निक्केई एवं पियरसन के मध्य फाइनेंशियल टाइम्स के अधिग्रहण पर सहमति-(24-JUL-2015) C.A

| Friday, July 24, 2015
जापानी मीडिया ग्रुप निक्केई ने 23 जुलाई 2015 को ब्रिटेन के पियरसन से फाइनेंशियल टाइम्स को 1.3 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण करने को अधिकारिक मंजूरी प्रदान की. इससे यूरोप तथा एशिया के दो बड़े समाचार समूह साथ काम कर सकेंगे.

फाइनेंशियल टाइम्स वर्ष 1884 में स्थापित किया गया समाचार पत्र है तथा पहली बार वर्ष 1893 में इसे गुलाबी कागज़ पर प्रकाशित करना आरंभ किया गया. पियरसन ने लगभग 60 वर्ष पहले इसका अधिग्रहण किया था.

फाइनेंशियल टाइम्स के अधिग्रहण का सौदा वर्ष 2015 की तिमाही में पूर्ण होने का अनुमान है. पियरसन के अनुसार पिछले पांच वर्षों में फाइनेंशियल टाइम्स की प्रतियों की बिक्री संख्या में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

राष्ट्रीय प्रसारण दिवस देश भर में 23 जुलाई को मनाया गया-(24-JUL-2015) C.A

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23 जुलाई: राष्ट्रीय प्रसारण दिवस
राष्ट्रीय प्रसारण दिवस देश भर में 23 जुलाई 2015 को मनाया गया. इस दिन वर्ष 1927 में इंडियन प्रसारण कंपनी ने बंबई स्टेशन से रेडियो प्रसारण शुरू किया था.
इस दिवस के अवसर पर ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) ने नई दिल्ली में 'क्रिएशन ऑफ न्यू इंडिया एंड ब्राडकास्टिंग मीडिया' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया.
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने संगोष्ठी में प्रसार भारती की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत सरकार प्रसार भारती की स्वायत्तता के लिए प्रतिबद्ध है.
पृष्ठभूमि
बॉम्बे रेडियो क्लब ने वर्ष 1923 में पहला कार्यक्रम प्रसारित किया. इसके बाद तत्कालीन भारत सरकार और इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी लिमिटेड नामक कंपनी के बीच एक समझौते के तहत 23 जुलाई 1927 को प्रायोगिक तौर पर बम्बई और 26 जुलाई 1927 को कलकत्ता में प्रसारण शुरू किया गया. प्रसारण नियंत्रक विभाग के अंतर्गत इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस को जून 1936 में ऑल इंडिया रेडियो का नया नाम दिया गया. ऑल इंडिया रेडियो को वर्ष 1956 से आकाशवाणी के नाम से जाना जाने लगा.
ऑल इंडिया रेडियो प्रसारण की भाषाओं की संख्या के मामले में दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण संगठनों में से एक है. वर्तमान में आकाशवाणी के 414 स्टेशन हैं और क्षेत्रफल के हिसाब से इसकी पहुंच भारत के 91.79 प्रतिशत क्षेत्रफल तक और जनसंख्या के हिसाब से 99.14 प्रतिशत तक है. भारत में आकाशवाणी से 23 भाषाओं तथा 146 प्रान्तीय भाषाओं में प्रसारण होता है.

दुनिया की 500 सबसे बड़ी कंपनियों की सूची में भारत की 7 कम्पनियाँ शामिल-(24-JUL-2015) C.A

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फॉर्चून पत्रिका द्वारा तैयार दुनिया की 500 सबसे बड़ी कंपनियों (2015) की सूची में भारत की 7 कम्पनियाँ शामिल हैं. इस सूची में भारत की रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा मोटर्स समेत सात भारतीय कंपनियां शामिल हैं. फॉर्चून की इस सूची में रिटेल जगत की दिग्गज कंपनी वॉलमार्ट पहले नंबर पर है.
2015 फॉर्चून ग्लोबल 500 की सूची में शामिल भारतीय कंपनियों में इंडियन ऑइल करीब 4,800 अरब रुपये के राजस्व के साथ 119वें पायदान पर, रिलायंस इंडस्ट्रीज करीब 3,900 अरब रुपये के राजस्व के साथ 158वें पायदान पर, टाटा मोटर्स करीब 2,600 अरब के साथ 260वें पायदान पर, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया करीब 2,600 अरब रुपये के राजस्व के साथ 260वें नबंर पर, भारत पेट्रोलियम करीब 2,500 अरब रुपये के राजस्व के साथ 280वें नंबर पर, हिंदुस्तान पेट्रोलियम करीब 2,200 अरब रुपये के राजस्व और आइल ऐंड नैचरल गैस 1,600 अरब रुपये के राजस्व के साथ 449 नंबर पर है. दुनिया की 500 सबसे बड़ी कंपनियों ने वर्ष 2014 में करीब 19 लाख अरब रुपये का राजस्व कमाया और करीब 1 लाख अरब रुपये लाभ कमाया.
इस रिपोर्ट में चीन की पेट्रोलियम रिफाइनिंग कंपनी साइनोपेक ग्रुप दूसरे नबंर, नीदरलैंड की रॉयल डच शेल तीसरे नंबर, चाइना नैशनल पेट्रोलियम चौथे नंबर पर और एक्सॉन मोबिल पांचवें नंबर पर है.
500 ग्लोबल कंपनियों में 128 कंपनियां अमेरिका की हैं, जिनमें ऐपल (15), जेपी मॉर्गन (61), आईबीएम (82), माइक्रोसॉफ्ट (95), गूगल (124), पेप्सी (141), इंटेल (182) और गोल्डमैन सैक्स (278) हैं. इस सूची में चीन की भी 100 कंपनियां शामिल हैं जिनमें बैंक ऑफ चाइना (45), चाइना रेलवे इंजीनियरिंग (71) और चाइना डिवेलपमेंट बैंक (87) शामिल हैं.
विदित हो कि भारतीय कंपनियों इंडियन ऑइल, रिलायंस, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और ऑइल ऐंड नैचरल गैस की रैंकिंग में पिछले साल की तुलना में गिरावट आई है जबकि टाटा मोटर्स और एसबीआई की रैंकिंग में सुधार हुआ है. सभी कंपनियों की रैंकिंग 31 मार्च 2015 को या इससे पहले समाप्त हुए उनके अपने-अपने वित्त वर्षों में हुई कमाई के आधार पर की गई.

खगेश देव बर्मन लिखित पुस्तक 'आर.डी. बर्मन:द प्रिंस ऑफ म्यूजिक' प्रकाशित-(24-JUL-2015) C.A

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R.D. Burman: The Prince of Music: Khagesh Dev Burmanआर.डी. बर्मन-द प्रिंस ऑफ म्यूजिक: खगेश देव बर्मन
लेखक खगेश देव बर्मन ने भारत के मशहूर संगीतकार आर. डी. बर्मन (पंचमदा) से संबंधित एक किताब ‘आर. डी. बर्मन- द प्रिंस ऑफ म्यूजिक’ लिखा है. इस पुस्तक को रूपा पब्लिकेशन्स ने प्रकाशित की है.
आर. डी. बर्मन- द प्रिंस ऑफ म्यूजिक पुस्तक में इसके लेखक खगेश ने पंचमदा के जन्मदिन 27 जून 1939 से 4 जनवरी 1994 को उनके निधन तक के उनके जीवन के विभिन्न काल खंड को खंगालने की कोशिश की है कि कैसे विलक्षण मेधा वाला एक बच्चा संगीत की दुनिया का इतना सफल व्यक्ति बना.
अपनी किताब में खगेश देव बर्मन ने लिखा है कि यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि आर. डी. बर्मन भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे पुराने राजवंश (त्रिपुरा के राजपरिवार) से संबंधित थे. यह राजवंश जापानी राजवंश के बाद दूसरा राजवंश था, जिसका रिश्ता लगातार 1000 साल तक कायम रहा.
विदित हो कि ‘आर. डी. बर्मन- द प्रिंस ऑफ म्यूजिक’ पुस्तक में पंचम दा के जीवन के विभिन्न पहलुओं को खंगालने की कोशिश की गई है और साथ ही समकालीन कलाकारों के साथ उनके रिश्तों की पड़ताल की गई है. इस किताब में किशोर कुमार के साथ उनकी दोस्ती, आशा भोंसले के साथ उनके संबंध और सबसे बढ़ कर अपने पिता सचिन देव बर्मन के साथ उनके तल्ख रिश्तों की पड़ताल करने की कोशिश की गई है.

सीसीईए ने सीसीटीएनएस की समय सीमा मार्च 2017 तक बढ़ाई-(24-JUL-2015) C.A

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 21 जुलाई 2015 को गृह मंत्रालय के उस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की जिसमें अपराध और अपराधियों पर ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) के लिए समय सीमा मार्च 2017 तक बढ़ाई गयी.

सीसीईए ने अगले पांच वर्ष अर्थात् मार्च 2022 तक सीसीटीएनएस की कार्यप्रणाली एवं देखरेख को बढ़ाने की घोषणा की है.

योजना के उद्देश्य

पुलिस को जनता के साथ बेहतर बर्ताव करना चाहिए तथा पुलिस थानों की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी तथा आटोमेटिक बनाया जाना चाहिए.

आईसीटी के प्रभावी उपयोग के माध्यम से नागरिक केंद्रित सेवाओं की बेहतर डिलीवरी.

सिविल पुलिस की जांच अधिकारीयों को अपराध और अपराधियों का पता लगाने हेतु उपकरण, प्रौद्योगिकी एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना.

विभिन्न क्षेत्रों जैसे कानून और व्यवस्था, यातायात प्रबंधन के क्षेत्र में पुलिस के कामकाज में सुधार करना.

पुलिस थानों, जिलों, राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यालय और अन्य पुलिस एजेंसियों के बीच संपर्क और जानकारी के साझा करने की सुविधा प्रदान करना.

पुलिस बल के बेहतर प्रबंधन में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सहायता प्रदान करना.

विभिन्न केसों की प्रगति की जांच करना जिसमे न्यायालय भी शामिल हैं.

मैनुअल काम तथा निरर्थक रिकॉर्ड को कम से कम रखना. 

सीसीटीएनएस द्वारा कोर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (सीएएस) में क्राइम से संबंधित सभी डाटा को एकीकृत कर के रखा जायेगा जिसमें 29 राज्य तथा 7 केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं. सीएएस को बेंगलुरु की आईटी कंपनी विप्रो से तैयार किया है.

अपराध और अपराधियों का ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) परियोजना
सीसीटीएनएस की अवधारणा पहली बार वर्ष 2008 में मुंबई हमलों के बाद तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने की थी. उनके प्रस्ताव को वर्ष 2009 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था तथा इसके लिए 2000 करोड़ रूपए आवंटित भी किये गए थे. परियोजना के एक पायलट चरण को तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने 4 जनवरी 2013 को शुरू किया था.

यह परियोजना राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा कार्यान्वित की जाती है

सर्वोच्च न्यायालय ने जाट आरक्षण पर पुनर्विचार याचिका खारिज की-(24-JUL-2015) C.A

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सर्वोच्च न्यायालय ने जाट आरक्षण पर केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका 21 जुलाई 2015 को खारिज कर दी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2015 में दिए अपने फैसले (जाट आरक्षण निरस्त) में फेरबदल करने से इनकार कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार की याचिका खारिज करते हुए कहा कि ‘पूर्व फैसले में दखल देने का कोई कारण नहीं बनता.’
विदित हो कि 17 मार्च 2015 को शीर्ष अदालत ने नौ राज्यों के जाट समुदायों को अन्य पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में डालने के तत्कालीन केंद्र सरकार के फैसले को पलट दिया था. पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा वर्ष 2014 आम चुनाव से ठीक पहले इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी, जिसे अदालत ने निरस्त कर दिया था. अदालत ने अपने फैसले में साफ कर दिया था कि अब जाटों को न तो केंद्र सरकार की नौकरियों में और न ही किसी शिक्षण संस्था में आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जाट आरक्षण पर जिस दिन फैसला दिया गया, उसी दिन से वह प्रभावी हो गया. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने उन छात्रों को राहत देने से इनकार किया है जिनका चयन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पीओ (प्रोबेशनरी) परीक्षा में हो चुका है, लेकिन नियुक्ति पत्र नहीं मिला है.
सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2015 में दिए गए अपने फैसले में कहा था कि, ‘किसी समूह को पिछड़ा वर्ग का दर्जा देने में सामाजिक पिछड़ेपन की सबसे अहम भूमिका होती है लेकिन इसके लिए जाति को सिर्फ आधार नहीं बनाया जाना चाहिए. पिछड़ेपन के नए और उभरते स्वरूप के प्रति राज्य को चौकन्ना और सतर्क रहने की जरूरत है. शीर्ष कोर्ट ने ओबीसी कोटे में जाटों के आरक्षण को रद्द करते हुए कहा था कि जाटों को आरक्षण की जरूरत नहीं है.
आम चुनाव 2014 से ठीक पहले तत्कालीन यूपीए सरकार ने मार्च 2014 में अधिसूचना जारी कर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के दो जिले भरतपुर और धौलपुर के जाटों को ओबीसी की सूची में शामिल करने का फैसला लिया था. कोर्ट ने तत्कालीन सरकार के फैसले को बदलते हुए अपने फैसले में कहा था कि अतीत में ओबीसी सूची में किसी जाति को संभावित तौर पर गलत रूप से शामिल किया जाना गलत रूप से दूसरी जातियों को शामिल करने का आधार नहीं हो सकता है. हालांकि जाति एक प्रमुख कारक है, पिछड़ेपन के निर्धारण के लिए यह एकमात्र कारक नहीं हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जाट जैसी राजनीतिक रूप से संगठित जातियों को ओबीसी सूची में शामिल करना अन्य पिछड़े वर्गों के लिए सही नहीं है. न्यायालय ने ओबीसी पैनल के उस निष्कर्ष पर ध्यान नहीं देने के केंद्र के फैसले में खामी पाई जिसमें कहा गया था कि जाट पिछड़ी जाति नहीं है.

केंद्र सरकार ने सुरक्षित खाद्य अभियान का शुभारंभ किया-(24-JUL-2015) C.A

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केंद्रीय उपभोक्ता  मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने 21 जुलाई 2015 को सुरक्षित और स्वच्छ खाद्यान के लिए जनचेतना तथा क्षमता निर्माण के उद्देश्य से राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम सुरक्षित खाद्य अभियान का शुभारम्भ किया.
यह कार्यक्रम उनके मंत्रालय के लोकप्रिय मल्टी मीडिया अभियान ''जागो ग्राहक जागो'' का पूरक है.
सुरक्षित खाद्य अभियान की योजना सीआईआई, उपभोक्ता् संगठन वायस तथा नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीयट वेंडर्स ऑफ इंडिया (एनएएसवीआई) द्वारा बनाई गई.
यह देश में खाद्य सुरक्षा की संस्कृति बनाने की दिशा में प्रयास हैं. इस अभियान के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा के लिए सफाई, स्वास्थ्य पर राष्ट्र व्यापी सत्र का आयोजन किया जाएगा, वाकथॉर्न्सा आयोजित किए जाएंगे तथा उपभोक्तास, स्ट्रीट फूड इंडस्ट्रीज के लिए पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित कर प्रचार किया जाएगा.
इस अवसर पर श्री रामविलास पासवान ने एक वेबसाइट लांच किया और अभियान का लोगो जारी किया. उन्होंने सुरक्षित खाद्यान व्यवहार अपनाने के लिए शपथ पत्र पर हस्ताक्षर भी किए.

भारतीय रेलवे तथा ओडिशा सरकार के मध्य दसप्पला-बोलांगीर रेलवे लाइन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर-(24-JUL-2015) C.A

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20 जुलाई 2015 को ओडिशा सरकार तथा केंद्रीय रेल मंत्रालय ने लागत साझेदारी के आधार पर दसप्पला-बोलांगीर खंड में खुर्दा रोड से बोलांगीर तक नयी ब्रॉड गेज रेलवे लाइन का निर्माण करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये.

इस समझौते पर रेल मंत्रालय (कार्य) के कार्यकारी निदेशक वेड प्रकाश डुडेजा तथा ओडिशा सरकार के, वाणिज्य और परिवहन विभाग के आयुक्त-सह-सचिव संजय रस्तोगी ने हस्ताक्षर किये.
खुर्दा रोड-बलांगीर परियोजना

खुर्दा रोड से बलांगीर (289 किलोमीटर) एक ब्रॉड गेज रेलवे लाइन होगी जिसे भारतीय रेलवे द्वारा लगभग 3050 करोड़ रूपए की लागत के साथ बनाया जायेगा. इस परियोजना को पूर्ण करने हेतु ओडिशा सरकार ने नि:शुल्क भूमि तथा खुर्दा रोड से बलांगीर तक बनने वाली रेलवे लाइन का 50 प्रतिशत व्यय भी देने की घोषणा की है. यह परियोजना निर्माण कार्य के लिए भूमि सौंपे जाने के पश्चात् तीन वर्ष में पूरी हो जाएगी.

यह रेलवे लाइन राज्य में पूर्व से पश्चिम की ओर छह जिलों से गुजरेगी, जिनमें खुर्दा, पुरी, नयागढ़, बौध, सुबर्णपुर एवं बोलांगीर शामिल हैं.
ओडिशा में रेलवे नेटवर्क

ओडिशा खनिजों से भरपूर राज्य है जिसका देश की अर्थव्यवस्था में प्रमुख स्थान है तथा भारतीय रेलवे परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराये जाने के लिए अपनी जिम्मेदारी को भली भांति समझता है.

आज ओडिशा में भारतीय रेलवे की 2516 किलोमीटर लम्बी रेलवे लाइन मौजूद हैं. ओडिशा में रेलवे उपयोग का घनत्व 6 किमी/लाख है जो कि राष्ट्रीय औसत 5.44 किमी/लाख से कहीं अधिक है.

इस परियोजना से ओडिशा सरकार खुर्दा रोड से बोलांगीर के बीच विभिन्न विकास कार्यों को गति प्रदान कर सकेगी.

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कैरियर काउंसिलिंग पोर्टल का शुभारम्भ किया-(24-JUL-2015) C.A

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सभी सरकारी रोजगार कार्यालयों के आधुनिकीकरण के उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय श्रम सम्मेलन के 46वें सत्र के दौरान 20 जुलाई 2015 को राष्ट्रीय कैरियर काउंसिलिंग पोर्टल की शुरुआत की.
यह पोर्टल केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के राष्ट्रीय कैरियर सेवा परियोजना के अंतर्गत शुरू किया गया है.
यह वेब पोर्टल नौकरी प्रदाताओं और रोजगार इच्छुक लोगों के लिए एकल मंच प्रदान करेगा. इस पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से इसकी सेवा का लाभ लेना संभव होगा.
पोर्टल की मदद से पर 900000 प्रतिष्ठानों और कंपनियों को लोगों से जोड़ा जाएगा. विदित हो वर्तमान में 44.7 अरब रोजगार इच्छुक लोग भारत के 956 रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इनमें 26.88 पुरुष और महिलाएँ 29 साल से कम उम्र के हैं.
विदित हो राष्ट्रीय कैरियर सेवा(एनसीएस) परियोजना का उद्देश्य सभी सरकारी रोजगार कार्यालयों का विकास करना है.
पोर्टल के बारे में - 
• पोर्टल का उद्देश्य देश के सभी रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत करीब 20 लाख रोजगार इच्छुक लोगों को एकल मंच प्रदान करना है. 
• पोर्टल पर पंजीकरण निःशुल्क होगा. 
• दुरुपयोग से बचने के लिए पोर्टल में पंजीयन करते समय आधार संख्या को एक अनिवार्य भाग के रूप में शामिल किया गया है. अतः आवेदनकर्ता को  पंजीकरण करते समय अपनी आधार संख्या डालनी होगी.
• इसी तरह से रोजगार पोर्टल के पैनल में शामिल होने वाली कंपनियों और संगठनों को सोसाइटी पंजीकरण या कंपनी पंजीकरण के प्रमाण पत्र की प्रतियां प्रस्तुत करना आवश्यक होगा.
• भारत में करीब 982 रोजगार कार्यालय हैं पहले चरण में इनमें से 100 कार्यालयों के आधुनिकीकरण की योजना है और इसके लिए 190 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
• रोजगार कार्यालय अब परामर्श केंद्र के रूप में भी कार्य करेंगे इसके लिए रोजगार कार्यालयों में केंद्र स्थापित किए जाएंगे इसके अतिरिक्त हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से परामर्श सेवा भी प्रदान की जागी.

बीईई ने ऊर्जा दक्षता पर आंशिक जोखिम गांरटी कोष के लिए आरईसीपीडीसीएल से समझौता किया-(24-JUL-2015) C.A

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ऊर्जा दक्षता के लिए आंशिक जोखिम गांरटी कोष को परिचालित करने के लिए जुलाई 2015 के तीसरे सप्ताह में ऊर्जा दक्षता ब्यूषरो (बीईई) और आरईसी बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल) ने आरईपीडीसीएल, आरईसी लिमिटेड और ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) की ओर से एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
यह समझौता बीईई के महानिदेशक डॉ अजय माथुर की उपस्थिति में बीईई के सचिव संजय सेठ और आरईसीपीडीसीएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी सोम्य कांत के मध्य हुआ.

ऊर्जा दक्षता के लिए आंशिक जोखिम गांरटी कोष (पीआरजीएफईई) क्या है ?

पीआरजीएफईई ऊर्जा दक्षता आर्थिक विकास (एफईईईडी) से संबंधित ढांचे के अंतर्गत एक नवीन वित्तीय व्यवस्था है, जो परिष्कृत ऊर्जा दक्षता संबंधी राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत की गई पहलों में से एक है. इस कोष की स्थांपना ऊर्जा दक्षता ब्यू्रो और विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा की गई है. पीआरजीएफईई ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के लिए ऋण उपलब्धध कराने वाले वित्ती य संस्थाहनों (बैंकों/एनबीएफसी) को जोखिम का आंशिक कवरेज उपलब्धल कराने संबंधी जोखिम साझा करने की व्यवस्था है.

भारत और सिंगापुर ने समुद्री सहयोग बढ़ाने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर किया-(24-JUL-2015) C.A

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भारत और सिंगापुर ने समुद्री सहयोग बढ़ाने हेतु 21 जुलाई 2015 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किया. इसके तहत भारत और सिंगापुर के नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाने के लिए सफेद शिपिंग जानकारी साझा करने वाली तकनीकी समझौते (टीए) पर हस्ताक्षर किए गए.
भारत और सिंगापुर के बीच यह समझौता भारत के नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के. धवन के सिंगापुर यात्रा के दौरान की गई. व्हाइट शिपिंग, मालवाहक जहाजों की आवाजाही के बारे में वाणिज्यिक जानकारी को दर्शाता है.

सिंगापुर नौसेना और भारतीय नौसेना के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:
सिंगापुर नौसेना और भारतीय नौसेना के साथ सालाना सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास (SIMBEX) का आयोजन करता है. वर्ष 2015 में यह अभ्यास (SIMBEX) मई में आयोजित किया गया था. जो इस श्रृंखला में 22वां था.

दिल्ली से लंदन के बीच पहला अंतर महाद्वीपीय महिला सड़क अभियान रवाना-(24-JUL-2015) C.A

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दिल्ली से लंदन के बीच पहला अंतर महाद्वीपीय महिला सड़क अभियान 23 जुलाई 2015 को रवाना किया गया. नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम से शुरू किये गए इस अभियान को केंद्रीय रसायन मंत्री और उर्वरक, अनंत कुमार तथा युवा एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सर्वानंद सोनोवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
तीन महिला प्रतिभागी निधि तिवारी, रश्मि कोप्पर तथा सौम्या गोयल 55 दिनों में इंग्लैंड पहुंचेंगी. यात्रा के दौरान वे म्यांमार, चीन, किर्गिस्तान, उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान, रूस, यूक्रेन, पोलैंड, चेक गणराज्य, जर्मनी, बेल्जियम और फ्रांस के होते हुए 15,000 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी.

यह सभी महिलाएं महिंद्रा फर्स्ट च्वाइस व्हील्स लिमिटेड द्वारा प्रायोजित यात्रा के अंतर्गत किसी बैकअप वाहन अथवा किसी अन्य सहायता के एक ही वाहन की सहायता से यात्रा पूरी करेंगी.

भारतीय मूल के अमेरिकी अमितोज छाबड़ा ने यूएस पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2015 का जूनियर ख़िताब जीता-(24-JUL-2015) C.A

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Amitoj Chhabraभारतीय मूल के अमेरिकी अमितोज छाबड़ा ने 11 जुलाई 2015 को लास वेगास में गोल्डन नगेट्स कैसिनो में आयोजित यूएस पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2015 का जूनियर ख़िताब जीता.

उन्होंने लास वेगास में जूनियर टाइटल के लिए कुल 1383 पाउंड्स भार उठाया. छाबड़ा ने 485 स्कवैट पाउंड्स, 325 बेंच प्रेस एवं 573 डेड लिफ्ट लगाए. उन्होंने वर्ष 2014 में 100 डेड लिफ्ट लगाये थे.

छाबड़ा ने दिसम्बर 2013 से पावरलिफ्टिंग आरंभ की थी तथा उन्होंने मई 2014 में प्रतयोगिता में भाग लेना आरंभ किया.

उन्होंने तीन बार नेवादा राज्य का पावरलिफ्टिंग रिकॉर्ड 18-19 वर्ष की आयु में अर्जित किया था. अब वे 20-23 वर्ष के आयु वर्ग में भाग लेते हैं जहां उन्होंने वही रिकार्ड्स अर्जित किये हैं.

एआईयू ने तीन तीरंदाजों को तीन साल के लिए प्रतिबंधित किया-(24-JUL-2015) C.A

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विश्व यूनिवर्सिटी खेलों में कांस्य पदक के प्ले ऑफ मुकाबले के लिए तीन तीरंदाजों के समय पर नहीं पहुंचने पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) ने 22 जुलाई 2015 को उन्हें और उनके कोच को तीन साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. 

इसके अतिरिक्त उन्हें खेलों के दौरान उन पर खर्च किए पैसे लौटाने की लिए भी कहा है.

एआईयू ने तीरंदाज गुरविंदर सिंह, कंवलप्रीत सिंह और अमन के अलावा अधिकारी जीवनजोत सिंह को लापरवाही  एवं नियमों का उल्लंघन करने पर निलंबित किया है. 

गौरतलब है कि 3 से 14 जुलाई तक कोरिया के ग्ंवाग्जू में हुए विश्वविश्वविद्यालय खेलों के कांस्य पदक प्ले आफ मुकाबले में यह टीम इटली के खिलाफ नहीं उतरी थी.

एआईयू के संयुक्त खेल सचिव गुरदीप सिंह ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि खिलाड़ियों (गुरविंदर सिंह-जीएनडीयू अमृतसर, कंवलप्रीत सिंह-पंजाब विश्वविद्यालय, अमन-राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर) को तीन साल के लिए निलंबित करने का फैसला किया है, जो मौजूदा वर्ष 2015-16 से 2017-18 के लिए प्रभावी होगा.

डेविस कप के विश्व ग्रुप प्लेऑफ मैच में भारत चेक गणराज्य की मेजबानी करेगा-(24-JUL-2015) C.A

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21 जुलाई 2015 को डेविस कप विश्व ग्रुप प्लेऑफ का ड्रा निकाला गया जिसमें भारत का मुकाबला चेक गणराज्य से होगा. 18 से 20 सितंबर तक होने वाले विश्व ग्रुप प्लेऑफ मैच में भारत मेजबानी करेगा.

प्लेऑफ में जीतने वाली टीमें वर्ष 2016  के 16 टीमों के विश्व ग्रुप में स्थान बनाएंगी जबकि हारने वाली टीमें वापिस अपने जोन के ग्रुप एक में लौटकर खेलेंगी.

भारत ने 19 जुलाई 2015 को एशिया ओशियान ज़ोन ग्रुप ए के दूसरे राउंड के मैच में कीवी टीम पर 3-2 की शानदार जीत के साथ विश्व ग्रुप प्लेऑफ में स्थान बनाया था. चेक गणराज्य को विश्व ग्रुप के पहले राउंड में गत मार्च में आस्ट्रेलिया के हाथों 2-3 से हार का सामना करना पड़ा था.

चेक गणराज्य वर्ष 2012 तथा 2013 में डेविस कप जीत चुका है. भारत तीन बार 1966, 1974 तथा 1987 में डेविस कप के फाइनल में पहुंचा है लेकिन कभी टूर्नामेंट नहीं जीत पाया है.

बीसीसीआई द्वारा विश्व ट्वेंटी-20 आयोजन स्थलों की घोषणा, कोलकाता के ईडन गार्डन में फाइनल मैच होगा-(24-JUL-2015) C.A

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21 जुलाई 2015 को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पुरुषों और महिलाओं के आईसीसी विश्व ट्वेंटी -20 के लिए आयोजन स्थलों की घोषणा की. विश्व ट्वेंटी-20 प्रतियोगिता का आयोजन 11 मार्च से 3 अप्रैल 2016 के बीच भारत में किया जायेगा. 

बीसीसीआई द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि वर्ष 2016 के विश्व ट्वेंटी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मैच कोलकाता के प्रतिष्ठित ईडन गार्डन मैदान में आयोजित किया जाएगा.

बेंगलुरू, चेन्नई, धर्मशाला, मोहाली, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली एवं कोलकाता में भी खेलों का आयोजन होगा.

इन स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा करते हुए यहां अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी करायी जाएगी.

इसके अतिरिक्त बीसीसीआई ने जगमोहन डालमिया की अध्यक्षता में टूर्नामेंट प्रबंधन समिति का गठन किया है. अन्य समिति सदस्यों में अनुराग ठाकुर, अमिताभ चौधरी, अनिरुद्ध चौधरी, जी गंगा राजू, राजीव शुक्ला, आशीष शेलर तथा आशिर्वाद वोहरा शामिल हैं.

पुनटीयस डोलीचोपटेरस नामक नई मछली प्रजाती केरल में खोजी गई-(24-JUL-2015) C.A

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पुनटीयस डोलीचोपटेरस नामक सिप्रिंड मछली  की एक नई प्रजाती को केरल के अलाप्पुझा जिले के कायमकुलम शहर की जल धारा से खोजा गया.
छोटे और उथले जल में पाई जाने वाली इस मछली को सिप्रिंड समूह में स्थान दिया गया है. यह मछली खाद्य पदार्थ के रूप में इस्तेमाल की जा सकती है इसके अतिरिक्त इसका उपयोग सजावटी मछली के रूप में भी किया जा सकता है.
इस मछली की खोज कोल्लम शहर के बेबी जॉन मेमोरियल गवर्नमेंट कॉलेज के  प्राणी शास्त्र विभाग के प्रमुख मैथ्यूज पलामूतिल द्वारा की गई है इसके अतिरिक्त मैथ्यूज ने इस मछली को नाम भी दिया है और उसकी विशेषताओं का भी वर्णन किया है.
खोज की पुष्टि पत्रिका ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ प्योर एंड एप्लाइड जूलॉजी’ के जुलाई से सितम्बर तक के अंक में की गई है. 
परीक्षण के बाद प्राणियों का नामकरण करने वाली संस्था ‘इंटरनेशनल कमीशन ऑफ जूलोजिकल नोमनक्लेचर’ द्वारा इसे जू बैंक पंजीकरण संख्या भी प्रदान की गई है.
इस मछली के छह नमूनों को पोर्ट ब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के राजकीय संग्रहालय (भारतीय प्राणी सर्वेक्षण) को भी दिया गया है.
पुनटीयस डोलीचोपटेरस के बारे में – 

• मछली का यह नाम ‘डोलीचोपटेरस’ ग्रीक शब्द ‘डोलीखोस’ और ‘पटेरन’ से लिया गया है ‘डोलीखोस’ का अर्थ होता है ‘लम्बी’ और ‘पटेरन’ का अर्थ होता है ‘पंख’ .
• इसकी लंबाई में 7.3 सेमी से 8.7 सेमी  के बीच है.
• इस प्रजाति का सिर लम्बा होता है ,शरीर पर पंख(फिन्स) होते हैं.
• इनमें इस समूह की और मछलियों से अलग 3 से 4 अनुदैर्ध्य रेखाएं होती हैं.
• इस मछली का रंग चमकीला होता है जिस पर हल्का नारंगी लाल रंग के पृष्ठीय पंख होते हैं.
• पृष्ठीय पंख की इसकी हड्डी को मजबूत और कठोर होती है.

पुनटीयस नीग्रोनोट्स, पुनटीयस विरिडिस, पुनटीयस नेल्सोनी और पुनटीयस पराह इस समूह से समबन्धित अन्य प्रजातियाँ हैं जो केरल में पाई जाती हैं. पुनटीयस चोला और पुनटीयस सोफोर गंगा नदी में पाई जाती है.

तीन अन्तरिक्ष यात्रियों के साथ सोयूज़ रॉकेट अन्तरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना-(24-JUL-2015) C.A

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सोयूज़ टीएमए 17एम रॉकेट तीन अन्तरिक्ष यात्रियों सहित सफलतापूर्वक 22 जुलाई 2015 को अन्तरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की ओर रवाना हो गया.

अन्तरिक्ष यान ने रूस के कज़ाख़ क्षेत्र स्थित बैकोनुर से ओलेग कोनोनेंको, जेल लिन्द्ग्रेन्न तथा कीमिया युई के साथ सफल उड़ान भरी.

अंतरिक्षयान ने अप्रैल 2015 में रूस के रॉकेट की उड़ान असफल रहने के बाद दो महीने देरी से उड़ान भरी.

तीनों अन्तरिक्ष यात्री मई 2015 में उड़ान भरने के लिए निर्धारित किये गए थे लेकिन रूस के मालवाहक अन्तरिक्ष यान के असफल प्रक्षेपण के कारण यह योजना स्थगित कर दी गयी.

एनडीआरआई के वैज्ञानिकों ने घी में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने की तकनीक विकसित की-(24-JUL-2015) C.A

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राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान(एनडीआरआई), करनाल के वैज्ञानिकों ने जुलाई 2015 में घी में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी करने के लिए एक तकनीक विकसित की है.
इस तकनीक से उत्प्प्न घी निर्धारित मानकों पर खरा उतरा है.
इस तकनीक के माध्यम से घी में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 90  से 85 प्रतिशत कम हो जाता है. यह तकनीक घी के स्वाद और गुणवत्ता को भी प्रभावित नहीं करती है.
समझौते के अनुसार एनडीआरआई ने यह तकनीक वैशाली पाटलिपुत्र दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड (पटना डेयरी प्रोजेक्ट) को हस्तांतरित की है.
पटना डेयरी के अधिकारियों ने दो माह के भीतर इस उत्पाद के शुभारम्भ की योजना बनाई है.

इसरो ने स्वदेश निर्मित क्रायोजेनिक इंजन का 800 सेकेंड तक सफल परीक्षण किया-(24-JUL-2015) C.A

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 20 जुलाई 2015 को जारी रिपोर्ट के अनुसार इसरो ने स्वदेशी तकनीक से विकसित क्रायोजेनिक इंजन का 16 जुलाई 2015 को सफल परीक्षण किया.

इसरो ने ग्राउंड टेस्टिंग के तहत गर्म अवस्था में इंजन की सहनशक्ति का 800 सेकेंड (13.33 मिनट) तक परीक्षण किया. यह परीक्षण तमिलनाडु स्थित महेंद्रगिरी प्रोपल्सन सेंटर में किया गया. यह सी-25 क्रायोजेनिक स्तर के लिए मददगार साबित होगा. यह अगली पीढ़ी वाले जीएसएलवी मार्क-3 का विकसित स्वरूप है.

सी-25 श्रेणी का क्रायोजेनिक इंजन गैस जनरेटर साइकल पर आधारित होगा, जिसमें अत्यंत कम तापमान वाले प्रणोदक का इस्तेमाल किया जा सकेगा. इंजन की डिजाइन से लेकर उसके निर्माण तक का काम इसरो के ही विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों द्वारा किया गया.

इससे पहले 5 जनवरी 2014 को 12.5 टन प्रणोदक ले जाने में सक्षम क्रायोजेनिक इंजन का जीएसएलवी मार्क-2 के साथ सफल परीक्षण किया गया था. क्रायोजेनिक इंजन बनाने पर भारत को दूसरे देशों पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा.

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दृश्यता मापने वाला उपकरण ‘दृष्टि’ स्थापित किया गया-(24-JUL-2015) C.A

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देश में ही विकसित किए गए दृश्यता मापने वाले उपकरण ‘दृष्टि’ को 20 जुलाई 2015 को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे पर स्थापित किया गया. 
यह उपकरण वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद - नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज बेंगलूर द्वारा विकसित किया गया है.
‘दृष्टि’ 25 से 2000 मीटर की खराब दृश्यता में हवाई जहाजों को सुरक्षित उतारने और हवाई अड्डे से उड़ान भरने में मदद करेगा. 
अब 3 बी श्रेणी का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत का पहला ऐसा हवाई अड्डा बन गया है जिसके तीन रनवे पर 10 स्वदेशी उपकरण लगे हैं.
'दृष्टि' के बारे में – 

• अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के अनुसार यह सभी हवाई अड्डों पर लगाया जाने वाली एक अनिवार्य प्रणाली है.
• इस प्रणाली को स्थापित करना और इसका रखरखाव करना बहुत आसान है.
• इस प्रणाली को वेब के माध्यम से सीधे बंगलुरु से नियंत्रित किया जा सकता है.

विदित हो सीएसआईआर-एनएएल और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मध्य देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर लगभग 70 दृष्टि प्रणाली स्थापित करने के लिए समझौता हुआ था.
दृष्टि उपकरण से प्राप्त डेटा एटीसी में एक स्क्रीन पर देखा जा सकता है जो मौसम विभाग के अधिकारी को मदद प्रदान करेगा.

वैज्ञानिकों ने स्टेम कोशिकाओं के साथ माइक्रोचिप पर मिनी ह्रदय बनाया-(24-JUL-2015) C.A

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अमेरिका स्थित कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक शोध के आधार पर एक मिनी हृदय (कार्डियक माइक्रोफिसियोलॉजिकल सिस्टम) बनाये जाने की घोषणा की है जिसमें उन्होंने मानव कोशिकाओं का प्रयोग किया है.

कार्डियक माइक्रोफिसियोलॉजिकल सिस्टम की चौड़ाई मनुष्य के सिर के बाल जितनी है इसलिए वैज्ञानिकों ने कयास लगाया है कि इसका प्रयोग गैर-मानव प्रयोगों में किया जा सकता है.

इस आविष्कार की जानकारी मार्च 2015 में साइंटिफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में “आईपीएससी – बेस्ड कार्डियक माइक्रोफिसियोलॉजिकल सिस्टम फॉर ड्रग स्क्रीनिंग एप्लीकेशन्स” शीर्षक से प्रकाशित किया गया.

माइक्रोफिसियोलॉजिकल सिस्टम

माइक्रोफिसियोलॉजिकल सिस्टम इंजीनियर ऑर्गन हैं जो फार्माकोलोजिकल एवं फिजियोलॉजिकल अंतर के विकास को विभाजित करने के साथ जानवरों एवं मनुष्यों के बीच अंतर को दर्शाते हैं.

कार्डियक माइक्रोफिसियोलॉजिकल सिस्टम फेफड़े, यकृत और आंत के बाद प्रयोगशाला में विकसित किये गये नवीनतम मानव अंग हैं.

मिनी ह्रदय में कार्डियक माइक्रोफिसियोलॉजिकल सिस्टम कैसे विकसित किया गया 

इसे मनुष्यों की प्लूरी पोटेंट कोशिकाओं को इस्तेमाल करके विकसित किया गया जिससे विभिन्न टिशुओं का निर्माण हो सकता है. एक बार हृदय के ऊतकों के गठन में शामिल होने के पश्चात् यह एक विशेष सिलिकॉन माइक्रोचिप के आसपास बड़े होते पाए गए.

कार्डियक माइक्रोफिसियोलॉजिकल सिस्टम का महत्व

जानवरों पर दवा के विकास के प्रयोग का विकल्प मिलने के अतिरिक्त वैज्ञानिक भविष्य में लोगों के लिए उनकी निजी आवश्यकता के अनुसार दवाएं तैयार कर सकेंगे. इससे विभिन्न बीमारियों पर काबू पाया जा सकेगा तथा उसके संक्रमण की भी आसानी से रोकथाम की जा सकेगी.

इससे वैज्ञानिक रोगी की शारीरिक अवस्था तथा आवश्यकता के अनुसार उसे उचित मात्रा में दवा भी दे सकेंगे जो हृदय रोगियों के लिए वरदान साबित हो सकता है.

पर्यटकों के आगमन आंकड़ों में दोहरे अंकों की वृद्धि-(20-JUL-2015) C.A

| Monday, July 20, 2015
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा जुलाई 2015 में जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में विदेशी पर्यटकों के आगमन आंकड़ों में वर्ष 2014 की तुलना में लगभग दोहरे अंकों (1.8 प्रतिशत) की वृद्धि हुई.
पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014 की तुलना में जून 2015 में विदेशी पर्यटकों के आगमन में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. विदेशी पर्यटक आगमन में अमेरिका का प्रतिशत हिस्सा सबसे अधिक रहा.
पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों (जून, 2015  में विदेशी पर्यटक आगमन तथा विदेशी मुद्रा आय) के अनुसार विदेशी पर्यटक आगमन (एफटीए) से संबंधित मुख्य तथ्य:
•    जून 2013 में 4.51 लाख तथा जून 2014 के 5.05 लाख एफटीए की तुलना में  2015 में 5.13 लाख विदेशी पर्यटक आए. जून, 2014 की तुलना में जून 2015 में पर्यटक आगमन में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
•    एफटीए जनवरी-जून, 2014 की तुलना में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ जनवरी-जून, 2015 में 38.45 लाख रहा.
•    जून, 2015 में शीर्ष 15 देशों में से विदेशी पर्यटक आगमन का प्रतिशत में हिस्सा अमेरिका का सबसे अधिक 22.21 प्रतिशत रहा. इसके बाद बांग्लादेश (17.00 प्र.श.) , ब्रिटेन (7.18 प्र.श.) , मलेशिया (4.00 प्र.श.), श्रीलंका (3.41 प्र.श.), जापान (2.80 प्र.श.), फ्रांस (2.69 प्र.श.) , ऑस्ट्रेलिया (2.64 प्र.श.), सिंगापुर (2.54 प्र.श.) , कनाडा (2.49 प्र.श.) , चीन (2.36 प्र.श.) , जर्मनी (2.35 प्र.श.) , नेपाल (2.10 प्र.श.) , पाकिस्तान  (1.54 प्र.श.) तथा अफगानिस्तान (1.50 प्र.श.). 
•    जून, 2015 तक 76.81 प्रतिशत कुल विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ.

जून, 2015 में 15 शीर्ष पोर्ट पर विदेशी पर्यटक आगमन:
•    मुंबई हवाई अड्डा (17.58 प्र.श.), 
•    चेन्नई हवाई अड्डा (11.61 प्र.श.), 
•    हरिदासपुर लैंड चेक पोस्ट (10.03 प्र.श.) , 
•    बेंगलुरु हवाई अड्डा (8.00 प्र.श.), 
•    हैदराबाद हवाई अड्डा  (5.08 प्र.श.),  
•    कोच्चि हवाई अड्डा (3.77 प्र.श.), 
•    कोलकाता हवाई अड्डा (3.63 प्र.श.), 
•    जीडी रेल (1.97 प्र.श.), 
•    तिरुचिरापल्ली  अड्डा (1.93 प्र.श.), 
•    अहमदाबाद हवाई अड्डा (1.72 प्र.श.), 
•    त्रिवेंद्रम हवाई अड्डा (1.57 प्र.श.), 
•    घोजादंगा लैंड चेक पोस्ट (1.18 प्र.श.), 
•    अटारी वाघा(1.03 प्र.श.), 
•    हिली लैंड चेक पोस्ट (0.64प्र.श.)  
•    जून, 2015 में इन शीर्ष पोर्ट पर 95.66 प्रतिशत विदेशी पर्यटक आए.

 रुपया तथा डालर के मूल्य में पर्यटन से विदेशी मुद्रा आय़ (एफईई):

•    जून 2013 के 7,149 करोड़ तथा जून 2014 के 8,458 करोड़ की तुलना में जून 2015 में 8,951 करोड़ की विदेशी मुद्रा आय हुई.
•    रुपये के मूल्य में जून , 2014 की तुलना में जून, 2015 में एफईई में 5.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
•    रुपया मूल्य में एफईई जनवरी-जून, 2014 की तुलना में जनवरी-जून 2015 में 6. 2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 60,302 करोड़ हो गई.
•    डालर मूल्य में एफईई जून 2013 के 1.227 बिलियन डालर तथा जून 2014 के 1.440 बिलियन डालर की तुलना में जून 2015 में 1.402 बिलियन डालर रही.
•     डालर मूल्य में  पर्यटन  से एफईई 2.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9.609 बिलियन डालर रही.

विदित हो कि पर्यटन मंत्रालय मासिक आधार पर राष्ट्रीयता के अनुसार, प्रवास ब्यूरो(बीओआई) से प्राप्त आंकड़ों  के आधार पर तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पर्यटकों से हुई विदेशी मुद्रा आय (एफईई) आधार पर विदेशी पर्यटक आगमन के अनुमान को संकलित करता है.

18 जुलाई को अन्तरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस मनाया गया-(20-JUL-2015) C.A

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नेल्सन मंडेला दिवस18 जुलाई : नेल्सन मंडेला दिवस

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति तथा नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नेल्सन मंडेला (1918-2013) के सम्मान में 18 जुलाई 2015 को विश्वभर में अन्तरराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस मनाया गया.

मंडेला दिवस का व्यापक उद्देश्य लोगों को बेहतर कार्यों के प्रति जागरूक करना तथा उन्हें अच्छे उद्देश्यों के लिए एक दूसरे का सहयोग करने के लिए प्रेरित करना है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा नवम्बर 2009 में प्रस्ताव पारित किये जाने के पश्चात् यह पहली बार 18 जुलाई 2010 को मनाया गया.

संयुक्त राष्ट्र ने यह दिवस नेल्सन मंडेला द्वारा दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद एवं भेदभावपूर्ण प्रणाली को समाप्त करने में उनके अभूतपूर्व योगदान के कारण मनाने का प्रस्ताव रखा.

इसके अतिरिक्त यह दिवस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकतंत्र की स्थापना हेतु उनके द्वारा किये गए संघर्ष और योगदान द्वारा विश्वभर में शांति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी मनाया जाता है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा प्रथम ‘आम आदमी क्लिनिक’ का उद्घाटन-(20-JUL-2015) C.A

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Aam Aadmi Clinicदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 19 जुलाई 2015 को पश्चिमी दिल्ली स्थित पीरागढ़ी राहत शिविर में प्रथम ‘आम आदमी क्लिनिक’ का उद्घाटन किया. यह क्लिनिक आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य ईकाई के रूप में आरंभ किया गया है.

क्लीनिक का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के लिए यह पहला आम आदमी क्लीनिक है और इस वर्ष के अंत तक राजधानी में 1,000 ऐसे क्लीनिक खोलने की योजना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह क्लिनिक 95 प्रतिशत रोगियों का उपचार कर सकेगा जिससे अस्पतालों में भीड़ कम की जा सकेगी.

आम आदमी क्लिनिक

इसे बेहद कम कीमत, लगभग 15 से 20 लाख रुपए में स्थापित किया गया है.

क्लिनिक में सभी तरह के टेस्ट करवाने की पूरी सुविधा मौजूद है जिससे मरीज़ रक्त परीक्षण से लेकर ईसीजी तक करवा सकते हैं.

इस क्लिनिक से लोग प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का आसानी से लाभ उठा सकेंगे.

सीसीआई ने ‘एगॉन रेलिगेयर लाइफ इंश्योरेंस’ के समझौते को मंजूरी प्रदान की-(20-JUL-2015) C.A

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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने 17 जुलाई 2015 को  संयुक्त उद्यम ‘एगॉन रेलिगेयर लाइफ इंश्योरेंस कंपनी’ से सम्बंधित समझौते को मंजूरी प्रदान की है. 
समझौते के तहत रेलिगेयर इंटरप्राइजेज जीवन बीमा के संयुक्त उद्यम में अपनी पूरी होल्डिंग बेच देगी और नीदरलैंड आधारित एगॉन और बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (बीसीसीएल) मौजूदा शेयर्स में वृद्धि कर लेंगे.
समझौते के तहत जीवन बीमा के इस संयुक्त उद्यम में एगॉन, बीसीसीएल और केपी कॉर्पोरेट सोल्यूशन की क्रमश: 49 प्रतिशत, 48.585 प्रतिशत और 2.415 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. 
वर्तमान में  एगॉन, बीसीसीएल, रेलिगेयर और केपी कॉर्पोरेट सॉल्यूशंस लिमिटेड एगॉन रेलिगेयर लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के संयुक्त उद्यम में भागीदार हैं.
एगॉन, जीवन बीमा, पेंशन और परिसंपत्ति प्रबंधन के क्षेत्र की कम्पनी है जो भारत में एआरएलआईसी के साथ संयुक्त रूप से जीवन बीमा की सेवा प्रदान करती है. जबकी जबकि  बीसीसीएल मीडिया, प्रिंट, टीवी और इंटरनेट क्षेत्र की कम्पनी है.
बीसीसीएल एआरएलआईसी  में अपनी हिस्सेदारी के माध्यम से घरेलू जीवन बीमा क्षेत्र में मौजूद है.

एमिली मॉरेस्मो अंतरराष्ट्रीय टेनिस हॉल ऑफ फेम में शामिल-(20-JUL-2015) C.A

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टेनिस हॉल ऑफ फेमपूर्व दिग्गज टेनिस खिलाड़ी एमिली मॉरेस्मो को 18 जुलाई 2015 को अंतरराष्ट्रीय टेनिस हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया.

फ्रांस की 36 वर्षीय खिलाड़ी एमिली के अतिरिक्त ऑस्ट्रेलिया के डेविड हॉल को भी हॉल ऑफ फेम में शामिल गया गया, वे पैरालिंपिक में छह बार के पदक विजेता हैं.
कंट्रीब्यूटर वर्ग में नैंसी जेफेट को हॉल ऑफ फेम में स्थान प्राप्त हुआ. 

ब्रिटिश टेनिस स्टार एंडी मरे की कोच मॉरेस्मो ने वर्ष 2006 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन और विम्बल्डन का खिताब जीता तथा वे डब्ल्यूटीए रैंकिंग में 39 हफ्तों तक नंबर एक रहीं. उन्होंने अपने करियर में 25 एकल प्रतियोगिताएं जीतीं तथा 2004 के एथेंस ओलंपिक्स में सिल्वर पदक जीता.

पश्चिमी घाट में खोजी गईं पौधों की नई प्रजातियाँ-वेल्लीथुम्पा और इरियोकोलन-(20-JUL-2015) C.A

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वेल्लीथुम्पा(चांदी का फूल) और इरियोकोलनसीएन सुनील के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के एक दल ने भारत के पश्चिमी घाट पर वेल्लीथुम्पा(चांदी का फूल) और इरियोकोलन नामक पौधों की दो नई प्रजातियों की खोज की. पौधों की इन प्रजातियों की खोज केरल के पूयमकुट्टी-अदमालायर और नेरीअमंगलम वन क्षेत्र से की गई है.
इन पौधों की खोज विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित की गई परियोजना के तहत की गई.
खोज की पुष्टि पत्रिका ‘इंटरनेशनल जर्नल वेबिया: जर्नल ऑफ़ प्लांट टेक्सोनेमी एण्ड फाइटोजियोग्राफी’ के जून 2015 के अंक में की गई.

वेल्लीथुम्पा के बारे में – 
 
• इस पौधे की खोज एर्नाकुलम जिले की सबसे ऊंची चोटी शूलामुडी की चट्टानों पर की गई. यह चोटी एड्मालायर वन क्षेत्र में स्थित है.
• यह मिन्ट समूह से सम्बंधित एक झाड़ीदार पौधा है.
• इस पौधे पर सफेद चमकीले रेशें हैं जिसके कारण इसे स्थानीय भाषा में वेल्लीथुम्पा नाम दिया गया है.
• इस पौधे में सफेद फूल निकलते हैं और इसमें एक बेलनाकार संरचना के अन्दर लाल परागकोष होता है.
 इरियोकोलन मनोहारानी के बारे में –
 
• इस पौधे की खोज ममअलाकनन्दम मुनिपरा क्षेत्र के पर्वतों में हुई है. यह क्षेत्र नेरीअमंगलम वन क्षेत्र में पड़ता है.
• यह पाइपवोर्ट्स समूह से संबंधित एक घास है और जिसमें सफेद फूल निकलते हैं. 
• इस पौधे का नाम वन संरक्षक टीएम मनोहरन के नाम पार दिया गया है जिन्होंने जैव विविधता संरक्षण और वन्य जीवन संरक्षण में अपना योगदान दिया है.

फ्लिप्कार्ट ने एरिक लैंग को उपाध्यक्ष नियुक्त किया-(19-JUL-2015) C.A

| Sunday, July 19, 2015
भारत की सबसे बड़ी रिटेलर कंपनी फ्लिप्कार्ट ने 15 जुलाई 2015 को एरिक लैंग को उत्पाद प्रबंधन के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया.

उनके द्वारा कंपनी के बेंगलुरू स्थित मुख्यालय में अगस्त 2015 से प्रभार संभालने की सम्भावना है. लैंग सिलिकॉन वैली के एक अनुभवी कार्यकर्ता हैं तथा इससे पहले वे याहू एवं गूगल के साथ भी काम कर चुके हैं.

फ्लिप्कार्ट के साथ जुड़ने से पहले वे वर्ष 2015 में सिलिकॉन वैली के तीसरे सबसे अधिक वेतन पाने वाले तकनीकी कर्मचारी थे.

इससे पहले उन्होंने मार्च 2015 में गूगल के कर्मचारी तथा मोटोरोला के उपाध्यक्ष पुनीत सोनी ने फ्लिप्कार्ट में मुख्य उत्पाद अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला था.

इसके अलावा, अप्रैल 2015 में एक और गूगल के कार्यकारी पीयूष रंजन फ्लिपकार्ट में वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा मुख्य इंजीनियरिंग अधिकारी के रूप में फ्लिपकार्ट में शामिल हुए. गूगल में वे गूगल के एंड्रॉयड वन इंजीनियरिंग समूह में कार्यरत रहे.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 400 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास को मंजूरी दी-(19-JUL-2015) C.A

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 जुलाई 2015 को स्विस चैलेंज पद्धति के माध्यम से 400 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास को मंजूरी प्रदान की. इसके तहत मंत्रिमंडल ने देश में ‘ए1’ एवं ‘ए’ श्रेणी के 400 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की नई योजना को स्वीकृति दी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार, 400 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा और इसकी प्रक्रिया ‘स्विस चैलेंज’ पद्धति होगी.

‘स्विस चैलेंज पद्धति’ से संबंधित मुख्य तथ्य:
‘स्विस चैलेंज पद्धति’ के अनुसार, कोई भी रियल एस्टेट कारोबारी रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करके देगा जिसे वैबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा. इसके बाद कोई दूसरा उस प्रस्ताव में कुछ और जोड़ कर बेहतर प्रस्ताव देता है तो उसे स्वीकार किया जाएगा. रेलवे की एक विशेषज्ञ कमेटी उन सभी प्रस्तावों में सर्वश्रेष्ठ प्रस्ताव को छांटेगी. इसके तहत डेवलपर को स्टेशन परिसर का विकास अपनी लागत से करना होगा और जिसे राजस्व में हिस्सेदारी के माध्यम से वसूला जाएगा.

केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस रेलवे हेल्पलाइन नं. 1512 की शुरूआत की-(19-JUL-2015) C.A

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हरीभाई परथीभाई चौधरी ने नई दिल्ली में ‘केंद्रीयकृत दिल्ली पुलिस रेलवे हेल्पलाइन नं. 1512’ की शुरूआत 17 जुलाई 2015 को की. दिल्ली पुलिस रेलवे लाइन नं. 1512 से सभी रेलयात्रियों को लाभ होगा.
रेलयात्री अब चलती रेलगाडि़यों से नीचे उतरे बिना शिकायतें और सुझाव दर्ज करा सकते हैं. कोई व्यक्ति देश के किसी हिस्से से इस अखिल भारतीय हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकता है. फैक्स/ई-मेल पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और प्राथमिकी की प्रतिलिपि फैक्स/ई-मेल/डाक द्वारा शिकायतकर्ता के पास भेजी जाएगी.

इस हेल्पलाइन के लाभ
• इस हेल्पलाइन के माध्यम से रेलवे स्टेशनों और चलती रेलगाडि़यों में यात्रियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. 
• पुलिस नियंत्रण कक्ष सं. 100 और दिल्ली पुलिस रेलवे की समर्पित वॉट्सऐप सं. 875081512, जिस पर संबंधित तस्वीर और वीडियो भी प्राप्त किये जा सकते हैं, पर मामले दर्ज कराये जा सकते हैं‍. 
• दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष में एसटीडी सुविधायें प्रदान की गई हैं, ताकि मुसीबत में पड़े किसी व्यक्ति से संपर्क किया जा सके और राज्यों के संबंधित नियंत्रण कक्ष/थाने से बात की जा सके. 
• दिल्ली पुलिस रेलवे नियंत्रण कक्ष शीघ्रतापूर्वक शिकायत स्थानांतरित करेगा, ताकि दिक्कत में पड़े यात्री की सहायता के लिए शीघ्र ही चलती रेलगाड़ी में सुरक्षाकर्मी भेजे जा सकेंगे. 
• शिकायतकर्ताओं की समस्या का समाधान होने तक पुलिस अधिकारी उनके संपर्क में रहेंगे.
• दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मोबाइल सेवाप्रदाताओं द्वारा उपलब्ध सेवायें प्राप्त करने वाले यात्रियों के लिए 1512 एक अखिल भारतीय नं. है.
• देश के किसी अन्य स्थान में पंजीकृत मोबाइल फोन वाले यात्रियों के लिए दिल्ली पुलिस रेलवे हेल्पलाइन तक पहुंच कायम करने हेतु IXXX-XX-1512 नं. डॉयल करना होगा.
• भारत के किसी हिस्से से किये गये फोन कॉल संबंधित राज्य सरकार रेलवे पुलिस (जीआरपी) के नियंत्रण कक्ष में प्राप्त होंगे और इसके बाद मुसीबत में पड़े व्यक्ति की समस्या का शीघ्र निदान किया जाएगा. 
• इस सेवा के जरिये जीआरपी संबंधी मुद्दों के लिए एक अखिल भारतीय आधार पर एकल नंबर उपलब्ध होता है.

सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश द्वारा मुख्य न्यायाधीश की संवैधानिक स्थिति के बारे में स्पष्टता की मांग-(19-JUL-2015) C.A

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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कुरियन जोसफ ने 15 जुलाई 2015 को केंद्र सरकार से भारत के मुख्य न्यायाधीश की संवैधानिक स्थिति के बारे में स्पष्टता की मांग की.

यह प्रश्न न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) अधिनियम, 2014 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उठाया गया.

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय एनजेएसी, भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्तियों और तबादलों में कार्यपालिका एवं न्यायपालिका को बराबरी का दर्जा देता है.

न्यायमूर्ति कुरियन द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण के अनुसार मुख्य न्यायाधीश की संवैधानिक भूमिका संविधान की अनुसूची 3 और अनुच्छेद 124 के दो अलग पदों के साथ निहित हैं, जिसकी अस्पष्टता पर न्यायमूर्ति कुरियन द्वारा स्पष्टीकरण की मांग की गयी.
अनुसूची 3 में शपथ और प्रतिज्ञान के रूप में जो मसौदा दिया गया है उसमें कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश भारत के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेता है. अनुच्छेद 124 के अनुसार राष्ट्रपति के वारंट के अनुसार उसे भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जाना जाता है.

पूर्व पदनाम के अनुसार मुख्य न्यायाधीश को सुप्रीम कोर्ट के विशेष कार्यालय में कार्य करने के लिए निर्धारित किया गया है तथा उसके लिए अलग से किसी शपथ की व्यवस्था नहीं की गयी. 

न्यायमूर्ति कुरियन के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश की भूमिका पर एनजेएसी 2014 की वैधता का विशेष महत्व है क्योंकि मुख्य न्यायाधीश छह सदस्यों वाले आयोग में एक सदस्य है तथा उसे एनजेएसी अध्यक्ष के तौर पर कोई वीटो पावर भी नहीं दी गयी है.

आंध्र प्रदेश आपदा रिकवरी परियोजना के लिए भारत और विश्व बैंक ने वित्तीय समझौता किया-(19-JUL-2015) C.A

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16 जुलाई 2015 को भारत और विश्व बैंक ने आंध्र प्रदेश आपदा रिकवरी परियोजना को 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता देने के लिए एक वित्तीय समझौते पर हस्ताक्षर किया. यह पांच वर्षों के कार्यान्वयन अवधि का एक ऋण है और परियोजना का कार्यान्वयन एजेंसी का काम आंध्र प्रदेश सरकार करेगी.

समझौते पर केंद्र सरकार के आर्थिक मामला विभाग के संयुक्त सचिव एस सेलवाकुमार और विश्व बैंक की तरफ से विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ( भारत) ओन्नो रुहल ने हस्ताक्षर किया.

जबकि परियोजना समझौते पर आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से भूमि एवं आपदा प्रबंधन के मुख्य सचिव जगदीश चंदर शर्मा ने हस्ताक्षर किया.
आंध्र प्रदेश आपदा रिकवरी परियोजना की मुख्य बातें 
• परियोजना का उद्देश्य आंध्र प्रदेश के लक्षित समुदायों में सार्वजनिक सेवाओं, पर्यावरणीय सुविधाओं और आजीविका को फिर से बहाल करना, उसमें सुधार लाना और लचीलेपन का बढ़ाना है. 
• इसका उद्देश्य संकट या आपात स्थितियों के समय तत्काल और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने की राज्य की क्षमता को बढ़ाना है. 
• परियोजना से सीधे लाभ प्रभावित तटीय इलाकों खासकर सबसे अधिक प्रभावित चार जिलों – श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम और पूर्वी गोदावरी, की आबादी को होगा.
इसके सात घटक होंगे–
–बिजली का लचीला नेटवर्क.
–कनेक्टिविटी और आश्रय की बुनियादी सुविधाओं की बहाली.
–समुद्र तट की बहाली और सुरक्षा. 
–पर्यावरण सेवाओं और सुविधाओं की बहाली और आजीविका समर्थन.
–आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता.
–परियोजना कार्यान्वयन समर्थन 
–आकस्मिकता आपातकालीन प्रतिक्रिया.

CCEA ने 7 राज्यों में अंतर राज्य ट्रांसमिशन प्रणाली बनाने की मंजूरी दी-(19-JUL-2015) C.A

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आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति (CCEA) ने 16 जुलाई 2015 को देश के 7 राज्यों में अंतर राज्य ट्रांसमिशन प्रणाली बनाने की मंजूरी दे दी. ये सात राज्य हैं– आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान.
इस प्रणाली का निर्माण 8548 करोड़ रुपयों की अनुमानित लागत के साथ किया जाएगा जिसमें से 3419 करोड़ रुपये (कुल लागत का 40 फीसदी) का योगदान राष्ट्रीय स्वच्छ उर्जा कोष (NCEF) करेगा.  बाकी की लागत KfW ( जर्मन डेवलपमेंट बैंक) ऋण (कुल लागत का 40 फीसदी) से और बाकी का 20 फीसली लागत खर्च राज्य के योगदान से पूरा किया जाएगा. 

इस बात का फैसला नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई  CCEA की बैठक में किया गया था. परियोजना के तीन से पांच वर्ष में पूरा किए जाने की उम्मीद है. 

परियोजना के तहत– इन सात राज्यों में 7800ckt-kms (सर्किट किलोमीटर) से अधिक की स्थापना कर करीब 17100MVA की कुल ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता के साथ विभिन्न वोल्टेज स्तरों के लिए 48 नए ग्रिड उप– केंद्रों की स्थापना करना शामिल है.

सीसीआई ने 4 राजकीय बीमा कंपनियों पर 671 करोड़ रुपयों का जुर्माना लगाया-(19-JUL-2015) C.A

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17 जुलाई 2015 को भारतीय प्रतिस्पर्धी आयोग ( सीसीआई) ने सार्वजनिक क्षेत्र की चार बीमा कंपनियों पर 671.05 करोड़ रुपयों का जुर्माना लगा दिया. 

यह जुर्माना साल 2010-11, 2011-12, 2012-13 के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना हेतु बीमा सेवा प्रदाताओं को चुनने के लिए केरल सरकार द्वारा शुरु की गई बोली प्रक्रिया में हेर–फेर करने की वजह से लगाया गया था. इस योजना से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों और गरीब परिवारों को लाभ मिलना था.
कंपनियां और उनपर जुर्माना इस प्रकार है– नेशनल इंश्योरेंस (162.80 करोड़ रुपये), न्यू इंडिया एश्योरेंस (251.07 करोड़ रुपये), ओरिएंटल इंश्योरेंस (100.56 करोड़ रुपये) और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस (156.62 करोड़ रुपये).

ये आदेश सीसीआई को प्रतिस्पर्धी अधिनियम, 2002 की धारा 19 (1) के तहत चार बीमा कंपनियों के खिलाफ मिली गुमनाम सूचना के आधार पर पारित किए गए. सूचना में अधिनियम की धारा 3 के प्रावधानों का कथित उल्लंघन करने की बात कही गई थी. धारा 3 में बोली में हेराफेरी सहित  विरोधी समझौतों के मामलों की जांच की जाती है. 

आयोग ने नोट किया कि इन कंपनियों के बीच की बहस का परिणाम बोली प्रक्रिया में हेरफेर रहा जो कि अधिनियम की धारा 3(1) के साथ धारा 3(3)(d) के प्रावधानों का उल्लंघन है. 

अपने आदेश में निष्पक्ष व्यापार नियामक ने उनसे प्रतिस्पर्धा विरोध को खत्म करने को कहा.

आरबीआई ने सीबीएस सहकारी बैंकों को प्रायोजक बैंकों के साथ मिलकर एटीएम कार्ड जारी करने की अनुमति दी-(19-JUL-2015) C.A

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16 जुलाई 2015 को भारतीय रिजर्व बैंक ने कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस (सीबीएस) वाली सहकारी बैंकों को प्रायोजक बैंकों के साथ मिलकर एटीम कार्ड/ एटीम–सह–डेबिट कार्ड जारी करने की अनुमति दे दी. 

आरबीआई ने यह फैसला कम–नगद अर्थव्यवस्था की तरफ कदम बढ़ाने की कोशिश और बैंक के ग्राहकों में इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट चैनलों के इस्तेमाल की आदत विकसित करने के उद्देश्य से किया है.
 
इसके अलावा, इन सहकारी बैंकों को राष्ट्रीय वित्तीय स्विच (एनएफएस) के उप–सदस्य होने के नाते प्रायोजक बैंक द्वारा निर्धारित जोखिम प्रबंधन जरूरतों को पूरा करना होगा और प्रायोजक बैंक के साथ हुए समझौते के तहत उन पर आए खर्चों का जिम्मा लेना होगा.
साथ ही बैंकों को कार्ड्स जारी करने, कार्जों के अधिकार देने और कस्टमर सपोर्ट/ निवारण तंत्र और अपने ग्राहको को निर्बाध सेवाएं मुहैया कराना सुनिश्चित करने के लिए खुद का प्रबंध करना चाहिए. 

आरबीआई ने यह फैसला सहकारी बैंकों द्वारा खुद के एटीएम नहीं होने पर मिली प्रस्तुतियों और खुद के नए एटीएम नेटवर्क वाले बैंकों के साथ मिलकर अपने ग्राहकों को एटीएम–सह–डेबिट कार्डों को जारी करने की अनुमति मांगने पर गौर करने के बाद किया है.
इस प्रकार के लेनदेन को करने के लिए एनएफएस के प्रत्यक्ष सदस्य या एक उप–सदस्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए अभ्यावेदन जांच करने के बाद आरबीआई ने यह फैसला किया है.

एनएफएस का उप–सदस्य बनने के लिए निम्नलिखित मानदंड हैं–
• पूरी तरह से लागू कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस (सीबीएस). 
• बैंकिंग व्यापार करने के लिए लाइसेंस 
• प्रायोजक बैंक ( एक बैंक जिसके पास खुद का एटीएम नेटवर्क कनेक्टिविटी हो) से परिचय
• नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) से कनेक्टिविटी 

यह फैसला आरबीआई द्वारा 16 अप्रैल 2015 को किए गए फैसले का अगला कदम है जिसमें आरबीआई ने राज्य सहकारी बैंकों को अपनी जरूरतों और क्षमताओं के अनुसार संचालन इलाके में ऑफसाइट/ मोबाइल एटीएम लगाने की अनुमति दी थी. 

हालांकि वे आरबीआई से पूर्व अनुमति लेकर और निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करने के बाद ही मोबाइल एटीएम लगा सकते हैः 
• CRAR 9 फीसदी से कम नहीं किया जा सकता.
• पिछले वित्त वर्ष के दौरान सीआरआर/एसएलआर के रखरखाव में कोई दोष नहीं. 
• शुद्ध एनपीए 5 फीसदी से कम होना चाहिए. 
• नियामक अनुपालन का ट्रैक रिकॉर्ड बैंक के पास होना चाहिए और बीते दो वित्त वर्षों के दौरान बैंक पर आरबीआई के निर्देशों/ दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए किसी प्रकार का मौद्रिक दंड न लगाया गया हो.

किसानों को कुल प्रत्यक्ष ऋण पिछले तीन वर्षों के औसत से नीचे नहीं दिया जाना चाहिएः आरबीआई-(19-JUL-2015) C.A

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16 जुलाई 2015 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसानों को दिया जाने वाला कुल प्रत्यक्ष ऋण पिछले तीन वर्षों के औसत के कम न हो. 
आरबीआई ने ये निर्देश सरकार द्वारा मौसम की प्रतिकूल स्थिति को देखते हुए प्रत्यक्ष ऋण में किसी भी कमी के प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता व्यक्त करने को ध्यान में रख कर जारी किया है. 

इसके अलावा आरबीआई ने बैंकों को चेतावनी दी है कि प्राथमिक क्षेत्र के लिए निर्धारित लक्ष्य से कम दिए जाने वाले प्रत्यक्ष ऋण पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. 
रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि बैंकों को पहले प्रत्यक्ष कृषि क्षेत्र का गठन करने वाले लाभार्थियों को 13.5 फीसदी प्रत्यक्ष ऋण के स्तर पर पहुँचाने के लिए प्रयास करना जारी रखना चाहिए. 

कृषि में प्रत्यक्ष ऋण को बढ़ाने के प्रयास में आरबीआई ने अप्रैल 2015 में प्राथमिकता क्षेत्र मानदंड़ों के तहत छोटे और सीमांत किसानों के लिए प्रत्यक्ष ऋण के लक्ष्य को संशोधित करते हुए इसे साल 2015-16 के लिए 7 फीसदी और 2016-17 के लिए 8 फीसदी कर दिया. 

सबसे वंचित किसानों, छोटे और सीमांत किसानों के लिए प्रत्यक्ष ऋण समायोजित निवल बैंक ऋण ( या क्रेडिट इक्विवैलेंट अमाउंट ऑफ ऑफ–बैलेंस शीट एक्सपोजर, जो भी अधिक हो) के करीब 6 फीसदी के आसपास रहा है.  

इसके अलावा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कृषि के बीच का अंतर खत्म हो गया है और खाद्य एवं कृषि प्रसंस्करण इकाईयों के लिए ऋण कृषि का हिस्सा होगा. कृषि के लिए बैंकों का कुल लक्ष्य 18 फीसदी है.

फोटोकूल में हुए आत्मघाती बम विस्फोट के बाद कैमरून ने इस्लामी नकाब पर प्रतिबंध लगाया-(19-JUL-2015) C.A

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Cameroon16 जुलाई 2015 को कैमरून ने सूदूर उत्तरी इलाके में बुर्का समेत पूरे चेहरे को ढ़कने वाले इस्लामी नकाब को पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया. यह फैसला दो आत्मघाती बम धमाकों जिसमें दो महिलाओं जिन्होंनें धार्मिक परिधान पहन रखे थे, ने कैमरून के फोटोकूल में 12 जुलाई 2015 को खुद को विस्फोट से उड़ा दिया था.
इन हमलों में कम–से–कम 13 लोगों की जान गई थी. मुख्य रूप से इस्लामी इलाके के गवर्नर ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए यह फैसला किया गया है. इसके अलावा कैमरून के उत्तर में रहने वाले मुसलमानों के रमजान के खत्म होने पर बिना इजाजत बड़े समारोह करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
मध्य अफ्रीकी देश का उत्तरी इलाका चाड, कांगो और गबोन ने बुर्का समेत धार्मिक परिधान को सार्वजनिक स्थलों पर गैर–कानूनी बना दिया है. 
ये सभी देश नाइजीरिया का इस्लामी समूह–बोको हरम से प्रभावित हैं. बोको हरम के आतंकवादी आम तौर पर महिला आत्मघाती हमलावरों का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि ये सार्वजनिक स्थानों पर बिना पता लगने दिए बमों की तस्करी कर सकती हैं.

ग्रीक संसद ने यूरोपीय संघ अनिवार्य मितव्ययिता उपायों को लागू करने के लिए विधेयक पारित किया-(19-JUL-2015) C.A

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16 जुलाई 2015 को ग्रीस की यूनानी संसद ने यूरोपीय संघ अनिवार्य मितव्ययिता उपायों को लागू करने के लिए विधेयक पारित कर दिया और यूरोपीय संघ के बेलआउट कोष को ग्रीस लाने का रास्ता साफ कर दिया. 
सदनी विधायिका के कुल 300 सदस्यों में विधेयक के पक्ष में 229 वोट पड़े जबकि 64 वोट उसके खिलाफ डाले गए और छह अनुपस्थिति में और तीन यूरोपीय विपक्षी दलों का समर्थन उसे मिल गया.
12 जुलाई 2015 को हुए यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन में ईयू ने ग्रीस को 82-86 बिलियन यूरो के बीच बेलआउट पैकेज देने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी जो कि ग्रीस के संसद में निम्नलिखित वैधानिक उपायओं के अनुमोदन के अधीन था.
  • वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) प्रणाली को व्यवस्थित करना और राजस्व बढ़ाने के लिए कर आधार का विस्तार
  • व्यापक पेंशन सुधार कार्यक्रम के हिस्सा के तौर पर पेंशन प्रणाली के दीर्घ–कालिक स्थिरता में सुधार के लिए उपाय.
  • यूनानी सांख्यिकीय प्राधिकरण के पूर्ण कानूनी स्वतंत्रता की सुरक्षा.
  • स्थिरता, समन्वय और आर्थिक एवं मौद्रिक संघ में प्रशासन के प्रासंगिक प्रावधानों का पूर्ण कार्यान्वयन.
  • महत्वाकांक्षी प्राथमिक अधिशेष लक्ष्यों से विचलन के मामले में अर्ध–स्वचालित खर्च कटौती को राजकोषीय परिषद से सलाह के बाद शामिल करना और ऋण संस्थानों के पूर्व अनुमोदनों के अधीन.
संसद द्वारा कानून का अनुमोदन ग्रीस के लिए बहुत जरूरी राहत की स्वीकृति देता है क्योंकि जनता गंभीर पूंजी नियंत्रण की चपेट में थी क्योंकि वे एक दिन में एटीएम से सिर्फ 60 यूरो ही निकाल सकते थे और बैंक एवं स्टॉक एक्सचेंज 29 जून 2015 से ही बंद पड़े हैं.
इसके अलावा ग्रीस ईयू से विशेष कोष द्वारा 7 बिलियन यूरो का ऋण ले सकता है ताकि वह यूरोपीयन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) को 20 जुलाई 2015 की समय– सीमा तक 4.2 बिलियन यूरो का ऋण चुका सके.

केरल क्रिकेट संघ सरकारी कार्यालय नहीं हैः केरल उच्च न्यायालय-(19-JUL-2015) C.A

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15 जुलाई 2015 को केरल उच्च न्यायालय ने माना कि केरल क्रिकेट संघ (KCA) सरकारी कार्यालय नहीं है. KCA भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का सदस्य है. यह फैसला जस्टिस ए मोहम्मद मुस्ताक ने केसीए अध्यक्ष टी सी मैथ्यू और अन्य पदाधिकारियों की तरफ से दायर रिट याचिकाओं से संबंधित फैसले में किया.
याचिका त्रिशूल सतर्कता अदालत द्वारा केरल क्रिकेट संघ के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार अधिनियम 1988  के तहत शुरु की गई कार्यवाही के खिलाफ दर्ज किया गया था. ये कार्यवाही एर्नाकुलम जिले में एडाकोची में प्रस्तावित स्टेडियम के लिए जमीन की खरीद में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित थी. फैसले में अदालत ने कहा कि चूंकि केसीए सरकारी कार्यालय नहीं है और स्टेडियम बनाने के लिए यह किसी वैधानिक कानून या
सरकार के फैसले के तहत कानूनी दायित्व के अधीन नहीं था इसलिए केसीए अधिकारियों के खिलाफ किसी शिकायत पर विचार नहीं किया जाएगा.
इसके अलावा, अदालनत ने माना कि अगर स्टेडियम का निर्माण किसी सकारात्मक कानून या सरकार के निर्देशों के अनुसार किया जाता है तो उसका काम सार्वजनिक कर्तव्य के दायरें में आएगा.

दर्शकों के सीमित समर्थन की वजह से चैंपियंस लीग T20 को समाप्त कर दिया गया-(19-JUL-2015) C.A

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चैंपियंस लीग T20 (CLT20) के शासी परिषद (GC) ने 15 जुलाई 2015 को दर्शकों से मिलने वाले सीमित समर्थन को देखते हुए CL प्रतियोगिता को खत्म करने का फैसला किया. शासी परिषद (GC) में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड, क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) के प्रतिनिधि हैं. 

अब जबकि प्रतियोगिता खत्म कर दी गई है  2015 का CLT20 जो कि सितंबर और अक्टूबर में होने वाला था, योजना के अनुसार नहीं हो पाएगा. 
14 जुलाई 2015 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जस्टिस लोढ़ा समिति के आईपीएल की चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स टीम को दो वर्षों के लिए निलंबित करने के फैसले की पृष्ठभूमि में CLT20 का खत्म किया जाना काफी अहमित रखता है. 
संयोग से चेन्नई सुपर किंग्स CLT20 के विजेता होने के साथ– साथ IPL2015 की उप–विजेता टीम भी है. 
CLT20 के बारे में
  • यह वार्षिक अंतरराष्ट्रीय ट्वेंटी20 क्रिकेट प्रतियोगिता है जो क्रिकेट खेलने वाले प्रमुख देशों के शीर्ष घरेलू टीमों के बीच खेला जाता है.
  • इसकी शुरुआत 2008 में हुई थी और इसका पहला संस्करण अक्टूबर 2009 में खेला गया था.
  • प्रतियोगिता को खत्म करने से पहले, आईपीएल, बिग बैश लीग (ऑस्ट्रेलिया), राम स्लैम टी20 चैलेंज (दक्षिण अफ्रीका) और कैरेबियन प्रीमियर लीग डायरेक्ट इंट्रेंट्स थे जबकि हायर T20 कप (पाकिस्तान) औऱ श्रीलंका प्रीमियर लीग क्वालिफाइंग स्टेज इंट्रेंट्स थे.

भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुक करने के नियम में संशोधन किया-(18-JUL-2015) C.A

| Saturday, July 18, 2015
भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुक करने के नियम में 18 जुलाई 2015 को संशोधन की घोषणा की. नए नियम के तहत तत्काल टिकट बुक करते समय पहचान पत्र की फोटोकापी अथवा उसका नंबर देने की आवश्यकता नहीं होगी. संशोधित प्रावधान 01 सितम्बर 2015 से प्रभावी होगा.
भारतीय रेलवे के संशोधित नियमों के अंतर्गत कम्प्यूटराइजड आरक्षण करते समय अथवा टिकट खिड़की पर बुकिंग के समय अथवा इंटरनेट के जरिए तत्काल टिकट की बुकिंग के समय पहचान के प्रमाण की फोटोकापी देने अथवा उसका नंबर देने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी. प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार तत्काल योजना के अंतर्गत यदि टिकट बुक किया गया है तो किसी एक यात्री को यात्रा के दौरान पहचान का कोई एक प्रमाण प्रस्तुत करना होगा, ऐसा नहीं करने पर उस टिकट पर बुक किए गए सभी यात्रियों को बिना टिकट यात्रा करते हुए माना जाएगा और उनसे दंड वसूला जाएगा.
पहचान के प्रमाण के रूप में भारतीय रेलवे द्वारा मान्य दस्त्वेजों की संशोधित सूची:
1.  भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा जारी वोटर फोटो पहचान पत्र
2.  पासपोर्ट
3.  आयकर विभाग द्वारा जारी पेनकार्ड
4.  आरटीओ द्वारा जारी ड्राइविंग लाइसेंस
5.  केन्द्र/राज्य सरकारों द्वारा जारी क्रम संख्या के साथ पहचान पत्र की फोटो कापी
6.  मान्यता प्राप्त स्कूल/कॉलेज द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र
7.  राष्ट्रीकृत बैंक की फोटो के साथ पासबुक
8.  लेमिनेटेड फोटो के साथ बैंकों द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड
9.  आधार कार्ड
10.  राज्य/केन्द्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, जिला प्रशासनों, स्थानीय निकायों तथा पंचायत प्रशासन द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र

विदित हो कि वर्तमान निर्देशों के अनुसार तत्काल टिकट पर यात्रा करने के लिए पीआरएस केन्द्र से टिकट की बुकिंग करते समय यात्री को उस पहचान पत्र की प्रति देनी होती है जिसे यात्रा में वह अपने साथ रखेगा. इस पहचान पत्र की संख्या टिकट और रिजर्वेशन चार्ट पर दी होती है. यात्रा के दौरान यात्री को पहचान का मौलिक सबूत लेकर चलना होता है. जिसे नहीं रखने पर बिना टिकट यात्रा करते हुए माना जाता है और फलस्वरूप उनसे शुल्क लिया जाता है. यदि यात्री ने इंटरनेट के जरिए बुकिंग की है तो बुकिंग के समय उसे पहचान पत्र की संख्या और उसका प्रकार बताना होता है तथा साथ ही उसी पहचान पत्र को यात्रा के दौरान लेकर चलना होता है.