केंद्र सरकार ने एनएसईएल को इसकी नियंत्रक कंपनी एफटीआईएल के साथ विलय का आदेश दिया-(26-OCT-2014) C.A

| Sunday, October 26, 2014
केंद्र सरकार ने 21 अक्टूबर 2014 को घोटाले में घिरी नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) को इसकी नियंत्रक कंपनी फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज इंडिया लिमिटेड (एफटीआईएल) के साथ विलय करने का आदेश दिया. कारपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी कानून, 1956 की धारा 396 के तहत एनएसईएल का विलय उसकी होल्डिंग कंपनी एफटीआईएल में करने हेतु एक आदेश का मसौदा जारी किया. यह पहली बार हुआ है कि निजी क्षेत्र में एक सूचीबद्ध कोई इकाई केंद्र सरकार की धारा 396 के तहत शामिल की गई.

यह निर्णय निवेशकों और अन्य जो नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड में 5600 करोड़ रुपये के घोटाले से प्रभावित हुए की वसूली सुनिश्चित करने के लिए किया गया. सरकार ने यह कदम आवश्यक रूप से सार्वजनिक हित में उठाया, एक्सचेंज के पास कोई वहनीय व्यावसाय नहीं रह गया था, जबकि एफटीआई के पास शीघ्र वसूली के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं.

जुलाई 2013 में उजागर एनएसईएल घोटाले के एक वर्ष के पश्चात् सरकार ने एनएसईएल और एफटीआईएल के विलय का निर्णय लिया. एनएसईएल के एफटीआईएल में विलय का कदम संभवत: सरकार द्वारा किसी घोटालाग्रस्त निजी क्षेत्र की इकाई में 2009 के सत्यम घोटाले के बाद हस्तक्षेप किए जाने का पहला मामला है. अभी तक मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा 5600 करोड़ रुपए एनएसईएल घोटाले की जांच कर रही है और अब तक घोटाले के आरोपियों से संबंधित लगभग 6000 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति  को जब्त किया जा चुका है.

नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के बारे में
 
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) को जिग्नेश शाह के नेतृत्व वाली फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज इंडिया लिमिटेड (एफटीआईएल) समूह द्वारा कृषि और खाद्य वस्तुओं में स्पॉट ट्रेडिंग के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक विनिमय के रूप में स्थापित किया गया था. फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज इंडिया लिमिटेड इसकी होल्डिंग कंपनी है एमसीएक्स और एमसीएक्स-एसएक्स, इसके द्वारा स्थापित अन्य विनिमय संस्थान हैं.



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