प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और मोजाम्बिक के बीच तेल एवं गैस
क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन को 29 अक्टूबर
2014 को मंजूरी प्रदान की. यह समझौता पांच वर्ष की अवधि का
होगा. एमओयू में तेल और गैस की खोज एवं उत्पादन के साथ-साथ कच्चे तेल के परिशोधन
तथा बिक्री के क्षेत्र में भी सहयोग करने की बात कही गयी है. संबंधित पक्षों के
बीच या उनकी संबद्ध कंपनियों के जरिए व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने और
अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्रों के बीच सहयोग करने समेत क्षमता सृजन को बढ़ावा
देने का भी उल्लेख इस एमओयू में किया गया.
विदित हो कि वर्ष 2010 में मोजाम्बिक के
समुद्री सीमा के अंतर्गत दो ब्लॉकों में गैस के भंडार की खोज के बाद, मोजाम्बिक हाइड्रोकार्बन से भरपूर राष्ट्र के रूप में उभर कर सामने आया.
इसके साथ ही मोजाम्बिक सामरिक दृष्टि से भारत के नजदीक है. बाजार निर्धारित मूल्य
पर भारत में प्राकृतिक गैस लाने की दृष्टि से भी मोजाम्बिक भारत हेतु उपयुक्त देश
है.
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