विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 20 अक्टूबर 2014 को नाइजीरिया को इबोला मुक्त देश घोषित
किया. नाइजीरिया में पिछले 42 दिन से, जो
कि एक देश के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित इबोला मुक्त घोषित किए जाने की अवधि
हैं, में इबोला वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया. इसके
बाद डब्ल्यूएचओ ने इस देश को इबोला मुक्त देश घोषित किया. डब्ल्यूएचओ के अनुसार,
नाइजीरिया की सफलता पर्याप्त वित्त पोषण, त्वरित
कार्रवाई और डब्ल्यूएचओ रोग नियंत्रण के लिए अमेरिकी केंद्र और स्वयंसेवी डॉक्टरों
से प्राप्त सहायता के कारण संभव हो पाई.
इसके साथ ही नाइजीरिया पश्चिम अफ्रीका में इबोला मुक्त घोषित होने
वाला दूसरा देश (पहला सेनेगल) बन गया. नाइजीरिया में 8 सितंबर 2014 को इबोला के अंतिम मामले की पुष्टि हुई
थी. 17 अक्टूबर 2014 को संयुक्त
राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने सेनेगल को 42 दिन में इबोला वायरस
का एक भी मामला सामने नहीं आने के बाद, इसे इबोला मुक्त
घोषित कर दिया था.
डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित 42 दिन के समय का उद्देश्य
डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित 42 दिन के समय का उद्देश्य
डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों के अनुसार, 42 दिन
में इबोला वायरस का कोई भी नया मामला सामने नहीं आने के बाद किसी भी देश को इबोला
मुक्त घोषित कर दिया जाता हैं. यह 42 दिन की अवधि इबोला की
इन्क्यूबेशन अवधि (21 दिन) के समय का दुगुना हैं. यह 42
दिन की अवधि उस दिन प्रारंभ होती हैं जब देश में किसी भी व्यक्ति का
किसी इबोला से ग्रस्त या संभावित के साथ संपर्क था.
विदित हो कि इबोला वायरस ने अब तक लगभग 4500
से अधिक लोगों की जान ले ली, जिससे पश्चिम
अफ्रीका में लाइबेरिया, सिएरा लियोन और गिनी मुख्य रूप से
प्रभावित हुए. कुल मिलाकर नाइजीरिया के सबसे बड़े शहर लागोस में 20 मामलों में आठ लोगों की मृत्यु की पुष्टि की गई और पोर्ट हार्कोट के तेल
केंद्र पर लगभग 900 लोगों की इस बीमारी के लक्षणों के लिए
निगरानी की गई.
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