राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 30 सितंबर 2014 को सतर्कता आयुक्त राजीव को सीवीसी की
नियुक्ति होने तक केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के तौर पर कार्य करने के लिए
अधिकृत कर दिया. उनकी नियुक्ति 29 सितंबर 2014 से प्रभावी हो गई.
पृष्ठभूमि-
पृष्ठभूमि-
· केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की अध्यक्षता केंद्रीय
सतर्कता आयुक्त द्वारा की जाती है इसके अतिरिक्त इसमें 2 और सतर्कता आयुक्त होते हैं.
· सीवीसी का पद सीवीसी प्रदीप कुमार के 28 सितंबर 2014 को अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद
रिक्त हुआ है. प्रदीप कुमार ने 14 जुलाई 2011 को सीवीसी को तौर पर शपथ ली थी.
· दूसरे सतर्कता आयुक्त जेएम गर्ग ने इसी वर्ष 07 सितंबर 2014 को अपना कार्यकाल पूरा किया, इसलिए उपरोक्त पद पर नियुक्ति के लिए राजीव ही शेष थे.
· केंद्रीय सतर्कता आयोग एक्ट, 2003 के अनुसार,
आयोग में निधन, इस्तीफे या किसी अन्य कारण से
रिक्त हुए पद को भरने के लिए नई नियुक्ति होने तक राष्ट्रपति द्वारा किसी एक
सतर्कता आयुक्त को सीवीसी के तौर पर अधिकृत कर सकते हैं.
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी)
• भारत सरकार द्वारा सीवीसी का गठन, फरवरी 1964 को भ्रषटाचार निवारण के लिए बनी के संथनम समीति की सिफारिश पर किया गया था.
• सीवीसी सरकारी क्षेत्र में भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए बनाई गई भारत की शीर्ष संस्था है. यह एक स्वायत्तशासी संस्था है, जो किसी भी कार्यकारी प्राधिकरण के नियंत्रण से मुक्त है.
• सीवीसी को केंद्र सरकार और इसके विभिन्न संगठनों की गतिविधियों की निगरानी का कार्य सौंपा गया है.
• नित्तूर श्रीनिवास भारत के पहले सीवीसी थे.
उच्चतम न्यायालय का सीवीसी और वीसी पर फैसला
मौजूदा समय में, उच्चतम न्यायालय सीवीसी की नियुक्ति में पारदर्शिता में कमी से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है. एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने 18 सितंबर 2014 को उच्चतम न्यायालय को भरोसा दिलाते हुए कहा था कि जब तक सीवीसी और वीसी की नियुक्ति से संबंधित वाद न्यायालय में लंबित है, तब तक इन पदों की नियुक्ति के बारे में कोई भी निर्णय नही लिया जाएगा. उच्चतम न्यायालय ने उपरोक्त वाद की अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर 2014 की तिथि तय की है.
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