विश्व बैंक ने अपनी दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस रिपोर्ट (South
Asia Economic Focus report) 6 अक्टूबर 2014 को
जारी किया. रिपोर्ट में क्षेत्र की अर्थव्यवस्था वर्ष 2014 में
5.4 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2015 में 6 प्रतिशत और वर्ष 2016 में
6.4 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
विश्व बैंक में दक्षिण एशिया के लिए मुख्य अर्थशास्त्री
मार्टिन रामा ने कहा, ‘दक्षिण एशिया के लिये अगले वर्ष के
दौरान परिदृश्य व्यापक आर्थिक स्थिरता को दर्शाता है. इस दौरान आर्थिक वृद्धि में
कुछ तेजी के साथ साथ वित्तीय और ढांचागत सुधारों के तरफ झुकाव लिए संभावित जोखिम
भी दिखता है.’उन्होंने कहा कि क्षेत्र में भविष्य की वृद्धि
काफी कुछ मजबूत निवेश और निर्यात क्षेत्र की प्रदर्शन पर निर्भर करेगी.
रिपोर्ट में भारत से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2014-15 के 5.6 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2015-16 के दौरान 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है.
• दक्षिण एशिया के कुल उत्पादन में भारतीय अर्थव्यवस्था का 80 प्रतिशत का योगदान है.
• विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए अनेक आर्थिक सुधारों से बाजार में नया विश्वास जगा है. इससे आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी से भारत को ‘मोदी लाभांश’ का फायदा मिल रहा है.
• वर्ष 2015 अथवा उसके बाद आर्थिक वृद्धि को अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आने वाले सुधार का भी फायदा मिलेगा. इससे भारत से वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बाजार उपलब्ध होगा.
• रिपोर्ट के अनुसार व्यावसायिक परिवेश को सकरात्मक रखने वाली सरकार को देखते हुए निजी क्षेत्र का निवेश भी बढ़ने की उम्मीद है.
• विश्व बाजार में कच्चे तेल के घटते दाम से निजी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा.
• रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि भारत में दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि संभावना को हासिल करने के लिए आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने की नितांत आवश्यकता है.
रिपोर्ट में भारत से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2014-15 के 5.6 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2015-16 के दौरान 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है.
• दक्षिण एशिया के कुल उत्पादन में भारतीय अर्थव्यवस्था का 80 प्रतिशत का योगदान है.
• विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए अनेक आर्थिक सुधारों से बाजार में नया विश्वास जगा है. इससे आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी से भारत को ‘मोदी लाभांश’ का फायदा मिल रहा है.
• वर्ष 2015 अथवा उसके बाद आर्थिक वृद्धि को अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आने वाले सुधार का भी फायदा मिलेगा. इससे भारत से वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बाजार उपलब्ध होगा.
• रिपोर्ट के अनुसार व्यावसायिक परिवेश को सकरात्मक रखने वाली सरकार को देखते हुए निजी क्षेत्र का निवेश भी बढ़ने की उम्मीद है.
• विश्व बाजार में कच्चे तेल के घटते दाम से निजी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा.
• रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि भारत में दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि संभावना को हासिल करने के लिए आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने की नितांत आवश्यकता है.
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