लॉस एंजिल्स की अमेरिका की फेडरल न्यायालय ने वर्ष 1984
सिख दंगा मामले में अमिताभ बच्चन को कथित तौर पर हिंसा भड़काने के
आरोप में 28 अक्टूबर 2014 को समन भेजा.
अमिताभ बच्चन पर 31 अक्टूबर 1984 को,
जबकि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या
कर दी गई थी, तब खून का बदला खून (रक्त के लिए रक्त) नारा
लगाने का आरोप लगाया गया.
अमेरिकी फेडरल न्यायालय के सिविल प्रक्रिया के संघीय नियमों के
अनुसार मानव अधिकारों के उल्लंघन के आरोपों का जवाब देने के लिए बच्चन को 21 दिन का समय दिया गया. हालांकि यदि वह प्रतिक्रिया देने में विफल रहते हैं
तो तयशुदा रूप से निर्णय उनके खिलाफ दर्ज किया जाएगा.
पृष्ठभूमि
अमिताभ बच्चन के खिलाफ शिकायत न्यूयॉर्क स्थित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और सिख विरोधी दंगों के दो कथित पीड़ितों बाबू सिंह दुखिया और मोहिंदर सिंह द्वारा दायर की गई. पिछले कई वर्षों से, सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) कथित मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में अमेरिका अदालतों में कई भारतीय नेताओं को खींचने की असफल कोशिश कर चुकी हैं.
अमिताभ बच्चन के खिलाफ शिकायत न्यूयॉर्क स्थित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और सिख विरोधी दंगों के दो कथित पीड़ितों बाबू सिंह दुखिया और मोहिंदर सिंह द्वारा दायर की गई. पिछले कई वर्षों से, सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) कथित मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में अमेरिका अदालतों में कई भारतीय नेताओं को खींचने की असफल कोशिश कर चुकी हैं.
1984
के सिख विरोधी दंगे
नवंबर 1984 के सिख विरोधी दंगे इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या करने के जवाब में सिख विरोधी भीड़ द्वारा भारत में सिखों के खिलाफ निर्देशित उपद्रव की श्रृंखला थे. इस दौरान दिल्ली में 3000 लोगों सहित कुल 8000 से अधिक लोग मारे गए थे.
नवंबर 1984 के सिख विरोधी दंगे इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या करने के जवाब में सिख विरोधी भीड़ द्वारा भारत में सिखों के खिलाफ निर्देशित उपद्रव की श्रृंखला थे. इस दौरान दिल्ली में 3000 लोगों सहित कुल 8000 से अधिक लोग मारे गए थे.
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