वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस 21 अक्टूबर को मनाया गया-(25-OCT-2014) C.A

| Saturday, October 25, 2014
21 अक्टूबर : वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस

वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस (जीआईडीडी) 21 अक्टूबर 2014 को विश्व भर में मनाया गया. यह दिवस आयोडीन की जरूरत के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य हेतु मनाया गया.
वर्तमान में विश्व की जनसंख्या का लगभग एक तिहाई भाग आयोडीन अल्पता विकार के जोखिम का सामना कर रहा हैं. 130 देशों में 740 मिलियन से अधिक लोग इस स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं. भारत में छह करोड़ से अधिक लोग आयोडीन अल्पता विकार के कारण होने वाले स्थानिक गलगण्ड से पीड़ित हैं वहीँ 88 लाख लोग मानसिक या तांत्रिकीय बाधाओं से पीड़ित हैं.
 
वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस के अवसर पर यूनिसेफ गुजरात कार्यालय ने गांधीनगर में गुजरात सरकार के स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के सहयोग से  आयोडीन युक्त नमक के उपभोग को बढ़ावा देने के लिए हायर सेकेंडरी स्कूल में आयोडीन अल्पता विकार जागरूकता अभियान शुरू किया.
 
भारत का योगदान
वर्ष 1962 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय गलगण्ड नियंत्रण कार्यक्रम का आरंभ किया और वर्ष 1992 में इसका नाम परिवर्तित करके राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम कर दिया गया था. यह कार्यक्रम आयोडीन की कमी को रोकने के लिए शुरू किया गया था, जिसके कारण गलगंड, मृत जन्म, गर्भपात, जन्मजात विसंगतियां, शिशु मृत्यु दर में वृद्धि, मानसिक अल्पता, बधिर और गूंगापन, भेंगापन और बौनापन आदि रोग एवं विसंगतियां उत्त्पन्न होती हैं.




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