केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने 7 अक्टूबर 2014 को गजल गायिका बेगम अख्तर के जन्म
शताब्दी समारोह का आरंभ किया. यह समारोह पूरे एक वर्ष तक मनाया जाएगा.
बेगम अख्तर का मूल नाम अख्तर बाई फैजाबादी था. इस अवसर पर मंत्रालय
ने 100 रुपए और 5 रुपए के स्मारक
सिक्कों का सेट जारी किया और बेगम अख्तर की गजलों और ठुमरियों को लोकप्रिय बनाने
के लिए संगीत कार्यक्रमों की भी घोषणा की.
इसी विचार के साथ एक वर्ष तक चलने वाले स्मरणोत्सव के
दौरान कार्यक्रमों और गतिविधियों की रूपरेखा प्रस्तुत करने के लिए केंद्रीय
संस्कृति मंत्री श्रीपद यास्सू नाइक की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय कार्यान्वयन
समिति (एनआईसी) का गठन किया गया. अगले एक वर्ष में, इनके
जीवन और उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर कई शहरों में
संगीत महोत्सवों का आयोजन करने की योजना बनाई गई है. संगीत कार्यक्रम मुंबई,
चेन्नई, वाराणसी, गोवा,
हैदराबाद और बैंगलोर में आयोजित किया जाएगा.
सरकार ने एक छात्रवृत्ति कार्यक्रम की भी घोषणा की जो
संगीत नाटक अकादमी हर वर्ष एक छात्र को संगीत को आगे बढ़ाने और उसके करियर को
सुविधाजनक बनाने के लिए मदद के रूप में देगी.
बेगम अख्तर के बारे में
• अख्तर बाई फैजाबादी, बेगम अख्तर के नाम से मशहूर थीं. वे हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत शैली की ठुमरी, गजल और दादरा की मशहूर गायिका थीं.
• वर्ष 1972 में मुखर संगीत के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला था. वर्ष 1968 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री और वर्ष 1975 में पद्म् भूषण (मरणोपरांत) सम्मान से सम्मानित किया था.
• उनके शिष्यों में शांति हीरानंद हैं जिन्हें बाद में पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया गया था. इन्होंने बेगम अख्तरः द स्टोरी ऑफ माई अम्मी (2005) नाम से एक जीवनी लिखी थी.
• कला समीक्षक एस. कालीदास ने इनपर हाए अख्तरी नाम से एक वृत्तचित्र का निर्देशन किया था.
• उन्हें मल्लिका–ए–गजल के खिताब से नवाजा गया था.
• उनका जन्म 7 अक्टूबर 1914 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में बड़ा दरवाजा इलाके में हुआ था.
• उनकी मृत्यु 30 अक्टूबर 1974 को गुजरात के अहमदाबाद में हुई. बेगम अख्तर को लखनऊ के पसंदा बाग में दफनाया गया.
बेगम अख्तर के बारे में
• अख्तर बाई फैजाबादी, बेगम अख्तर के नाम से मशहूर थीं. वे हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत शैली की ठुमरी, गजल और दादरा की मशहूर गायिका थीं.
• वर्ष 1972 में मुखर संगीत के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला था. वर्ष 1968 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री और वर्ष 1975 में पद्म् भूषण (मरणोपरांत) सम्मान से सम्मानित किया था.
• उनके शिष्यों में शांति हीरानंद हैं जिन्हें बाद में पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया गया था. इन्होंने बेगम अख्तरः द स्टोरी ऑफ माई अम्मी (2005) नाम से एक जीवनी लिखी थी.
• कला समीक्षक एस. कालीदास ने इनपर हाए अख्तरी नाम से एक वृत्तचित्र का निर्देशन किया था.
• उन्हें मल्लिका–ए–गजल के खिताब से नवाजा गया था.
• उनका जन्म 7 अक्टूबर 1914 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में बड़ा दरवाजा इलाके में हुआ था.
• उनकी मृत्यु 30 अक्टूबर 1974 को गुजरात के अहमदाबाद में हुई. बेगम अख्तर को लखनऊ के पसंदा बाग में दफनाया गया.
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