केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में जम्मू कश्मीर आरोग्य ग्राम योजना का शुभारंभ किया-(22-OCT-2014) C.A

| Wednesday, October 22, 2014
केंद्र सरकार ने 18 अक्टूबर 2014 को जम्मू-कश्मीर में जम्मू कश्मीर आरोग्य ग्राम योजना का शुभारंभ किया. यह योजना जम्मू-कश्मीर में किसानों को वैज्ञानिक रूप से परीक्षित और व्यावसायिक रूप से लाभकारी सुगन्धित और औषधीय पौधों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गयी. यह योजना केंद्र सरकार की देश के पर्वतीय क्षेत्रों को उच्च मूल्य वालें जैविक कृषि उत्पादों हेतु अनन्य क्षेत्रों में विकसित करने की योजना का एक भाग हैं. केंद्र सरकार शुरू में इस योजना पर 25 करोड़ रुपए खर्च करेगी.
योजना के बारे में
इस योजना के अंतर्गत वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) विशेषज्ञ मार्गदर्शन के साथ किसानों की मदद करेगा तथा और उन्हें औषधीय और सुगंधित पौधों की करीब नौ पौध की किस्मों को उपलब्ध करवाएगा. सीएसआईआर सरकार की अनुसंधान और विकास संस्था है.
जम्मू-कश्मीर के लिए चयनित पादप किस्मों में लेमन ग्रास (कायेमबोपोगोना) की पांच अलग – अलग किस्में, गुलाब (रोजा), पुदीना (मेंथा), अश्वगंधा (विथानिया सोम्नीफेरा) और फालसा फलों के पौधे हैं. प्रारंभ में, राज्य के कठुआ, जम्मू और उधमपुर के 1000 गांवों को इस योजना के तहत शामिल किया जाएगा. इसी प्रकार की योजनाओं को अन्य राज्यों में भी मृदा की स्थिति, उपयुक्त पादप किस्मों और जोतों के उपयुक्त आकार एवं प्रकार को ध्यान में रखते हुए प्रारंभ किया जायेगा.
 
योजना का लाभ
विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान के केंद्रीय राज्य मंत्री मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत सुगंधित पौधों के लिए अनुकूल भूमि की पहचान की जाएगी और सीएसआईआर के वैज्ञानिक और देश के विभिन्न भागों के सुगंध विशेषज्ञ किसानों को इनकी खेती के बारे में शिक्षित और प्रशिक्षित करेंगे.

योजना में शामिल संस्थान
सीएसआईआर, भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान (आईआईआईएम), हिमालय जैव संसाधन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी), औषधीय और सुगंधित पौधों हेतु केन्द्रीय संस्थान, राष्ट्रीय वानस्पतिक अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) और पूर्वोत्तर विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (एनईआईएसटी) आदि संस्थान पहले जम्मू-कश्मीर में और उसके बाद अन्य राज्यों में योजना के क्रियान्वयन के लिए संबद्ध किये जायेंगे.




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