फ्रांस के लेखक पैट्रिक मोदियानो को वर्ष 2014 के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार 9 अक्टूबर 2014
को दिया गया. पैट्रिक मोदियानो साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीतने
वाले 11वें फ्रांसीसी लेखक बनें.
मोदियानो के लेखन में आमतौर पर फ्रांस पर नाजी आधिपत्य की
बानगी व उसका प्रभाव झलकता है. 69 वर्षीय मोदियानो
ने द्वितीय विश्व युद्ध और 1940 के दशक की घटनाओं पर काफी
लेखन किया है.
साहित्य के नोबेल की दौड़ में केन्या के कवि गूग्गी वा
थियोंग'ओ (विजार्ड ऑफ द क्रो) और जापानी उपन्यासकार
हारूकी मुराकामी, बेलारूस की पत्रकार स्वेतलाना एलेक्सीवेच,
नॉर्वे के प्लेराइट जैन फॉस (नाइट सॉन्ग्स) और फिलिप रॉथ (अमेरिकन
पैस्टोरल) भी इसके दावेदारों में थे. वर्ष 1968 में अपनी पहली
पुस्तक लिखने वाले मोदियानो मुख्य रूप से इतिहास पर केंद्रित उपन्यास लिखते हैं.
इस प्रतिष्ठित सम्मान के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की
पुण्यतिथि (दस दिसंबर) के अवसर पर मोदियानो को अस्सी लाख स्वीडिश क्रोनर (11 लाख अमेरिकी डॉलर यानी पौने सात करोड़ रुपये) दिए जाएंगे. मोदियानो ने
अपने कई ऐतिहासिक उपन्यासों में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मन तानाशाह
एडोल्फ हिटलर द्वारा फ्रांस पर कब्जे के दौरान नाजियों के बर्बर अत्याचार और ऐसे
माहौल में जिंदगी के लिए जूझते इंसान की कहानी का वर्णन किया.
साहित्य के क्षेत्र में 11वां नोबेल पुरस्कार
पाने वाले पैट्रिक इससे पहले ग्रैंड प्रिक्स डु रोमन डे आई एकेडमी फ्रेंकाइस,
द प्रिक्स गॉनकोर्ट, द प्रिक्स मोंडियाल सीनो
डेल डुका (2010) और द ऑस्ट्रेलियन स्टेट प्राइज फॉर यूरोपीयन
लिटरेचर (2012) जैसे पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं. वर्ष
2014 का यह चौथा नोबेल पुरस्कार है. यह पुरस्कार लोगों को
वर्ष 1901 से विज्ञान साहित्य और शांति के क्षेत्र में
उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया जाता है.
पैट्रिक मोदियानो
पैट्रिक मोदियानो का जन्म 30 जुलाई 1945 में पश्चिम पेरिस के एक कस्बे में हुआ. उनके पिता इटली मूल के यहूदी थे. मां बेल्जियम की अभिनेत्री थीं, जिनसे उनके पिता की मुलाकात पेरिस के आधिपत्य के दौरान हुई थी. वह तब से अब तक पेरिस में रह रहे हैं. उन्होंने वर्ष 1974 में फीचर फिल्म 'लेकोंबे, लुसियन' भी बनाई. वर्ष 2000 में वे कान फिल्म फेस्टिवल में ज्यूरी के सदस्य भी रहे. वर्ष 2012 में उन्हें यूरोपीय साहित्य के लिए ऑस्टियन स्टेट प्राइज भी मिला.
पैट्रिक मोदियानो
पैट्रिक मोदियानो का जन्म 30 जुलाई 1945 में पश्चिम पेरिस के एक कस्बे में हुआ. उनके पिता इटली मूल के यहूदी थे. मां बेल्जियम की अभिनेत्री थीं, जिनसे उनके पिता की मुलाकात पेरिस के आधिपत्य के दौरान हुई थी. वह तब से अब तक पेरिस में रह रहे हैं. उन्होंने वर्ष 1974 में फीचर फिल्म 'लेकोंबे, लुसियन' भी बनाई. वर्ष 2000 में वे कान फिल्म फेस्टिवल में ज्यूरी के सदस्य भी रहे. वर्ष 2012 में उन्हें यूरोपीय साहित्य के लिए ऑस्टियन स्टेट प्राइज भी मिला.
मोदियानो मूलत: फ्रेंच में लिखते हैं. स्वीडिश भाषा में
उनकी पुस्तकों का काफी अनुवाद हुआ है. अंग्रेजी में भी कुछ उपन्यासों का अनुवाद
हुआ है.
मोदियानो ने 30 से अधिक उपन्यास
लिखे हैं. उनके प्रमुख उपन्यासों में 'मिसिंग पर्सन',
'ए ट्रेस ऑफ मेलाइस', 'हनीमून' 'विला ट्रिस्ट' शामिल हैं. मिसिंग पर्सन के लिए
उन्हें वर्ष 1978 में प्रतिष्ठित प्रिक्स गोनकोर्ट पुरस्कार
मिल चुका है. उन्होंने बच्चों की किताबें और फिल्म पटकथाएं भी लिखी हैं.
साहित्य के नोबेल पुरस्कार से संबंधित मुख्य तथ्य
साहित्य के नोबेल पुरस्कार से संबंधित मुख्य तथ्य
· साहित्य का नोबेल वर्ष 1901 से वर्ष 2013
तक 110 लेखकों को दिया जा चुका है.
· सात बार (1914, 1918, 1935, 1940, 1941, 1942
और 1943) यह पुरस्कार किसी को भी नहीं मिला.
· अभी तक सिर्फ 13 महिलाओं को
साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला है.
· इस पुरस्कार को पाने वाले सबसे युवा लेखक द जंगल बुक के लिए
विख्यात रडयार्ड किपलिंग हैं. वर्ष 1907 में अवार्ड पाने
के समय उनकी उम्र 42 वर्ष थी.
· वर्ष 2013 में साहित्य का
नोबेल कनाडा की 82 वर्षीय लेखिका एलिस मुनरो को दिया गया था.
· वर्ष 1913 में भारतीय कवि
रवींद्रनाथ टैगोर को उनकी प्रसिद्ध रचना गीतांजलि के लिए साहित्य के क्षेत्र में
नोबेल मिला था. उसके बाद किसी भी भारतीय को यह पुरस्कार नहीं मिला.
· इस वर्ष पैट्रिक मोदियानो को साहित्य का
नोबेल पुरस्कार दिया गया है.वे फ्रांस के नागरिक हैं और 11 वें
ऐसे फ्रांसिसी हैं, जिन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया
गया.
नोबेल पुरस्कार से संबंधित मुख्य
तथ्य
इसकी शुरुआत स्वीडन के वैज्ञानिक और डायनामाइट के आविष्कारक
अल्फ्रेड नोबेल के द्वारा वर्ष 1895 में लिखी वसीयत
में की गई थी. वर्ष 1901 में पहली बार भौतिकी, रसायन शास्त्र, चिकित्सा या कार्यिकी, साहित्य और शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
नोबेल पुरस्कार के रूप में 80 लाख स्वीडिश
ब्रोकर यानि करीब 7.5 करोड रूपये की राशि प्रदान की जाती है.
वित्तीय संकट के कारण नोबेल फाउंडेशन ने वर्ष 2012 के
पुरस्कार राशि में 20 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया
था.
0 comments:
Post a Comment