भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी का संयुक्त बाजार पूंजीकरण
(एम कैप) 20 मई 2014 को 1.42
ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. परिणामतः बाजार पूंजीकरण के
आधार पर भारतीय शेयर बाजार ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के पीछे छोड़कर विश्व का
दसवां सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया.
भारतीय शेयर बाजार अब विश्व बाजार पूंजीकरण में 2.2
प्रतिशत का योगदान देता हैं जो की 2014 के
प्रारंभ में 1.8 प्रतिशत था.
निफ्टी ने वर्ष 2014 की
शुरुआत के बाद से 15 फीसदी का वृद्धि की हैं. इसके विपरीत,
चीन, जो भारत का सबसे बड़ा उभरता बाजार
प्रतिद्वंद्वी हैं ने वर्ष के प्रारंभ से अब तक 4.30 प्रतिशत
की गिरावट दर्ज की हैं. जबकि, कनाडा ने 7.10 प्रतिशत, ब्रिटेन ने 1.94 प्रतिशत
और अमेरिका ने 0.87 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की हैं.
हाल ही के वैश्विक बाजार पूंजीकरण हुई 572
बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि में भारतीय बाजारों ने 50 प्रतिशत के करीब योगदान दिया है. 282 बिलियन अमेरिकी
डॉलर का भारतीय योगदान फिलीपींस के कुल सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है.
अमेरिका 223 ट्रिलियन
अमेरिकी डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ विश्व में शीर्ष पर हैं, दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमश: जापान और ब्रिटेन हैं. शीर्ष दस अन्य
अर्थव्यवस्थाओं में हांगकांग, चीन, फ्रांस,
कनाडा, जर्मनी, स्विट्जरलैंड
और भारत हैं.
इससे पहले अगस्त 2013 में,
भारतीय अर्थव्यवस्था में नीति गतिरोध के कारण पूंजी के बाह्य प्रवाह
से भारत दुनिया के शीर्ष दस शेयर बाजारों से बाहर हो गया था.
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