भारत-बांग्लादेश
संयुक्त राफ्टिंग अभियान अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले में सियोम नदी पर 1
अक्टूबर से 3 अक्टूबर 2014 के बीच आयोजित किया गया. इस अभियान को आर्मी एडवेंचर
नोड केन्द्र, आलो द्वारा भारतीय सेना की पांचवीं माउंटेन ब्रिगेड के तत्वावधान में
आयोजित किया गया. अभियान के दौरान टीम ने अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले
में थुमबिन से पंगिन को सियोम नदी की धाराओं पर राफ्टिंग की दोनों टीमों में
दो अधिकारियों सहित 10 सैन्य कर्मियों का दल शामिल था.
अभियान को
थुमबिन पर 1 अक्टूबर 2014 को लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत, जीओसी स्पीयर कोर ने
झंडी दिखाकर रवाना किया और पंगिन पर 3 अक्टूबर 2014 को मेजर जनरल सुनील
श्रीवास्तव, जीओसी 56 इन्फैंट्री डिवीजन द्वारा झंडी दिखाकर आगवानी की. भारतीय
सेना टीम को मेजर सचिन निकम ने नेतृत्व प्रदान किया और बांग्लादेशी टीम मेजर का
नेतृत्व मोहम्मद नज्मुस सादात ने किया. बांग्लादेशी टीम 18 सितंबर, 2104 को भारत
पहुंची और आलो में भारतीय व्हाइट वाटर राफ्टिंग नोड द्वारा इनको प्रशिक्षित किया
गया. यह अभियान दोनों पड़ोसी देशों की सेना के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के एक
प्रयास था.
सियोम नदी के बारे में
सियोम नदी को योमगो के रूप में भी जाना जाता हैं जो तिब्बत से निकलती है और लगभग 3700 मीटर की ऊंचाई पर भारत-चीन सीमा पर खड़ी घाटियों के माध्यम से मियांडर बनाती हुई भारत में प्रवेश करती है भारत में प्रवेश करने के बाद यह पंगिन में सियांग (ब्रह्मपुत्र) में मिलती है, जो की आलो से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर हैं. यह अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले की सबसे बड़ी नदी है.
सियोम नदी के बारे में
सियोम नदी को योमगो के रूप में भी जाना जाता हैं जो तिब्बत से निकलती है और लगभग 3700 मीटर की ऊंचाई पर भारत-चीन सीमा पर खड़ी घाटियों के माध्यम से मियांडर बनाती हुई भारत में प्रवेश करती है भारत में प्रवेश करने के बाद यह पंगिन में सियांग (ब्रह्मपुत्र) में मिलती है, जो की आलो से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर हैं. यह अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले की सबसे बड़ी नदी है.
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