भारत अति अमीरों के मामले में दुनिया में 11वें स्थान पर: क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट-2014-(17-OCT-2014) C.A

| Friday, October 17, 2014
क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट- 2014 (Credit Suisse Global Wealth Report- 2014) के अनुसार, भारत अति अमीरों (अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल-यूएनएचआइ) के मामले में दुनिया में 11वें स्थान पर है. देश में आर्थिक विकास के बीच बढ़ती दौलत के चलते भारत में 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति वाले अति अमीरों की संख्या 1800 पर पहुंच गई है. यह रिपोर्ट अक्टूबर 2014 के दूसरे सप्ताह में जारी की गई.
क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य
अमेरिका अति अमीरों की आबादी के मामले में प्रथम स्थान पर है. अमेरिका में विश्व के आधे यूएचएनआइ रहते हैं.
यह रिपोर्ट बढ़ती संपन्नता के बीच बड़े पैमाने की गरीबी का भी जिक्र करती है. इसके अनुसार, दुनिया की 95 प्रतिशत वयस्क जनसंख्या के पास 10,000 अमेरिकी डॉलर (करीब छह लाख रुपये) से कम की संपत्ति है. इसके मुकाबले विश्व की एक बहुत छोटी आबादी (करीब 0.3 फीसद) के पास एक लाख अमेरिकी डॉलर (60 लाख रुपये) की दौलत है. 
भारत में भी आय और संपत्ति के मामले में भारी असमानता है. देश में 650 लोगों के पास 10 करोड़ डॉलर (करीब 600 करोड़ रुपये) से ज्यादा की संपत्ति है। रिपोर्ट की मानें तो देश में दस लाख डॉलर से ज्यादा दौलत वालों की संख्या 3.5 लाख है। यह पांच सालों में बढ़कर 5.3 लाख हो जाएगी।
क्रेडिट सुइस ने उन लोगों को अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (यूएनएचआइ) माना है, जिनके पास पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है. भारतीय मुद्रा में दौलत का यह आंकड़ा 300 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
दुनिया भर में ऐसे दौलतमंदों की तादाद 128200 है. इनमें से 45200 लोगों के पास 50 करोड़ डॉलर (तकरीबन 3000 करोड़ रुपये) की संपत्ति है. वैसे, दुनिया भर की कुल दौलत बीते एक साल की अवधि में 20100 अरब डॉलर बढ़कर 263000 अरब डॉलर पर पहुंच गई.

विदित हो कि क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट(Credit Suisse Global Wealth Report), वर्ष 2010 से प्रतिवर्ष क्रेडिट सुइस संस्था द्वारा जारी की जाती है. इस संस्था का मुख्यालय स्विट्जरर्लैड में स्थित है.


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