वियतनाम के प्रधानमंत्री नुएन तन जुंग की दो दिवसीय भारत की राजकीय
यात्रा 28 अक्टूबर 2014 को
संपन्न हुई. यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नुएन तन जुंग ने बिहार के गया स्थित
बौद्ध स्थल भी गए. उनके साथ पचास सदस्यों का शिष्टमंडल भी आया. यात्रा के दूसरे
दिन दोनों देशों के प्रधान मंर्तियों ने वार्ता की.
इस दौरान चीन की आपत्तियों को दरकिनार करते
हुए भारत ने हाइड्रोकार्बन समृद्ध दक्षिण चीन सागर में अपनी
उपस्थिति बढ़ाने का निर्णय करते हुए दो अतिरिक्त तेल और गैस ब्लाक में अन्वेषण
संबंधी समझौतों पर विएतनाम के साथ हस्ताक्षर किए. यही नहीं, दक्षिण
चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए वियतनाम की ताकत बढ़ाने का
रणनीतिक कदम उठाते हुए भारत ने दस करोड़ डॉलर की ऋण सहायता के तहत उसे चार निगरानी
और गश्ती पोत देने का निर्णय लिया.
इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित किए जाने के भारत के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने के लिए वियतनाम के प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
दोनों देशों के मध्य हुए 7 समझौते
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना पर भारत और वियतनाम के बीच समझौता ज्ञापन
बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित नालंदा विश्वविद्यालय एक गैर राज्य,गैर लाभ,स्वशासी अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जिसका उद्देश्य बौद्धिक, दार्शनिक, ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक अध्ययन करने और इस प्रकार सहिष्णुता,सामंजस्य एवं परस्पर समझ के गुण हासिल करने के लिए सभी देशों के मेधावी एवं सबसे अधिक समर्पित छात्रों को एक साथ लाना है. पहले ईएएस के 10 देशों तथा 1 गैर ईएएस देश द्वारा इस विश्वविद्यालय के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता के अंग के रूप में इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
वियतनाम के विश्व विरासत स्थल के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार हेतु दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन
यह एमओयू वियतनाम सरकार के उस प्रस्ताव से उत्पन्न हुआ है जिसमें वियतनाम के माई सन,क्वांग नाम प्रांत के विश्व विरासत स्थल में मंदिरों के समूह के जीर्णोद्धार में भारत की विशेषज्ञता एवं सहायता के लिए अनुरोध किया है तथा यह मई 2011 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की'आरंभिक संरक्षण रिपोर्ट एवं परियोजना योजना'पर आधारित है. लगभग 16 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना को विदेश मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा. इस परियोजना को भारत सरकार की ओर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा.
वियतनाम में अंग्रेजी भाषा एवं सूचना प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना हेतु समझौता ज्ञापन
इस एमओयू के तहत, वियतनाम के रक्षा मंत्रालय के दूर संचार विश्वविद्यालय में वियतनाम-भारत अंग्रेजी भाषा एवं सूचना प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा. यह केंद्र इन कौशलों में प्रशिक्षकों के प्रवीणता के सामान्य स्तर को ऊपर उठाने के लिए अंग्रेजी भाषा एवं सूचना प्रौद्योगिकी शिक्षण के लिए एक स्थाई स्थल प्रदान करेगा. यह रक्षा बलों के स्कूलों एवं प्रशिक्षण संस्थाओं के अंग्रेजी भाषा शिक्षकों को प्रशिक्षण देगा तथा उनके कौशलों का उन्नयन करेगा और साथ ही तृतीयक शिक्षा के लिए आवश्यक परीक्षणों के लिए छात्रों को तैयार भी करेगा. यह उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में विकसित होने का भी प्रयास करेगा और साथ ही भारत सरकार की मदद से वियतनाम में स्थापित अंग्रेजी एवं आई टी शिक्षा के अन्य केंद्रों के साथ सहयोग भी करेगा. भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को इस परियोजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
वर्ष 2015-17 के लिए भारत और वियतनाम के बीच सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम
सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम का उद्देश्य कला एवं प्रदर्शनी के आयोजन,सांस्कृतिक एवं कला मंडलियों के आदान- प्रदान, दोनों देशों में लोक साहित्य,कला प्रदर्शन की गतिविधियों के आयोजन के माध्यम से भारत और वियतनाम के बीच सहयोग एवं सांस्कृतिक विनिमय को सुदृढ़ करना है.
भारत और वियतनाम के बीच प्रसारण पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन
श्रव्य - दृश्य कार्यक्रमों के आदान - प्रदान के लिए भारत के प्रसार भारती और वियतनाम के वॉइस ऑफ वियतनाम के बीच प्रसारण पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया. इस एमओयू का उद्देश्य संस्कृति, शिक्षा,विज्ञान,मनोरंजन,खेल एवं समाचार के क्षेत्रों में कार्यक्रमों के आदान- प्रदान के माध्यम से प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है.
ओएनजीसी विदेश लिमिटेड तथा पेट्रो वियतनाम के बीच करार
ओएनजीसी विदेश लिमिटेड तथा पेट्रो वियतनाम के बीच समझौते का उद्देश्य हाइड्रो कार्बन के क्षेत्र में भारत और वियतनाम के बीच परस्पर सहयोग में वृद्धि करना है. यह एमओयू वियतनाम में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए तथा ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच अन्वेषण एवं अन्य क्षेत्रों में सहयोग को और सुदृढ़ करने के लिए वियतनाम की ओर से ओएनजीसी विदेश लिमिटेड को दिए गए निमंत्रण को रेखांकित करता है.
इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित किए जाने के भारत के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने के लिए वियतनाम के प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
दोनों देशों के मध्य हुए 7 समझौते
नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना पर भारत और वियतनाम के बीच समझौता ज्ञापन
बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित नालंदा विश्वविद्यालय एक गैर राज्य,गैर लाभ,स्वशासी अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जिसका उद्देश्य बौद्धिक, दार्शनिक, ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक अध्ययन करने और इस प्रकार सहिष्णुता,सामंजस्य एवं परस्पर समझ के गुण हासिल करने के लिए सभी देशों के मेधावी एवं सबसे अधिक समर्पित छात्रों को एक साथ लाना है. पहले ईएएस के 10 देशों तथा 1 गैर ईएएस देश द्वारा इस विश्वविद्यालय के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता के अंग के रूप में इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
वियतनाम के विश्व विरासत स्थल के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार हेतु दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन
यह एमओयू वियतनाम सरकार के उस प्रस्ताव से उत्पन्न हुआ है जिसमें वियतनाम के माई सन,क्वांग नाम प्रांत के विश्व विरासत स्थल में मंदिरों के समूह के जीर्णोद्धार में भारत की विशेषज्ञता एवं सहायता के लिए अनुरोध किया है तथा यह मई 2011 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की'आरंभिक संरक्षण रिपोर्ट एवं परियोजना योजना'पर आधारित है. लगभग 16 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना को विदेश मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा. इस परियोजना को भारत सरकार की ओर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा.
वियतनाम में अंग्रेजी भाषा एवं सूचना प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना हेतु समझौता ज्ञापन
इस एमओयू के तहत, वियतनाम के रक्षा मंत्रालय के दूर संचार विश्वविद्यालय में वियतनाम-भारत अंग्रेजी भाषा एवं सूचना प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा. यह केंद्र इन कौशलों में प्रशिक्षकों के प्रवीणता के सामान्य स्तर को ऊपर उठाने के लिए अंग्रेजी भाषा एवं सूचना प्रौद्योगिकी शिक्षण के लिए एक स्थाई स्थल प्रदान करेगा. यह रक्षा बलों के स्कूलों एवं प्रशिक्षण संस्थाओं के अंग्रेजी भाषा शिक्षकों को प्रशिक्षण देगा तथा उनके कौशलों का उन्नयन करेगा और साथ ही तृतीयक शिक्षा के लिए आवश्यक परीक्षणों के लिए छात्रों को तैयार भी करेगा. यह उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में विकसित होने का भी प्रयास करेगा और साथ ही भारत सरकार की मदद से वियतनाम में स्थापित अंग्रेजी एवं आई टी शिक्षा के अन्य केंद्रों के साथ सहयोग भी करेगा. भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को इस परियोजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
वर्ष 2015-17 के लिए भारत और वियतनाम के बीच सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम
सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम का उद्देश्य कला एवं प्रदर्शनी के आयोजन,सांस्कृतिक एवं कला मंडलियों के आदान- प्रदान, दोनों देशों में लोक साहित्य,कला प्रदर्शन की गतिविधियों के आयोजन के माध्यम से भारत और वियतनाम के बीच सहयोग एवं सांस्कृतिक विनिमय को सुदृढ़ करना है.
भारत और वियतनाम के बीच प्रसारण पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन
श्रव्य - दृश्य कार्यक्रमों के आदान - प्रदान के लिए भारत के प्रसार भारती और वियतनाम के वॉइस ऑफ वियतनाम के बीच प्रसारण पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया. इस एमओयू का उद्देश्य संस्कृति, शिक्षा,विज्ञान,मनोरंजन,खेल एवं समाचार के क्षेत्रों में कार्यक्रमों के आदान- प्रदान के माध्यम से प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है.
ओएनजीसी विदेश लिमिटेड तथा पेट्रो वियतनाम के बीच करार
ओएनजीसी विदेश लिमिटेड तथा पेट्रो वियतनाम के बीच समझौते का उद्देश्य हाइड्रो कार्बन के क्षेत्र में भारत और वियतनाम के बीच परस्पर सहयोग में वृद्धि करना है. यह एमओयू वियतनाम में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए तथा ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच अन्वेषण एवं अन्य क्षेत्रों में सहयोग को और सुदृढ़ करने के लिए वियतनाम की ओर से ओएनजीसी विदेश लिमिटेड को दिए गए निमंत्रण को रेखांकित करता है.
ओएनजीसी तथा पेट्रो वियतनाम के बीच समझौता ज्ञापन
यह एमओयू ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और वियतनाम के बीच साझेदारी को सुदृढ़ करने का वर्णन करता है. भारत इस एमओयू में सहमत ब्लॉक में पेट्रो वियतनाम की भागीदारी का स्वागत करता है. यह एमओयू इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच भावी सहयोग का मार्ग प्रशस्त करता है.
यह एमओयू ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और वियतनाम के बीच साझेदारी को सुदृढ़ करने का वर्णन करता है. भारत इस एमओयू में सहमत ब्लॉक में पेट्रो वियतनाम की भागीदारी का स्वागत करता है. यह एमओयू इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच भावी सहयोग का मार्ग प्रशस्त करता है.
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