सेबी ने शेयर बाजारों के ऋण-अनुभाग के सदस्यों के लिए जमाराशि संबंधी अपेक्षाएँ निर्धारित कीं-(21-DEC-2013) C.A

| Saturday, December 21, 2013
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 19 दिसंबर 2013 को शेयर-बाजारों के ऋणअनुभाग के सदस्यों के लिए न्यूनतम जमाराशि की अपेक्षाएँ निर्धारित कीं.  सेबी ने 20 जनवरी 2013 को बुअर्सेज पर एक अलग ऋण-अनुभाग की घोषणा की और प्लेटफ़ॉर्म पर स्टॉक ब्रोकर, प्रोप्राइटरी ट्रेडिंग सदस्य, क्लीयरिंग सदस्य और सेल्फ क्लीयरिंग सदस्य का पंजीकरण संभव बनाने के के लिए मानदंड संशोधित कर दिए.  

एक नए जारी परिपत्र में सेबी ने कहा कि स्टॉक ब्रोकर्स और प्रोप्राइटरी ट्रेडिंग सदस्यों के लिए मानदंडों के अनुसार आवश्यक न्यूनतम पूंजीगत अपेक्षाएँ ऋण-अनुभाग पर भी लागू होंगीं. 

बाजार-विनियामक सेबी के अनुसार, ऋण-अनुभाग में पंजीकरण चाहने वाले सदस्यों के लिए कोई जमाराशि अपेक्षित नहीं होगी, अगर वे शेयर-बाजार में किसी अन्य सेगमेंट में पहले से सदस्य होंगे. उसने यह भी कहा कि क्लीयरिंग सदस्य (सीएम) और सेल्फ क्लीयरिंग सदस्य (एससीएम) को 10 लाख रुपये जमा करने होंगे.     
क्लीयरिंग सदस्य/सेल्फ क्लीयरिंग सदस्य की इन जमाराशि संबंधी अपेक्षाओं पर कोई एक्सपोजर प्रदान नहीं किया जाएगा. परिपत्र यह भी कहता है कि अगर सीएम/एससीएम प्रतिभूतियों और निधियों दोनों के लिए सकल आधार पर ट्रेड्स क्लीयर और सेटल करते हैं, तो कोई जमाराशि देय नहीं होगी. 

यह परिपत्र प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करने और प्रतिभूति बाजार के विकास को बढ़ावा देने तथा उसे विनियमित करने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 की धारा 11 (1)  के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया है.


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