भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं के मध्य वर्ष 2014
का वार्षिक नौसेना अभ्यास अंडमान सागर में 28 मई
2014 को संपन्न हो गया. इस अभ्यास को सिम्बेक्स 14 नाम दिया गया. सिम्बेक्स 14 की मेजबानी भारतीय
नौसेना ने किया. यह श्रृंखला का 21वां अभ्यास है. इसे दोनों
नौसेनाओं के बीच अंतर– ऑपरेशन और आपसी समझ को बढ़ाने के लिए
डिजाइन किया गया .
सिम्बेक्स 14 में दोनों पक्षों के प्रतिनिधि
• भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व पूर्वी नौसेना कमान के जहाज कुठार और कारमुक ने किया. इन जहाजों के अलावा, भारतीय दल का प्रतिनिधित्व अंडमान और निकोबार कमान के समुद्री निगरानी विमान और एक हेलिकॉप्टर ने भी किया.
• सिंगापुर नौसेना का प्रतिनिधित्व सिंगापुर मिसाइल कार्वेट, वेलर और गश्ती पोत– इंडिपेंडेंस ने किया.
भारत और सिंगापुर के बीच द्वीपक्षीय नौसैनिक सहयोग, सिम्बेक्स के बारे में
दोनों देशों की नौसेना के बीच द्वीपक्षीय नौसैनिक सहयोग सबसे पहले 1994 में औपचारिक रूप दिया गया जब आरएसएन जहाजों ने भरतीय नौसेना के साथ पनडुब्बी रोधी युद्ध(एएसडब्ल्यू) का प्रशिक्षण शुरु किया.
सिम्बेक्स 14 में दोनों पक्षों के प्रतिनिधि
• भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व पूर्वी नौसेना कमान के जहाज कुठार और कारमुक ने किया. इन जहाजों के अलावा, भारतीय दल का प्रतिनिधित्व अंडमान और निकोबार कमान के समुद्री निगरानी विमान और एक हेलिकॉप्टर ने भी किया.
• सिंगापुर नौसेना का प्रतिनिधित्व सिंगापुर मिसाइल कार्वेट, वेलर और गश्ती पोत– इंडिपेंडेंस ने किया.
भारत और सिंगापुर के बीच द्वीपक्षीय नौसैनिक सहयोग, सिम्बेक्स के बारे में
दोनों देशों की नौसेना के बीच द्वीपक्षीय नौसैनिक सहयोग सबसे पहले 1994 में औपचारिक रूप दिया गया जब आरएसएन जहाजों ने भरतीय नौसेना के साथ पनडुब्बी रोधी युद्ध(एएसडब्ल्यू) का प्रशिक्षण शुरु किया.
वर्ष 1993 में स्थापना के बाद से सिम्बेक्स के सामरिक और संचालन जटिलताओं में वृद्धि हुई है. यह पारंपरिक पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) पर जोर से आगे बढ़कर वायु रक्षा, वायु एवं सतह पर फायरिंग का अभ्यास, समुद्री सुरक्षा औऱ खोज एवं बचाव कार्यों जैसे जटिल नौसेना परिचालनों का अभ्यास आरंभ कर दिया.
भारतीय और सिंगापुर की नौसेना के बीच सिम्बेक्स रिश्ते
भारत और सिंगापुर की नौसेना नियमित रूप से व्यावसायिक संबंधों के साथ लंबे समय से रिश्ता बनाए हुए हैं. सिम्बेक्स बातचीत के माध्यम से द्वीपक्षीय संबंधों के लिए व्य़ापक प्रक्रिया का परिणाम है. दोनों नौसेना के बीच आदान– प्रदान में शामिल है–
• एक्सचेंज प्रोग्राम
• कर्माचारियों के बीच वार्ता और कोर्स में पार– उपस्थिति.
दोनों नौसेना ने दोनों देशों को जोड़ने वाले सुदृढ़ समुद्री दोस्ती को जारी रखा है.
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