भारत और ब्रिटेन की सरकार ने 10 अक्टूबर 2014 को वित्तीय सेवा क्षेत्र के बीच
संबंधों को मजबूत बनाने के लिए ‘भारत–ब्रिटेन
वित्तीय साझेदारी’ का नई दिल्ली में आरंभ किया.
इस साझेदारी के आरंभ का फैसला केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण
जेटली और राजकोष के चांसलर जॉर्ज ओस्बोर्न ने जुलाई 2014
में नई दिल्ली में हुए ‘सातवें भारत – ब्रिटेन आर्थिक और वित्तीय विमर्श’ बातचीत के दौरान
किया था.
यह साझेदारी दोनों ही देशों के वित्तीय सेवा उद्योगों के
बीच संबंधों को मजबूत बनाएगा और लंदन एवं मुंबई के बीच सहयोग को और बढ़ाने का काम
करेगा. दोनों देशों के वित्तीय सेवा उद्योग का प्रतिनिधित्व कोटक महिन्द्रा बैंक
के कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक उदय कोटक एवं स्टैंडर्ड लाइन एंड द सिटि
के अध्यक्ष सर जेरी ज्रिमस्टोन करेंगें. उद्योग जगत के दोनों ही नेता पेशेवरों के
समूह को साझा हितों के महत्वपूर्ण क्षेत्रों की जांच करने के लिए बुलाएंगे और
प्रगति पर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे.
प्रतिनिधि अपनी सिफारिशें भारत के वित्त मंत्री और यूके
के राजकोष चांसलर को 2015 में आयोजित होने वाले ‘आठवें भारत – ब्रिटेन आर्थिक और वित्तीय विमर्श’
में पेश करेंगे.
शुरुआत में साझेदारी में
निम्नलिखित कार्यों पर ध्यान दिया जाएगा–
• कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार
के विकास के लिए सहयोग.
• बैंकिंग विनियमन और
पूंजीकरण पर विशेषज्ञका का परस्पर आदान– प्रदान.
• वित्तीय प्रशिक्षण और
योग्यता को बढ़ाना.
• वित्तीय समावेशन.
• वित्तीय औऱ बीमा
सेवाओं की सीमा पार प्रावधानों में सुधार के लिए अवसरों पर कार्यक्रम विकसित करना.
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