भारत की अंडर-21 पुरुष हॉकी टीम ने सुल्तान जोहोर कप टूर्नामेंट का खिताब जीता-(20-OCT-2014) C.A

| Monday, October 20, 2014
भारत की अंडर-21 पुरुष हॉकी टीम ने 19 अक्टूबर 2014 को सुल्तान जोहोर कप टूर्नामेंट के फाइनल में ब्रिटेन को 2-1 से हराकर लगातार दूसरी बार खिताब जीता. तमन दाया हॉकी स्टेडियम में हुए इस मुकाबले में ड्रैग-फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ने भारत की ओर से दो गोल किए. हरमनप्रीत ने पहला गोल 46वें और फिर दूसरा 70वें मिनट में किया.
ब्रिटेन की ओर से एकमात्र गोल 55वें मिनट में सैमुएल फ्रेंच ने किया. हरमनप्रीत को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया. 69वें मिनट तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थी. पेनल्टी कॉर्नर स्पेशलिस्ट हरमनप्रीत सिंह ने हूटर बजने से 27 सेकंड पहले पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल कर भारत को जीत दिलाई.
तमन दया हॉकी स्टेडियम में पहला हाफ गोलरहित छूटने के बाद हरमनप्रीत ने दूसरे हाफ में अपनी स्टिक और समझबूझ का कमाल दिखाया. जब दोनों टीमें 1-1 से बराबरी पर चल रही थी तब उन्होंने आखिरी पलों में पेनल्टी कॉर्नर पर अपना दूसरा गोल दागकर भारत को चैंपियन बनाया. इससे पहले हरमनप्रीत ने 45वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर ही गोल करके भारत को बढ़त दिलाई थी लेकिन शुरुआती राउंड में अजेय रहे ब्रिटेन के सैमुअल फ्रेंच 53वें मिनट में बराबरी का गोल करने में सफल रहे. फ्रेंच ने भी पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया. गोलकीपर अभिनव पांडे ने शुरू से ही ब्रिटिश स्ट्राइकरों को निराश किया.
पहले हाफ के आखिरी दस मिनटों में खेल में काफी तेजी देखी गई और दोनों टीमों ने गोल करने के लिए जवाबी हमलों का सहारा लिया. पांडे ने दूसरे हाफ में भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और शुरू में ही एक बेहतरीन गोल बचाया. भारत को इसके बाद पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे हरमनप्रीत सिंह ने गोल में बदलकर टीम को बढ़त दिला दी.
जोहोर कप में भारत का प्रदर्शन
वर्ष                स्थान
वर्ष 2011        चौथा
वर्ष 2012        दूसरा
वर्ष 2013        पहला
वर्ष 2014        पहला

भारत इस तरह से पहली ऐसी टीम बन गई है जिसने इस टूर्नामेंट में खिताब बरकरार रखा. इस टूर्नामेंट की शुरुआत 2011 में हुई थी. मलयेशिया ने शुरुआती और जर्मनी ने 2012 में खिताब जीता था. ब्रिटेन ने प्रारंभिक चरण में भारत को 2-0 से हराया था.
वर्ष 2011 से शुरू हुए सुल्तान ऑफ जोहोर कप टूर्नामेंट को भारत ने 2 बार (वर्ष 2013 और वर्ष 2014) जबकि मलेशिया (वर्ष 2011 में) और जर्मनी (वर्ष 2012 में) ने एक-एक बार जीता. वर्ष 2012 में भारत को जर्मनी ने 3-2 से हराकर खिताब जीता था. भारत वर्ष 2013 में मलयेशिया को 3-0 से पराजित कर चैंपियन बना था.


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