आईसीसी ने वनडे और टी-ट्वेंटी खेल की आवश्यक शर्तों में संशोधनों को मंजूरी प्रदान की-(30-JUNE-2015) C.A

| Tuesday, June 30, 2015
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति ने 23 जून 2015 को आईसीसी द्वारा निर्धारित की जाने वाली खेल के लिए आवश्यक शर्तों में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी.
यह मंजूरी बारबाडोस में आयोजित हुए आईसीसी के वार्षिक सम्मेलन के दौरान प्रदान की गई.


महत्वपूर्ण परिवर्तन निम्नलिखित हैं  

एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों(वनडे) में एक से दस ओवर तक कोई अनिवार्य कैचर नहीं होगा.
एकदिवसीय मैचों में 15 से 40 ओवर के बीच बैटिंग पावरप्ले की अनुमति नहीं होगी.
एकदिवसीय मैचों में 41 से 50  ओवर के बीच वर्तमान चार की तुलना में पांच क्षेत्ररक्षकों को 30 गज के दायरे के बाहर खेलने की अनुमति दी जाएगी.
वनडे और टी-ट्वेंटी मैचों में सिर्फ फुट फाल्ट पर ही नहीं बल्कि सभी नो-बॉलों पर फ्री हिट मिलेगा.
ये नियम 5 जुलाई 2015 से शुरू हो रही सीरीज से प्रभाव में आएँगे.

नेल्सन पिकेट जूनियर ने एफआईए फॉर्मूला ई चैम्पियनशिप ख़िताब जीता-(30-JUNE-2015) C.A

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ब्राज़ीलियन रेसर नेल्सन पिकेट जूनियर ने 28 जून 2015 को एफआईए फॉर्मूला ई चैम्पियनशिप ख़िताब 2014-2015 जीता. उन्होंने लंदन के बैटरसी पार्क में आयोजित मैच में सातवें स्थान पर रहते हुए यह ख़िताब हासिल किया.

पिकेट ने चीनी टीम नेक्स्टेव की ओर से भाग लिया.

यह एफआईए द्वारा आयोजित इस तरह की पहली चैम्पियनशिप है, एफआईए विश्व में रेसिंग आयोजन करने वाला विश्वस्तरीय निकाय है.

पहली रेस चीन की राजधानी बीजिंग में सितम्बर 2014 को आयोजित की गयी थी जिसमें 10 विभिन्न स्थानों के 11 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था.

फॉर्मूला ई चैम्पियनशिप


यह सिंगल सीट वाली विद्युत् चालित कारों की विश्व स्तरीय प्रतियोगिता है जिसकी वर्ष 2012 में कल्पना की गयी थी.

इसे खेलों में नए दर्शकों को आकर्षित करने तथा मोटर वाहन उद्योग में विद्युत् प्रोद्योगिकी के प्रयोग को बढ़ावा देने के क्रम में आरंभ किया गया था.

रेसिंग सर्किट शहरों में आयोजित की जाती है जिनके ट्रैक 2 से 3.4 किलोमीटर लम्बे होते हैं.

कारें 0-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार केवल 3 सेकंड में हासिल कर लेती हैं तथा अधिकतम 225 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार के साथ दौड़ सकती हैं.

ध्वनि डेसिबल का स्तर लगभग 80 डीबी होता है, साधारण कारों में यह 70 डीबी तथा फ़ॉर्मूला वन में यह स्तर 130 डीबी तक होता है.

जिन जेनरेटरों की सहायता से कार बैटरी को रिचार्ज किया जाता है वह ग्लिसरीन द्वारा उर्जा प्राप्त करती है जो कि बायो-डीज़ल उत्पादों का एक उप-उत्पाद है.

मुंबई आर्थिक क्षेत्र को विकसित करने के लिए वित्तीय समूह जीएफएच और अडानी समूह के मध्य समझौता-(30-JUNE-2015) C.A

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बहरीन आधारित जीएफएच वित्तीय समूह और भारत के अडानी समूह के मध्य 28 जून 2015 को समझौता हुआ. समझौते के तहत मुंबई आर्थिक क्षेत्र को विकसित किया जाएगा.
इसके अनुसार जीएफएच वित्तीय समूह की इनर्जी सिटी नवी मुंबईइकाई और अडानी समूह परियोजना के द्वितीय और तृतीय चरण को विकसित करने में  संयुक्त रूप से कार्य करेंगे और आईटी एवं ऊर्जा कंपनियों के लिए स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की आधारिक संरचना प्रदान करेंगे.
विदित हो इस वित्तीय समूह की दो इकाइयाँ ईसीएनएम और मुंबई आईटी और टेलीकॉम सिटी(एमआईटीटीसी) मुंबई आर्थिक विकास क्षेत्र के दो प्रमुख घटक हैं.


समझौते के अनुसार अडानी समूह भूमि पर बुनियादी ढांचे का विकास करेगा इसके अतिरिक्त पूर्व बिक्री का जिम्मेदारी भी अडानी समूह की होगी.
बिक्री से प्राप्त हुए राजस्व का 15 प्रतीशत निवेशकों को प्राप्त होगा.
जीएफएच खाड़ी क्षेत्र का एक प्रमुख वित्तीय समूह है जो बहरीन एक्सचेंज, कुवैत स्टॉक एक्सचेंज और दुबई वित्तीय बाजार में सूचीबद्ध है.

भारतीय रेलवे और भारतीय सेना विश्व के सबसे बड़े नियोक्ता : वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम अध्ययन-(30-JUNE-2015) C.A

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17 जून 2015 को वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (विश्व आर्थिक मंच) द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार दो भारतीय संगठन भारतीय सेना तथा भारतीय रेलवे विश्व के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक हैं इनमें लगभग 27 लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है.

भारतीय रेलवे 14 लाख कर्मचारियों के साथ दुनिया के सबसे बड़े नियोक्ताओं की सूची में आठवें स्थान पर स्थान पर है जबकि इसके तुरंत बाद नौंवे स्थान पर भारतीय सेना में 13 लाख लोगों को रोज़गार प्राप्त है.

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं
अमेरिकी रक्षा विभाग 32 लाख कर्मचारियों के साथ विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है.

दूसरे स्थान पर 23 लाख कर्मचारियों के साथ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीनी सेना) है तथा तीसरे स्थान पर 21 लाख कर्मचारियों के साथ अमेरिका सुपरमार्केट वॉल-मार्ट है.

विश्व भर में सैकड़ों फ्रेंचाइजी की बदौलत मैकडॉनल्ड्स 19 लाख कर्मचारियों को चौथा स्थान प्राप्त हुआ.

ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा को पांचवां स्थान प्राप्त हुआ जिसमें 17 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं तथा चीन का राष्ट्रीय पेट्रोलियम कारपोरेशन 16 लाख कर्मचारियों के साथ छठे स्थान पर है.

अन्य चीनी कंपनी, स्टेट ग्रिड कॉर्पोरेशन ने 15 लाख कर्मचारियों के साथ सातवां स्थान अर्जित किया.

होन हाई प्रीसिसन फैक्ट्री (फॉक्सकॉन) 12 लाख कार्यरत कर्मचारियों की बदौलत दसवें स्थान पर है.

सामाजिक विकास के विषय के साथ मनाया गया नौंवां राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस-(30-JUNE-2015) C.A

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जून 29 : राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस 

भारत में 29 जून 2015 को नौंवां राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया गया. नौवें सांख्यिकी दिवस का विषय था सामाजिक विकास.

यह दिवस सांख्यिकी मंत्रालय तथा कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा आयोजित किया गया, इस दौरान प्रो प्रसांता चंद्र महालनोबिस की जन्म वर्षगांठ भी मनाई गयी.


पीसी महालनोबिस का जन्म 29 जून 1893 को हुआ था वे एक भारतीय बंगाली वैज्ञानिक तथा सांख्यिकीविद् थे. उन्हें विशेष रूप से महालनोबिस दूरी, एक सांख्यिकीय माप, के लिए याद किया जाता है. उन्होंने एन्थ्रोपोमेट्री के अध्ययन को भारत में अग्रणी स्थान दिलाया. 

उन्होंने भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना की तथा बड़े स्तर पर नमूना सर्वेक्षण के डिजाइन में अहम योगदान दिया.

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने चेन्नई मेट्रो रेल सेवा के पहले चरण का उदघाटन किया-(30-JUNE-2015) C.A

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तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने 29 जून 2015 को चेन्नई मेट्रो रेल सेवा के पहले चरण का उदघाटन किया. चेन्नई मेट्रो सेवा का पहला चरण 10 किलोमीटर लंबा है और यह चेन्नई के दक्षिण में स्थित अलान्दुर को उत्तर के कोयमबेडू से जोड़ता है.
पूरी परियोजना को चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड (सीएमआरएल) द्वारा कार्यान्वित किया गया. इस परियोजना को वर्ष 2009 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा मंजूर किया गया.
इस मेट्रो सेवा की शुरूआत के साथ ही चेन्नई मेट्रो सेवा वाला भारत का सातवां शहर बन गया. अन्य छह शहरों में कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु, गुड़गांव, मुंबई और जयपुर शामिल हैं.
चेन्नई मेट्रो रेल सेवा के पहले चरण की मुख्य विशेषताएं
·         चेन्नई मेट्रो के पहले चरण में 10 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड ट्रैक पर कुल 7 स्टेशन हैं. ये हैं- कोयमबदु, चेन्नई मुफस्सिल बस टर्मिनल, अरुमबक्कम, वदापलानी, अशोक नगर, इक्काट्टुथांगल और अलंदुर.
·         चेन्नई मेट्रो में चार डिब्बे होंगे जिसमें 1276 यात्री सफर कर सकेंगे.

·         दूसरे चरण में 22 किलोमीटर लंबा ट्रैक बनाया जाएगा, जो चेन्नई सेंट्रल को सेंट थॉमस माउंट से कनेक्ट करेगा. इस चरण के वर्ष 2015 के अंत तक तैयार हो जाने की संभावना है.

2800 किलोमीटर लम्बे के2के आर्थिक कॉरिडोर का मुख्य भाग लगभग तैयार : चीन-(30-JUNE-2015) C.A

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के2के आर्थिक कॉरिडोर: कोलकाता (भारत) कुनमिंग (चीन) आर्थिक कॉरिडोर

के2के आर्थिक कॉरिडोर जून 2015 के अंतिम सप्ताह में चर्चा में रहा क्योकि चीन ने घोषणा की कि इस मार्ग का प्रमुख भाग लगभग तैयार है.

2800 किलोमीटर लम्बे इस कॉरिडोर में बांग्लादेश, भारत, चीन तथा म्यांमार शामिल हैं जिसे वर्ष 2014 में आरम्भ किया गया था.

कॉरिडोर का उद्देश्य

कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य चारों देशों के बीच मैत्री संबध स्थापित करना है.

इसका मुख्य उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना तथा चीन के उन क्षेत्रों को सड़क मार्ग तक जोड़ना है जिनमें विकास की रफ़्तार धीमी है.

इस मार्ग द्वारा दक्षिण एशिया तथा पूर्वी एशिया को आपस में जोड़ा जायेगा जिससे न केवल व्यापार में वृद्धि होगी अपितु लोगों के आपसी रिश्तों में भी सुधार होगा.

मार्ग


यह मार्ग कोलकाता से बेनापोल, बांग्लादेश की सीमा पर स्थित शहर, की ओर जायेगा. ढाका और सिलहट के बाद, यह असम में सिलचर के पास भारतीय क्षेत्र में पुनः प्रवेश करेगा.

असम के बाद यह इम्फाल के साथ जोड़ा जाएगा, इसके बाद यह अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करने से पहले म्यांमार में भारत निर्मित तमु-कलेवा रोड से गुजरेगा.

म्यांमार में यह लाहिसो एवं म्यूस से गुजरने से पहले मंडालय से गुजरेगा.

चीन में यह मार्ग कुमिंग तक जाने से पहले रुई तक जायेगा, यह युन्नान प्रांत की राजधानी है, जिसमे लोंज्लिंग तथा डाली क्षेत्र शामिल हैं.


चीन इसे मिज़ोरम के साथ जोड़ना चाहता है ताकि के2के कॉरिडोर को कालादन परियोजना के साथ जोड़ा जा सके.

कलादान परियोजना से भारत को लाभ

कलादान परियोजना वर्ष 2008 में आरंभ हुई थी, इसमें मिज़ोरम को कलादान नदी की सहायता से म्यांमार से जोड़ा जायेगा.

कलादान परियोजना में जुड़ने से भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को कोलकाता से सीधे जोड़ा जा सकेगा जिसके परिणामस्वरूप कोलकाता की दूरी केवल 539 किलोमीटर हो जाएगी.

इससे चीन पर भारत की मलक्का जलडमरू (हिन्द महासागर तक पहुंचने के लिए) का प्रयोग करने की निर्भरता भी समाप्त हो जायेगी जिस पर अमेरिकी सेना का प्रभुत्व है.

वैज्ञानिकों द्वारा विश्व का पहला लचीला एवं त्वचा जितना पतला डिस्प्ले तैयार-(30-JUNE-2015) C.A

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यूनिवर्सिटी ऑफ़ सेंट्रल फ्लोरिडा (यूसीएफ) के भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक देबाशीष चंदा की अगुआई में वैज्ञानिकों की एक टीम ने प्रकृति से प्रेरित तकनीक द्वारा विश्व का पहला पूर्ण रंग वाला, लचीला एवं महीन फिल्म डिस्प्ले तैयार किया है.

शोध के परिणाम नेचर कम्युनिकेशन्स पत्रिका में 11 जून 2015 को प्रकाशित किये गए.

इस तकनीक द्वारा आप अपनी पोशाक के रंग को पलक झपकते ही बदल सकते हैं, मान लीजिये यदि किसी शादी समारोह में अन्य व्यक्ति ने आपकी पोशाक जैसे ही कपड़े पहने हैं तो आप पलक झपकते ही अपनी पोशाक का रंग बदल सकते हैं.

डिस्प्ले की विशेषताएं

ध्रुवीकरण स्वतंत्र तरल क्रिस्टल (एलसी) का प्रयोग करने पर प्लास्मोनिक प्रणाली, एलसी-प्लास्मोनिक को और अधिक आकर्षक, फिल्टर तथा ऑप्टिकल प्रौद्योगिकियों के लिए उपयोगी बनाता है.

इसे अपने प्रकाश स्रोत की आवश्यकता नहीं होती अपितु यह अपने आस-पास के परिवेश से ही प्रकाशमान रहता है.

इस नयी खोज से परिधान, फैशन, घरेलू सामान सभी में आवश्यकतानुसार बदलाव किये जा सकते हैं.

यह डिस्प्ले कुछ ही माइक्रोन मोटा है जिसकी तुलना मनुष्य के सिर के बाल (100 माइक्रोन) से की जा सकती है. इस बेहद महीन डिस्प्ले को लचीले पदार्थों जैसे प्लास्टिक तथा सिंथेटिक परिधानों में प्रयोग किया जा सकता है.

विकास प्रक्रिया

विशेष रूप से डिज़ाइन की गयी नैनो स्ट्रक्चर प्लास्मोनिक सतह को उच्च बिरेफ्रिजेन्स के तरल क्रिस्टल के साथ विशेष संयोजन के रूप में उपयोग करके टीम ने सतह को ट्युनेबल ध्रुवीकरण स्वतंत्र परावर्तक के तहत प्रयोग किया जिससे वोल्टेज अप्लाई करने पर सतह के रंग में परिवर्तन दर्ज किया गया.


रंगों में बदलाव सतह में परिवर्तन कर के लिक्विड क्रिस्टल के पुनरभिविन्यास की सहायता से प्लास्मोनिक एवं लिक्विड क्रिस्टल के बीच बदलाव सुनिश्चित किये गये.

विभिन्न अवधियों की अंकित संरचनाओं के साथ संयोजन कर के रंगों की पूर्ण श्रृंखला प्राप्त की गयी जिससे महत्वपूर्ण पिक्सेल्स की विशेष संरचना देखी गयी.

महत्व

अनुसंधान का मौजूदा तकनीक जैसे टेलीविज़न, कंप्यूटर तथा मोबाइल उपकरणों के डिस्प्ले पर विशेष योगदान होगा, क्योंकि यह पतले अवश्य हैं किन्तु इस अविष्कार की तुलना में बेहद मोटे हैं.

वेसलिन टोपालोव ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट-2015 जीता-(29-JUNE-2015) C.A

| Monday, June 29, 2015
वेसलिन टोपालोव ने  25 जून 2015 को नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट-2015 में विश्वनाथन आनंद को ड्रा से हराकर प्रथम स्थान हासिल किया. टोपालोव ने अंक अर्जित किये जबकि आनंद ने 6 अंक प्राप्त करके टूर्नामेंट में दूसरा स्थान हासिल किया.

नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट 2015 के परिणाम

हिकारू नाकामुरा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 6 अंक अर्जित किये तथा उन्होंने लेवोन अरोनियन को 3 अंकों से पछाड़ते हुए तीसरा स्थान हासिल किया.

मैग्नस कार्लसन ने निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए जॉन लुडविग से हारकर 3 अंक प्राप्त किये.

दूसरी ओर ग्रिशुक ने अंकों (-2) के साथ खेल समाप्त किया एवं वैशेर लग्रावे को 4 अंक (-1) से संतोष करना पड़ा.

कारुआना को 4 अंक (-1) प्राप्त हुए तथा गिरी ने अंक अर्जित करके पांचवा स्थान प्राप्त किया.

नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट 2015
टोपालोव, वेसलिन
- आनंद, विश्वनाथन
½-½
कारुआनाफबिआनो
- गिरी, अनीश
½-½
वैशेर लग्रावेमैक्सिम
- ग्रिशुक, अलेक्सांद्र
½-½
अरोनियन, लेवोन
- नाकामुरा, हिकारू
0-1
हैमर, जॉन लुडविग
- कार्लसन, मैग्नस
1-0


केंद्र सरकार ने एनसीआर स्थित जेवर में दूसरे एयरपोर्ट को मंजूरी प्रदान की-(29-JUNE-2015) C.A

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नागर विमानन मंत्रालय ने 25 जून 2015 को एनसीआर स्थित जेवर में दूसरे हवाईअड्डे के निर्माण के लिए मंजूरी प्रदान की. प्रस्ताव जल्द ही स्वीकृति के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जायेगा.

प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के उपरांत नागर विमानन मंत्रालय द्वारा ग्रेटर नोएडा में जीएमआर ग्रुप के सहयोग से 2378 एकड़ भूमि पर निर्माण कार्य आरंभ किया जायेगा.

आरओएफआर नियमों के अनुसार जीएमआर ग्रुप को यह अधिकार प्राप्त है कि वह दिल्ली एनसीआर के 150 किलोमीटर व्यासक्षेत्र में हवाईअड्डे के निर्माण के लिए पहले इंकार (आरओएफआर) का प्रयोग कर सकता है. नियमों के अनुसार, जीएमआर की बोली तभी स्वीकार की जाएगी यदि सबसे कम बोली लगाने वाले से 10 प्रतिशत कम हो.
भारतीय हवाई अड्डा इंफ्रास्ट्रक्चर पर नीति में मौजूद नियमों के अनुसार, केंद्र सरकार को कुछ नियमों में सुधार करने की आवश्यकता है क्योंकि यहां पड़ने वाले यातायात के दबाव को कम करने के लिए नियमों में सुधार की आवश्यकता है.

वर्तमान नियमों के अनुसार किसी भी ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण को मौजूदा हवाई अड्डे के 150 किमी की हवाई दूरी के भीतर मंजूरी प्रदान नहीं की जाएगी. यदि उसी शहर या उसके पास दूसरे हवाई अड्डे को मंजूरी दी जाती है तो दोनों हवाई अड्डों के बीच हवाई यातायात के विभाजन की सम्पूर्ण कार्ययोजना मंत्रालय को सौंपनी होगी.

जेवर में हवाई अड्डे को उत्तर प्रदेश में मायावती के नेतृत्व वाली सरकार तथा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) द्वारा प्रस्तावित किया गया था एवं इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) का गठन किया था.

मूर्तिदेवी पुरस्कार-2014 हेतु डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी की रचना ‘व्योमकेश दरवेश’ का चयन-(29-JUNE-2015) C.A

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वर्ष 2014 के मूर्तिदेवी पुरस्कार के लिए हिन्दी के साहित्य समालोचक डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी की रचना व्योमकेश दरवेशको चुना गया. यह क्रम में 28वां मूर्तिदेवी पुरस्कार है.
डॉ. एम वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई चयन समिति की बैठक में ज्ञानपीठ द्वारा दिए जाने वाले इस पुरस्कार का निर्णय 26 जून 2015 को किया गया.  ‘व्योमकेश दरवेशहिन्दी के समालोचक आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के जीवन पर आधारित है.
मूर्तिदेवी पुरस्कार के तहत डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी को चार लाख रुपये नकद, सरस्वती की प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा.

वर्ष 2013 का मूर्तिदेवी पुरस्कार मलयालम लेखक सी राधाकृष्णन को और पहला मूर्ति देवी पुरस्कार वर्ष 1983 में कन्नड़ के लेखक सी के नागराज राव को प्रदान किया गया था.

मूर्तिदेवी पुरस्कार 
मूर्तिदेवी पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रतिवर्ष ऐसी रचना के लिए दिया जाता है, जिसमें भारतीय दर्शन और संस्कृति पर ज़ोर दिया गया हो.  पुरस्कार-स्वरूप विजेता को 4 लाख रुपये नकद, प्रशस्ति-पत्र, देवी सरस्वती की प्रतिमा और शॉल प्रदान किया जता है.

डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी से संबंधित मुख्य तथ्य
डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी का जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के विस्कोहर गांव में 16 फरवरी 1931 को हुआ था.
उनकी प्रमुख रचनाओं में लोकवादी तुलसीदास, मीरा का काव्य, देश के इस दौर में, कुछ कहानियां : कुछ विचार, जैसा कह सका और नंगातलाई का गांव शामिल है.
डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी को व्यास सम्मान, गोकुलचंद्र शुक्ल आलोचना पुरस्कार, डॉ. रामविलास शर्मा सम्मान और सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से नवाजा जा चुका हैं.

मूर्तिदेवी पुरस्कार विजेताओं की सूची
वर्ष
पुरस्कृत साहित्यकार
पुरस्कृत रचना
भाषा
1983
सी.के नागराज राव
कन्नड़
1984
वीरेंद्र कुमार सखलेचा
हिन्दी
1985
मनुभाई पाँचोली दर्शक'
गुजराती भाषा
1986
कन्हैया लाल सेथिआ
राजस्थानी
1988
विष्णु प्रभाकर
हिन्दी
1989
विद्या निवास मिश्र
हिन्दी
1990
मुनि श्री नागराज
हिन्दी
1991
डॉ प्रतिभा राय
यज्ञसेनी
मलयालम
1992
कुबेरनाथ राय
कामधेनु
हिन्दी
1993
श्यामाचरण दुबे
हिन्दी
1994
शिवाजी सावन्त
मराठी
1995
निर्मल वर्मा
भारत और यूरोप प्रतिश्रुति के क्षेत्र
हिन्दी
2000
गोविन्दचन्द्र पांडेय
हिन्दी
2001
राममूर्ति त्रिपाठी
हिन्दी
2002
यशदेव शल्य
हिन्दी
2003
कल्याण मल लोढा
हिन्दी
2004
नारायन देसाई
मारू जीवन आज मारी वाणी
गुजराती
2005
डॉ राममूर्ति शर्मा
भारतीय दर्शन की चिन्तनधारा
हिन्दी
2006
कृष्णबिहारी मिश्र
कल्पतरु की उत्सव लीला
हिन्दी
2007
वीरप्पा मोइली
श्री रामायण महानिवेशणम
कन्नड़
2011
गुलाब कोठारी
मैं ही राधा मैं ही कृष्ण
हिंदी
2012
हरप्रसाद दास
वमसा
उड़िया
2013
सी राधाकृष्णन
तिक्कडल कतान्हू तिरूमधुरम
मलयालम