एलईडी बल्ब के बाजार मूल्य 400 रुपये की तुलना में इसे 10 रुपये में बेचने का केंद्र सरकार का निर्णय-(12-OCT-2014) C.A

| Sunday, October 12, 2014
केंद्र सरकार ने 400 रुपयों के बाजार मूल्य के मुकाबले 10 रुपये में एलईडी बल्ब को बेचने का फैसला 8 अक्टूबर 2014 को किया. इस संबंध में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने एक बिजनेस मॉडल का भी शुभारंभ किया.
इस बिजनेस मॉडल के अनुसार, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) और ऊर्जा दक्षता सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) के साथ बिजनेस मॉडल के विकास पर मिलकर काम करेगी जिसमें ईईएलएएल बड़े पैमाने पर एलईडी ब्लब का उत्पादन करेगी और पारिवारिक इकाईयों को इसे 10 रुपये की दर से बेचेगी. इसके बाद डिसकॉम्स पांच से आठ वर्षों में इस ऊर्जा कुशल प्रकाश प्रौद्योगिकी का उपयोग कर होने वाले बचत से ईईएसएल को पैसा चुकाएगा.
विदित हो कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने योजना बनायी थी कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर कर रहे परिवारों को विद्युतीकरण के समय राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाई) के तहत एलईडी प्रौद्योगिकी मुहैया कराएगी.
इस बीच, ईईएसएल और आंध्र प्रदेश सरकार के बीच समझौते के मुताबिक ईईएसएल बीस लाख (दो मिलियन) एलईडी की खरीद पूरी की है.
एलईडी के बारे में
एलईडी (प्रकाश उत्सर्जक डायोड) सबसे कुशल ऊर्जा स्रोत के रूप में उभर रहा है. यह उसी मात्रा में रौशनी उत्पादित करने के लिए आम बल्बों में खर्च होने वाली बिजली की तुलना में उसका दसवां हिस्सा और कॉम्पैक्ट फ्लोरसेंट लैंप (सीएफएल) की तुलना में आधी बिजली लेता है.
ईईएलएल के बारे में
•    केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) की स्थापना एनटीपीसी लिमिटेड, पीएफसी, आरईसी और पावरग्रिड के संयुक्त उपक्रम के रूप में ऊर्जा प्रभावी परियोजनाओँ के कार्यान्वयन की सुविधा के लिए की थी.
•    ईईएसएल बीईई के साथ मिलकर काम करता है और यह नेशनल मिशन फॉर इनहैंस्ड एनर्जी एफिसियंसी (एनएमईईई) की बाजार गतिविधियों में अग्रणी है.
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के बारे में
भारत सरकार ने 2002 में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) की स्थापना ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत की थी.
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का मिशन ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के समग्र फ्रेमवर्क के तहत स्वनियमन औऱ बाजार सिद्धांतों पर जोर के साथ नीतियों और रणनीतियों के विकास में सहयोग करना है. बीईई का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था में ऊर्जा खपत की अधिकता को कम करना है जो कि सभी हितधारकों के सक्रिय भागीदारी से ही हासिल किया जा सकता है.


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