वर्ष 2014: कमांडो
वर्ष
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने वर्ष 2014
को ‘कमांडो वर्ष’ (year of the
commando) घोषित किया. इसकी जानकारी नई दिल्ली में 6 अक्टूबर 2014 को दी गई. इसका लक्ष्य आतंक रोधी कौशल
और कर्मियों की क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार करना और उनकी जिंदगी को भी बेहतर
बनाना है.
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक जेएन
चौधरी ने कहा कि ‘कार्रवाई में हमारी सफलता पूरी तरह से
अग्रिम मोर्चे के हमारे कमांडो पर निर्भर करती है. इसलिए, हमने
वर्ष 2014 को ‘कमांडो वर्ष’ के रूप में समर्पित करने का फैसला किया है.’
उद्देश्य
• राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कर्मियों के रहन-सहन की स्थिति सुधारना.
• आतंकी और राष्ट्र-विरोधी तत्वों से मुकाबले के लिए बेहतरीन उपकरण और गैजेट मुहैया कराना.
• कर्मियों के रहन-सहन की बेहतरीन स्थिति और कल्याण योजनाओं के फायदे बढ़ाना.
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी)
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) का गठन भारतीय संसद के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड अधिनियम के तहत कैबिनेट सचिवालय द्वारा 1986 में किया गया था. यह पूरी तरह से केन्द्रीय अर्द्ध-सैनिक बल के ढांचे के भीतर काम करता है.
उद्देश्य
• राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कर्मियों के रहन-सहन की स्थिति सुधारना.
• आतंकी और राष्ट्र-विरोधी तत्वों से मुकाबले के लिए बेहतरीन उपकरण और गैजेट मुहैया कराना.
• कर्मियों के रहन-सहन की बेहतरीन स्थिति और कल्याण योजनाओं के फायदे बढ़ाना.
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी)
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) का गठन भारतीय संसद के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड अधिनियम के तहत कैबिनेट सचिवालय द्वारा 1986 में किया गया था. यह पूरी तरह से केन्द्रीय अर्द्ध-सैनिक बल के ढांचे के भीतर काम करता है.
एनएसजी गृह मंत्रालय के निरीक्षण में काम करती है. इसका
नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा का महानिदेशक करता है. महानिदेशक हमेशा एक आईपीएस
अधिकारी होता है जबकि इसमें भर्ती भारत की केन्द्रीय अर्द्ध-सैनिक बल और भारतीय
सशस्त्र बलों से की जाती है. एनएसजी के सदस्यों को ब्लैक कैट के नाम से भी जाना
जाता है.
एनएसजी के पास आतंक रोधी और हाइजैक रोधी अभियान की जिम्मेदारी तो है ही, साथ ही यह देश में ज्यादा जोखिम वाले कुछ अति-विशिष्ट हस्तियों (वीवीआईपी) को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा कवर भी मुहैया कराता है.
एनएसजी के पास आतंक रोधी और हाइजैक रोधी अभियान की जिम्मेदारी तो है ही, साथ ही यह देश में ज्यादा जोखिम वाले कुछ अति-विशिष्ट हस्तियों (वीवीआईपी) को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा कवर भी मुहैया कराता है.
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