अश्विनी लोहानी रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन नियुक्त-(24-AUG-2017) C.A

| Thursday, August 24, 2017
केंद्र सरकार ने अश्विनी लोहानी को रेलवे बोर्ड का नया चेयरमैन नियुक्त किया है. उनकी नियुक्ति ए के मित्तल के स्थान पर की गई है. रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन ए के मित्तल ने निरंतर हुई रेल दुर्घटनाओं के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उत्तर प्रदेश में एक हफ्ते की अवधि में  दो रेल हादसे हुए हैं, जिनमे 23 लोगों की जान गई है.

अश्विनी लोहानी के बारे मे-
•    अश्विनी लोहानी वर्तमान में एयर इंडिया के सीएमडी हैं.
•    इसके अलावा वे आईटीडीसी के भी चेयरमैन रह चुके हैं.
•    अश्विनी लोहानी ने नई दिल्ली में रेल म्यूजियम के निदेशक के रूप में भी कार्य किया है.
•    अश्विनी लोहानी 4 इंजीनियरिंग डिग्री ले चुके हैं. इनमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग शामिल हैं.
•    अश्विनी लोहानी मध्य प्रदेश टूरिज्म डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन के कमिश्नर और प्रबंध निदेशक भी रहे हैं.

पृष्ठभूमि-
•    आजमगढ़ दिल्ली 12225 (अप) कैफियत एक्सप्रेस 23 अगस्त 2017 को औरैया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई. मानव रहित फाटक पर फंसे एक डंपर से कैफियत एक्सप्रेस ट्रेन के टकराने के बाद 12 डिब्बे पटरी से उतर गए. इस हादसे में 74 लोग घायल हुए. यह हादसा अछल्दा और पाता रेलवे स्टेशन के मध्य हुआ.
•    इस के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. एके मित्तल को सरकार ने 2 साल का एक्सटेंशन दिया था, उसमे से कार्यकाल का एक वर्ष ही बाकी था.  
•    इससे पूर्व पिछले हफ्ते 19 अगस्त 2017 को पुरी से हरिद्वार जा रही उत्कल एक्सप्रेस भी मुजफ्फरनगर खतौली में पटरी से उतर गई, जिसमें 23 यात्रियों की मृत्यु हुई और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए.

टाटा पावर ने जॉर्जिया में जलविद्युत परियोजना का शुभारम्भ किया-(24-AUG-2017) C.A

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टाटा पावर ने जॉर्जिया में जलविद्युत परियोजना का शुभारम्भ किया है. भारतीय कंपनी टाटा पावर विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण करने वाली निजी कंपनी है.
जॉर्जिया में शुरू की गई जलविद्युत परियोजना की उत्पादन क्षमता 186 मेगावाट है.

186 मेगावाट क्षमता की यह जलविद्युत परियोजना शुआखेवी शुरू की गई है. इस परियोजना में कुल 42 करोड़ डॉलर का निवेश किया गया. इस से परियोजना उत्पादित बिजली को जॉर्जिया में ही वितरित किया जाएगा.

टाटा पावर कंपनी द्वारा जारी बयान के अनुसार ‘‘टाटा पावर ने नॉर्वेज क्लीन एनर्जी इंवेस्ट एएस नॉर्वे तथा आईएफसी इंफ्रावेंचर्स के साथ अपने संयुक्त उपक्रम अद्जरिस्तकली जॉर्जिया एलएलसी के जरिये जॉर्जिया में 186 मेगावाट क्षमता के शुआखेवी जलविद्युत परियोजना का परिचालन शुरू किया है. इस संयंत्र का निर्माण कार्य 2013 में आरम्भ किया गया था.

टाटा पावर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा प्रबंध निदेशक अनिल सरदाना के अनुसार टाटा पावर कंपनी अपनी अंतरराष्ट्रीय स्थिति मजबूत करना जारी रखेगी. कंपनी ने इसे और मजबूत बनाने का काम भी आरम्भ कर दिया है ताकि यह निर्बाध आपूर्ति के प्रति आश्वस्त कर सके.
टाटा पावर के बारे में-
  • टाटा पावर टाटा घराने की भारत की सबसे बड़ी एकीकृत ऊर्जा कंपनी है. भारत में कंपनी की स्थापित उत्पादन क्षमता 10,496 मेगावाट है.
  • ईंधन एवं लॉजिस्टिक्स, उत्पादन (ताप, जलविद्युत, सौर और पवन ऊर्जा), पारेषण, वितरण और व्यापार जैसे ऊर्जा क्षेत्र के सभी खंडों में कंपनी की सेवाएं है.
  • टाटा पावर की कंपनी टाटा पावर डेल्ही डिस्ट्रीब्यूशन का उत्तरी दिल्ली में दिल्ली विद्युत बोर्ड के साथ बिजली वितरण समझौता है.
  • भूटान के ताला हाइड्रो प्लांट की बिजली को दिल्ली तक लाने हेतु पावरलिंक ट्रांसमिशन का पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ और झारखंड में 1,050 मेगावाट मेगा पावर प्रॉजेक्ट के लिए मैथन पावर का दामोदर घाटी निगम के साथ भी साझेदारी है.
  • कंपनी की स्थापना वर्ष 1868 में जमशेदजी टाटा द्वारा की गई. इसक मुख्यालय मुम्बई, महाराष्ट्र में है.

विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार करने की सम्भावना: भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव-(24-AUG-2017) C.A

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एक हालिया रिपोर्ट में, अग्रणी   वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने अनुमान लगाया था कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 400 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। 16 अगस्त 2017 में जारी इस रिपोर्ट के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल मजबूत पूंजी प्रवाह और कमजोर कर्जों के उठाव से प्रेरित है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की समीक्षा
वर्ष 1991 के बाद से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार काफी बढ़ गया है। मार्च 1991 के अंत में रहे  5.8 बिलियन अमरीकी डॉलर का मुद्रा भंडार दिसंबर 2003 में 100 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया है। भारत अप्रैल 2007 में 200 अरब अमरीकी डॉलर के क्लब में शामिल हो गया और उसी गति को जारी रखते हुए वर्ष 2013 में 300 बिलियन अमरीकी डालर का आंकड़ा पार कर गया। तब से,  सिर्फ चार वर्षों के अवधि में ही आरबीआई ने लगभग 100 अरब डॉलर जमा कर लिया। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 4 अगस्त 2017 को जारी आंकड़ों के अनुसार, 28 जुलाई 2017 को समाप्त हुए सप्ताह तक विदेशी मुद्रा भंडार 1.536 अमरीकी अरब डॉलर से बढ़कर 392.867 अमरीकी अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड को पार कर गया था ।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी के कारण -
अनुकूल भुगतान संतुलन: आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 (खंड II) के अनुसार, भारत में भुगतान संतुलन की स्थिति वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2015-16 तक की अवधि के दौरान अच्छी एवं संतोषजनक रही थी। भुगतान संतुलन 2016-17 वर्ष में और अधिक बेहतर हो गई। व्यापार एवं चालू खातों के घाटे में निरंतर कमी और देश में पूंजी के प्रवाह में लगातार वृद्धि से ही यह संभव हो पाया था ।
व्यापार घाटे में कमी: वैश्विक अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे हो रहे सुधार के कारण भारत का निर्यात दो साल के अंतराल के बाद वर्ष 2016-17 में सकारात्मक (12.3 प्रतिशत) हो गया।  इस कारण से भारत के  व्यापार घाटे में 1.2 प्रतिशत की कमी आई ।यह प्रवृत्ति वित्त वर्ष 2017-18 में भी जारी है। वित्त वर्ष 2017-18 के पहले चतुर्थेश (अप्रैल-जून माह में)  निर्यात में दहाई अंकों (10.6 प्रतिशत) की वृद्धि दर्ज की गई।
चालू खाता घाटे में कमी: चालू खाता घाटा (सीएडी) में निरंतर कमी होकर वर्ष 2016-17 में जीडीपी के 0.7 प्रतिशत के स्तर पर आ गयी। यह घटोतरी महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्ष 2015-16 में सीएडी, जीडीपी की 1.1 प्रतिशत थी। व्यापार घाटे में तेजी से हुई कमी के कारण यह संभव हो पाया है।
पूंजी प्रवाह में वृद्धि: शुद्ध पूंजी का प्रवाह वर्ष 2016-17 में कम होकर 36.8 अरब अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.6 प्रतिशत) के स्तर पर आ गया । वर्ष 2015-16 में शुद्ध पूंजी का प्रवाह 40.1 अरब अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.9 प्रतिशत) था। सरकार द्वारा किए गए ईज ऑफ डूइंग  उपायों के कारण यह संभव हो पाया है।
कमजोर कर्जों का उठाव: 9 नवंबर 2016 को पुराने बड़े नोटों का चलन बंद करने के निर्णय से बैंकिंग प्रणाली में मुद्रा प्रचलन काफी हद तक घट गया। 31 मार्च 2017 तक मुद्रा प्रचलन में 19.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई, जबकि आरक्षित मुद्रा में 12.9 प्रतिशत की कमी आंकी गईं।
बैंकों से कर्जों का उठाव बाद में और भी घटता चला गया। वर्ष 2016-17 के दौरान सकल बकाए बैंक ऋण में लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2016-17 में और इसी समय उद्योग जगत को मिले ऋण में 0.2 प्रतिशत की कमी आंकी गई।

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का प्रभाव
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होगा।
• भारतीय अर्थव्यवस्था में, वैश्विक अर्थव्यवस्था से उत्पन्न होने वाली अस्थिरता के कारण उपस्थित स्थितियों को सहन करने की क्षमता में वृद्धि होगी।  वर्तमान विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने के आयात के मूल्य के बराबर है। वर्ष 1991 में भारत के पास केवल तीन सप्ताह के आयात के मूल्य के बराबर का विदेशी मुद्रा भंडार उपलब्ध था। अच्छी तरह से निष्पादित की गयी नीतियां ही इस वृद्धि का कारण है।
• समग्र विदेशी ऋण में अल्पावधि ऋण के घटक में कमी आई है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है क्योंकि अल्पकालिक ऋण की तुलना में दीर्घकालिक ऋण कम ब्याज दर के साथ उपलब्ध होता है।
• मुद्रा आदान-प्रदान करने और क्रेडिट की लाइनें बढ़ाने के लिए 'अतिरिक्त भंडार' का उपयोग किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) जैसे बहुपक्षीय निकायों में योगदान करने के लिए भी इनका उपयोग किया जाएगा । यह उपाय वैश्विक नीति बनाने में भारत की भूमिका को मजबूत करने में सहायक होगा।
• विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से रुपए के मूल्य में वृद्धि होगी । मजबूत रुपया आयात बिल को कम करने में मदद करेगा क्योंकि भारत लगभग 70% कच्चे तेल का आयात करता है ।
उपरोक्त लाभों के बावजूद, विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर निम्नलिखित प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
• रुपए के मूल्य में वृद्धि से भारत के निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है । विशेष रूप से ‘सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवा’ क्षेत्र पर भारी असर पड़ सकता है ।
• विदेशी मुद्रा संचय में ‘अवसर लागत’ उपस्थित है क्योंकि एक तरफ आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार को कम उपज वाले अल्पकालिक अमेरिकी राजकोष (और अन्य) प्रतिभूतियों के रूप में रखता है, दूसरी तरफ उद्योग क्षेत्र उच्च ब्याज दर पर पैसा उधार लेता है ।
निष्कर्ष
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ने ज़रूरत से ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडारों को जमा किया है । इसलिए, आरबीआई को अतिरिक्त भंडार के बुनियादी ढांचों और  बैंकों के पुनःपूंजीकरण जैसे वैकल्पिक उपयोगों में निवेश करना चाहिए।
जून 2017 तक, भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपए के मूल्य को विनियमित करने के लिए करीबन 20 अरब अमरीकी डॉलर  को मुद्रा बाज़ार में निवेश किया है । विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करने के तरीकों की खोज के अतिरिक्त, आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार के इष्टतम स्तर की गणना करने के तरीकों को विकसित करना चाहिए ।

मध्यप्रदेश सरकार ने 'मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना' का शुभारंभ किया-(24-AUG-2017) C.A

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 अगस्त 2017 को 'मुख्‍यमंत्री मेधावी विद्यार्थी' योजना का शुभारंभ किया. इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता मौजूद रहे. इस मौके पर 15000 छात्रों को सम्मानित किया गया.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की 12वीं में 75% से उपर लाने वाले छात्रों के उच्च शिक्षा की फीस सरकार भरेगी. इस महत्वाकांक्षी योजना से देश-प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं में 32,185 छात्र-छात्राओं को प्रवेश मिल गया है. अब वे धन के अभाव की चिंता से मुक्त होकर मेहनत से उच्च शिक्षा के अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे.
यह योजना मध्यप्रदेश के मूल निवासी मेधावी विद्यार्थियों के लिये है, जिनके माता-पिता की वर्षिक आय 6 लाख रूपये तक है. उन्होंने 12वीं की माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में 75 प्रतिशत अथवा सी.बी.एस.सी. या आई.सी.एस.ई की परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किये हैं.
हालांकि यह योजना सभी इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेदिक, विधि एवं अन्य समस्त स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले मेधावी विद्यार्थियों के लिये लागू की गयी है, जिन्होंने मध्यप्रदेश एवं भारत सरकार के उच्च संस्थानों में प्रवेश लिया है.

योजना में मध्यप्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों द्वारा देश के कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों जैसे आई.आई.टी. मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, इन्दौर, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी और दिल्ली विश्वविद्यालय सहित देश के 18 आई.आई.टी, 14 एन.आई.टी, 10 राष्ट्रीय विधि संस्थान (नेशनल लॉ इन्स्टीट्यूट), 14 आई.आई.टी संस्थान एवं 14 अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में 250 से अधिक मेधावी विद्यार्थियों द्वारा प्रवेश लेकर इस योजना का लाभ लिया जा रहा है.
इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्रों  के पास आधार कार्ड होने अनिवार्य है. ऐसे छात्र जिनके पास आधार नंबर नहीं हैं, उन्हें 3 महीने में आधार नंबर देना होगा.

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खेल संग्रहालय खोलने को स्वीकृति प्रदान की-(24-AUG-2017) C.A

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केन्द्रीय खेल मंत्रालय ने 23 अगस्त 2017 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय खेल संग्रहालय खोलने हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी. यह राष्ट्रीय खेल संग्रहालय जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में स्थापित किया जाएगा.

केन्द्रीय खेल मंत्रालय के अनुसार यह फैसला 3 महीने पहले सिलसिलेवार बैठकों के बाद लिया गया. राष्ट्रीय खेल संग्रहालय हेतु स्थान को मंजूरी केन्द्रीय खेलमंत्री विजय गोयल ने दी.

राष्ट्रीय खेल संग्रहालय के बारे मे-
•    केंद्र सरकार के अनुसार राष्ट्रीय खेल संग्रहालय में भारत की खेलों से सम्बंधित उपलब्धियों की प्रदर्शनी प्रदर्शित की जाएगी.
•    राष्ट्रीय खेल संग्रहालय में भारत के परंपरागत खेलों पर भी ध्यानाकर्षण किया जाएगा.
•    केन्द्रीय खेल मंत्री विजय गोयल के अनुसार संग्रहालय खेल गतिविधियों में रूचि रखने वाले युवाओं के प्रशिक्षण का केंद्र होगा.
•    ऐसे युवाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा मौके भी प्रदान किए जाएँगे.

केन्द्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने मौजूदा और पूर्व खिलाड़ियों से संग्रहालय में रखने हेतु अपने स्मृति चिन्ह देने की भी अपील की.  केन्द्रीय खेल मंत्री विजय गोयल के अनुसार संग्रहालय के लिए पहले चरण का काम शीघ्र ही शुरूकर दिया जाएगा. इसके लिये विशेषज्ञों की सेवायें भी ली जाएगी.

संग्रहालय के बारे में -
संग्रहालय एक ऐसा संस्थान है जो समाज की सेवा और विकास हेतु  जनसामान्य के लिए खोला जाता है. इसमें मानव और पर्यावरण की विरासतों के संरक्षण हेतु उनका संग्रह, शोध, प्रचार या प्रदर्शन किया जाता है जिसका उपयोग शिक्षा, अध्ययन और मनोरंजन के लिए किया जाता है

नीति आयोग ने ‘मेंटर इंडिया अभियान’ का शुभारंभ किया-(24-AUG-2017) C.A

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नीति आयोग ने 23 अगस्त 2017 को ‘मेंटर इंडिया अभियान’ का शुभारंभ किया. अटल नवाचार मिशन के एक हिस्से के रूप में देश भर में स्थापित 900 से अधिक अटल टिंकरिंग लैबो में छात्रों के मार्गदर्शन के काम मे अग्रणी भूमिका निभाने वाले लोगो को शामिल कर के यह राष्ट्र निर्माण की रणनीतिक पहल है. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत है.
मेंटर इंडिया अभियान का लक्ष्य अटल टिंकरिंग लैब के प्रभाव को अधिकतम बनाना है. यह संभवतः विश्व भर में औपचारिक शिक्षा के सबसे बड़े प्रसार के अभियान की पहल है.
नीति आयोग ऐसे अग्रणी लोगो की तलाश में है जो कही भी प्रत्येक सप्ताह एक से दो घंटे के बीच एक या अधिक ऐसे लैबो में छात्रों को अनुभव लेने, सीखने तथा डिज़ाइन और गणनात्मक सोच जैसे भविष्य के कौशलों के अभ्यास में समर्थ बनायेंगे.
अटल टिंकरिंग लैब:
•    अटल टिंकरिंग लैब ऐसे वर्क स्टेशन हैं, जहाँ छठी कक्षा से ले कर बारहवीं कक्षा के छात्र नवीन कौशल सीखेंगे और ऐसी अवधारणाएं विकसित करेंगे जिससे भारत की तस्वीर बदले.
•    ये लैब छात्रों को थ्री डी प्रिंटरों, रोबोटिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स औजारों, इंटरनेट और सेंसरों आदि जैसे अत्याधुनिक उपकरणों के बारे में जानकारी देंगे.
नीति आयोग का अटल नवाचार मिशन, भारत सरकार के उन फ्लैगशिप कार्यकर्मो में से एक है जिससे देश भर में अटल टिंकरिंग लैबो की स्थापना होगी और नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा. इस अभियान के अंतर्गत देशभर में 900 से अधिक ऐसे लैबो की स्थापना हो चुकी है. इसका लक्ष्य वर्ष 2017 के अंत तक ऐसे 2000 लैब स्थापित करना है. यह युवाओं के कौशल विकास में सहायक सिद्ध होगा.

अमेरिका ने चीन-रूस की दस कंपनियों पर प्रतिबन्ध लगाया-(24-AUG-2017) C.A

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उत्तर कोरिया की मदद करने पर अमेरिका ने चीन-रूस की दस कंपनियों पर प्रतिबन्ध लगाया दिया. इसके अलावा 6 व्यक्तियों को भी प्रतिबंधित किया गया. यह प्रतिबंधित उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु हथियारों के कार्यक्रम को व्यापार के माध्यम से आगे बढ़ाने में मदद करने के मामले में लगाया गया है. 

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अनुसार 10 कंपनियों और छह व्यक्तियों के खिलाफ आर्थिक संबंधों को बाधित करने हेतु प्रतिबंध लगाया गया है, जो कि प्योंगयांग को मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम के लिए वित्त पोषण जारी रखने की इजाजत देते हैं. 

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार यह अस्वीकार्य है कि चीन, रूस और दूसरी जगहों के लोगों तथा कंपनियों ने उत्तर कोरिया को जन संहार करने वाले हथियारों का निर्माण करने और क्षेत्र को अस्थिर करने में मदद की.
अमेरिका के प्रतिबंध कार्यक्रमों की देखरेख करने वाले वित्त विभाग के अनुसार प्रतिबंध के घेरे में आए लोगों तथा कंपनियों ने उत्तर कोरिया के परमाणु एवं बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों में मदद करने के लिए पहचाने जाने वाले लोगों की मदद की. उत्तर कोरिया के ऊर्जा व्यापार से जुड़े रहे, उत्तर कोरियाई कामगारों का शोषण करने में मदद की या उत्तर कोरियाई इकाइयों को अंतरराष्ट्रीय वित्त प्रणाली तक पहुंचने में सक्षम बनाया.

प्रतिबन्ध को लेकर चीन ने अमेरिका से अपील की है कि उत्तर कोरिया के मुद्दे पर पेइचिंग की कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए. इससे पूर्व संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस विषय पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए. 

इससे पूर्व जून में ट्रंप प्रशासन द्वारा एक चीनी बैंक, एक चीनी कंपनी और दो चीनी नागरिकों पर उत्तरी कोरिया के हथियार कार्यक्रम के वित्तपोषण के लिए प्रतिबंध लगाया. उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों के कारण चीनी बैंक पर अमेरिकी अर्थव्यवस्था के तहत लेन-देन पर रोक लगी हुई है. 

उत्तर कोरिया पर उसके परमाणु हथियार और मिसाइल विकास कार्यक्रमों के चलते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं.

मध्यप्रदेश सरकार ने 'बाल शोषण समाप्ति अभियान' का शुभारंभ किया-(24-AUG-2017) C.A

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मध्यप्रदेश सरकार ने 22 अगस्त 2017 को 'बाल शोषण समाप्ति अभियान' का शुभारंभ किया. मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने इस अभियान' का शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि 10 वर्षीय दिव्यांग तैराक मास्टर अब्दुल कादिर बने.
इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषता यह रही कि दिव्यांग मास्टर अब्दुल कादिर को एक दिन का आयोग का अध्यक्ष बनाया गया. मास्टर अब्दुल कादिर ने वर्ष 2015 में तैराक नेशनल पैरालिंपिक गेम्स में एक स्वर्ण पदक, एक रजत पदक और वर्ष 2017 में दो स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीते हैं.

पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक ने बाल संसद में भाग लेने वाले बच्चों और उनके परिवारों के कुल चार सदस्य के दो रात तीन दिन हनुमंतिया में रूकने पर 50 प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की. उन्होंने बताया कि हनुमंतिया जल-महोत्सव 15 अक्टूबर से 5 जनवरी 2018 तक आयोजित किया जाएगा.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हनुमंतिया जल-महोत्सव के उदघाटन कार्यक्रम में मास्टर श्रेयेस वालमाटे, दिव्यांग मास्टर अब्दुल कादिर प्रत्येक को 21 हजार रुपये सम्मान राशि दी जायेगी. कार्यशाला में बच्चों से संबंधित कानून, आई.टी.ई, जे.जे. एक्ट, 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों द्वारा अपराध, कम आयु के बच्चे नशे की गिरफ्त में, पाक्सो एक्ट जिसमें बाल यौन शोषण अपराध और इसके अलावा मीडिया और सोशल मीडिया विषय पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) इत्यादि पर विचार व्यक्त किये गए.
बाल आयोग के अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि यह एक सार्थक पहल है और इस तरह की पहल आगे भी जारी रहेगी. इस से बच्चों को हौसला मिलता है और वह हमारे काम करने की पद्धति को भी बारीकी से समझ पाते हैं.

केंद्र सरकार ने 'स्वस्थ बच्चे-स्वस्थ भारत' कार्यक्रम का शुभारंभ किया-(23-AUG-2017) C.A

| Wednesday, August 23, 2017
केंद्र सरकार ने 22 अगस्त 2017 को 'स्वस्थ बच्चे-स्वस्थ भारत' कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम का शुभारंभ केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया. 

स्वस्थ बच्चे-स्वस्थ भारत कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्रीय विद्यालय के 12 लाख से अधिक छात्रों के स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती कार्ड बनाया जाना निर्धारित किया गया है. प्रकाश जावेडकर ने कोच्चि के अलुआ में स्थित केन्द्रीय विद्यालय नाड में आयोजित कार्यक्रम में इस स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्ड का अनावरण किया.

केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर के अनुसार सरकार का लक्ष्य सभी के लिए गुणवत्ता परख शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है. केरल में स्थित केन्द्रीय विद्यालय ने अन्य राज्यो के मुकाबले अधिक गुणवत्ता प्रदर्शित की है. कार्यक्रम के दौरान स्वस्थ बच्चे स्वस्थ भारत प्रदर्शनी और बच्चों द्वारा योग का प्रदर्शन भी किया गया. 

केंद्र सरकार ने स्वस्थ बच्चे- स्वस्थ भारत कार्यक्रम में विभिन्न क्षमताओ और सभी आयु वर्ग वाले बच्चों को विस्तृत और सम्मिलित रिपोर्ट कार्ड प्रदान किए जाने की घोषणा की.
उद्देश्य-कार्यक्रम का उद्देश्य अध्यापकों और छात्रों के माता पिता को बेहतर स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के महत्व पर जागरूक करने के साथ-साथ प्रति दिन एक घंटा खेलने के हेतु  प्रोत्साहित करना है.
स्वस्थ बच्चे स्वस्थ भारत कार्यक्रम में ओलम्पिक और पैरालंपिक के मूल्यों को आत्मसात करने का लक्ष्य भी रखा गया.
बच्चों के बीच बचपन को फिर से वापस लाने, शारीरिक गतिविधियों और मनोरंजनात्मक खेलों को शिक्षण पद्धति का अहम भाग बनाने, विभिन्न खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ आंकड़ों को एकत्र और विश्लेषण करने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग कार्यक्रम के उदेश्यों में सम्मिलित किया गया है.

शोधकर्ताओं ने अमेरिकी युद्धपोत इंडियानापोलिस का 72 वर्ष बाद मलबा खोज निकाला-(23-AUG-2017) C.A

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शोधकर्ताओं ने द्वितीय विश्व युद्ध के आखिरी दिनों में जापानी पनडुब्बी के हमले का शिकार बने अमेरिकी युद्धपोत का मलबा 72 वर्ष बाद प्रशांत महासागर में खोज निकाला है.
यूएसएस इंडियानापोलिस नामक इस युद्धपोत को जापानी शहर हिरोशिमा में गिराए जाने वाले परमाणु बम के कुछ हिस्सों को पहुंचाने के गोपनीय अभियान पर भेजा गया था. अभियान को अंजाम देकर लौटते समय 30 जुलाई 1945 को एक जापानी पनडुब्बी ने इस पर हमला किया था.
अमेरिकी नौसेना के इतिहास प्रभाग के अनुसार, हमले के केवल 12 मिनट बाद ही यह जहाज डूब गया जिससे वह संकट संबंधी संकेत नहीं भेज पाया और न ही जीवन रक्षक उपकरण का उपयोग कर पाया.
शोधकर्ताओं के इस दल का नेतृत्व कर रहे पॉल एलेन ने दावा किया है कि इंडियानापोलिस का मलबा प्रशांत महासागर में सतह से 18 हजार फीट (लगभग 5.5 किलोमीटर) नीचे मिला है.
अमेरिकी नौसेना ने बताया कि जहाज पर तैनात 1,196 नाविकों और सैनिकों में से हमले के तत्काल बाद 800 ही बच पाए लेकिन शार्क से भरे समुद्र में कई दिनों तक जिंदगी के लिए जूझने के बाद केवल 316 लोग ही बचे. इंडियानापोलिस के चालक दल के 22 सदस्य अब भी जीवित हैं. अमेरिकी नौसेना उन्हें सम्मानित करने की योजना बना रही है.

टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल विश्व के नंबर एक खिलाड़ी बने-(23-AUG-2017) C.A

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एटीपी रैंकिंग में स्पेन के टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल विश्व में नंबर एक खिलाड़ी बन गए हैं. यह स्थान उन्होंने तीन वर्ष बाद प्राप्त किया है. राफेल नडाल 15 बार ग्रैंड स्लैम चैंपियन रहे. आखिरी बार वह जुलाई 2014 में शीर्ष स्थान पर थे.

स्विटज़रलैंड के रोजर फेडरर रैंकिंग में तीसरे स्थान पर है जबकि उनके हमवतन स्टैन वावरिंका चौथे और सर्बिया के नोवाक जोकोविच पांचवें स्थान पर हैं. 31 वर्षीय राफेल नडाल ने ब्रिटेन के एंडी मरे को हरा कर यह उपलब्धि हासिल की. जिन्होंने मांट्रियल और सिनसिनाटी ओपन में चोट की वजह से हिस्सा नहीं लिया.
शीर्ष पर 141 सप्ताह तक रहे राफेल नडाल ने पहली बार अगस्त, 2008 में नंबर वन का ताज पहना. राफेल नडाल के अनुसार शीर्ष पर पहुंचकर वह खुश ,हैंपिछले कुछ वर्ष जिस प्रकार से नडाल के लिए रहे उसके बावजूद नंबर एक पर पहुंचना उनके लिए अविश्वसनीय है. पिछले सप्ताह नडाल को सिनसिनाटी ओपन के क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के निक किर्गियोस से हार का सामना करना पड़ा.

राफेल नडाल के बारे में-

राफेल नडाल परेरा का जन्म 3 जून 1986 को हुआ.
राफेल नडाल विश्व के नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी हैं. वह बाएँ हाथ के खिलाड़ी हैं.
नडाल आठ ग्रैंड स्लैम खिताब एकल, एकल स्वर्ण पदक ओलिंपिक 2008 में तथा एक रिकार्ड 18 एटीपी वर्ल्ड टूर मास्टर्स 1000 टूर्नामेंट में विजयी रह चुके हैं. 
स्पेन डेविस कप टीम के साथ उन्होने 2004, 2008 और 2009 में डेविस कप भी जीता.

ओ पन्नीरसेल्वम ने तमिलनाडू के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की-(23-AUG-2017) C.A

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ओ पन्नीरसेल्वम ने 21 अगस्त 2017 को तमिलनाडू के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. राजभवन में राज्यपाल विद्यासागर राव ने पनीरसेल्वम को उप मुख्यमंत्री के रूप में और पूर्व मंत्री के पांडियाराजन को संस्कृति मंत्री के रूप में शपथ दिलाई. ओ पनीरसेल्वम को वित्त मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय सौंपा गया है. हालांकि ई पलानीस्वामी मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीसामी और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले एआईएडीएमके के दोनों धड़ों ने लगभग छह महीने बाद विलय हो गया.
दिसंबर 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के कुछ समय बाद पार्टी दो धड़ों में बंट गई थी.
पार्टी प्रमुख जयललिता की मौत के बाद अन्नायद्रमुक तीन गुटों में बंट गई थी. सबसे पहले पार्टी की महासचिव और जेल में सजा काट रहीं वीके शशिकला का पनीरसेल्वम ने विरोध किया था. इसके बाद मुख्यमंत्री पलानीसामी और शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन के भी अलग अलग गुट बन गए थे.
अन्नाद्रमुक में विलय के लिए पनीरसेल्वीम गुट ने तीन शर्तें रखी. इनमें वीके शशिकला और उनके परिवार के सदस्यों को पार्टी से दूर रखना, जयललिता की मौत की न्यायिक जांच और उनके आवास पोस गार्डन को संग्रहालय के रूप में विकसित करना शामिल है.
ओ पन्नीरसेल्वम के बारे में:
•    ओ पन्नीरसेल्वम का जन्म 14 जनवरी 1951 को तमिलनाडु में हुआ था.
•    ओ॰ पन्नीरसेल्वम एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं.
•    वे पूर्व में तमिलनाडू सरकार में वित्त मंत्री थे.
•    वे वर्ष 2001 से वर्ष 2002 तक पहली बार तमिलनाडू के मुख्यमंत्री बने.
पृष्ठभूमि:
गौरतलब है कि शशिकला जयललिता की लंबे समय तक दोस्त रहीं और उन्होंने दिसंबर 2016 में उनकी मौत के बाद पार्टी का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था. इस दौरान पनीरसेल्वम ने विद्रोह कर दिया. शशिकला की योजनाओं पर उस समय पानी फिर गया जब उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट द्वारा चार साल की सजा सुना दी गई. उन्होंने जेल जाने से पहले नए मुख्यमंत्री के तौर पर पलानीसामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया था.

केंद्र सरकार ने डिजिटल पुलिस पोर्टल का शुभारम्भ किया-(22-AUG-2017) C.A

| Tuesday, August 22, 2017
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 21 अगस्त 2017 को सीसीटीएनएस परियोजना के तहत डिजिटल पुलिस पोर्टल का शुभारम्भ किया. डिजिटल पुलिस पोर्टल का उद्देश्य अपराधों और अपराधियों का राष्ट्रीय ब्यौरा तैयार करना है. डिजिटल पुलिस पोर्टल नागरिकों को आनलाइन शिकायत पंजीकरण और पृष्ठभूमि सत्यापन का आग्रह जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा.

गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार ‘‘पुलिस पोर्टल राज्य पुलिस और केन्द्रीय जांच एजेंसियों हेतु राष्ट्रीय ब्यौरे से 11 ‘सर्च’ और 46 रिपोर्ट उपलब्ध कराने में सक्षम होगा. 
डिजिटल पुलिस पोर्टल पर केन्द्रीय जांच एवं अनुसंधान एजेंसियों को अपराध आंकड़ों तक पहुंचने हेतु डिजिटल पुलिस ब्यौरे हेतु लाग इन भी उपलब्ध कराए गए हैं. 

अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम परियोजना (सीसीटीएनएस) ने 15398 थानों में से 13775 को साफ्टवेयर में 100 प्रतिशत डेटा डालने का मौका प्रदान किया है. वर्तमान में सीसीटीएनएस राष्ट्रीय ब्यौरे में अतीत और वर्तमान आपराधिक मामलों से जुड़े करीब सात करोड़ डेटा रिकार्ड हैं.
उद्देश्य-
सीसीटीएनएस परियोजना का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार कारगर शासन’ के सपने को पूरा करने में मदद करना है. सीसीटीएनएस पूरे राष्ट्रीय अपराध एवं अपराधी ब्यौरे पूरे भारत में खोजने में मदद करेगा और इस उपलब्ध ब्यौरे के माध्यम से देशभर में जांच अधिकारियों की पहुंच हो सकती है.

सीसीटीएनएस परियोजना देशभर के करीब 15398 थानों और पांच हजार अतिरिक्त शीर्ष पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों को आपस में जोड़ेगी और सभी थानों में प्राथमिकी दर्ज होने, जांच तथा आरोपपत्र के संबंध में डेटा का डिजिटलीकरण करेगी.

भारतीय-अमेरिकी डॉ. पिनाकी पाणिग्रही ने सेप्सिस का अचूक और सस्ता इलाज खोजा-(22-AUG-2017) C.A

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अमेरिका में भारतीय चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. पिनाकी पाणिग्रही ने हाल ही में सेप्सिस का अचूक और सस्ता इलाज खोजा है. सेप्सिस एक घातक संक्रमण की बीमारी है जिससे प्रत्येक वर्ष विश्वभर में 60,000 बच्चों की मौत हो जाती है. अमेरिकी मीडिया संगठन, नेश्नल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, पाणिग्रही पिछले प्रोबायोटिक जीवाणु का पता लगाने के लिए पिछले 20 सालों से इस विषय पर शोध कर रहे थे जो आम, अचार और अन्य सब्जियों में पाया जाता है और ये नवजात शिशुओं में इस समस्या का अचूक ईलाज बन सकता है.
पिनाकी पाणिग्रही:
•    पिनाकी पाणिग्रही बीजेबी कॉलेज, भुवनेश्वर और एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज, ब्रह्मपुर के पूर्व छात्र थे.
•    वे वर्तमान में नेब्रास्का मेडिकल सेंटर कॉलेज ऑफ पब्लिक हेल्थ के बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहे हैं.
सेप्सिस:
डॉ. पिनाकी पाणिग्रही ने बताया कि सेप्सिस एक घातक संक्रमण की बीमारी है, एक बार इस संक्रमण से प्रभावित होने पर बच्चे अचानक से निष्क्रिय हो जाते हैं वे रोना और अन्य हरकत करना भी बंद कर देते हैं. यह काफी तेजी से फैलता है और जब तक उन्हें अस्पताल ले जाया जाता है तब तक उनकी मौत हो जाती है.
शोध में यह भी कहा गया है कि जिन बच्चों ने कुछ शर्करा के साथ एक सप्ताह के लिए सूक्ष्म जीवों को खाया था, उनमें सेप्सिस के कारण होने वाली मौत में नाटकीय कमी आई थी. उनमें 40 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. इतना ही नहीं, प्रोबायोटिक ने फेफड़ों में शामिल अन्य कई प्रकार के संक्रमणों को भी रोकने में मदद की.

भारतीय मूल के राहुल दोषी ने चाइल्ड जीनियस ख़िताब जीता-(22-AUG-2017) C.A

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भारतीय मूल के 12 वर्षीय राहुल दोषी को ब्रिटेन में चाइल्ड जीनियस पुरस्कार से सम्मानित किया गया. राहुल को यह सम्मान 19 अगस्त 2017 को आयोजित एक कार्यक्रम में दिया गया.

राहुल दोषी ने ब्रिटेन में टेलीविजन क्विज प्रतियोगिता में ‘चाइल्ड जीनियस’  पुरस्कार हासिल किया. ऐसा समझा जाता है कि उसका आईक्यू अल्बर्ट आइंसटीन और स्टीफन हॉकिंग से भी ज्यादा है.

चैनल फोर के शो ‘चाइल्ड जीनियस’ में राहुल दोषी ने नौ वर्षीय रोनन को फाइनल मुकाबले में 10-4 से हराया था. अगस्त 2017 के तीसरे सप्ताह में सभी सवालों के सही जवाब देकर वह सुर्खियों में आया था. 

उत्तर लंदन के स्कूली छात्र राहुल ने 19वीं सदी के कलाकार विलियम होलमन हंट और जॉन एवेरेट मिलियस के बारे में सवालों के जवाब देकर खिताब जीता. राहुल के पास विश्व के सबसे बड़े व पुराने उच्च बौद्धिक स्तर समुदाय मेन्सा में शामिल होने के लिए अत्यधिक कौशल है.

राहुल ने सप्ताह भर चले इस कार्यक्रम में आठ से 12 साल के 19 बच्चों को हराकर यह खिताब अपने नाम किया है. खिताब जीतने के बाद राहुल ने कहा, ‘वास्तव में यह अच्छी अनुभूति है.’

अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त सैन्याभ्यास शुरू किया-(22-AUG-2017) C.A

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अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने 21 अगस्त 2017 को संयुक्त  सैन्याभ्यास शुरू किया. हर साल अगस्त से दक्षिण कोरिया और अमेरिका के सुरक्षाबल संयुक्त रूप से सैन्याभ्यास करते हैं. यह सैन्याभ्साय 12 दिनों तक चलेगा, जिसका मकसद उत्तर कोरिया की ओर से किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई की प्रतिक्रियास्वरूप आपस में समन्वय करना है.
उत्तर कोरिया इस सैन्याभ्यास की हर साल आलोचना करता है और इसे अपने खिलाफ युद्ध की तैयारियों के तौर पर देखता है. अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त  सैन्य अभ्यास ‘उल्ची फ्रीडम गार्जियन’ को लेकर उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी है.
उत्तर कोरिया की ओर से बढ़ते तनाव और चेतावनी के बावजूद दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने वार्षिक संयुक्त सैन्याभ्यास शुरू कर दिया. उत्तर कोरिया ने चेताया था कि इस अभ्यास से क्षेत्र में तनाव और बढ़ेगा.
इस सैन्य अभ्यास में हजारों सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. दक्षिण कोरिया का यह बड़े पैमाने पर किया जाने वाला कंप्यूटर-सिम्युलेटेड अभ्यास है, जो दो सप्ताह तक चलता है. हालांकि इस सैन्य अभ्यास को रक्षात्मक अभ्यास बताया गया है, लेकिन परमाणु हथियार संपन्न प्योंगयांग इस अभ्यास को आक्रमण के लिए बेहद उकसावे वाला मानता है.
प्योंगयांग ने जुलाई 2017 में दो अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था जिसके टार्गेट में अमेरिका का ज्यादातर हिस्सा आता है. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था.
पृष्ठभूमि:
उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर प्रतिक्रियास्वरूप अमेरिका के गुआम द्वीप पर हमले की चेतावनी दी थी, जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भी कड़े शब्दों में उत्तर कोरिया को करारा जवाब दिया था. उत्तर कोरिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका का विवादित संयुक्त सैन्याभ्यास कोरियाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए घातक बताया था. उत्तर कोरिया इस सैन्याभ्यास की हर साल आलोचना करता है और इसे अपने खिलाफ युद्ध की तैयारियों के तौर पर देखता है

केंद्र सरकार ने 6 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर खरीद को स्वीकृति प्रदान की-(19-AUG-2017) C.A

| Saturday, August 19, 2017
डिफेंस मिनिस्ट्री ने आर्मी के लिए 6 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी. डिफेंस पर्चेस क्लियर करने वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की मीटिंग 17 अगस्त 2017 को दिल्ली में हुई. भारत इस एएच-64ई अपाचे हेलीकॉप्टर के साथ अमेरिका से संबद्ध उपकरण, स्पेयर पार्ट्स, प्रशिक्षण एवं गोला-बारूद भी लेगा.

बैठक की अध्यक्षता डिफेंस और फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने की. इन छह अपाचे जंगी हेलिकॉप्टरों की खरीद पर कुल 4,168 करोड़ का खर्च आएगा. इसके अलावा डीएसी ने यूक्रेन से दो गैस टर्बाइन सेट भी खरीदने को मंजूरी दे दी. 

ये गैस टर्बाइन सेट रूस में भारत के लिए तैयार किए जा रहे दो ग्रिगोरोविच क्लास गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट पोतों के लिए खरीदे जाएंगे. इन गैस टर्बाइन सेट की कीमत 490 करोड़ रुपये होगी. गत वर्ष मोदी पुतिन मीटिंग में नेवी शिप पर फैसला हुआ था. इसका वजन चार हजार टन है.
भारत यूक्रेन से इन शिपों में लगने वाले इंजन खरीदेगा. फिर फ्रिगेट को तैयार करने हेतु इन्हें रूस भेजा जाएगा. इसकी कीमत करीब चार बिलियन डॉलर है. अपाचे में दो टर्बोसॉफ्ट इंजन लगाए गए हैं. अमेरिका इराक और अफगानिस्तान में इनका इस्तेमाल कर चुका है.

अपाचे हेलिकॉप्टर्स को अमेरिकी कंपनी बोइंग बनाती है और इन्हें दुनिया के सबसे बेहतरीन अटैक हेलिकॉप्टर माना जाता है. अपाचे हेलिकॉप्टर की विशेषता यह है कि ये रात और बेहद खराब मौसम में भी बिना किसी रुकावट या परेशानी के अपने टारगेट को हिट कर सकते हैं.

अपाचे को यूएस आर्मी के एडवांस्‍ड अटैक हेलीकॉप्‍टर प्रोग्राम के लिए डेवलप किया गया. इसने पहली उड़ान 30 सितंबर 1975 को भरी. अप्रैल 1986 में अपाचे को यूएस आर्मी में शामिल किया गया.

उस समय यह इतने तकनीकी युक्त नहीं थे, जितने अब हैं.वर्तमान में इस हेलीकॉप्टर को यूएस आर्मी के अलावा इजरायल, मिस्र और नीदरलैंड की आर्मी भी इस्तेमाल करती है.
भारत दुनिया का पांचवा ऐसा देश है, जिसके पास अपाचे हेलीकॉप्टर होंगे. इस हेलीकॉप्टर के दोनों तरफ 30 एमएम गन लगी है. इसमें फिट सेंसर दुश्‍मनों को आसानी से तलाश कर उन्‍हें खत्‍म कर सकता है.

इसमे नाइट विजन सिस्‍टम भी इंस्‍टॉल हैं. इसमें हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें लगाई गई हैं. जो बिना भटके और राडार की पकड़ में आए दुश्मन के टारगेट को हिट कर सकती हैं.

फार्चून की सालाना ‘40 अंडर 40’ सूची में भारतीय मूल के पांच लोग सम्मिलित-(19-AUG-2017) C.A

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अमेरिका की पत्रिका फार्चून ने वर्ष 2017 की ‘40 अंडर 40’ सर्वाधिक प्रभावी युवा लोगों की वार्षिक सूची जारी की है. फार्चून द्वारा जारी की गई इस सूची में आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वरादकर सहित भारतीय मूल के पांच लोग शामिल किये गये हैं.

सूची में उन लोगों को प्राथमिकता दी गयी है जिन्होंने अपन ने काम से अन्य व्यक्तियों को प्रोत्साहित किया. यह वह लोग हैं जिनकी उम्र 40 साल से कम है और अपना काम कर रहे हैं.

पत्रिका ने ऐसे लोगों को नवप्रर्वतक, विद्रोही और कलाकार तथा अन्य को प्रोत्साहित करने वाला बताया है. सूची में फ्रांस के 39 साल के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रोन पहले पायदान पर हैं. यह नेपोलियन के बाद सबसे युवा नेता हैं जिन्होंने मई में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की.

सूची में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग दूसरे स्थान पर हैं. उनके बाद एयरबीएनबी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा सह-संस्थापक ब्रायन चेसकी, नाथन ब्लेचारासाइक, जोइ गेबिया चोथे तथा टेनिस स्टार सेरेना विलयम्स सातवें स्थान पर हैं.
सूची में भारतीय मूल के लोगों में 26 साल की दिव्या नाग, 31 साल के ऋषि शाह, शारदा अग्रवाल (32) तथा सैमसोर्स की सीईओ तथा संस्थापक लीला जाना सम्मिलित हैं.

सूची 27वें स्थान पर सम्मिलित दिव्या नाग एपल की महत्वकांक्षी रिसर्चकिट और केयर किट कार्यक्रम को देखती हैं और संबंधित लोगों को स्वास्थ्य संबंधित एप के विकास के लिये प्रोत्साहित करती हैं. फार्चून के अनुसार, दिव्या ने स्टेम सेल शोध स्टार्टअप की स्थापना की और चिकित्सा क्षेत्र में निवेश को गति दी.

सूची में 38वें स्थान पर मौजूद ऋषि शाह तथा तथा शारदा अग्रवाल 10 साल से अधिक समय से स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी कंपनी आउटकम हेल्थ का जिम्मा संभाल रही हैं. 38 वर्षीय वरादकर सूची में पाचवें पायदान पर हैं. वरादकर के पिता का जन्म भारत में हुआ. दोनों ने 40,000 से अधिक डाक्टरों के कार्यालयों में टच स्क्रीन और टैबलेट लगाया जो संबंधित चिकित्सा सूचना तथा संबंधित जानकारी प्रदान करता है.

फार्चून के अनुसार आयरलैंड में काफी प्रवासी हैं लेकिन उसके नये प्रधानमंत्री का व्यक्तित्व अलग है. वह मुंबई से यहां आये प्रवासी हिंदू परिवार से हैं. पूर्व में डाक्टर रहे वरादकर आयरलैंड के सबसे युवा नेता हैं.

फार्चून की सूची में लीला 40वें स्थान पर हैं. भारतीय प्रवासी की पुत्री लीला का गैर-सरकारी संगठन सैमासोर्स इस साल 1.5 करोड़ डालर हासिल करने के रास्ते पर है. वह वैश्विक स्तर पर गरीबी समाप्त करने के लिये काम पर जोर देती हैं न कि परमार्थ कार्यों पर.

इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्‍का ने पद से इस्‍तीफा दिया-(19-AUG-2017) C.A

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विशाल सिक्का ने इंफोसिस के मैनेजिंग डायेक्ट (एमडी) और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) पद से इस्तीफा दे दिया. विशाल सिक्का के इस्‍तीफा के बाद शेयर मार्किट में कंपनी के शेयर गिर गए. कीमतें सात फीसदी तक गिर गईं.
इंफोसिस ने उनके स्थान पर यूबी प्रवीण राव को अंतरिम सीईओ और एमडी नियुक्त किया है. यूबी प्रवीण राव अब तक चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर थे. कंपनी के अनुसार बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने विशाल सिक्का का इस्तीफा मंजूर कर लिया. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को लिखे पत्र में कंपनी सेक्रेटरी एजीएस मणीकांत ने इस बात की पुष्टि की. मणीकांत के अनुसार विशाल सिक्‍का का इस्तीफा 18 अगस्त को हुई बोर्ड मीटिंग में स्वीकार कर लिया गया. 
 
इंफोसि‍स बोर्ड ने वि‍शाल सि‍क्‍का को एक्‍जीक्‍युटि‍व वाइस चेयरमैन नि‍युक्‍त कि‍या है. विशाल सिक्का नए स्थायी मैनेजिंग डायरेक्टर तथा सीईओ के पदभार ग्रहण करने तक इन्फोसिस के एक्ज़ीक्यूटिव वाइस-चेयरमैन पद पर बने रहेंगे. यह नियुक्ति 31 मार्च, 2018 से पहले कर दी जाएगी. 

इस मामले में इंफोसिस ने प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की. जिसमे उनकी नियुक्ति की घोषणा की गई. नई जिमीदारी में सिक्का रणनीतिक पहल, महत्वपूर्ण ग्राहक संबंध और प्रौद्योगिकी विकास पर ध्यान केंद्रित करेंगे.

विशाल सिक्का के अनुसार उन्होंने इस्तीफा 'व्यक्तिगत' हमलों के कारण दिया है. विशाल सिक्का को तीन वर्ष पूर्व 2014 में चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर नियुक्त किया गया. इंफोसिस से जुड़ने से पहले विशाल सिक्का जर्मन कंपनी सैप में निदेशक मंडल के कार्यकारी सदस्य थे.
अंतरिम प्रबंध निदेशक यू बी प्रवीण के बारे में-
  • इंफोसिस के नए अंतरिम प्रबंध निदेशक यू बी प्रवीण राव वर्ष 1986 में इंफोसिस के साथ जुड़े.
  • राव को कंपनी के पूरे पोर्टफोलियो हेतु रणनीतिक और ऑपरेशनल संबंधी जिम्मदारी प्रदान की गई.
  • यू बी प्रवीण वैश्विक बिक्री, डिलिवरी और बिजनेस संबंधित कार्यों का निरीक्षण करते हैं.
  • यू बी प्रवीण राव इंफोसिस बीपीओ के चेयरपर्सन भी हैं.
  • राव 30 साल पहले कंपनी से जुड़े, वह कई सीनियर लीडरशिप भूमिकाएं निभा चुके हैं. इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट सर्विसेज के हैड, यूरोप के डिलिवरी हेड एंड हेड ऑफ रिटेल, कंज्यूमर पैकेज्ड गुड्स, लॉगिस्टिक एंड लाइफ साइंसेज के हेड जैसी भूमिकाएं सम्मिलित हैं.
  • राव नेशनल काउंसिल ऑफ कंफिडिरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्री (सीआईआई) और नैस्कॉम के एग्जेक्यूटिव काउंसिल के सदस्य भी हैं.
इंफोसिस के बारे में-
  • इंफोसिस देश की दूसरी सबसे बड़ी साफ्टवेयर सेवा निर्यातक कंपनी है.
  • इंफोसिस के संरक्षक एवं संस्‍थापक सदस्‍य एन नारायणमूर्ति हैं.

बिल गेट्स वर्ष 2017 के सबसे बड़े दान दाता बने-(18-AUG-2017) C.A

| Friday, August 18, 2017

सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से जारी रिलीज के अनुसार बिल गेट्स ने अब तक का अपना सबसे बड़ा दान किया है. उन्होंने अपनी कंपनी के 4.6 अरब डॉलर (29,571 करोड़ रुपये) के 6.4 करोड़ शेयर दान कर दिए.

बिल गेट्स अमेरिकी टेक्नॉलजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक हैं, उनकी गिनती दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में की जाति है. बीते 17 साल में यह उनके द्वारा दान की गई सबसे बड़ी धन राशि है.

इतना दान देने के बाद भी बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं. ब्लूमबर्ग की अरबपतियों वाली लिस्ट में इनकी संपत्ति 86.1 अरब डॉलर आंकी गई है.

बिल गेट्स ने 6 जून को ही यह धनराशि दान कर दी. दान की गई धनराशी में सॉफ्टवेयर बनानेवाले माइक्रोसॉफ्ट के 6 करोड़ 40 लाख शेयर हैं, जिनकी कीमत 4.6 अरब डॉलर यानी करीब 29 हजार 571 करोड़ रुपये है.

बिल गेट्स के पास 1.3 फीसदी शेयर बचे-

सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमिशन के अनुसार अब बिल गेट्स के पास माइक्रोसॉफ्ट के मात्र 1.3 फीसदी शेयर बचे है. 
दान की गई धन राशि से पूर्व उनके पास 2.3 फीसदी और 1996 में 24 फीसदी शेयर थे. 
उनकी 5.8 लाख करोड़ रुपए नेटवर्थ में माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों की हिस्सेदारी सिर्फ 8 फीसदी रह गई है.

वर्ष के सबसे बड़े दानदाता-
बिल गेट्स द्वारा यह दान किसको दिया गया है इसकी जानकारी नहीं हो सकी है. उन्होंने ज्यादातर दान अपने बिल ऐंड मेलिंडा फाउंडेशन को ही दिए.
बिल ऐंड मेलिंडा फाउंडेशन- 
बिल ऐंड मेलिंडा फाउंडेशन की स्थापना गेट्स दंपती ने अपने नाम पर की थी ताकि अपने परोपकारी कार्यों को अंजाम दे सकें.

सबसे बड़ा दान-
वर्ष 2000 के बाद बिल गेट्स द्वारा किए गए अब तक दान में से यह सबसे सबसे बड़ा है. वर्ष 1999 में वह 16 अरब डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपये) की कीमत के शेयर दान कर चुके हैं. 
उसके अगले ही साल उन्होंने 5.1 अरब डॉलर (करीब 32,780 करोड़ रुपये) दान में दिए.

35 अरब डॉलर कर चुके है दान-
गेट्स फाउंडेशन की ओर से फाइल टैक्स रिटर्न्स, ऐनुअल रिपोर्ट्स और रेग्युलेटरी फाइलिंग्स की समीक्षा से ज्ञात हुआ है कि बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स साल 1994 से शेयर और कैश के रूप में 35 अरब डॉलर (करीब 2.24 लाख करोड़ रुपये) दान कर चुके हैं. 
गेट्स ने अरबपति निवेशक वॉरेन बफेट के साथ गिविंग प्लेज की स्थापना साल 2010 में की थी. तब से 168 दौलतमंद लोग उनसे जुड़ चुके हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति का ज्यादातर हिस्सा दान करने का संकल्प लिया है.

भारत और स्वीडन के बीच बौद्धिक संपदा समझौता ज्ञापन को मंजूरी-(18-AUG-2017) C.A

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 अगस्त 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में भारत और स्वीडन के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी. समझौता ज्ञापन में एक ऐसी व्यापक और सुगम व्यवस्था कायम करने का प्रावधान है जिसके जरिए दोनों देश बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए उत्कृष्ट पद्धतियों और प्रौद्योगिकी का आदान प्रदान करेंगे और साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में मिलकर काम करेंगे.
यह समझने में सहयोग करना कि परम्परागत ज्ञान का संरक्षण कैसे किया जाये तथा डेटा बेस संबंधी परम्परागत जानकारी सहित उत्कृष्ट पद्धतियों का आदान-प्रदान और वर्तमान बौद्धिक संपदा प्रणालियां के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. समझौता ज्ञापन के अंतर्गत एक संयुक्त समन्वय समिति बनाई जायेगी जो बहुत सारे क्षेत्रों में सहयोग गतिविधियों के बारे में निर्णय करेगी.
संयुक्त रूप से या किसी एक राष्ट्र द्वारा आयोजित कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से उद्योगों, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान और विकास संगठनों तथा लघु और मध्यम उद्यमों के बीच बौद्धिक संपदा के बारे में उत्कृष्ट पद्धतियों, अनुभवों और जानकारी का आदान-प्रदान करना.
मुख्य तथ्य:
•    दोनों देशों के लोगों, व्यापारियों और शैक्षिक संस्थानों के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में उत्कृष्ट पद्धतियों, अनुभवों और जानकारी का आदान प्रदान करना.
•    प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहयोग, विशेषज्ञों का आदान-प्रदान, तकनीकी आदान-प्रदान और संपर्क गतिविधियाँ.
•    पेटेंटों, ट्रेडमार्कों, औद्योगिक डिजाइनों, कापीराइटों और भौगोलिक संकेतकों और साथ ही बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण, प्रवर्तन और इस्तेमाल संबंधी आवेदनों के निपटान के लिए उत्कृष्ट पद्धतियों, अनुभवों और जानकारी का आदान-प्रदान.
•    बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में आटोमेशन और आधुनिकीकरण परियोजनाओं के कार्यान्वयन, नव प्रलेखन और सूचना प्रणालियों और बौद्धिक संपदा के प्रबंधन की प्रक्रियाओं के विकास में सहयोग.
•    डिजिटल वातावरण, विशेषकर कॉपीराईट मुद्दों में बौद्धिक संपदा कानून के उल्लंघनों के बारे में जानकारी और उत्‍कृष्‍ट पद्धतियों का आदान-प्रदान करना.
•    अन्य सहयोगात्मक गतिविधियां, जो दोनों पक्षों द्वारा आपसी समझ-बूझ से तय की जा सकती है.
प्रभाव:
समझौता ज्ञापन भारत को बौद्धिक संपदा प्रणालियों में अनुभव का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाएगा, जिससे दोनों देशों के उद्यमियों, निवेशकों और व्यापारियों को महत्वपूर्ण लाभ पहुंचेगा. दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट पद्धतियों के आदान प्रदान से भारत के विविध प्रकार के बौद्धिक अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ेगी और उनका बेहतर संरक्षण किया जा सकेगा. यह समझौता वैश्विक नवाचार के क्षेत्र में एक बड़ी शक्ति बनने की भारत की यात्रा में ऐतिहासिक सिद्ध होगा और राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति के लक्ष्यों को बढ़ावा देगा. ये अधिकार उतने ही विविध हैं जितनी विविधता भारत के लोगों में है.
स्रोत(पीआईबी)

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रिपोर्ट जारी-(18-AUG-2017) C.A

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अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने 15 अगस्त 2017 को वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्रालय की वर्ष 2016 हेतु अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट (आईआरएफआर) जारी की. 

अमेरिका द्वारा जारी इस रिपोर्ट में विभिन्न धर्मों के लोगों के साथ अलग-अलग देशों में हो रहे बर्ताव के बारे में जानकारी दी गयी है. इस रिपोर्ट में भारतीय हिन्दुओं के साथ पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के बारे में भी जानकारी दी गयी है.

भारत के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट (आईआरएफआर)

•    इस रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अन्य स्थानों पर हिंदुओं पर हुए हमलों की घटनाएं देखने को मिली हैं जबकि फ्रांस और डेनमार्क में सिखों पर प्रतिबंध लगाए गये.

•    बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले किये गये जिनमें हिन्दुओं की संख्या अच्छी-खासी है. इन हमलों के लिए अलकायदा और इस्लामिक स्टेट को जिम्मेदार माना गया.

•    रिपोर्ट के अनुसार इस्लाम की आलोचना संबंधी एक फेसबुक पोस्ट के बाद पूर्वी बांग्लादेश में सैकड़ों ग्रामीणों ने 50 से अधिक हिंदू घरों और 15 हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की.

•    बांग्लादेश की घटनाओं के बारे में कहा गया कि आतंकवादी संगठनों द्वारा किए गए हमलों में लगभग 24 लोगों की मौत हो गई, जिनमें हिंदू, ईसाई, बौद्ध और अन्य अल्पसंख्यक शामिल थे.

•    आईआरएफआर के अनुसार फ्रांसीसी सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में सिखों के पगड़ी पहनने पर रोक लगाई गयी है जबकि डेनमार्क में न्यायधीशों पर पगड़ी पहनने पर प्रतिबंध है.

•    रिपोर्ट के अनुसार, मलेशिया में अप्रैल से नवंबर 2016 के बीच कम से कम आठ हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई.

केंद्र सरकार ने गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस संवाद की शुरूआत की-(18-AUG-2017) C.A

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सरकार ने गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (जीईएम) एसपीवी और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के बीच आज एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस अवसर पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन मौजूद थी. सहमति ज्ञापन पर जीईएम एसपीवी की ओर से जीईएम की सीईओ एस.राधा चौहान और सीआईआई की ओर से सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने हस्ताक्षर किए.
मुख्य तथ्य:
इस सहमति ज्ञापन का उद्देश्य भारतीय उद्योग और उद्यम को आगे बढ़ाने के लिए उद्योग के साथ सहभागी और सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण कायम करने के लिए जीईएम संवाद स्थापित करना है. इस पहल के तहत जीईएम और भारतीय उद्योग मिलकर काम कर सकेंगे. इस पहल के तहत जीईएम और भारतीय उद्योग इस तरह मिलकर काम करेंगे.
जीईएम से जुड़ी जागरूकता पैदा करने और देशभर से उद्योग से जुड़े सदस्यों को शामिल करने.
भारतीय उद्योग के साथ सहयोग के लिए एक जीईएम उद्योग मंच बनाने जिससे उत्पादों के तकनीकी ब्यौरे और सरकारी एजेंसियों द्वारा प्राप्त की जाने वाली सेवाओं के एसएलए के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके.
उत्पादों या सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार खासतौर से जिन्हें एमएसएमई से प्राप्त किया गया है, सभी साझेदारों का वार्षिक लोक उपार्जन सम्मेलन आयोजित करने और सीआईआई के क्षेत्रीय कार्यालयों में जीईएम संसाधन केन्द्रों की स्थापना करने के लिए.
स्रोत(PIB)

वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला पौधा-आधारित ज़िका वैक्सीन विकसित किया-(18-AUG-2017) C.A

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अमेरिका के वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला पौधा आधारित ज़िका वैक्सीन विकसित किया है, जो कि अन्य टीकों की तुलना में अधिक प्रभावी, सुरक्षित और सस्ता हो सकता है. इस टीका को तम्बाकू संयंत्र से प्राप्त प्रोटीन का उपयोग करके विकसित किया गया. वर्तमान में, जिका से निपटने के लिए विश्व भर मैं कोई  भी लाइसेंस प्राप्त टीका या चिकित्सा उपलब्ध नहीं है.

ज़िका वायरस

ज़िका विषाणु मुख्य रूप से एडीज एजेपिटी मच्छरों द्वारा प्रेषित वेक्टर जनित रोग है, वही मच्छर जो डेंगू, पश्चिम नाइल बुखार, येलो वायरस इत्यादि का भी वाहक है. इसका नाम युगांडा में ज़िका जंगल के नाम पर रखा गया है जहां पहले 1947 में इसे अलग किया गया था। वायरस गंभीर जन्म दोषों के लिए सक्षम है यानी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर और भ्रूण विकृति जिसे माइक्रोसेफली कहा जाता है जिसमें शिशुओं के असामान्य रूप से छोटे सिर के साथ पैदा होते हैं। वायरस और गिलेन-बैर सिंड्रोम (एक ऐसी स्थिति जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिका तंत्र का हिस्सा है) के बीच एक संभावित कड़ी के अलावा भी संदेह है यह भी पाया जाता है कि, ज़िका वायरस रोग का यौन संचरण संभव है। इस वायरस का दंश अबसे अधिक् गर्भवती महिलाओं को झेलना पड़ा. इससे पीड़ित नवजात शिशु में गंभीर मस्तिष्क विकार पैदा होने लगते हैं. 

विश्व भर में यह रोग सबसे पहले 2015 में फैला, जिसने दक्षिणी-अमेरिका मैं लाखों लोगों को संक्रमित किया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस बीमारी को महामारी के रूप में घोषित किया. इसके जवाब में, ज़िका को रोकने के लिए वैज्ञानिक प्रयासों की एक बहार से आने लगी और सारी सरकारी, अकादमिक प्रयोगशालाओं और फार्मास्युटिकल कंपनियां में ज़िका वैक्सीन विकसित करने के लिए दौड़ गई हैं।

नयी खोज:
प्लांट-आधारित ज़िका वैक्सीन डीआईआईआई के खिलाफ काम करती है, जो कि ज़िका वायरल प्रोटीन का एक हिस्सा है जो लोगों को संक्रमित करने के लिए वायरस के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सभी फ्लावीवायरस के बाहर भाग पर एन्वेल्प प्रोटीन (E-protein) होते हैं. इसमें तीन डोमेन हैं और डोमेन III में डीएनए का एक अद्वितीय खंड होता है. शोधकर्ताओं ने ज़िका के लिए एक मजबूत और सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के लिए डोमेन III का उपयोग किया.
सबसे पहले उन्होंने बैक्टीरिया में एन्वेल्प प्रोटीन विकसित किया और तंबाकू पौधों में डीआईआई प्रोटीन डोमेन तैयार किया. चूहों पर किए गए इस टीका के कई प्रतिरक्षण प्रयोगों ने चूहों में कई ज़िका वायरस के खिलाफ शत-प्रतिशत सुरक्षा दिखाया.

महत्व:
जब पूरा विश्व इस महामारी से जूझ रहा है ऐसे समय में इसके प्रतिरक्षा में वैक्सीन की खोज करोड़ों लोगो को इससे निजात दिलाने में सहायक होगा. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की यह पौधा आधरित वैक्सीन है जिससे किसी अन्य प्रकार के दोषों के उत्पन्न होने की सम्भावना ना के बराबर है. विशेषतया यह वैक्सीन उन गरीब देशों को राहत प्रदान करेगा जो खुद से इस रोग को रोकने मैं सक्षम नहीं हैं.