केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना
के प्रस्ताव को 26 दिसंबर 2013 को
मंजूरी प्रदान की. यह संस्थान नई दिल्ली के पास हरियाणा में झज्जर जिले के
बाढ़सा गांव में अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) के परिसर में
खोला जायेगा और इस परियोजना के 45 महीनों में पूरी कर लिये
जाने का अनुमान है. इस संस्थान पर 2035 करोड़ रूपये खर्च
आयेगा. इस संस्थान में ऊतक (टिशू) रिपोजिटरी भी होगी जो भारत में पहली बार बनाई
जा रही है.
राष्ट्रीय कैंसर संस्थान अमरीका के एनसीआई और जर्मनी के डीकेएफजेड की तर्ज पर चलाया जाना है. यह कैंसर के क्षेत्र में अनुसंधान, निवारक और रोग मुक्त करने तथा मानव संसाधन विकास में एक महत्वपूर्ण संस्था होगी.
इस संस्थान का उद्देश्य कई प्रकार के कैंसर पर अनुसंधान करना जैसे तम्बाकू से पैदा होने वाले कैंसर, गर्भाशय की ग्रीवा पर होने वाले कैंसर, गाल ब्लैडर कैंसर और जिगर में होने वाले कैंसर पर अनुसंधान करना और उसमें तालमेल लाना. संस्थान का जोर इस बात होगा कि कैंसर को समझकर और विश्लेषण करके बीमारी के कारणों का पता लगाया जाये.
राष्ट्रीय कैंसर संस्थान अमरीका के एनसीआई और जर्मनी के डीकेएफजेड की तर्ज पर चलाया जाना है. यह कैंसर के क्षेत्र में अनुसंधान, निवारक और रोग मुक्त करने तथा मानव संसाधन विकास में एक महत्वपूर्ण संस्था होगी.
इस संस्थान का उद्देश्य कई प्रकार के कैंसर पर अनुसंधान करना जैसे तम्बाकू से पैदा होने वाले कैंसर, गर्भाशय की ग्रीवा पर होने वाले कैंसर, गाल ब्लैडर कैंसर और जिगर में होने वाले कैंसर पर अनुसंधान करना और उसमें तालमेल लाना. संस्थान का जोर इस बात होगा कि कैंसर को समझकर और विश्लेषण करके बीमारी के कारणों का पता लगाया जाये.
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