ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2014 जारी की गई: भारत 55वें स्थान पर-(31-OCT-2014) C.A

| Friday, October 31, 2014
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2014: द चैलेंज ऑफ हिडन हंगर
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2014 (GHI) -अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान द्वारा 13 अक्टूबर 2014 को जारी की गई. इस शोध से पता चला कि दो अरब लोग अदृशय  भूख से पीड़ित थे. हालांकि कई विकासशील देशों में भूख के स्तर में कमी आई है. वर्ष 2014 के जीएचआई में 120 विकासशील देशों की गणना की गई जिनमें से 55 देशों मे गंभीर भूख की स्थिति पाई गई.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2014 के प्रमुख बिंदु
वर्ष 2014 का जीएचआई राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, और वैश्विक भूख का एक बहुआयामी उपाय प्रस्तुत करता है. इससे पता चला कि  दुनिया ने  वर्ष 1990 के बाद से भूख को कम करने में प्रगति की लेकिन अभी भी भूख का  स्तर 16 देशों में अत्यंत चिंताजनक बना हुआ है. वैश्विक स्तर पर 805 मिलियन लोग अब भी भूख से ग्रस्त हैं.
क्षेत्रीय स्तर  पर देखें तो उच्चतम भूख का स्तर अफ्रीका के  सहारा दक्षिण और दक्षिण एशिया में माना जाता है जो  वर्ष 2005 के बाद से सबसे बड़ा  पूर्ण  सुधार अनुभव किया गया. दक्षिण एशिया ने वर्ष 1990 के बाद से जीएचआई स्कोर में तेज निरपेक्ष गिरावट देखी है. जीएचआई स्कोर के पीछे का मुख्य कारक वर्ष 1990 के बाद से  कम- वजन वाले  बच्चों की संख्या में  कमी  एवं  सुधार होना है.
वर्ष 1990 से वर्ष 2014 तक, 26 देशों में 50 प्रतिशत  तक अपना  स्कोर कम किया. पूर्ण प्रगति के संदर्भ में, अंगोला, बांग्लादेश, कंबोडिया, चाड, घाना, मलावी, नाइजर, रवांडा, थाईलैंड और वियतनाम में वर्ष 1990 के बाद के स्कोर में सबसे बड़ा सुधार देखा गया.
भूख की गंभीरता को 44 देशों में कम होना पाया गया. इन देशों में अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, क्यूबा, ईरान, कजाकिस्तान, मेक्सिको और तुर्की शामिल हैं.
इसके अलावा, बुरुंडी और इरीट्रिया जैसे देश वर्ष 2014 जीएचआई के अनुसार अत्यंत भयानक  स्तर  पर वर्गीकृत किया गया. हालांकि, कांगो और सोमालिया लोकतांत्रिक गणराज्य के लिए विश्वसनीय आँकड़ों  बहुत  कमी  है.
वैश्विक भूख सूचकांक 2014 ; रैंक  द्वारा स्कोर
देश
रैंक
स्कोर
मॉरीशस
1
5.0
थाईलैंड
1
5.0
अल्बानिया
3
5.3
कोलंबिया
3
5.3
5
5.4
मलेशिया
5
5.4
पेरू
7
5.7
सीटिया अरब गणराज्य
8
5.9
होंडुरास
9
6.0
सूरीनाम
9
6.0
गैबन
11
6.1
एल साल्वाडोर
12
6.2
गुयाना
13
6.5
डोमिनिकन गणराज्य
14
7.0
वियतनाम
15
7.5
घाना
16
7.8
इक्वाडोर
17
7.9
परग्वे
18
8.8
मोंगोलिया
19
9.6
निकारगुआ
19
9.6
बोलीविया
21
9.9
इंडोनेसिया
22
10.3
माल्डोवा
23
10.8
बेनिन
24
11.2
मॉरिटानिया
25
11.9
कैमरून
26
12.6
इराक
27
12.7
माली
28
13.0
लेसोथो
29
13.1
फिलीपीन्स
29
13.1
बोत्सवाना
31
13.4
गाम्बिया
32
13.6
मलावी
32
13.6
गुइनिया बिसाउ
34
13.7
टोगो
35
13.9
गुइनिया
36
14.3
सेनेगल
37
14.4
नाइजीरिया
38
14.7
श्री लंका
39
15.1
ग्वाटेमाला
40
15.6
रवांडा
40
15.6
कोट डी इवोइरे
42
15.7
कम्बोडिया
43
16.1
नेपाल
44
16.4
उत्तर कोरिया
44
16.4
ताजीकिस्तान
44
16.4
कीनिया
47
16.5
स्वाज़ीलैंड
47
16.5
ज़िम्बाब्वे
47
16.5
लिबेरिया
50
16.8
नामीबिया
51
16.9
युगांडा
52
17.0
तंज़ानिया
53
17.3
अंगोला
54
17.4
भारत
55
17.8
काँगो गणराज्य
56
18.1
बांग्लादेश

57
19.1
पाकिस्तान
57
19.1
जिबूती
59
19.5
बुर्किना फासो
60
19.9
लाओ पी डी  आर
61
20.1
मोज़ाम्बिक
62
20.5
नाइजर
63
21.1
सेन्ट्रल अफ़्रीकी  गणराज्य
64
21.5
मेडागास्कर
65
21.9
सियरा लियोन
66
22.5
हैती
67
23.0
ज़ाम्बिया
68
23.2
यमन गणराज्य
69
23.4
इथिओपिया
70
24.4
चाड
71
24.9
सूडान/दक्षिण सूडान
72
26.0
कोमोरो स
73
29.5
तिमोर लेस्ते
74
29.8
इरिट्रिया
75
33.8
बुरुंडी
76
35.6
एक तरह की भूख जिस  पर ध्यान नहीं दिया गया, अक्सर  अधिक उर्जा घटाव  से संबंधित है जिसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी भी माना  गया. इससे दुनिया भर में लगभग  2 अरब लोग प्रभावित हैं.
छिपी हुई  या अदृशय भूख एक व्यक्ति या समुदाय में ऊर्जा की पर्याप्त मात्रा  या यहां तक कि अत्यधिक  खाद्य ऊर्जा खपत के साथ जैसे चर्बी एवं कार्बोहाईड्रेट्स और  मोटापे के साथ भी  पायी जाती है  या  अत्यधिक खपत के साथ रह सकते हैं. गरीब आहार, बीमारी, बिगड़ा अवशोषण और  सूक्ष्म पोषक तत्वों की वृद्धि जीवन के   कुछ चरणों के दौरान जरूरत जैसे कि गर्भावस्था, स्तनपान, और बचपन ये सब  भूख  के अदृश्य  कारणों में शामिल हैं. 
छुपी  हुयी  भूख के  संभव समाधान में खाद्य आधारित दृष्टिकोण शामिल हैं. जैसे आहार विविधीकरण, वाणिज्यिक खाद्य पदार्थ और जैवीय संरक्षण जिस में खाद्य फसलों   की सामग्री सूक्ष्म पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ पैदा की जाती हों.
खाद्य आधारित उपायों पर लंबे समय तक, निरंतर और एक स्थायी भेद  करने के लिए प्रयासों के समन्वित करने की आवश्यकता है. दूसरी ओर, विटामिन और खनिज की खुराक समय की छोटी सी अवधि में  कमजोर आबादी की छुपी हुयी  भूख निपटने में मदद कर सकते हैं.
इसके अलावा  छुपी हुयी  भूख को खत्म करने के लिए, सरकारों और बहुपक्षीय संस्थाओं में निवेश करने और मानव और वित्तीय संसाधनों को विकसित करने की जरूरत है. पोषण पर क्षमता निर्माण करने के लिए पारदर्शी निगरानी और मूल्यांकन करने एवं  समन्वय बढ़ाने को सुनिश्चित करना आवश्यक  है.
सरकारों को भी विनियामक वातावरण बनाना होगा जो कि एक अच्छे  पोषण मूल्य को समझता हो  . इस कार्य के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों को और अधिक पौष्टिक बीज या खाद्य पदार्थ विकसित करने के लिए यह प्रोत्साहन दिया जा सकता है. 
2014 में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति
भारत ने 2014 में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में अपनी स्थिति में सुधार किया है. यह 2013 में 63 वें स्थान से 76 उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच 55 वें स्थिति पर चढ़ गया है  हालांकि, यह अभी भी थाईलैंड, चीन, घाना, इराक, श्रीलंका और नेपाल जैसे देशों के पीछे पीछे चल रहा है.
काम वजन वाले बच्चों के  प्रतिशत में तेजी से कमी करके  भारत को अपनी भूख रिकॉर्ड में सुधार करने में मदद मिली है.
हालांकि, भारत लंबे समय से कुपोषण के शिकार बच्चों की सबसे बड़ी संख्या का  घर रहा है. 2006 में पहली GHI में, भारत 119 देशों में 96 वें स्थान पर था.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स के विषय में
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) व्यापक उपाय और विश्व स्तर पर और वि भिन्न  देशों  और क्षेत्रों  में भूख को पता करने   के लिए बनाया गया है. इसकी अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान द्वारा हर साल गणना की जाती  है.
जीएचआई में  भूख में कमी  लेन के प्रयासों की सफलताओं औरविफलताओं पर प्रकाश डाला जाता है और भूख के कारणों  के प्रति   अंतर्दृष्टि प्रदान करता है. भूख की बहुआयामी प्रकृति प्रतिबिंबित करने के लिए, जीएचआई एक सूचकांक में तीन समान रूप से भारित संकेतक को जोड़ती है.
बाल कुपोषण पांच साल की उम्र से कम आयु के बच्चों का अनुपात जिसमें कम वजन का होना शामिल है  बच्चे के कुपोषित होने का सूचक है.
बाल मृत्यु दर पांच साल की उम्र से कम आयु के बच्चों की मृत्यु की अनुपात दर  जिसका  कारण  अस्वस्थय वातावरण एवं अपर्याप्त खाद्य उपभोग  का होना शामिल है.
जीएचआई में  100 बिन्दु पैमाने पर देशों की गणना की जाती है. शून्य  सबसे अच्छा स्कोर है जबकि 100 सबसे बुरा  हालाँकि ये  चरम  सीमा व्यवहार एवं वास्तविकता मे नहीं पायी जाती  है. कम जीएचआई स्कोर का तात्पर्य किसी भी देश के लिए बेहतर पोषण मानक और एक उच्च रैंक  है.


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