वर्ष 2014 के चिकित्सा
क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार हेतु अमेरिकी-ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन ओ कीफे (John
O'Keefe) और नार्वे के वैज्ञानिक दंपति मे-ब्रिट मोजर (May-Britt)
और एडवर्ड मोजर (Edvard Moser) का संयुक्त रूप
से चयन किया गया. नोबेल पुरस्कार के निर्णायक मंडल ने
इनके चयन की घोषणा स्वीडन स्थित कैरोलिंस्का संस्थान में 6 अक्टूबर
2014 को की. वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार दिमाग की ग्लोबल
पॉजिशिनिंग सिस्टम (जीपीएस प्रणाली) खोजने के लिए दिया गया.
इन्होंने दिमाग में मौजूद उस प्रणाली का पता लगाया है, जिसके जरिए दिमाग ग्लोबल पॉजिशिनिंग सिस्टम (जीपीएस) की तर्ज पर अपने
आसपास के वातावरण का चित्र बनाता है. इतना ही नहीं उसमें से निकलने का रास्ता भी
सुझाता है. इस पूरे तंत्र को वैज्ञानिकों ने ‘पोजिशनिंग
सिस्टम’ नाम दिया. मस्तिष्क के पोजिशनिंग सिस्टम की जानकारी
से हमें दिक् संबंधी स्मृति के लोप हो जाने की समस्या को जानने की प्रणाली का पता
लगाने में मदद मिलती है. इसी स्मृति के लोप होने से लोग अल्जाइमर से ग्रसित हो
जाते हैं.
नोबेल पुरस्कार के निर्णायक मंडल के अनुसार जीपीएस की मदद से ही हमारा मस्तिष्क दिक् (दिशाओं) के अनुरूप अपने आप को ढाल पाता है. जॉन ओ कीफे, मे-ब्रिट मोजर और एडवर्ड मोजर ने एक ऐसी पुरानी गुत्थी को सुलझा दिया है, जिससे दुनिया भर के दार्शनिक और वैज्ञानिक सदियों से जूझ रहे थे.
यूनिवर्सिटी आफ लंदन में सैन्सबरी वेलकम सेंटर इन न्यूरल सर्किट एंड बिहैवियर के निदेशक कीफ ने वर्ष 1971 में पहली बार दिमाग के इस जीपीएस के एक सिरे की खोज की थी. उन्होंने दिमाग के हिप्पोकैंपस वाले हिस्से में एक विशेष प्रकार की तंत्रिका कोशिकाओं का पता लगाया. प्रयोग के दौरान लैब में जब एक चूहे को किसी खास जगह पर रखा गया, तो उसका हिप्पोकैंपस वाला यह हिस्सा खास तौर पर सक्रिय हो उठा. कीफ ने इन्हें ‘प्लेस सेल’ या ‘स्थान कोशिका’ का नाम दिया. इससे चूहे के दिमाग में कमरे के भीतर उसे जहां रखा गया था, उस जगह का नक्शा बन गया.
वर्ष 2005 में दंपति मे-ब्रिट और एडवर्ड मोजर ने दिमाग की जीपीएस के एक और प्रमुख हिस्से की खोज की. उन्होंने एक ऐसी तंत्रिका कोशिकाओं का पता लगाया, जो समन्वय प्रणाली के तहत काम करती हैं. ये कोशिकाएं जीव की स्थिति और उसको रास्ता तलाशने में मदद करती हैं. पता चला कि दिमाग में मौजूद प्लेस सेल को कॉर्टेक्स की खास कोशिकाएं सक्रिय करती हैं. मोजर दंपति ने इन्हें ‘ग्रिड सेल’ नाम दिया. दिमाग में इनका जाल वैसे ही बिछा होता है जैसे शहर में सड़कों का.
मोजर दंपत्ति ऐसा पांचवां और चिकित्सा के क्षेत्र में दूसरा विवाहित जोड़ा है, जिसे नोबेल मिला है. इससे पहले चिकित्सा के क्षेत्र में गेर्टी कोरी और कार्ल कोरी दंपत्ति को भी नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
सम्मान पाने वाले तीनों वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से 80 लाख स्वीडिश क्रोनर (11 लाख अमेरिकी डॉलर) की राशि प्रदान की जाएगी. राशि का आधा हिस्सा ओ कीफे को जबकि शेष राशि मोजर दंपत्ति को दिया जाएगा. यह पुरस्कार 10 दिसंबर को दिया जाना है.
चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार
चिकित्सा क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार-2013 हेतु अमेरिका के वैज्ञानिक जेम्स ई रोथमैन और रैंडी डब्ल्यू शेकमैन और जर्मनी के थॉमस सी सुडॉफ का संयुक्त रूप से दिया गया. इन तीनों वैज्ञानिकों को शारीरिक कोशिकाओं में प्रमुख परिवहन प्रणाली की खोज के लिए दिया गया था. इस शोध से डायबिटीज और अल्जाइमर जैसी लाइलाज बीमारियों के बारे में अहम जानकारी मिलती है.
वर्ष 2012 का चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन गुरडन और जापान के शिन्या यामानाका को प्रदान किया गया था. जॉन बी गुरडोन और शिन्या यामानाका को उनकी उस खोज के लिए यह पुरस्कार दिया गया, जिसमें कहा गया था कि परिपक्व कोशिकाओं को एक से ज्यादा अंगों या ऊत्तकों को प्रभावित करने में सक्षम बनाने के लिए रिप्रोग्राम किया जा सकता है.
नोबेल पुरस्कार के निर्णायक मंडल के अनुसार जीपीएस की मदद से ही हमारा मस्तिष्क दिक् (दिशाओं) के अनुरूप अपने आप को ढाल पाता है. जॉन ओ कीफे, मे-ब्रिट मोजर और एडवर्ड मोजर ने एक ऐसी पुरानी गुत्थी को सुलझा दिया है, जिससे दुनिया भर के दार्शनिक और वैज्ञानिक सदियों से जूझ रहे थे.
यूनिवर्सिटी आफ लंदन में सैन्सबरी वेलकम सेंटर इन न्यूरल सर्किट एंड बिहैवियर के निदेशक कीफ ने वर्ष 1971 में पहली बार दिमाग के इस जीपीएस के एक सिरे की खोज की थी. उन्होंने दिमाग के हिप्पोकैंपस वाले हिस्से में एक विशेष प्रकार की तंत्रिका कोशिकाओं का पता लगाया. प्रयोग के दौरान लैब में जब एक चूहे को किसी खास जगह पर रखा गया, तो उसका हिप्पोकैंपस वाला यह हिस्सा खास तौर पर सक्रिय हो उठा. कीफ ने इन्हें ‘प्लेस सेल’ या ‘स्थान कोशिका’ का नाम दिया. इससे चूहे के दिमाग में कमरे के भीतर उसे जहां रखा गया था, उस जगह का नक्शा बन गया.
वर्ष 2005 में दंपति मे-ब्रिट और एडवर्ड मोजर ने दिमाग की जीपीएस के एक और प्रमुख हिस्से की खोज की. उन्होंने एक ऐसी तंत्रिका कोशिकाओं का पता लगाया, जो समन्वय प्रणाली के तहत काम करती हैं. ये कोशिकाएं जीव की स्थिति और उसको रास्ता तलाशने में मदद करती हैं. पता चला कि दिमाग में मौजूद प्लेस सेल को कॉर्टेक्स की खास कोशिकाएं सक्रिय करती हैं. मोजर दंपति ने इन्हें ‘ग्रिड सेल’ नाम दिया. दिमाग में इनका जाल वैसे ही बिछा होता है जैसे शहर में सड़कों का.
मोजर दंपत्ति ऐसा पांचवां और चिकित्सा के क्षेत्र में दूसरा विवाहित जोड़ा है, जिसे नोबेल मिला है. इससे पहले चिकित्सा के क्षेत्र में गेर्टी कोरी और कार्ल कोरी दंपत्ति को भी नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
सम्मान पाने वाले तीनों वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से 80 लाख स्वीडिश क्रोनर (11 लाख अमेरिकी डॉलर) की राशि प्रदान की जाएगी. राशि का आधा हिस्सा ओ कीफे को जबकि शेष राशि मोजर दंपत्ति को दिया जाएगा. यह पुरस्कार 10 दिसंबर को दिया जाना है.
चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार
चिकित्सा क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार-2013 हेतु अमेरिका के वैज्ञानिक जेम्स ई रोथमैन और रैंडी डब्ल्यू शेकमैन और जर्मनी के थॉमस सी सुडॉफ का संयुक्त रूप से दिया गया. इन तीनों वैज्ञानिकों को शारीरिक कोशिकाओं में प्रमुख परिवहन प्रणाली की खोज के लिए दिया गया था. इस शोध से डायबिटीज और अल्जाइमर जैसी लाइलाज बीमारियों के बारे में अहम जानकारी मिलती है.
वर्ष 2012 का चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन गुरडन और जापान के शिन्या यामानाका को प्रदान किया गया था. जॉन बी गुरडोन और शिन्या यामानाका को उनकी उस खोज के लिए यह पुरस्कार दिया गया, जिसमें कहा गया था कि परिपक्व कोशिकाओं को एक से ज्यादा अंगों या ऊत्तकों को प्रभावित करने में सक्षम बनाने के लिए रिप्रोग्राम किया जा सकता है.
वर्ष 2011 के लिए अमेरिका
के ब्रूस बीटलर और फ्रांस के ज्यूल्स हॉफमन को जन्मजात इम्यूनिटी पर उनके कामों के
लिए और कनाडा के राल्फ श्टाइनमैन को इम्यून सिस्टम को सक्रिय बनाने वाले
डेंड्रिटिक कोशिका की खोज के लिए यह पुरस्कार दिया गया था.
वर्ष 1901 में पहली बार चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था. नोबेल पुरस्कार की श्रेणी में सबसे पहले चिकित्सा के क्षेत्र में विजेताओं के नाम घोषित किए जाते हैं. वर्ष 1901 से वर्ष 2013 के मध्य 104 बार 204 लोगों को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था. नोबेल पुरस्कार चिकित्सा के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है.
वैज्ञानिकों से संबंधित मुख्य तथ्य
जॉन ओ कीफे: इनके पास अमेरिका और ब्रिटेन दोनों देशों की नागरिकता है. वह यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन में संज्ञानात्मक तंत्रिका विज्ञान के प्रोफेसर और सेंसबरी वेलकम तंत्रिका सर्किट एवं व्यवहार शोध केंद्र के निदेशक हैं.
मे-ब्रिट मोजर व एडवर्ड मोजर: मे-ब्रिट त्रोंदेहम स्थित नार्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में तंत्रिका विज्ञान की प्रोफेसर और तंत्रिका संगणना केंद्र की निदेशक हैं. उनके पति एडवर्ड मोजर भी इसी विवि में प्रोफेसर हैं और कवली इंस्टीट्यूट फॉर सिस्टम्स न्यूरोसाइंस के निदेशक हैं.
नोबेल पुरस्कार से संबंधित मुख्य तथ्य
इसकी शुरुआत स्वीडन के वैज्ञानिक और डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल के द्वारा वर्ष 1895 में लिखी वसीयत में की गई थी. वर्ष 1901 में पहली बार भौतिकी, रसायन शास्त्र, चिकित्सा या कार्यिकी, साहित्य और शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
नोबेल पुरस्कार के रूप में 80 लाख स्वीडिश ब्रोकर यानि करीब 7.5 करोड रूपये की राशि प्रदान की जाती है. वित्तीय संकट के कारण नोबेल फाउंडेशन ने वर्ष 2012 के पुरस्कार राशि में 20 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया था.
वर्ष 1901 में पहली बार चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था. नोबेल पुरस्कार की श्रेणी में सबसे पहले चिकित्सा के क्षेत्र में विजेताओं के नाम घोषित किए जाते हैं. वर्ष 1901 से वर्ष 2013 के मध्य 104 बार 204 लोगों को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था. नोबेल पुरस्कार चिकित्सा के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है.
वैज्ञानिकों से संबंधित मुख्य तथ्य
जॉन ओ कीफे: इनके पास अमेरिका और ब्रिटेन दोनों देशों की नागरिकता है. वह यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन में संज्ञानात्मक तंत्रिका विज्ञान के प्रोफेसर और सेंसबरी वेलकम तंत्रिका सर्किट एवं व्यवहार शोध केंद्र के निदेशक हैं.
मे-ब्रिट मोजर व एडवर्ड मोजर: मे-ब्रिट त्रोंदेहम स्थित नार्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में तंत्रिका विज्ञान की प्रोफेसर और तंत्रिका संगणना केंद्र की निदेशक हैं. उनके पति एडवर्ड मोजर भी इसी विवि में प्रोफेसर हैं और कवली इंस्टीट्यूट फॉर सिस्टम्स न्यूरोसाइंस के निदेशक हैं.
नोबेल पुरस्कार से संबंधित मुख्य तथ्य
इसकी शुरुआत स्वीडन के वैज्ञानिक और डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल के द्वारा वर्ष 1895 में लिखी वसीयत में की गई थी. वर्ष 1901 में पहली बार भौतिकी, रसायन शास्त्र, चिकित्सा या कार्यिकी, साहित्य और शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
नोबेल पुरस्कार के रूप में 80 लाख स्वीडिश ब्रोकर यानि करीब 7.5 करोड रूपये की राशि प्रदान की जाती है. वित्तीय संकट के कारण नोबेल फाउंडेशन ने वर्ष 2012 के पुरस्कार राशि में 20 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया था.
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