डेनिस मुखवेगी ने प्रतिष्ठित सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार जीता-(29-OCT-2014) C.A

| Wednesday, October 29, 2014
कांगों के स्त्रीरोग विशेषज्ञ डेनिस मुखवेगी मुखेनगेरे ने 21 अक्टूबर 2014 को प्रतिष्ठित सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार 2014 जीता. उन्हें यह सम्मान कांगों गणराज्य के हजारों रेप पीड़ितों की मदद करने के प्रयास के लिए दिया गया. पश्चिमी यूक्रेन लोकतंत्र समर्थित और अधिकार समूह यूरोमैदान जिसने अपदस्थ राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के खिलाफ लोकप्रिय विद्रोह का नेतृत्व किया, को उपविजेता घोषित किया गया. तीसरे प्रमुख उम्मीदावर अजरबाइजान के मानवाधिकार कार्यकर्ता लियाल युनुस थे जिनपर वर्तमान में कट्टर दुश्मन आर्मेनिया के लिए जासूसी करने पर देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
पृष्ठभूमि
कांगो के पूर्वी लोकतांत्रिक गणराज्य में विशाल खनिज भंडार पर नियंत्रण के लिए प्रतिद्वंद्वी बल स्थानीय आबादी को आतंकित करने के लिए दशकों से सामूहिक बलात्कार का हथियार इस्तेमाल कर रहे हैं. 59 वर्षीय स्त्री रोग विशेषज्ञ ने पानजी अस्पताल की स्थापना पूर्वी कांगों में वर्ष 1999 में की थी. इस अस्पताल की स्थापना उन महिलाओं के इलाज के लिए किया गया था जो ऐसे भीषण यौन हिंसा की शिकार हुई थीं.
वर्ष 2012 में मुखवेगी ने जब लगातार हो रही बलात्कार की घटनाओं और विश्व समुदाय द्वारा इसे रोकने में विफल रहने पर अपनी आवाज बुलंद की तो उनपर जानलेवा हमला किया गया. हमले में वो बालबाल बच गए थे. हालांकि, घर लौटने पर हजारों लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और यौन हिंसा न करने की बात कही.
डेनिस मुखवेगी मुखेंगिर
·         डेनिस मुखवेगी मुखेंगिर कांगो गणराज्य (डीआरसी) के पांजी अस्पताल के संस्थापक और चिकित्सा निदेशक हैं.
·         मुखवेगी डीआरसी में महिलाओँ के अधिकार के लिए लड़ने वाले व्यक्ति हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित किया और पूर्वी डीआरसी की स्थिति के प्रति जागरूकता फैसला ने के लिए नियमित रूप से विदेश यात्राएं करते रहते हैं.
·         कांगों में महिलाओं में प्रसव की जटिलताओं को देखने के बाद उन्होंने स्त्री रोग विज्ञान के अध्ययन के लिए फ्रांस का रूख किया.
·         वर्ष 2011 में डेनिस मुखवेगी ने क्लिंटन ग्लोबल सिटिजन अवॉर्ड और किंग बाउदोइन इंटरनेशनल डेवलपमेंट प्राइज जीता था.
यूरोपीय संसद का सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार
·         इस पुरस्कार का नाम प्रख्यात रूसी वैज्ञानिक आंद्रे सखारोव के नाम पर रखा गया था. पुरस्कार दुनिया भर में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और लोकतंत्र के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देता है.
·         उन्होंने मानव जाति के कल्याण के लिए परमाणु हथियारों की दौड़ के खतरों के बारे में जागरूकता की बात उठाई थी. वर्ष 1975 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.  
·         सखारोव पुरस्कार असिहिष्णिता, कट्टरता और उत्पीड़न का मुकाबला करने वाले असाधारण व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए प्रदान किया जाता है. पुरस्कार में 50000 यूरो की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है.
·         पाकिस्तान की मलाला युसुफजई जो कि वर्ष 2013 में सखारोव पुरस्कार की विजेता थीं, को 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.
·         इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले अन्य लोगों में दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद विरोधी नायक नेल्सन मंडेला और पूर्व यूएन महासचिव कोफी अन्ना शामिल हैं.


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