बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान को यूनिसेफ (यूनाइटेड नेशंस
इंटरनेशनल चिल्ड्रंस इमरजेंसी फंड, United Nations
International Children's Emergency Fund) के दक्षिण एशिया क्षेत्र
का सद्भावना दूत नियुक्त किया गया. यूनिसेफ दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय निदेशक
कैरिन हुलशॉफ ने 9 अक्टूबर 2014 को एक
कार्यक्रम के दौरान अभिनेता आमिर खान को सद्भावना दूत नियुक्त करने की घोषणा की.
आमिर खान बाल पोषण को बढ़ावा देने के लिए अपने तीन दिवसीय दौरे पर नेपाल गए हुए थे जहां उन्हें कपिलवस्तु में यूनिसेफ के कार्यक्रम में शामिल होने में शामिल होना था. उनका यह जो 9 अक्टूबर 2014 को संपन्न हुआ.
आमिर खान बाल पोषण को बढ़ावा देने के लिए अपने तीन दिवसीय दौरे पर नेपाल गए हुए थे जहां उन्हें कपिलवस्तु में यूनिसेफ के कार्यक्रम में शामिल होने में शामिल होना था. उनका यह जो 9 अक्टूबर 2014 को संपन्न हुआ.
आमिर कपिलवस्तु में यूनिसेफ के कार्यक्रम में शामिल होने
के लिए मंगलवार को काठमांडो पहुंचे थे. इस दौरान आमिर खान ने बाल पोषण को बढ़ावा
देने के लिए कपिलवस्तु जिले के पकड़ी गांव के एक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया और
वहां स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों से बातचीत की. उन्होंने कहा, कि न केवल महिलाएं बल्कि परिवार के हर सदस्य को कुपोषण से लड़ने के लिए
एकजुट होना चाहिए. अगर हम एकजुट नहीं हुए तो कुपोषण की समस्याओं से मुक्त नहीं हो पाएंगे.
अभिनेता आमिर खान को 30 नवंबर 2011
को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपदा कोष (यूनिसेफ) का
राष्ट्रीय दूत नियुक्त किया था.
आमिर खान के पहले अमिताभ बच्चन (2005) और प्रियंका चोपड़ा को यूनिसेफ का सद्भावना दूत नियुक्त किया गया था.
संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपदा कोष (United Nations International Children's Emergency Fund)
संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपदा कोष (United Nations International Children's Emergency Fund, यूनिसेफ) की स्थापना संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 11 दिसंबर 1946 को की थी. वर्ष 1953 में यूनीसेफ, संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बन गया. उस समय इसका नाम यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस फंड की जगह यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड कर दिया गया. इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है. वर्तमान में इसके मुखिया ऐन वेनेमन है.
आमिर खान के पहले अमिताभ बच्चन (2005) और प्रियंका चोपड़ा को यूनिसेफ का सद्भावना दूत नियुक्त किया गया था.
संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपदा कोष (United Nations International Children's Emergency Fund)
संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपदा कोष (United Nations International Children's Emergency Fund, यूनिसेफ) की स्थापना संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 11 दिसंबर 1946 को की थी. वर्ष 1953 में यूनीसेफ, संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बन गया. उस समय इसका नाम यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस फंड की जगह यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड कर दिया गया. इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है. वर्तमान में इसके मुखिया ऐन वेनेमन है.
यूनिसेफ की स्थापना का आरंभिक उद्देश्य द्वितीय विश्व
युद्ध में नष्ट हुए राष्ट्रों के बच्चों को खाना और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना
था. यूनीसेफ का आपूर्ति प्रभाग का कार्यालय कोपनहेगन, डेनमार्क में है. यूनीसेफ के कामों की देखरेख एक कार्यकारी दल करता है
जिसमें 36 सदस्य होते हैं. यह नीतियाँ बनाता है और साथ ही यह
वित्तीय और प्रशासनिक योजनाओं से जुड़े कार्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान करता है.
यूनीसेफ को वर्ष 1965 में उसके बेहतर कार्य के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वर्ष 1989 में इसे इंदिरा गाँधी शांति पुरस्कार भी प्रदान किया गया था.
यूनीसेफ को वर्ष 1965 में उसके बेहतर कार्य के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वर्ष 1989 में इसे इंदिरा गाँधी शांति पुरस्कार भी प्रदान किया गया था.
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