऊर्जा क्षेत्र में सुधार पर 24 जून 2014 को एक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट का शीर्षक हैमोर पावर टू इंडियाः द चैलेंज ऑफ डिस्ट्रिब्यूशन. इसे नई दिल्ली में जारी किया गया. यह रिपोर्ट भारत सरकार के अनुरोध पर किए गए अध्ययन के आधार पर बनाया गया है.
रिपोर्ट में भारत के ऊर्जा क्षेत्र की पहुंच, उपयोगिता प्रदर्शन और वित्तीय स्थिरता के प्रमुख क्षेत्रों की समीक्षा की गई है. इसमें उपभोक्ताओँ तक बिजली के वितरण को इस क्षेत्र की सबसे कमजोर कड़ी बताया गया है.
रिपोर्ट में सेवा को उच्च स्तर तक ले जाने के लिए इस क्षेत्र को बाहरी हस्तक्षेप और नियामकों से मुक्त करने, जवाबदेही बढ़ाने और इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की सिफारिश की गई है.
रिपोर्ट की मुख्य बातें
•    भारत की वार्षिक प्रति व्यक्ति सालाना बिजली खपत करीब 800 किलोवाट की है जो दुनिया में सबसे कम है.
•    साल 2011 में ऊर्जा क्षेत्र में कुल घाटा 1.14 ट्रिलिय़न रुपयों का था. ये घाटे बहुत बड़े हैं जो वितरण कंपनियों (डिसकॉम्स) और बहुत ज्यादा उपयोगिताओंराज्य बिजली बोर्डों (एसईबी) और राज्य बिजली विभागों के बीच केंद्रित है.
•    संचित घाटे की वजह से बिजली क्षेत्र का ऋण 2011 में 3.5 ट्रिलियन रुपये था जो भारत के जीडीपी का 5 फीसदी के बराबर है.
•    2011 में इस क्षेत्र का करीब 60 फीसदी संचित घाटा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और झारखंड से हुआ. उत्तर प्रदेश अकेले ही 40 फीसदी संचित घाटे के लिए जिम्मेदार है.
•    हालांकि ग्रीड कनेक्टिविटी बढ़ी है फिर भी विद्युतीकृत गांवों के 200 मिलियन से अधिक लोग बिना बिजली को रहने के लिए मजबूर हैं.
•    भारत में व्यावसायिक प्रतिष्ठान में बिजली का कनेक्शन लेने के लिए सात प्रक्रियाएं और 67 दिन का समय लगता है. चीन में यह 28 दिन में, थाइलैंड में 35 दिन और सिंगापुर में 36 दिनों में हो जाता है.
•    2010 में भारत भर में घरेलू बिजली आपूर्ति का करीब 87 फीसदी रियायती था. 2010 में आधे से भी अधिक रियायती भुगतान (52फीसदी) देश के सबसे अमीर 40 फीसदी परिवारों को चला गया.
ऊर्जा क्षेत्र में घाटे के लिए जिम्मेदार कारक
•    बिजली खरीदने के लिए डिसकॉम की लागत राजस्व की तुलना में तेजी से बढी है.
•    ईंधन की कमी और जनरेटर और पीढ़ी अक्षमताओं के लिए महंगा ईंधन आयात करने की जरूरत.
•    पिछले कुछ वर्षों से बढ़ते ब्याज खर्च और शुल्कों का लागत के साथ तालमेल नहीं है.
•    बिलों की कम वसूली और वसूली में देरी.
•    खरीदी गई बिजली के पांचवे हिस्से से भी अधिक उपभोक्ताओं द्वारा बर्बाद कर दिया जाता है.
मुख्य सिफारिशें
अगर 2019 तक भारत को विकास के उच्च पथ पर लाना है और सभी को बिजली मुहैया करानी है तो भारत में बिजली वितरण के क्षेत्र में व्यापक सुधार करने होंगे. रिपोर्ट में दी गई मुख्य सिफारिशें हैं
•    राज्य सरकारों को जब वे मुफ्त बिजली आपूर्ति का आदेश देते हैं, समय पर पारदर्शिता के साथ और पूरे सब्सिडी का भुगतान करना चाहिए.
•    राज्य सरकारों को सब्सिडी के लक्ष्य में सुधार लाना चाहिए ताकि संसाधन बर्बाद न हो और वास्तव में गरीबों तक पहुंच सके.
•    जनोपयोगी सेवाओं को सरकार के हस्तक्षेप से मुक्त करना चाहिए और उसका प्रबंधन पेशेवर तरीके के करना चाहिए. निगमीकरण के बावजूद उपोगिता बोर्ड में राज्यों का प्रभुत्व है और उनका मूल्यांकन शायद ही कभी उनके प्रदर्शन के आधार पर होता है
•    कुशल संचालन के लिए बैंकों/ उधारदाताओं को जवाबदेह होना चाहिए और जो भरोसे के लायक नहीं हो उनपर इसे नहीं छोड़ना चाहिए.
•    नियामकों को प्रभावी लागत, सेवा मानकों पर पकड़ और निर्णय लेने के लिए उम्मीद के मुताबिक वातावरण पैदा करने के  लिए  शुल्कों में पारदर्शिता के साथ संसोधन करना चाहिए.
•    ग्रहकों को इस्तेमाल की जाने वाली बिजली के लिए ही भुगतान करना पड़े और नियामक एवं राज्य सरकारें बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता के प्रति जवाबदेह हों.
•    केंद्र सरकार को भविष्य में कोई बेलआउट नहीं देना चाहिए, नियामकों को स्वायतता और पर्याप्त संसाधन देना चाहिए और उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें ही जिम्मेदार बनाना चाहिए.
•    केंद्र सरकार को प्रभावी संचालन औऱ गांवों में वित्तीय जिम्मेदार ढंग से बिजली की पहुंच को बढ़ाने के लिए दवाब बनाने के लिए प्रतियोगिता की अनुमति देनी चाहिए.


यूएनईपी ने द इंवायरमेंट क्राइम क्राइसिस नाम से रिपोर्ट जारी की-(27-JUNE-2014) C.A

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संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने 24 जून 2014 को कीनिया के नैरोबी में हुए पहले संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सम्मेलन में द इंवायरमेंट क्राइम क्राइसिस नाम से रिपोर्ट जारी की. यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और इंटरपोल द्वारा त्वरित प्रतिक्रिया आकलन है.
रिपोर्ट के मुताबिक, हर वर्ष होने वाला 213 अरब अमेरिकी डॉलर का वैश्विक पर्यावरण अपराध अपराधियों, नागरिक सेना और आतंकवादी समूहों को वित्तीय मदद पहुंचा रहा है और कई देशों की सुरक्षा और सतत विकास के लिए खतरा बन गया है. यह 135 अरब अमेरिकी डॉलर सके वैश्विक विकास सहायता के बराबर है.
वनस्पतियों और जीवों का अवैध व्यापारः मुख्य बातें
•    विभिन्न स्रोतों के अनुमान के मुताबिक सालाना 7 अरब डॉलर से 23 अरब डॉलर का कारोबार है वनस्पतियों और जीवों का अवैध व्यापार ( मछली पकड़ने और लकड़ी काटने के अलावा) का.
•    जंगली हाथी के मामले में, 2002 और 2011 के बीच इनकी जनसंख्या में अनुमान के अनुसार 62 फीसदी की कमी आई है. एशियाई स्रोतों से हासिल किए जाने वाले हाथी दांतों के अलावा अवैध शिकार से हासिल किए गए  कच्चे अफ्रीकी हाथी दातों की कीमत एशिया में 165 मिलियन डॉलर से लेकर 188 मिलियन डॉलर है.
•    राइनों के अवैध शिकार का 94 फीसदी इनके सबसे अधिक जनसंख्या वाले जिम्बाबे और दक्षिण अफ्रीका में होता है. यहां, संगठित गिरोहों की भागीदारी की वजह से 2007 में जहां अवैध शिकारों की संख्या 50 से भी कम थी, 2013 में यह 1000 से भी ज्यादा हो गई. पिछले वर्ष अवैध शिकार से हासिल हुए राइनों की सींग की कीमत 63 मिलियन डॉलर से 192 मिलियन डॉलर थी.
•    यहां तक की रूढ़ावादी अनुमानों के मुताबिक बड़े वानरों के अवैध शिकार में भी बढ़ोतरी हुई है. 2005 से 2011 के बीच कमसेकम 643 चिंपैंजी, 48 बोनोबोस, 98 गोरिल्ला और 1019 ओरैंगूटान के अवैध शिकार होने का अनुमान है. इस दौरान बड़े वानरों के अवैध शिकार का वास्तविक आंकड़ा करीब 22000 है.
लकड़ी का अवैध व्यापारः मुख्य बातें
•    वनों की अवैध कटाई का सालाना अनुमानित कारोबार 30 से 100 अरब डॉलर का है. इसे कुल वैश्विक लकड़ी व्यापार का 10 से 30 फीसदी भी कह सकते हैं.
•    एक अनुमान के मुताबिक कुछ व्यक्तिगत उष्णकटिबंधीय देशों से आने वाली 50 से 90 फीसदी लकड़ी का अवैध स्रोतों से आने का संदेह है या उन्हें अवैध रूप से काटा जाता है.
•    ईयू और अमेरिका हर वर्ष करीब 33.5 अरब टन उष्णकटिबंधीय लकड़ी का आयात करता है. अनुमान है कि सभी संदेहास्पद अवैध उष्णकटिबंधीय लकड़ी का 62 से 86 फीसदी कागज, लुग्दी या लकड़ी के चिप्स के रूप में ईयू और अमेरिका जा रहा है.
•    एक अनुमान के मुताबिक पूर्वी अफ्रीका का एक आतंकवादी समूह चारकोल के अवैध व्यापार से सालाना 38 से 56 अरब डॉलर की कमाई कर रहा है.
•    अफ्रीकी देशों और उसके आसपास के इलाकों में नागरिक सेना और आतंकवादी समूह जारी हिंसा के दौरान अवैध और अनियमित चारकोल व्यापार के जरिए सालाना 111 मिलियन डॉलर से 289 मिलियन डॉलर की कमाई कर रहा है.
सिफारिशें
•    पर्यावरण अपराध के आयामों, पर्यावरण पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों और सतत विकास लक्ष्यों को स्वीकर करते हैं और सूचना साझा करने में मदद करेंगे.
•    पर्यावरण कानून और नियमों पर प्रयासों में समन्वय, गरीबी उन्मूलन और विकास का समर्थन करने में मदद करके समन्वित यूनएन और पर्यावरण अपराध के लिए राष्ट्रीय दृष्टिकोण  लागू करना.
•    यूएनईपी को वैश्विक पर्यावरणीय अधिकारी के रूप में सहयोग देना ताकि वह पर्यावरण अपराध से बढ़ रहे गंभीर पर्यावरणीय प्रभावों को संबोधित कर सके और यूएन प्रणाली के प्रासंगित समन्वय तंत्रों को देशों और राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को प्रासंगिक पर्यावरण जानकारी के साथ मदद कर सके.
•    अपराधी समुदाय को पर्यावरण अपराध को सतत विकास और राजस्व के लिए गंभीर खतरा समझाने के लिए और अवैध व्यापार को रोकने के लिए राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक प्रयासों के कार्यान्वयन और प्रवर्तन का समर्थन करना.
•    पर्यावरण कानून, अनुपालन और जागरूकता को मजबूत बनाने और प्रवर्तन एजेंसियों और देशों को गैरराज्य सशस्त्र गुटों और आतंकवाद को वित्तपोषण और अवैध व्यापार की भूमिका को कम करने के लिए.
•    उपभोक्ता जागरूकता अभियान और उपयोगकर्ता बाजारों की पहचान कर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए संस्थागत, कानूनी और नियामक प्रणाली को मजबूत बनाना और अवैध व्यापार की निगरानी और प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करना.