केंद्र सरकार ने अमेरिका स्थित अर्थशास्त्री अरविंद सुब्रमण्यम को
केंद्रीय वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) 16 अक्टूबर 2014 को नियुक्त किया. अरविंद सुब्रमण्यम को
अनुबंध के आधार पर तीन साल की अवधि के लिए सीईए नियुक्त किया गया.
हाल के वर्षों में सुब्रमण्यम सीईए के प्रमुख पद पर नियुक्त किए जाने
वाले अंतरराष्ट्रीय संबंध के तीसरे अर्थशास्त्री है. हाल ही में अन्य दो
अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री कौशिक बसु (विश्व बैंक के मुख्य
अर्थशास्त्री) और रघुराम राजन (वर्तमान रिजर्व बैंक के गवर्नर और पूर्व
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री) सीईए के रूप में सेवा कर रहे
हैं.
डा. अरविंद सुब्रमण्यम के बारे में
• डा. अरविंद सुब्रमण्यम सेंट स्टीफंस कॉलेज और भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के भी छात्र रहे हैं.
• डा. सुब्रमण्यबम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में अर्थशास्त्री तथा जी-20 पर वित्त मंत्री के विशेषज्ञ समूह के सदस्य भी रहे हैं.
• डा. अरविंद सुब्रमण्यम पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में डेनिस वेदरस्टोन सीनियर फेलो और वैश्विक विकास केन्द्र में सीनियर फेलो हैं.
• ‘आरईपीर्इसी’ रैंकिंग के मुताबिक, डॉ. सुब्रमण्यनम को मौजूदा समय में अनुसंधान उद्धरण के लिहाज से विश्वि के शीर्ष एक फीसदी विद्वान अर्थशास्त्रियों में शामिल किया गया.
• ‘फॉरेन पॉलिसी’ नामक पत्रिका ने डा. सुब्रमण्यम को वर्ष 2011 में विश्व के शीर्ष 100 वैश्विक चिंतकों में शामिल किया.
• वर्ष 2011 में पत्रिका ‘इंडिया टुडे’ ने डा. सुब्रमण्यम को पिछले तीस वर्षों के दौरान भारत के शीर्ष 30 ‘मास्टर्स ऑफ द माइंड’ में शामिल किया.
• डा. सुब्रमण्यम ने ‘इक्लिप्सल : लिविंग इन द शैडो ऑफ चाइनाज इकोनॉमिक डोमिनेंस’ नामक पुस्तक लिखी. जिसे चार भाषाओं प्रकाशित किया गया और इसकी 130,000 प्रतियां छापी गई. इस पुस्तक को पुरस्कृ्त भी किया गया.
• डॉ. सुब्रमण्यम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के शोध विभाग में एवं उरुग्वे दौर की व्यापार वार्ताओं के दौरान गैट में भी कार्यरत रहे.
डा. अरविंद सुब्रमण्यम के बारे में
• डा. अरविंद सुब्रमण्यम सेंट स्टीफंस कॉलेज और भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के भी छात्र रहे हैं.
• डा. सुब्रमण्यबम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में अर्थशास्त्री तथा जी-20 पर वित्त मंत्री के विशेषज्ञ समूह के सदस्य भी रहे हैं.
• डा. अरविंद सुब्रमण्यम पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में डेनिस वेदरस्टोन सीनियर फेलो और वैश्विक विकास केन्द्र में सीनियर फेलो हैं.
• ‘आरईपीर्इसी’ रैंकिंग के मुताबिक, डॉ. सुब्रमण्यनम को मौजूदा समय में अनुसंधान उद्धरण के लिहाज से विश्वि के शीर्ष एक फीसदी विद्वान अर्थशास्त्रियों में शामिल किया गया.
• ‘फॉरेन पॉलिसी’ नामक पत्रिका ने डा. सुब्रमण्यम को वर्ष 2011 में विश्व के शीर्ष 100 वैश्विक चिंतकों में शामिल किया.
• वर्ष 2011 में पत्रिका ‘इंडिया टुडे’ ने डा. सुब्रमण्यम को पिछले तीस वर्षों के दौरान भारत के शीर्ष 30 ‘मास्टर्स ऑफ द माइंड’ में शामिल किया.
• डा. सुब्रमण्यम ने ‘इक्लिप्सल : लिविंग इन द शैडो ऑफ चाइनाज इकोनॉमिक डोमिनेंस’ नामक पुस्तक लिखी. जिसे चार भाषाओं प्रकाशित किया गया और इसकी 130,000 प्रतियां छापी गई. इस पुस्तक को पुरस्कृ्त भी किया गया.
• डॉ. सुब्रमण्यम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के शोध विभाग में एवं उरुग्वे दौर की व्यापार वार्ताओं के दौरान गैट में भी कार्यरत रहे.
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डॉ. सुब्रमण्यम ने भारत, विकास, व्यापार, संस्थानों, मदद,
जलवायु परिवर्तन, तेल, बौद्धिक
संपदा, डब्यूटीओ, चीन और अफ्रीका पर
काफी कुछ लिखा है. उनके कई लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए.
सीईए का पद तब से खाली पड़ा हुआ था जब रघुराम राजन ने वर्ष 2013
को 23वें राज्यपाल के रूप में रिजर्व बैंक
शामिल होने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय छोड़ा था. रघुराम राजन ने 4 सितंबर 2013 को डी सुब्बाराव के स्थान पर रिजर्व
बैंक के गवर्नर का पदभार ग्रहण किया.
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